Category: खबरें और राजनीति

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।

    मंगलवार सुबह नौ बजे तक शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 था। सोमवार को 24 घंटे का औसत सूचकांक 318 जबकि रविवार को यह 268 था।

    शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई ‘सामान्य’ 201 और 300 के बीच एक्यूआई ‘खराब’, 301 और 400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है।

    भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

    Delhi Air Pollution

    मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस रहा और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना है।

    ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण धरातल के निकट बने रहते हैं जबकि अनुकूल तेज हवाएं इन्हें छितरा कर अपने साथ उड़ा ले जाती हैं।

    केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है और चार दिसंबर से सात दिसंबर के बीच इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.
    Image Credits: Surendra Rajput

  • अभिनेता और भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए

    अभिनेता और भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए

    शिमला, एक दिसंबर (भाषा) बॉलीवुड अभिनेता और गुरदासपुर से भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

    उन्होंने बताया कि देओल पिछले कुछ दिनों से कुल्लू जिले में रह रहे थे।

    स्वास्थ्य सचिव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक सांसद और उनके दोस्त मुंबई रवाना होने की योजना बना रहे थे, लेकिन मंगलवार को कोविड-19 जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित पाए गए।

    हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के 709 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,228 पहुंच गयी। वहीं राज्य में मंगलवार को संक्रमण के कारण 21 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 657 हो गई है।

    डिसक्लेमर: टाइटल को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.
    Image Credits: The Quint

  • पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान की कैबिनेट ने शुक्रवार को बलात्कार विरोधी दो अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है जिसमें दोषी की सहमति से बलात्कारियों को रासायनिक रूप से बधिया करने और बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी गयी है। एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

    रासायनिक बधिया या केमिकल कास्ट्रेशन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है।

    डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, बृहस्पतिवार को संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी (जांच और सुनवाई) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई। मंगलवार को संघीय कैबिनेट ने अध्यादेशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी।

    पहली बार अपराध करने वाले या अपराध दोहराने वाले अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय के तरह माना जाएगा और इसके लिए दोषी की सहमति ली जाएगी।

    कानून मंत्री नसीम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है।

    उन्होंने कहा कि यदि सहमति लिए बिना रासायनिक बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को अदालत के समक्ष चुनौती दे सकता है।

    मंत्री ने कहा कि अगर कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं होगा तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत अदालत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा दे सकती है।

    उन्होंने कहा कि सजा का फैसला अदालत पर निर्भर करता है। न्यायाधीश रासायनिक बधियाकरण या पीपीसी के तहत सजा का आदेश दे सकते हैं।

    नसीम ने कहा कि अदालत सीमित अवधि या जीवनकाल के लिए बधिया का आदेश दे सकती है ।

    अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों में सुनवाई कराने के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है। विशेष अदालतों के लिए विशेष अभियोजकों की भी नियुक्ति की जाएगी।

    प्रस्तावित कानूनों के अनुसार, एक आयुक्त या उपायुक्त की अध्यक्षता में बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा ताकि प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

    इसमें आरोपी द्वारा बलात्कार पीड़ित से जिरह पर भी रोक लगा दी गई है। केवल जज और आरोपी के वकील ही पीड़ित से जिरह कर सकेंगे।

    डिसक्लेमर: टाइटल को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

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  • किसानों पर लाठियां भांजना और पानी की बौछार मारना सरकार की तानशाही का प्रमाण : कांग्रेस

    किसानों पर लाठियां भांजना और पानी की बौछार मारना सरकार की तानशाही का प्रमाण : कांग्रेस

    नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) कांग्रेस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार कृषकों की आवाज सुनने के बजाय उन पर सर्दियों में पानी की बौछार और लाठियां मार रही है जो उसके तानाशाही होने का प्रमाण है।

    पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह सवाल भी किया कि आखिर ‘दिल्ली दरबार’ के लिए किसान कब से खतरा हो गए?

