Category: खबरें और राजनीति

  • सावधान! अब एटीएम से निकल रहे हैं “चिल्ड्रेन बैंक ऑफ इंडिया” के नोट

    सावधान! अब एटीएम से निकल रहे हैं “चिल्ड्रेन बैंक ऑफ इंडिया” के नोट

    आज दो हजार के नए नोट की जगह जब चूरन वाले “चिल्ड्रेन बैंक ऑफ इंडिया” के नोट एटीएम से निकलने लगे तो लोग आश्चर्यचकित रह गए. 6 फरबरी को दिल्ली के संगम विहार इलाके में ऐसी ही घटना हुई.

     

    दिल्ली के संगम विहार में रहने वाले रोहित ने जब तिगड़ी स्थित स्टेट बैंक के एटीएम से आठ हज़ार रुपये निकाले तो दो हजार के नए नोट देखकर उसका मुंह खुला का खुला रह गया, क्योंकि ये दो हजार के नोट असली नहीं वरन चिल्ड्रेन बैंक ऑफ इंडिया के चूरन छाप नोट थे.

     

    रोहित ने इसकी सूचना जब पुलिस को दी तो पुलिस ने वेरिफिकेशन करने के लिए उस एटीएम से रुपये निकाले तो उन्हें भी वही चूरन छाप नोट मिले.

     

    पुलिस ने मामले की तस्दीक करते हुए एटीएम में पैसे डालने वाली कंपनी “ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” के एक कर्मचारी मोहम्मद ईशा को गिरफ्तार किया है. पुलिस अब मामले की जाँच में जुटी है की कहीं इस तरह की हरकत अन्य किसी एटीएम में भी न की गयी हो.

     

    फोटो क्रेडिट: hindustantimes.com

  • उत्तर प्रदेश में महिलाओं के पैर छूकर सपा प्रत्याशी के लिए वोट मांग रही है रूसी महिला

    उत्तर प्रदेश में महिलाओं के पैर छूकर सपा प्रत्याशी के लिए वोट मांग रही है रूसी महिला

    यह कोई अचम्भा नहीं बल्कि हकीकत है. हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के बिधूना विधान सभा के प्रत्याशी दिनेश वर्मा की. आपको शायद ही पता हो कि उनकी पत्नी एलिसा रूसी हैं. एलिसा को भारतीय पहनावे में देखकर महिलाएं उनकी तरफ आकर्षित हुए बिना रह नहीं पाती हैं. अपने मायके से हजारों किलोमीटर दूर रूस से बिलकुल अलग गाँव के माहौल में रच बस गयी और घर का कामकाज संभाल रही हैं. एलिसा सामान्य दिनों में भी साडी में ही दिखती हैं और भारतीय परम्परा के अनुसार ही बड़े बुजुर्गों के सामने सिर पर पल्लू रहता है. एलिसा शुरुआत से भारतीय संस्कृति से प्रभावित थी जिससे उन्हें एक छोटे से गाँव में भी रहने में परेशानी नहीं हुई. परेशानी थी केवल भाषा की, वो भी एलिशा ने हिंदी  को खूब अच्छी तरह से सीख कर दूर कर ली.  

    Russian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UP

    दिनेश वर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. इन्हें अखिलेश यादव ने अपने मौसा प्रमोद गुप्ता की टिकट काट कर सपा प्रत्याशी चुना है. प्रमोद गुप्ता इस समय बिधूना के निवर्तमान विधायक हैं. जबकि दिनेश वर्मा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मित्र और ६ बार बिधूना से विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्व. धनीराम वर्मा के पुत्र हैं.

    Russian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UP

    अब जब दिनेश वर्मा घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं तो उनकी पत्नी भला कैसे पीछे रहतीं. एलिसा भी घर-घर जाकर महिलाओं के पैर छूकर वोट मांग रही हैं. एक विदेशी महिला को देखकर महिलाओं का हुज़ूम उन्हें देखने उमड़ पड़ता है. लोगों को तब और भी अचम्भा होता है जब एलिसा फर्राटेदार हिंदी बोलती हैं.

