Category: खबरें और राजनीति

  • दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत, इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा: नासिर अल मुल्क मस्जिद

    दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत, इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा: नासिर अल मुल्क मस्जिद

    आपने आज तक बहुत सारी खूबसूरत इमारतें देखी होंगी, शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर, गुप्त काल की गुफाओं में की गयी नक्काशी या फिर सुन्दर चित्रकारी, लेकिन आपने शायद ही ऐसी कारीगरी देखी होगी. यहां की कारीगरी देखकर आप भी इसके मुरीद हो जाएंगे.

    Beautiful buildings

    दुनिया की बहुत सारी इमारतें बेहतरीन कारीगरी, चित्रकारी और वास्तुशिल्प के लिए के लिए मशहूर हैं. इनमे से ऐसी ही एक इमारत ‘नासिर अल-मुल्क’ मस्जिद है जो बाहर से एक साधारण मस्जिद की तरह ही दिखाई देती है, लेकिन जब उगते सूरज की किरणें इस मस्जिद पर पड़ती हैं तो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं . इसकी खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक खिंचे चले आते हैं.

    Beautiful buildings

    इसकी खूबसूरती के नज़ारे को शब्दों में बयां करना मुमकिन ही नहीं है, मस्जिद की भव्यता और खूबसूरती को केवल देख कर ही महसूस किया जा सकता है। यहां पर आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी और दुनिया (स्वर्ग) में  ही आ गए हों.

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    इस मस्जिद के सामने वाले हिस्से में रंगीन काचों की जड़ाई का काम हुआ है, इसलिए जब उगते हुए सूर्य की किरणें इन काचो से छनकर अंदर मस्जिद के फर्श पर बिछे पर्शियन कालीन पर पड़ती है तो मस्जिद के अंदर रंगों का सागर उमड़ आता है. लेकिन यह नजारा केवल सुबह के समय ही रहता है जब रौशनी मस्जिद के सामने से आती है.

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    इस मस्जिद को ‘गुलाबी मस्जिद’ भी कहा जाता है क्योंकि इस मस्जिद की दीवारों, गुम्बदों, और छतों पर रंगीन चित्रकारी में गुलाबी रंग का कुछ ज्यादा ही उपयोग किया गया है, और यही गुलाबी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है.

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    नासिर अल मुल्क मस्जिद ईरान के शिराज प्रांत में है। इस मस्जिद का निर्माण ईरान के शासक ‘मिर्जा हसन अली नासिर अल मुल्क’ ने किया था। मिर्जा यहां के कजर वंश के राजा थे। यह मस्जिद सन् 1876 से 1888 के बीच में बनी थी। मस्जिद का डिज़ाइन मोहम्मद हसन-ए-मिमार और मोहम्मद रज़ा काशी ने बनाया था।

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    गूगल मैप में देखें:

    फोटो साभार: http://www.amazingplaces.com/news/when-sunlight-hits-this-mosque-it-is-just-breathtaking.html, www.thegoldenscope.com

  • इस पेड़ के नीचे खड़े होने से आपकी मौत भी हो सकती है, जाने क्या है इस पेड़ की खासियत

    इस पेड़ के नीचे खड़े होने से आपकी मौत भी हो सकती है, जाने क्या है इस पेड़ की खासियत

    प्रकृति के खेल निराले हैं, हरे भरे पेड़ जितने सुन्दर दिखते हैं वहीँ मंचीनील (Hippomane mancinella) नाम का पेड़ इतना खतरनाक है की आप की जान भी जा सकती है. इस पेड़ के फल खाने से आप गम्भीर रूप से बीमार हो सकते हैं और इस पेड़ से निकले तरल रस जो तेज़ाब जितना खतरनाक है, आप गम्भीर रूप से घायल हो सकते हैं.

     

    यही नहीं अगर आप इस पेड़ के नीचे ज्यादा देर तक खड़े रहें तो आप की जान भी जा सकती है.