    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने किसानों पर पानी की बौछार मारे जाने का एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले कानून का विरोध का रहे किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार उन पर भारी ठंड में पानी की बौछार मारती है। किसानों से सबकुछ छीना जा रहा है और पूंजीपतियों को थाल में सजा कर बैंक, कर्जमाफी, एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन बांटे जा रहे हैं।’’

    सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘भीषण ठंड के बीच अपनी जायज़ मांगों को लेकर गांधीवादी तरीक़े से दिल्ली आ रहे किसानों को ज़बरन रोकना और पानी की तेज बौछार मारना मोदी-खट्टर सरकार की तानाशाही का जीवंत प्रमाण है।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘ खेती बिलों के विरोध को लेकर हमारा पूर्ण समर्थन किसानों के साथ है।’’

    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘आज देश का मज़दूर हड़ताल पर है, आज देश के बैंक कर्मी हड़ताल पर हैं, आज देश का अन्नदाता किसान हड़ताल पर है, आज देश का बेरोज़गार युवा हड़ताल पर है, पर..क्या मोदी सरकार को देशवासियों की परवाह है? क्या ये राष्ट्रसेवा है या राष्ट्र हितों का विरोध? देश फ़ैसला करे!’’

    उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी, दिल्ली दरबार को देश के अन्नदाताओं से ख़तरा कब से हो गया? किसानों को रोकने के लिए उन्हीं के बेटे, यानी सेना के जवान खड़े कर दिए। काश, इतनी चौकसी चीन सीमा पर की होती तो चीन देश की सरज़मीं पर घुसपैठ करने का दुस्साहस नही करता। आपकी प्राथमिकताएं सदा ग़लत ही क्यों होती हैं?’’ उल्लेखनीय है कि पंजाब के बहुत सारे किसान केन्द्र के कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो मार्च’ के तहत राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने की कोशिश में हैं। इसको देखते हुए हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

     

    ट्विटर पर भी किसान आंदोलन को लेकर हो-हल्ला मचा हुआ है.
    आइये देखते हैं कुछ ट्वीट्स.

    https://twitter.com/Saziyakh/status/1332009326433554433

  • अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका में रहस्यमयी धातु का ओबिलिस्क यानि खंभा मिलने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार यह पत्थर पश्चिमी अमेरिका के रेगिस्तान में दफनाया मिला है। रहस्यमयी खंभे के मिलने के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह पत्थर चमकीला और त्रिभुजाकार में है, जिसकी लंबाई तकरीबन 13 फीट है। पिछले बुधवार को ही यह पत्थर चर्चा का केंद्र बना है। लोगों क मानना है कि यह एलियंस या यूएफओ का हो सकता है। इस खंभे की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

    12 फीट दूर सूनसान जगह पर गड़ा खंभा
    यह खंभा दक्षिणी उटाह की लाल चट्टानों से तकरीबन 12 फीट की दूरी पर सूनसान जगह पर देखा गया है, जिसकी पुष्टि स्थानीय अधिकारियों ने की है। जांच के बाद सार्वजनिक सुरक्षा दल की टीम का कहना है कि उन्हें एक धातु का मोनोलिथ मिला है, लेकिन इस बात के स्पष्ट संदेश नहीं मिले हैं कि इसे यहां किसने रखा है। सोमवार को एजेंसी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा गया है कि इस तरह से सार्वजनिक जगह पर इस तरह की संरचना को रखना या स्थापित करना अवैध है। इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता है कि यह किसने रखा फिर चाहे वह किसी भी ग्रह से हो।

    सोशल मीडिया पर वायरल
    एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस मोनोलिथ का मजाक उड़ाते हुए लिखा है कि यह वर्ष 2020 का रिसेट बटन है, जल्दी से कोई इसे दबा दे। जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह कोरोना की वैक्सीन है, जोकि इसके अंदर है। अधिकारियों ने उस जगह की जानकारी देने से इनकार कर दिया है कि यह पत्थर कहां से मिला है, दरअसल अधिकारियों को डर है कि अगर जगह की जानकारी दी जाती है तो लोगों की भीड़ इकट्ठा हो सकती है।

    कई तरह के कयास वहीं इस रहस्यमयी खंभे के बारे में कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि संभव है कि यह पत्थर जानेमाने कलाकार मैकक्रैकेन का हो। लेकिन मंगलवार को एक बयान जारी करके स्थानीय अधिकारियों की टीम ने इससे इनकार किया है। हालांकि उनका कहना है कि संभव है कि यह उनके किसी साथी कलाकार का हो जिसने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया हो।

    Source: hindi.oneindia.com

  • किसानों को झटका – फसल, ट्रैक्टर ऋण पर अनुग्रह राहत भुगतान योजना का लाभ नहीं मिलेगा