    Russian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UP

    कैसे बनी एक रूसी लड़की हिन्दू घर की बहू:

    Russian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UP

    आपको शायद ही पता हो कि दिनेश वर्मा रूस से मेडिकल के डिग्रीधारक हैं. पढ़ाई के दौरान ही इनकी मुलाक़ात एलिसा से हुई और एलिसा भारतीय संस्कृति की मुरीद हो गयीं. बाद में दोनों ने भारत आकर हिन्दू रीति रिवाजों से शादी कर ली.

    Russian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UPRussian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UPRussian Woman Asking for Vote for SP Candidate Dinesh Verma in UP

     

    साभार: http://www.amarujala.com/uttar-pradesh/kanpur/russian-wifes-wacky-style

  • ISRO ने किया एक रॉकेट से रिकॉर्डतोड़ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण – दुनिया हैरान

    ISRO ने किया एक रॉकेट से रिकॉर्डतोड़ 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण – दुनिया हैरान

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO ने बुधवार को एक नयी उपलब्धि हासिल करके पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया. भारत ने PSLV-C37 रॉकेट के जरिये एक बार में 104 उपग्रह लांच किये और यह संख्या अब तक की सबसे अधिक है. इससे पहले का रिकार्ड रूस के नाम है. रूस ने 2014 में एक राकेट से 37 उपग्रह लांच किये थे. बताते चलें कि इन 104  सैटेलाइट में 96 अमेरिका के थे. इस तरह अमेरिका ने भी भारत कि टेक्नोलॉजी का लोहा मान लिया है. यह सैटेलाइट लांच श्रीहरिकोटा केंद्र से किया गया है.

     

    यह सैटेलाइट लांच 17000 मील प्रति घंटे कि रफ़्तार से किया गया और हर कुछ सेकण्ड्स में उपग्रहों को उनकी कक्षा में स्थापित किया गया. यह मिशन बहुत ही खतरा भरा था क्योंकि इतने सारे उपग्रहों को बहुत तेजी के साथ उनकी कक्षा में स्थापित करना रिस्की था और अगर ये उपग्रह गलत कक्षा में स्थापित हो जाते तो उनके दूसरे उपग्रहों के साथ टकराने की सम्भावना भी हो सकती थी.

     

    Image Source: space.com

  • यह सीट है ख़ास, जिस पार्टी का प्रत्याशी जीता उसी पार्टी की सरकार बनी

    यह सीट है ख़ास, जिस पार्टी का प्रत्याशी जीता उसी पार्टी की सरकार बनी

    कासगंज विधान सभा सीट उत्तर प्रदेश की ऐसी सीट है की यहां से 1974 से जिस भी पार्टी का उम्मीदवार जीता है वो ही पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. लेकिन 1996 में भाजपा ने यह सीट जीती थी और सबसे बड़ी पार्टी भी बनी थी लेकिन सपा और बसपा ने मिलकर सरकार बनाई थी.

     

    यहां लगभग 65000 लोध, 42000 ब्राह्मण और लगभग 40000 दलित समेत कुल वोटर 3.44 लाख हैं.

     

    1974 से अब तक का कासगंज सीट का सफरनामा:

     

    • 1974, 1980, 1985 में कांग्रेस से मनपाल सिंह जीते और कांगेस की सरकार बनी.
    • 1977 में इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी की लहर में नेतराम सिंह जीते.
    • 1989 में जनता पार्टी के गोवर्धन सिंह जीते और मुलायम सिंह यादव सीएम बने.
    • 1991 में नेतराम सिंह जीते और बीजेपी की सरकार बनी.
    • 1996 में कल्याण सिंह जीते और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी लेकिन सपा-बसपा की सरकार बनी.
    • 2002 में सपा के मनपाल सिंह जीते और पार्टी की सरकार बनी.
    • 2007 में बसपा से हसरत उल्लाह जीते और मायावती की सरकार बनी.
    • 2012 में मनपाल फिर जीते और सपा की सरकार बनी.
    • 2017 इस चुनाव में भाजपा के देवेंद्र सिंह राजपूत की कांटे की टक्कर से सपा के हसरत उल्ला शेरवानी से है
  • हमारे देश में हुनर की कमी नहीं है, बस सरकारें सहयोग नहीं करती हैं

    हमारे देश में हुनर की कमी नहीं है, बस सरकारें सहयोग नहीं करती हैं

    हुनर की बात करें तो क्या हमारे देश में हुनर की कमी है? हम ओलम्पिक जैसी प्रतियोगिताओं में क्यों पदक के लिए पलकें बिछाये रहते हैं? जबकि होनहार रोजी रोटी के चक्कर में सडकों पर अपना हुनर दिखाने को मजबूर हैं.

    https://www.youtube.com/watch?v=Bfs6ZJIMalw



  • मोदी की मेहनत पर पानी: इनके पास 4.7 करोड़ रुपये के नए नोट कहाँ से आये?