    पुराने जमाने में आदिवासी लोग इस पेड़ के जहर का उपयोग तीर/बाण में करते थे.

    ये पेड़ करीब 15 मीटर तक लम्बा होता है और पत्तियों से देखने में सेब के पेड़ की तरह लगता है. इससे निकलने वाला दूधिया रस इतना खतरनाक है की बारिस में इसके नीचे खड़े होने पर भी ये आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ये इतना खतरनाक है की अगर इसके नीचे कोई कार भी खड़ी हो तो उसका पेंट भी धुल जाता है. इस पेड़ की लकड़ी जलना भी उतना ही खतरनाक है, क्यूंकि इस पेड़ को जलाने पर निकलने वाले धुएं में बहुत साड़ी जहरीली गैसें होती हैं.

    इस पेड़ पर लगने वाले फल वैसे तो देखने में बहुत ही सुन्दर लगते हैं पर होते उससे भी ज्यादा हानिकारक. इसके फल को खाने से आपको पेट की कई बीमारियां हो सकती हैं. फल खाने में तो मीठा होता है पर इससे पेट के अंदर खून भी आ सकता है.

     

    इतना खतरनाक होने के बावजूद इस पेड़ से कई उपयोगी चीजें बनती है. इसकी लकड़ी, गोंद और फलों से जहरीले तत्वों को निकालकर कई दवाएं भी बनाई जाती हैं.

  • मेरा नाम ही “माया” है, मेरे पास “माया” की कमी कैसे हो सकती है: माया बनाम मौर्या विवाद

    मेरा नाम ही “माया” है, मेरे पास “माया” की कमी कैसे हो सकती है: माया बनाम मौर्या विवाद

    “दलित नहीं दौलत की बेटी” पर मचे बवाल के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा का दामन छोड़ दिया है लईकिन इसके बाद भी अभी घमासान जारी है. आरोपों और प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चूका है. मौर्या ने मायावती पर पैसे के बदले टिकट बेचने के आरोप लगाए है.

     

    वहीँ मायावती ने कहा है की मौर्या अपने बेटे बेटियों के लिए टिकट चाहते थे और बसपा में परिवारवाद की कोई जगह नहीं है. मौर्या पहले से दलबदलू रहे हैं और मुलायम सिंह के साथी हैं. अगर उन्हें अपने बेटे बेटियों के लिए टिकट चाहिए तो सपा से अच्छी कोई जगह नहीं हो सकती है क्यूंकि वहां सिर्फ परिवारवाद ही चलता है.

     

    दौलत की बेटी के जवाब में उन्होंने कहा की उनके पास माया की कोई कमी हो भी कैसे सकती है क्यूंकि उनके माँबाप ने उनका नाम ही “माया” रखा है. उन्होंने कहा की बसपा के कार्यकर्ताओं ने कभी भी धन की कमी नहीं होने दी है. हमारे समर्थित कार्यकर्ता अपनी हैसियत के हिसाब से पार्टी को चंदा देते हैं.

     

    देखते हैं मौर्या किस पार्टी में घर बनाते हैं, क्यूंकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पहले से ही एक मौर्या है, इसलिए ज्यादा सम्भावना सपा की तरफ मुड़ने की है.

  • एक दूकान जिस पर ग्राहकों की भीड़ लगी है फिर भी दूकान घाटे में, क्या ये संभव है?

    एक दूकान जिस पर ग्राहकों की भीड़ लगी है फिर भी दूकान घाटे में, क्या ये संभव है?

    सीधे शब्दों में , क्या वो दूकान घाटे में जा सकती है जिस पर ग्राहकों की भारी भीड़ लगी है. लोग सामान ख़रीदने के लिए लाइन में लगे  हैं. जिन्हें सामान नहीं मिल रहा है वो अगले दिन आ रहे हैं लेकिन सामान उपलब्ध नहीं है.

