पुरी, 16 जून (भाषा) पुरी का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर 25 जुलाई को जनता के लिए खुलेगा। यह जानकारी प्राधिकारियों ने बुधवार को दी।
मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने कहा कि यह निर्णय श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) की बैठक में लिया गया। उन्होंने कहा कि मंदिर 15 जून तक भक्तों के लिए बंद था, जिसे 25 जुलाई तक बढ़ा दिया गया।
रथ यात्रा उत्सव पूरा होने के दो दिन बाद मंदिर जनता के लिए खुलेगा।
भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ 23 जुलाई को नौ दिवसीय रथयात्रा उत्सव के बाद मंदिर लौटेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘भक्तों को दो दिन बाद मंदिर में प्रवेश करने का अवसर मिलेगा।’’
कुमार ने कहा कि हालांकि, एसजेटीए 24 या 25 जुलाई को फिर से बैठक करेगा और मौजूदा स्थिति के आधार पर जनता को अनुमति देने पर फैसला करेगा।
24 जून को स्नान यात्रा (स्नान उत्सव) और 12 जुलाई को रथ यात्रा राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार भक्तों के बिना, कोविड-19 दिशानिर्देशों के पालन के साथ आयोजित की जाएगी।
कुमार ने कहा कि रथ यात्रा सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में सेवादारों की भागीदारी से होगी।
उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले सेवकों को टीकाकरण की दोनों खुराकों का प्रमाण पत्र या कोविड निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि त्योहार के दौरान पुरी में निषेधाज्ञा लागू की जाएगी।
एसजेटीए ने एक अलग बैठक में जगन्नाथ मंदिर में आठ दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने के लिए दो समितियों का गठन करने का भी निर्णय लिया। उनमें से एक तकनीकी समिति होगी और दूसरी सेवादारों का प्रतिनिधित्व करेगी।
कुमार ने कहा कि एक दानदाता चांदी प्रदान करेगा। कुमार ने कहा कि लगभग दो टन धातु का उपयोग होने की संभावना है।
पीटीआई-भाषा संवाददाता
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उत्तराखंड के चमोली जिले में गोविन्द घाट से बृहस्पतिवार को हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) की यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना होने के साथ ही इस वर्ष की हेमकुण्ड यात्रा (Hemkund Travel) की विधिवत शुरुआत हो गयी । हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) गुरुद्वारे के कपाट शुक्रवार को 10 बजे खुलेंगे ।
पंचप्यारे
गोविंदघाट से हुकमनामा लेकर पंचप्यारों की अगुवाई में रवाना हुए इस वर्ष के पहले जत्थे में सीमित संख्या में श्रद्धालु शामिल हैं ।
शुक्रवार को अरदास के बाद सुबह 10 बजे हेमकुंड सहिब गुरुद्वारे के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोले जाएंगे। इसके साथ ही वहां स्थित प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर (Laxman Temple) के कपाट भी कल खुल जाएंगे ।
बृहस्पतिवार सुबह से ही गोविंदघाट (Govindghat) गुरुद्वारे में शबद कीर्तन का आयोजन किया गया और गुरुग्रंथ साहिब (Gurugranth Sahib) के पाठ और अरदास के बाद पंच प्यारों की अगुवाई में इस वर्ष के पहले जत्थे को हेमकुंड साहिब के लिये रवाना किया गया। गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पदाधिकारियों की ओर से यात्रियों को सरोपा भेंट कर हेमकुंड साहिब के लिये रवाना किया।
कोविड-19 का यात्रा पर असर
गोविंद घाट से रवाना हुआ यात्रियों का जत्था आज रात्रि घांघरिया (Ghangharia) में विश्राम करेगा। कोविड-19 के चलते इस बार हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर की यात्रा तीन माह देरी से शुरू हो रही है।
हेमकुंड साहिब तक की यात्रा की शुरुआत गोविंदघाट से होती है जो अखलनंदा नदी के किनारे समुद्र तल से 1 हजार 828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गोविंदघाट तक तो अच्छी सड़कें हैं और यहां तक गाड़ियां आराम से जाती हैं लेकिन इसके ऊपर यानी गोविंदघाट से घांघरिया तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई है जो एकदम खड़ी चढ़ाई है। इसके आगे का 6 किलोमीटर का सफर और भी ज्यादा मुश्किलों से भरा है।