    मोदी की मेहनत पर पानी: इनके पास 4.7 करोड़ रुपये के नए नोट कहाँ से आये?

    जहां तक दावों का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री जेटली दोनों ने नोट बंदी की स्कीम भ्रष्टाचार, काले धन और आतंकवाद पर चोट करने के लिए की थी. इसमें सबसे ज्यादा सपोर्ट भी आम जनता ने किया था. और सबसे ज्यादा कष्ट भी आम जनता ही झेल रही है.

     

    पहले बैंकों के बाहर आम जनता पुराने नोट जमा कराने और नोट बदलने के लिए लाइन में लगी रही फिर अपने ही पैसे को बैंकों और एटीएम से दो-दो और चार-चार हजार करके निकालने के लिए अभी तक लाइन में लगी है.

     

    रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने तो यहां तक कहा है की पैसे की कोई कमी नहीं है और बैंक से 24000 प्रति सप्ताह और एटीएम से 5000 प्रति सप्ताह कैश निकाल सकते हैं.

     

    लेकिन सच्चाई सभी को मालूम है, ज्यादातर एटीएम में पैसा ही नहीं डाला जा रहा है, कुछ जगहों पर 2000 के नोट मिलने शुरू हुए हैं, 500 के नोट सिर्फ कुछ गिने चुने एटीएम से मिल रहे हैं. बैंकों की हालात तो और भी बदतर है. सीमित कैश और भारी भीड़ के चलते बहुत कम बैंक ही अपने ग्राहकों को प्रति सप्ताह 24000 रुपये दे पा रहे हैं. ज्यादातर बैंक अधिक से अधिक लोगों को सहूलियत पहुंचाने के लिए 4000 या 6000 रुपये प्रति दिन दे रहे हैं.

     

    ऐसे में आतंकवादियों के पास से आये दिन नए नोटों की गड्डियां मिलना व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है. रोज पुराने नोटों से ज्यादा नए नोटों की खेप पकडे जाने की खबरे सुनने में आ रही हैं.

     

    ताजा मामले में बेंगलुरु में दो लोगों के पास से करीब पांच करोड़ के नए नोट बरामद हुए हैं. इनकम टैक्स वालों में एक इंजिनियर और एक ठेकेदार को 4.7 करोड़ के नए नोटों और 30 लाख के पुराने नोटों के साथ गिरफ्तार किया है. यह अब तक की सबसे ज्यादा नए नोटों के रकम की बरामदगी है. इससे पहले निजामुद्दीन स्टेशन, दिल्ली से एक कार से 27 लाख के नए नोट बरामद हो चुके हैं. इसी तरह पंचकूला हरियाणा से 8 लाख के नए नोट बरामद हो चुके हैं.

     

    अब सवाल यह उठता है की इतनी मात्रा में नए नोट बैंको से बाहर कैसे आये. लोग एक-एक पाई को मोहताज हो रहे हैं और बैंककर्मियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचारी अपने काले धन को सफ़ेद करने में कामयाब हो रहे हैं.

     

    फोटो साभार: http://indianexpress.com/

  • दिन भर की खोजबीन: नोट बंदी के बाद क्या क्या हुआ?

    दिन भर की खोजबीन: नोट बंदी के बाद क्या क्या हुआ?

    ताजा खबर:

     

    नमक को लेकर अफवाह: मारपीट, कुछ जगह कीमत 200/- के पार:

    यूपी और दिल्ली में नोट बंद होने के बाद अफवाहों का बाजार गर्म रहा. शाम को अचानक अफवाह उडी की देश में नमक की कमी हो गयी है. इसका जिसको भी पता चला वो ही नमक खरीदने दौड़ पड़ा. इस वजह से कालाबाजारी करने वालों ने 200 से 400 रुपये तक नमक बेंच डाला. कानपुर में नमक को लेकर पथराव की सूचना मिली है. इस वजह से कई जगह बाजार बंद होने की खबरे हैं.