     

    लोग दीवाली का सामान लेने के होली से लाइन में लगे हैं. मुझे लगता है कि दुकानदार तो भारी मुनाफे में होना चाहिए, जिसकी दूकान इतनी चल रही है वो घाटे में हो भी कैसे हो सकता है. मेरा दैनिक अनुभव तो यही कहता है.

     

    उस पर अगर सामान वापस करना है 70% कटौती के बाद अगर 30% ग्राहक को वापस मिले तो फिर तो दुकानदार कि तो बल्ले बल्ले ही हो जायेगी. सामान भी नहीं बिका और 70% कीमत का फायदा. फिर वही सामान दूसरे ग्राहक को तो बेचना ही है क्यूंकि इतनी लम्बी लाइन जो लगी है.

    A Shop with Huge Customers but in Loss, Like Indian Railway

    ऐसा अगर वास्तव में देखना हो तो रेलवे से अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता है. सभी गाड़ियों में वेटिंग कि लम्बी कतार, अगर टिकट कन्फर्म हो गया है और इसके बाद अगर वापस किया तो 70% कटौती के बाद 30% वापसी, तत्काल में भी वेटिंग, और तत्काल रिजर्वेशन में तो टिकट कैंसिल कराने पर कोई वापसी भी नहीं है.

     

    रेलवे कि वेबसाइट से अगर टिकट करा रहे हैं तो सर्विस चार्ज, + बैंक का भी सर्विस चार्ज, दोनों की बल्ले बल्ले. रेलवे की वेबसाइट पर दुनिया भर का विज्ञापन, हवाई जहाज से लेकर होटल तक की बुकिंग उपलब्ध है. फिर भी रेलवे घाटे में.

     

    जनरल डिब्बों की बात करें तो उनमे सीटों की संख्या से 10 गुने लोग भूसे की तरह भरकर यात्रा करते हैं. फिर भी रेलवे घाटे में.

     

    समझ नहीं आता पैसा जा कहाँ रहा है.

     

    रेलवे रेल नीर बेचती है, लेकिन स्टेशनों पे विदेशी कंपनियों का ही पानी बिकता दिखेगा. एक लीटर पानी 20 रुपये में, चाहे वो रेल नीर हो, किनले, बिसलरी या फिर एक्वाफिना. रेल नीर भी उतना ही मार्जिन कमाता है जितना दूसरी विदेशी कम्पनियाँ. पूरे स्टेशन पर पानी ठंडा करने वाली एकाध मशीन होती है वो भी ठंडी पड़ी होती है. मजबूरन यात्रियों को पानी की बोतल खरीदनी पड़ती है. हो सकता है बड़ी रिश्वत का खेल हो. एक ठीक ठाक स्टेशन पर एक दिन में हजार दो हजार पानी की बोतलें बिकना तो आम बात है. रिश्वत खिलाओ, ठंडा पानी होगा नहीं तो बोतलें ही बिकेगी.

     

    अब रेलवे के बारे में इतना लिखा है तो बुलेट ट्रेन की बात ना करूँ ये कैसे हो सकता है.

     

    बुलेट ट्रेन जब भी चलेगी तो वो हमारे देश की शान होगी. सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि सारा देश चाहता है की भारत हर क्षेत्र में आगे बढे और विकसित देशों को टक्कर दे. लेकिन उससे पहले हमें सिर्फ अमीरों और बिजनेसमैनों के बारे में सोचना बंद करके हर आम आदमी, किसान छोटी नौकरी करने वाले और दलितों, मजदूरों के बारे में भी सोचना शुरू करना पड़ेगा.

     

    अब मुद्दा ये है की जब बुलेट ट्रेन चलेगी तो किसे फायदा होगा? जाहिर सी बात है, बिजनेसमैन, नेताओं और, और किसी को नहीं.और सब तो 2-4 घंटे से लेकर 10-12 घंटे देरी से चलने वाली ट्रेनों में ही यात्रा करेंगे.