हेमकुंड ट्रेकिंग (Hemkund Trekking) करते हुए जाना होता है
झूलते हुए ब्रिज (Hanging Bridge) के जरिए अलखनंदा नदी को पारकर गोविंदघाट पहुंचा जाता है। इसके बाद टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता सीधा हो जाता है जो नीचे जाती हुई घाटी से होकर जाता है जिसमें खेत भी हैं और कई पेड़-पौधे भी। 3 किलोमीटर बाद लक्षमण गंगा (Laxman Ganga) मिलती है जो आगे चलकर अलखनंदा में मिलती है। आगे एक छोटा सा गांव आता है पुलना। इसके बाद की चढ़ाई और भी ज्यादा एक्साइटिंग हो जाती है क्योंकि रास्ते में आपको पत्थरीले पहाड़ और बर्फ से ढ़की पहाड़ की चोटियां दिखने लगती हैं।
पुलना से भयंदर गांव के बीच का 7 किलोमीटर का सफर प्राकृतिक खूबसूरती से भरा है। इसमें आपको कई झरने भी देखने को मिलेंगे। 2 किलोमीटर आगे जाकर घांघरिया बेस कैंप (Ghangharia Base Camp) आता है जहां से आगे वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley of Flowers) और हेमकुंड साहिब का रास्ता निकलता है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब की दूरी वैसे तो सिर्फ 6 किलोमीटर है लेकिन यहां से पहाड़ की चढ़ाई और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है और इसे पार करने में ही सबसे ज्यादा समय लगता है।
हवाई मार्ग– देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। गोविंदघाट से जॉली ग्रांट की दूरी 292 किलोमीटर है। यहां से गोविंदघाट तक टैक्सी या बस के जरिए पहुंच सकते हैं। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है।
रेल मार्ग– हेमकुंड साहिब का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (Rishikesh) है जो गोविंदघाट से 273 किलोमीटर दूर है। ऋषिकेश से टैक्सी या बस के जरिए श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए गोविंदघाट पहुंच सकते हैं।
उत्तराखंड सरकार ने अनलॉक 2.0 (Unlock 2.0) के दौरान पर्यटन (Tour and Travel) उद्योग को राहत दी है। साथ ही सरकार ने राज्य के बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं।
महेश पांडे, देहरादून
उत्तराखंड में अनलॉक दो में राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग और आम लोगों को काफी रियायतें दी हैं। अब उत्तराखंड (Uttarakhand) में रेस्टोरेंट रात नौ बजे तक खुलेंगे। साथ ही सरकार ने शॉपिंग मॉल्स और होटलों पर से भी प्रतिबंध हटा लिया है। वहीं शादी या सगाई समारोह में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अब क्वांरटीन में नहीं रहना पड़ेगा।
राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने हाल ही में अनलॉक-2 के तहत दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि सैलानियों व अन्य लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) समेत अन्य नियमों का पालन जरूर करना होगा।
पर्यटन उद्योग को बड़ी राहत
अनलॉक-2 में सरकार ने पर्यटन उद्योग (Travel Industry) को बड़ी राहत दी है। सैलानियों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि दूसरे राज्यों से आने वाले सैलानियों को स्मार्ट सिटी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सैलानियों को राज्य में आने के लिए किसी तरह के परमिट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सीमा चेक पोस्ट पर उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन दिखाना होगा। पर्यटकों को राज्य में प्रवेश करने से 72 घंटे पहले तक कराए गए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट अपने साथ रखनी होगी, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई हो।
साथ रखना होगा कोरोना टेस्ट रिपोर्ट
उत्तराखंड आने के लिए किए रजिस्ट्रेशन कराते समय इस रिपोर्ट को भी संलग्न कराना होगा। होटल (Hotels) अथवा होम-स्टे (Homestay) में ठहरने वाले यात्रियों को होटल प्रबंधन रूम सर्विस के रूप में शराब भी सर्व कर सकता है, लेकिन होटल में बने बार को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