     

     

    १४ नवम्बर तक पुराने नोटों को चला सकते हैं:

    सरकार ने कैश की कमी को देखते हुए पुराने 1000 और 500 के नोटों को चलाने की 11 नवम्बर की सीमा को बढ़ाते हुए इसे 14 नवम्बर कर दिया है. बैंकों और एटीएम के बाहर भारी भीड़ और कैश की कमी को देखते हुए पुराने नोटों को हॉस्पिटल, पेट्रोल पम्प और हवाई अड्डे आदि जगहों पर 14 तारीख तक प्रयोग कर सकते हैं.

     

    इस समस्या को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर में नैशनल हाईवे पर 14 नवम्बर तक टोल न लेने का फैसला किया है.

     

    एटीएम पर अभी कुछ दिन भीड़ रहेगी:

    अभी कुछ दिन तक एटीएम में कैश की कमी की समस्या रहेगी क्योंकि एटीएम में अभी तक 100, 500 और 1000 के तीन क्रेट होते थे. लेकिन अब 100, 500 और 2000 के क्रेट होंगे. इसलिए जब तक सॉफ्टवेयर और बाकी चीजें अपडेट नहीं हो जाती हैं तब तक ये समस्या रहेगी.

     

    नोट बंदी की वजह से हुई कुछ मौतें:

    गाजियाबाद के लोनी में 10 साल के बच्चे की अस्पताल न पहुँच पाने की वजह से मौत हो गयी.

    कानपूर के पनकी में एक युवक ने 2.5 करोड़ में अपनी जमीन का सौदा किया जिसमे बयाने के तौर पर 70 लाख रुपये 1000 और 500 के नोटों में मिले. लेकिन नोट बंद होने की खबर सुनकर उसे दिल का दौर पड़ा और उसकी मौत हो गयी.

     

    राहुल गाँधी ने लाइन में लगकर बदले 4000 रुपये.

    1000 और 500 के नोट बंद करने की घोषणा के बाद मोदी के ट्विटर फॉलोवर में 3 लाख की कमी.

  • काला धन पर सर्जीकल स्ट्राइक: 1000 और 500 के नोट आज रात से बंद

    काला धन पर सर्जीकल स्ट्राइक: 1000 और 500 के नोट आज रात से बंद

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज देश को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने काला धन रखने वालों पर प्रहार करते हुए आज रात से ही 1000 और 500 के नोट बंद करने का एलान किया है. 30 दिसंबर तक पुराने नोट बैंकों में बदले जाएंगे और इसके बाद पहचान पत्र दिखा कर 31 मार्च 2017७ तक ये पुराने नोट बदल सकेंगे.

     

    प्रधानमंत्री के इस कदम के दूरगामी प्रभाव देखे जा रहे हैं. देश में जो काला धन और नकली नोटों को बंद करने के लिए इससे अच्छा उपाय हो भी नहीं सकता था. रिजर्व बैंक और प्रधानमंत्री के इस कदम की किसी को कानो कान भनक तक नहीं लगी.

    New 2000 Note

    प्रधानमंत्री ने कहा की अब हम भृष्टाचार में 100वें स्थान से 76वें स्थान पर पहुँच पाए हैं.

     

    10 नवम्बर से नए 500 और 2000 के नोट जारी कर दिए जाएंगे.

     

    रिजर्व बैंक के नए गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है की नकली नोटों से सिर्फ आम जनता को परेशानी झेलनी पड़ती है. जनता असली और नकली नोटों में फर्क नहीं कर पाती है और उन्हें इसका नुकसान उठाना पड़ता है. उन्होंने यह भी कहा की इससे किसी की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की सेंध नहीं लगाईं गयी है.

    Surgical Strike on Black Money: Notes of 1000 and 500 are Closed from Today Midnight

    भ्रष्टाचार की बीमारी को कुछ वर्ग विशेष के लोगों ने अपने स्वार्थ के लिए फैला रखा है: पीएम मोदी

    सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों के जरिये अपना धंधा भारत में चलाते हैं और यह सालों से चल रहा है जो हमारे देश की इकोनॉमी के लिए अत्यंत घातक है.

     

    भृष्टाचार और काला धन देश के लिए नासूर बन गया है. प्रधानमंत्री के इस कदम से काला धन रखने वालों और चुनाव में काला धन खर्च करने वालों में खलबली मच गयी है.