     

    अरे भाई, पहले इन ट्रेनों की दशा सुधार दो फिर बुलेट ट्रेन चला लेना. हम तो AC का भी ख्वाब नहीं देखते, शताब्दी, राजधानी तो दूर की बात है. उस पर बुलेट ट्रेन, बस जले पे नमक छिड़क लो. इस देश की 90% से ज्यादा आबादी जनरल डिब्बों और पैसेंजर ट्रेन में यात्रा करती है उनके लिए कोई सुविधाओं में सुधार नहीं, बस देश की 1-2% आबादी के सुविधाएं ही सुविधाएं.

     

    चलिए वो सब छोडिए, ये सोचिये की गड़बड़ कहाँ है…
    Image Source: www.thehindu.com, https://vak1969.com

  • इस रेस्टोरेंट में परोसा जा रहा था इंसानों का मांस, पुलिस ने कराया बंद

    इस रेस्टोरेंट में परोसा जा रहा था इंसानों का मांस, पुलिस ने कराया बंद

    हैवानियत की भी हद है, इस दुनिया में कैसे कैसे लोग होते हैं. इस रेस्टोरेंट में लोग इंसानी मांस खाते थे लेकिन ये बात उन्हें भी पता नहीं थी. जब पुलिस को ये हैवानियत पता चली तो तुरंत ही इस रेस्टोरेंट को बंद करा दिया गया.

     

    नाइजीरिया के दक्षिण-पूर्वी प्रांत अनमबरा में चलने वाले इस होटल के बारे में स्थानीय लोगों को कुछ अजीब लगा तो उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी. पुलिस ने जब रेस्टोरेंट में छापा मारा तो उन्हें वहाँ पर खून और प्लास्टिक में लिपटी हुई इंसानी खोपड़ियां मिलीं. ये लोग वहाँ आने वाले ग्राहकों को ही अपना शिकार बना लेते थे.

     

    पुलिस ने वहाँ से दस लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही ऑटोमैटिक बन्दूक और बम भी बरामद हुए हैं.

    दरअसल इस रेस्टोरेंट में कहना खाने गए पादरी को जब अनुमान से काफी कम बिल आया तो उन्हें शक हुआ, इस बाबत पूंछने पर वहाँ के कर्मचारी ने बताया की उन्हें केवल मांस का एक छोटा सा टुकड़ा दिया गया था इसीलिए बिल कम आया है. लेकिन उन्हें नहीं पता था की उन्हें इंसानी मांस परोसा गया था.

    https://www.youtube.com/watch?v=KzNNodMxL_0

  • खुशखबरी: फ्रीडम 251 की कैश ऑन डेलिवरी 28 जून से शुरू

    खुशखबरी: फ्रीडम 251 की कैश ऑन डेलिवरी 28 जून से शुरू

    रिंगिंग बेल्स कंपनी ने दावा किया है की वो अपने सबसे सस्ते फोन फ्रीडम 251 को 28 जून से डेलिवरी देना चालू कर रहे हैं.

     

    उन्होंने तमाम धोखेधड़ी के दावों को खारिज किया है. कंपनी ने कहा है की जिन्होंने कैश ऑन डेलिवरी के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराया है उन्हें यह फोन 28 जून से मिलना शुरू हो जाएगा.

     

    इस फ़ोन को सस्ता होने के बावजूद ये खूबियां ख़ास बनाती हैं:

    4इंच के डिस्प्ले के साथ 3.2 मेगा पिक्सेल का मेन कैमरा और .3 मेगा पिक्सेल का फ्रंट कैमरा इसमें चार चाँद लगाते हैं. 1.3 गीगाहर्त्ज का क्वाडकोर प्रोसेसर, 1 जीबी रैम, और 8 जीबी इंटरनल मेमोरी जिसे आप 32 जीबी तक बढ़ा सकते हैं. 1450 mAh  बैटरी थोड़ी सी कम हो सकती है.