    किसानों को झटका – फसल, ट्रैक्टर ऋण पर अनुग्रह राहत भुगतान योजना का लाभ नहीं मिलेगा

    नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित ऋण के लिए चक्रवृद्धि ब्याज यानी ब्याज-पर-ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

    वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को ‘चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान से संबंधित ‘अनुग्रह राहत भुगतान योजना’ पर अतिरिक्त एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि कर्जदारों को 29 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड पर बकाये के लिए भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

    एफएक्यू में कहा गया है कि इस राहत के लिए बेंचमार्क दर अनुबंध की दर होगी, जिसका इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ईएमआई ऋणों कें लिए किया जाता है।

    वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत कुल आठ क्षेत्र आते हैं। फसल और ट्रैक्टर ऋण कृषि और संबद्ध गतिविधियों के तहत आता है जो इस योजना में शामिल नहीं है।

    भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी कर्जदाता संस्थानों से मंगलवार को कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिये हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें।

    इस योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज एक मार्च, 2020 से छह महीने के लिये माफ किया जायेगा।

    सरकार ने पिछले शुक्रवार को पात्र ऋण खातों के लिये चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान को लेकर छह माह के लिए अनुग्रह या अनुदान की घोषणा की थी। सरकार ने सभी बैंकों को पांच नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने के लिये कहा था।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कर्जदारों को तोहफा: किस्त भुगतान से राहत नहीं चुनने वालों को भी दो करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज लाभ

    कर्जदारों को तोहफा: किस्त भुगतान से राहत नहीं चुनने वालों को भी दो करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज लाभ

    नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। उन्हें एक तरह से दिवाली का उपहार तोहफा देते हुए उनके दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज-राहत देने की शुक्रवार को देर रात घोषणा की। यह राहत इस सीमा के तहत आने वाले सभी कर्जदारों को मिलेगा, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की मोहलत (मोरेटोरियम) का विकल्प चुना हो या नहीं।

    उच्चतम न्यायालय द्वारा ब्याज राहत लागू करने का निर्देश दिये जाने के बाद वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस योजना को लागू करने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए।

    इस निर्णय से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है।

    शीर्ष अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक की किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में यथाशीघ्र निर्णय ले।

    न्यायालय ने कहा था कि आम लोगों की दिवाली अब सरकार के हाथों में है।

    मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विनिर्दिष्ट ऋण खातों पर एक मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के लिये ब्याज राहत का लाभ दिया जाएगा। इसमें कहा गया, ‘‘जिन कर्जदारों के ऋण खाते की मंजूर सीमा या कुल बकाया राशि 29 फरवरी तक दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं थी, वे इस योजना के लाभ के पात्र होंगे।’’

    दिशानिर्देश की शर्तों के अनुसार, 29 फरवरी तक इन खातों का मानक होना अनिवार्य है। मानक खाता उन खाताओं को कहा जाता है, जिन्हें गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) नहीं घोषित किया गया हो।

    इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड का बकाया, वाहन ऋण, एमएसएमई ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद ऋण और उपभोग ऋण लेने वाले कर्जदारों को लाभ मिलेगा।

    योजना के तहत, कर्ज देने वाले संस्थानों को योजना की अवधि के लिये पात्र कर्जदारों के संबंधित खातों में संचयी ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर की राशि जमा करनी होगी। योजना में कहा गया है कि कर्जदार ने रिजर्व बैंक के द्वारा 27 मार्च 2020 को घोषित किस्त भुगतान से छूट योजना का पूर्णत: या अंशत: लाभ ल्रने का विकल्प चुना हो यह नहीं, उसे ब्याज राहत का पात्र माना जायेगा।

    कर्ज राहत योजना का लाभ उन कर्जधारकों को भी मिलेगा, जो नियमित किस्तों का भुगतान करते रहे।

    कर्ज देने वाले संस्थान इस योजना में दी गयी छूट के तहत संबंधित कर्जधारक के खाते में अपनी ओर से धन जमा करने के बाद केंद्र सरकार से उसके बराबर की राशि पाने के लिये दावा करेंगे।

    उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, वह इस बारे में चिंतित है कि कर्जदारों को ब्याज राहत का लाभ किस तरह से दिया जाये। उच्चतम न्यायालय ने तब कहा था कि केंद्र सरकार ने आम लोगों की बदहाल स्थिति का संज्ञान लेते हुए अच्छा निर्णय लिया है। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि अब तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं जारी किया गया है।

    न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था, ‘‘कुछ ठोस किये जाने की जरूरत है। जितना जल्दी संभव हो सके, दो करोड़ रुपये तक के कर्जदारों को ब्याज से राहत देने की योजना का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये।’’

    उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख दो नवंबर तय करते हुए बैंकों तथा केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे वकीलों से कहा था, ‘लोगों की दिवाली अब आपके हाथों में है।’

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान का लोकार्पण: लखनऊ

    सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान का लोकार्पण: लखनऊ

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य की राजधानी लखनऊ में एक सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान और दो पुलों का लोकार्पण किया।

    राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि डिजिटल माध्यम से हुए इस लोकार्पण कार्यक्रम में लखनऊ से सांसद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से और मुख्यमंत्री योगी लखनऊ से जुड़े।

    मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कोविड—19 महामारी काल का सबसे बड़ा सबक यह है कि हमें अपने यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुत सुधार लाना होगा।

    उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट की मदद से लखनऊ में स्थापित इस कैंसर संस्थान से राज्य में कैंसर के मरीजों को सर्वश्रेष्ठ सुविधा मिलेगी। शुरुआत में इसमें 54 बिस्तर होंगे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 750 और फिर 1,250 किया जाएगा।

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिये मुख्यमंत्री योगी द्वारा उठाये जा रहे कदमों की सराहना की।

    केन्द्र की तरफ से हर सम्भव मदद का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ को एक महानगर बनाने के लिये मूलभूत ढांचा विकसित करने की सख्त जरूरत है।

    इस मौके पर हुसैनगंज—डीएवी कॉलेज—राजेन्द्र नगर मार्ग और हैदरगंज—मीना बेकरी राजाजीपुरम में दो पुलों का भी लोकार्पण किया गया।

    कैंसर संस्थान का निर्माण 77 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 810 करोड़ रुपये है। इस संस्थान की नींव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रखी थी।

    Source: PTI – Bhasha

  • देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गयी है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

    जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है।

    एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है।

    साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढोतरी अभूतपूर्व है। शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है। उन्होंने बताया, ‘‘इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है। कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा हैं, बुकिंग करवानी पड़ रही है।’’

    संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी। मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा। जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गयी जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिल बिकीं। बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं। ऐसे में साइकिल उनके लिए ‘एक पंथ कई काज’ साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है।

    उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं।

    जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है। वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है।

    मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आपपास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें ‘रफ टफ’ इस्तेमाल किया जा सके।

    कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं।

    एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें। उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह कोविड-19 से संक्रमित होने के उपरांत प्रयोगात्मक उपचार के बाद ‘‘सुपरमैन’’ (बहुत ताकतवर) की तरह महसूस कर रहे हैं और इस उपचार ने बीमारी के खिलाफ उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर दी है।

    अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 2,16,000 अमेरिकियों की मौत हो चुकी है।

    सुपरमैन एक काल्पनिक महानायक है।

    ट्रम्प एक अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और उन्हें तीन रात एवं चार दिन के लिए एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया था। ट्रम्प ने एक प्रयोगात्मक एंटीबॉडी दवा के मिश्रण से उपचार के बाद स्वयं को स्वस्थ घोषित किया था।

    व्हाइट हाउस के चिकित्सकों ने उन्हें चुनावी रैली में भाग लेने की अनुमति दे दी है।

    ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया में चुनावी रैली में मंगलवार को कहा, ‘‘मुझे यह पता है कि मैंने कुछ (दवा) ली, जिसके बाद मैं बहुत जल्द ठीक हो गया। मुझे नहीं पता कि यह क्या था। यह एंटीबॉडी दवा थी। मुझे नहीं पता। मैंने इन्हें लिया और मुझे सुपरमैन की तरह महसूस हो रहा है।’’

    राष्ट्रपति ने उनका उपचार करने वाले चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।

    ट्रम्प ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में कहा, ‘‘अब मुझमें रोग प्रतिरोधक क्षमता है। मैं नीचे आकर किसी को भी चूम सकता हूं।’’

    साभार: भाषा