     

    9 औऱ 10 नवंबर को कुछ एटीएम बंद रहेंगे। शुरु में कुछ दिनों तक 2000 रुपये से अधिक की राशि नहीं निकाली जा सकेगी: पीएम मोदी

    New 500 Note

    किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस से पुराने 1000 और 500 के नोट बदले जा सकेंगे. 11 नवम्बर को आधी रात तक ये नोट पेट्रोल पम्प और सीएनजी स्टेशनों पर चलाये जा सकेंगे.

     

    11 नवम्बर तक ही रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड और हवाई अड्डों पर इन नोटों का संचालन होगा.

     

    100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये, 10 रुपये, 5 रुपये, 2 रुपये और 1 रूपया का नोट और सभी सिक्के नियमित हैं और लेन देन के लिए उपयोग हो सकते हैं

     

    एडिटर के विचार:

     

    इस सर्जिकल स्ट्राइक का किस पर कितना असर होगा? आम जनता को कितनी परेशानी होगी? जहां तक मेरा मानना है, आम जनता को केवल 2-4 दिन तक परेशानी उठानी पड़ सकती है. क्योंकि साधारणतयः सामान्य लोग घरों में 2-4 हजार रुपये ही घरों में रखते हैं. अगर उनके पास छुट्टे रुपये नहीं हैं तो उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इमरजेंसी में भी परेशानी उठानी पड़ सकती है. लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी तो उन लोगों को होने वाली है जिनके पास भारी मात्रा में बड़े नोट घर में रखे हुए हैं. इनमे नेता, छोटे और बड़े बिजनेसमैन शामिल हैं. अगर वह इनकम टैक्स नहीं देते हैं तो उनके लिए बड़ी परेशानी पैदा होने वाली है.

     

    सभी जानते हैं की चुनावों में बड़ी मात्रा में काला धन जो की बड़े नोटों के रूप में होता है, का अवैध रूप से वोट खरीदने में प्रयोग होता है. अब उत्तर प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं तो इस सर्जिकल स्ट्राइक का असर राजनीतिक पार्टियों पर गंभीर रूप से पड़ने वाला है.

     

    बड़े बिल्डर और प्रोपर्टी डीलर भी इस घोषणा से सदमे में आ सकते हैं. क्योंकि प्रोपर्टी का ज्यादातर कारोबार कैश के रूप में बड़े नोटों से ही होता है.

  • भारत का एक ऐसा गाँव जहां लड़की के जन्म पर 111 पौधे लगाए जाते हैं

    भारत का एक ऐसा गाँव जहां लड़की के जन्म पर 111 पौधे लगाए जाते हैं

    भारत एक ऐसा देश है जहां पर पुत्र प्राप्ति के लोग न जाने क्या क्या करते हैं और पुत्री को बोझ की तरह देखते हैं, वहीं राजस्थान के पिपलांत्री नामक गाँव में पुत्री जन्म को एक उत्सव की तरह मनाते हैं और उसे यादगार बनाने के लिए 111 फलदार वृक्षों का रोपण करते हैं. इस गाँव का यह लड़की बचाओ अभियान अपनी तरह का अनूठा है और पूरी दुनिया के लिए अनुकरणीय है.

     

    इस गाँव के लोग पुत्री जन्म के समय 21000 रुपये और परिवार द्वारा 10000 रुपये (कुल 31000 रुपये) 20 साल के लिए फिक्स डिपॉजिट करते हैं ताकि शादी के लायक होने पर पैसे की कमी आड़े न आये.

    Piplantri is an Indian Village where People Planted 111 Trees on Birth of a Girl

    साथ ही लड़की के माता पिता द्वारा एक एफिडेविट भी साइन कराया जाता है जिसमे लड़की की उचित शिक्षा, और जब तक उम्र न हो तब तक शादी न करने और लड़की के जन्म के समय लगाए गए पौधों की उचित देख रेख करना आवश्यक है.

    Piplantri is an Indian Village where People Planted 111 Trees on Birth of a Girl

    इसलिए यहां के लोग सिर्फ पेड़ लगाते भर ही नहीं हैं बल्कि उनकी उचित देख भाल भी करते हैं. पेड़ों को दीमक आदि से बचाने के लिए पेड़ों के आस पास एलो-वेरा (घृतकुमारी) के पौधे भी लगाते हैं. ये पेड़ -पौधे और खासकर एलो-वेरा यहां के कई परिवारों के लिए जीविका के साधन भी बन गए हैं.