  • कैराना कांड पर कुछ लाइने

    कैराना कांड पर कुछ लाइने

    चलो चले कुछ राजनीति कर आएं,

    2017 आ गया है, चलो अपनी सरकार बनाये,

    न हिन्दू लड़ें, न मुस्लिम लड़ें, चलो इन हिन्दू मुस्लिमों को लड़ायें,

    आओ चलो, अपनी सरकार बनाये,

    जहां दंगे न हों, चलो वहाँ दंगे कराये,

    जनता न मरे तो मरवाएं,

    हिन्दू मुस्लिम को भरमाये,

    चलो 2017 आ गया है, राजनीति की रोटियां सिकवाएं,

    आओ अपनी सरकार बनाएं.

    क्या है कैराना का सच: पढ़ने के लिए क्लिक करें : http://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/politics/truth-of-kairana-by-three-ground-reports/articleshow/52740142.cms

  • टीना डाबी: सिविल सेवा टॉपर – क्या वास्तव में वो अयोग्य है?

    टीना डाबी: सिविल सेवा टॉपर – क्या वास्तव में वो अयोग्य है?

    ये तो मैं भी कहता हूँ आरक्षण हटाओ, लेकिन जिन्हे आज़ादी के पहले से लेकर और बाद तक मंदिरों में जाने, कुए से पानी भरने तक से रोक गया, उन्हें भी मुख्य धारा में आने का अधिकार है.

     

    दलितों और पिछड़ों को मुख्य धारा में लाने के लिया हमारे संविधान में आरक्षण का विधान किया गया है जिसका फायदा उन्हें मिला भी. लेकिन अब स्थित ये है की जो दलित और पिछड़े मुख्य धारा में आ गए हैं वही सबसे ज्यादा आरक्षण का फायदा उठते हैं. और जिन्हें अभी तक आरक्षण का फायदा नहीं मिला वो अब भी गरीबी में जी रहे हैं.

     

    लेकिन जो अभी तक गरीब हैं उन्हें आरक्षण जरूर मिलना चाहिए. लेकिन वो ऐसे गरीब नहीं होने चाहिए जिनकी सालाना आय ६ लाख रुपये हो.

     

    एक तरफ २०-२५ रुपये रोजाना कमाने वाला गरीबी रेखा पार कर अमीरी की श्रेणी में आ जाता है और दूसरी तरफ गुजरात में ५० हजार रुपये तक महीना कमाने वाले गरीब बनकर आरक्षण पाते हैं.

     

    अब बात करते हैं टीना डॉबी और अंकित की जिनका मेसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है की अंकित के ज्यादा नंबर होते हुए भी वो फेल हो गया और टीना के काम नंबर होते हुए भी वो आरक्षण के सहारे पास हो गयी.

     

    आपको बता दें कि टीना डॉबी पहली दलित हैं जो 22 साल की उम्र में सिविल सेवा में टॉपर बनी हैं.

    Tina Dabi - Civil Services Topper, Really or Not

    हाँ ये सत्य है की प्री एग्जाम में टीना ने आरक्षण का सहारा लिया, और ये उसका हक़ है जो संविधान ने उसे दिया है. लेकिन सिविल सेवा के मेन (मुख्य) पेपर में टीना ने कोई आरक्षण नहीं लिया और जनरल कैटेगरी में परीक्षा दी है. मुख्य परीक्षा में टीना को २०२५ में से १०६३ नंबर मिले हैं. जबकि दूसरे नंबर पर अतहर आमिर हैं जिन्हें १०१८ नंबर मिले हैं. तीसरे नंबर पर जसमीत सिंह हैं जिन्हें १०१४ नंबर मिले हैं. पहली और दूसरी रैंक में ४५ अंकों का फासला है जो की बहुत बड़ा है.

     

    इसलिए ये कहना सरासर गलत है की टीना ने अयोग्य होते हुए भी सिविल सेवा में टॉप किया है.
    और भी पढ़ें: http://abpnews.abplive.in/india-news/viral-sach-truth-of-viral-message-on-tina-dabis-success-2-382185/

  • भारत में जातिवाद: कौन कहता है जातिवाद ख़त्म हो गया है?