बिना कोरोना वायरस टेस्ट कराए आने वालों को न्यूनतम 7 दिनों तक होटल में ठहरना होगा और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
होम-स्टे और होटल्स को भी छूट
होटल व होम-स्टे में दी गई छूट का जिक्र भी गाइडलाइन में किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में होटल और सेवा क्षेत्रों को खोलने की छूट रहेगी। बशर्ते यह कंटेनमेंट जोन के बाहर हो और यहां आने वालों की बुकिंग न्यूनतम 7 दिनों के लिए की जाएगी।
आने से 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट कराने वालों पर यह बाध्यता लागू नहीं होगी। जिला प्रशासन चेक पोस्ट में इनकी मेडिकल रिपोर्ट की सत्यता की जांच करेगा। होटल प्रबंधन को पूर्व में जारी की गई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
मॉल व रेस्टोरेंट को रखना होगा ग्राहकों का रिपोर्ट
विशिष्ट लोगों के सपोर्ट स्टाफ को भी क्वारंटीन रहने से छूट रहेगी। सरकारी काम के लिए के लिए अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, सभी न्यायालय के जज, सरकारी वकील, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों को उनके सपोर्ट स्टाफ के साथ क्वारंटीन से छूट रहेगी।
इन सभी को सुरक्षा और शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। शॉपिंग मॉल व रेस्टोरेंट को आने वाले ग्राहकों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
रेस्टोरेंट खुलने का समय होगा फिक्स
प्रदेश के सभी रेस्टोरेंट्स को सुबह 7:00 से रात 9:00 बजे तक संचालन में अनुमति होगी। रेस्टोरेंट में भी ग्राहकों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा, जिसमें उनके आने और जाने का समय भी शामिल है।
शॉपिंग मॉल सुबह 7:00 से रात 8:00 बजे तक खुल सकेंगे। शॉपिंग मॉल के रेस्टोरेंट को 9:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। मॉल में 1 दिन में 50 फीसदी दुकान ही खुलेंगी। जिला प्रशासन मॉल प्रबंधन से विचार-विमर्श कर यहां प्रतिदिन आने वालों की संख्या भी नियत कर सकता है।
हवाई सफर को भी अनुमति
सरकार ने उड़ान योजना के तहत प्रदेश के भीतर हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर के संचालन को भी अनुमति प्रदान कर दी है। इसमें सफर करने के दौरान और बाद में यात्रियों को तय गाइडलाइन का पालन करना होगा ।
शादी और सगाई आदि समारोह के लिए बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल्स को खोलने की अनुमति भी प्रदान की गई दी है।
बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल के प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि शादी समारोह में शिरकत करने वालों की संख्या 50 से अधिक न हो। शादी में शामिल होने के लिए बाहर से आने वाले गैर संक्रमित लोगों को होटल में न्यूनतम दिन तक के रुकने के नियम से छूट रहेगी, बशर्ते वे तय मानकों का अनुपालन करें।
शादी में जाने वालों के लिए छूट
शादी और सगाई आदि के लिए बैंक्वेट, कम्युनिटी हॉल के लिए जारी अनुमति में स्पष्ट किया गया है कि समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों से उनके निवास स्थान व शादी के स्थल के बारे में जानकारी देता हुआ शपथ पत्र बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल वाले को लेना होगा।
जहां कर्मचारियों और शादी में शिरकत करने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
यहां आने वाले सभी लोगों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। शादी में शिरकत करने वालों को अपने अथवा अन्य वाहन से घर जाते समय रात्रि कर्फ्यू के मानकों में छूट रहेगी।
कोरोना वायरस की वजह से ख़बरें और सोशल मीडिया इसकी न्यूज से भर गयी हैं. इस वायरस की वजह से लोगों ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना कम कर दिया है. सरकार ने भी इसके लिए सुरक्षा के काफी इंतजाम किये हैं और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है.