     

    राखी के दिन इस गाँव में अजब माहौल होता है, राखी के दिन लडकियां पौधों को राखी बांधती हैं.

     

    यह अपने आप में अनूठी परंपरा इस गाँव के श्याम सुन्दर पालीवाल ने शुरू की थी जब उनकी पुत्री छोटी उम्र में ही चल बसी थी. पिछले 6 सालों में यहां पर लगभग 2.5 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं.

    Piplantri is an Indian Village where People Planted 111 Trees on Birth of a Girl

    गाँव वालों का कहना है की यहां पर पिछले 7-8 सालों से कोई भी पुलिस केस नहीं हुआ है.

     

    आखिर में, इस गाँव की परंपरा सिर्फ इस गाँव तक ही न रहकर पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में होनी चाहिए. आओ हम सब इस परम्परा का हिस्सा बने और पूरी धरती को हरा भरा बनाएं.

     

    Image Source:

    www.theplaidzebra.com

    www.gaiadergi.com

    https://meramukhiya.wordpress.com

     

  • कबाड़ और बेकार पड़े स्मार्टफोन की कीमत जानकार आप रह जाएंगे दंग

    कबाड़ और बेकार पड़े स्मार्टफोन की कीमत जानकार आप रह जाएंगे दंग

    आजकल सभी लोग स्मार्टफोन के दीवाने हैं. जब भी कोई नया स्मार्टफोन मार्केट में आता है तो उसकी खूबियां देखकर सभी का मन उसे खरीदने का होता है.

     

    लेकिन अगर आपका फोन खराब हो गया है तो उसकी कोई कीमत न समझते हुए उसे या तो कबाड़ में फेंक देते हैं या फिर किसी कबाड़ी को दे देते हैं.

     

    लेकिन शायद आप नहीं जानते होंगे की ये बेकार पड़े स्मार्टफोन भी कीमती होते होते हैं. इनकी कीमत के बारे आप सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे क्योंकि इन स्मार्टफोन को बनाने में बहुत सारी धातुएं प्रयोग होती हैं. इन फोन को बनाने में सोना, चांदी तो प्रयोग होते ही हैं साथ ही एपल आईफोन बनाने में प्लेटिनम का भी प्रयोग होता है.

     

    अब तो आप समझ ही गए होंगे की आपके बेकार पड़े स्मार्टफोन भी अच्छी खासी कीमत रखते हैं. और इन फ़ोन को रिसायकिल करके इन धातुओं को निकाल लिया जाता है.

     

    आइये जाने कितना क्या निकलता है स्मार्टफोन खराब होने के बाद:

    Value of Your Old and Scrap Smartphones

    अगर10 लाख स्मार्टफोन को रिसायकिल किया जाए तो:

    16 टन ताँबा,

    350 किलो चांदी,

    34 किलो सोना,

    15 किलो पैलेडियम, निकलता है.

     

    एक एपल आईफोन में देखें क्या क्या निकलता है:

    सोना: 0.034 ग्राम,

    चांदी: 0.34 ग्राम,

    पैलेडियम: 0.015 ग्राम,

    प्लेटिनम: 0.001 ग्राम,

    एल्युमिनियम: 25 ग्राम,

    ताँबा: 15 ग्राम.

     

    देखें वर्ष 2014 में इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ से कितना पैसा कमाया गया:

    प्लास्टिक: 901 अरब रुपये,

    ताँबा: 776 अरब रुपये,

    सोना: 762 अरब रुपये,

    लोहा और स्टील: 659 अरब रुपये,

    अल्युमिनियम: 234 अरब रुपये,

    पैलेडियम: 132 अरब रुपये,

    चांदी: 44 अरब रुपये,

     

    ये कमाई तब है जबकि केवल 10% स्मार्टफोन रिसायकिल हो रहे हैं.

     

    क्या आप जानते हैं: 2014 में इलेक्ट्रॉनिक कबाड़ से जो सोना निकला था वो दुनिया के कुल सोने के उत्पादन का 11% था.

     

    Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/other/infographics/tech/why-mining-mobile-phones-for-precious-metals-makes-sense/articleshow/54933301.cms