    भारत में जातिवाद: कौन कहता है जातिवाद ख़त्म हो गया है?

    अभी कुछ दिनों की बात है, महाराष्ट्र के वाशिम जिले के कलाम्बेश्वर गाँव में रहने वाले बापूराव ताजडे की पत्नी को पड़ोसियों ने सिर्फ इसलिए कुएं से पानी नहीं भरने दिया क्यूंकि वो नीची जाति से थी. वैसे तो ये कोई नयी बात नहीं है, लेकिन इस महिला के पति ने जो कर दिखाया वो किसी आश्चर्य से कम भी नहीं है.

     

    इस बात से आहत हो कर ताजडे ने “मांझी द माउंटेन मैन” की तरह हठ कर ली और अपना कुआं खोदने की ठान ली. आठ घंटे मजदूरी करने के बाद 6 घंटे रोजाना खुदाई का काम करते हुए ताजडे ने 40 दिन में अपना कुआं खोद डाला और ये आज के आधुनिक भारत में जातिवाद के मुंह पर करारा तमाचा है.

    Who Says Casteism is Ended in India?

    ताजडे ने अपनी लगन से वो कर दिखाया जो वहाँ पर किसी ने भी सोचा नहीं था, क्यूंकि वहाँ पर आसपास के लगभग सभी कुएं और बोरवेल सूख चुके हैं. अब उस कुएं से गाँव के सभी दलित अपनी प्यास बुझा रहे हैं.

     

    इतना होने के बावजूद ताजडे गाँव के उन तथाकथित उच्च जाति (निम्न हरकतों वाले ) के लोगों के नाम नहीं बता रहे हैं. वह कहते हैं इस से गाँव के आपसी सद्भाव को ठेस पहुंचेगी तथा लड़ाई झगड़े की सम्भावना भी हो सकती है.

    जरा सोचिये क्या इसी तरह भारत से जातिवाद ख़त्म होगा?

    फोटो साभार: www.ndtv.com, www.india.com

  • देखें जापान से कितनी सस्ती है भारत की बुलेट ट्रेन

    देखें जापान से कितनी सस्ती है भारत की बुलेट ट्रेन

    हम सब भारतवासी देश की पहली बुलेट ट्रेन चलने का बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं. इसी कड़ी में रेल मंत्रालय ने बुलेट ट्रेन का किराया बताया है जो फर्स्ट क्लास AC से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा होगा.

    Why India needs Bullet Train

    जापान में टोक्यो से क्योटो के बीच की 513 किलोमीटर की दूरी के लिए लगभग 8000 रुपये चुकाने पड़ते हैं. जबकि भारत में मुंबई से अहमदाबाद के बीच की 508 किलोमीटर की दूरी के लिए लगभग 3300 रुपये चुकाने पड़ेंगे. अभी मुंबई से अहमदाबाद के बीच दुरंतो एक्सप्रेस के फर्स्ट क्लास AC का किराया लगभग 2200 रुपये है.

    Why India needs Bullet Train

     

    अनुमान है की 2023 तक लगभग 36000 लोग बुलेट ट्रेन की यात्रा करेंगे जबकि 2053 तक लगभग 186000 लोग इस ट्रेन की यात्रा कर सकेंगे. यह यात्रा लगभग 3 घंटे की होगी जिसमे यात्रा समय लगभग 2 घंटे 7 मिनट का और बाकी समय स्टेशनों पर रुकने में व्यतीत होगा. मुंबई से अहमदाबाद के बीच में कुल 12 स्टेशन बनेंगे और यह प्रोजेक्ट लगभग 97636 करोड़ रुपये में पूरा होगा.
    आखिर में काम की बात, ये ट्रेन सिर्फ ख़ास लोगों के लिए है, 90% भारतीयों के लिए इसमें बैठना तो एक बड़ा ख्वाब ही होगा.