तो घर पर बैठ कर क्या करें?
तो आइये हम लाये हैं दुनिया के 13 वर्चुअल ट्रेवल डेस्टिनेशंस जो आपको इस तनाव भरे माहौल से कुछ राहत प्रदान करेंगे और साथ ही आपकी जानकारी भी बढ़ाएंगी.
1. Virtual Tour of the Grand Canyon
Image Credit: Choice Hotels
आप एक पुरातत्व आभासी दौरे पर 360 डिग्री तस्वीरों के माध्यम से ग्रैंड कैन्यन देख सकते हैं, प्रसिद्ध फैंटम रैंच में पृथ्वी के बदलाव को देख सकते हैं, या राफ्टिंग यात्रा पर कोलोराडो नदी में तैर सकते हैं।
Take an online virtual tour here: Grand Canyon Virtual Tour
15 वीं शताब्दी में निर्मित माचू पिचू, पेरू के एंडीज पहाड़ों में स्थित है। यहाँ की यात्रा के पहाड़ी दृश्यों, लामा दर्शन और पुराने खंडहरों के अवशेष आपको आश्चर्यजनक रूप से अचंभित कर देंगे.
Take an online virtual tour here: Machu Picchu Virtual Tour
वेटिकन सिटी में अपोस्टोलिक पैलेस में स्थित, सिस्टिन चैपल एक प्रसिद्ध है दर्शनीय स्थल है जिसका इंटीरियर देखने लायक है. सामान्यतः द सिस्टिन चैपल में भीड़ होती है, और सभी कलाकृतियों को देखना मुश्किल हो सकता है।
Take an online virtual tour here: Sistine Chapel Virtual Tour
यरूशलेम तीन धर्मों का घर है: यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम। यरूशलेम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है इजरायल का हौली सेपल्चर चर्च. इस धार्मिक स्थल के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, यहीं पर यीशु की खाली कब्र स्थित है.
Take an online virtual tour here: Jerusalem Virtual Tour
वाशिंगटन, डीसी, की यात्रा करने का यह सही समय नहीं है, लेकिन आप अभी भी व्हाइट हाउस का वर्चुअल टूर कर सकते हैं. व्हाइट हाउस स्टाफ कार्यालय जहां वेस्ट विंग के बगल में स्थित आइजनहावर कार्यकारी कार्यालय भवन स्थित है, एंट्रेंस हॉल, क्रॉस हॉल, ईस्ट रूम, ग्रीन रूम, ब्लू रूम, रेड रूम, स्टेट डाइनिंग रूम, वर्मील रूम, चाइना रूम, ईस्ट गार्डन रूम और बहुत कुछ देखने का अवसर है।
Take an online virtual tour here: White House Virtual Tour
न्यूयॉर्क शहर का सोलोमन आर. गुगेनहाइम संग्रहालय देश के फ्रैंक लॉयड राइट के आर्किटेक्चर में से सबसे आश्चर्यजनक है। इसके इंटीरियर में सफेद सर्पाकार रैंप पर नीचे से ऊपर चलते हुए आप इसका आनंद उठा सकते हैं.
Take an online virtual tour here: Virtual Tour of Guggenheim Museum
स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री दुनिया में सबसे अधिक देखे जाने वाले संस्थानों में से एक है जहाँ पर १२५ मिलियन से ज्यादा कलाकृतियां उपस्थित हैं.
Take an online virtual tour here: Virtual Tour of Smithsonian National Museum
यह म्यूजियम दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम है. यहाँ पर 35000 से ज्यादा कलाकृतियां हैं जिसमें लियोनार्डो दा विंची की मोनालिसा (Mona Lisa) की कलाकृति भी है.
Take an online virtual tour here: The Louvre Virtual Tour
रोसेटा स्टोन, ग्रीक फूलदान, मिस्र की ममियां, ईस्टर आइलैंड की मूर्ति, एज़्टेक डबल हेडेड सर्प मूर्तिकला, और कई अन्य कलाकृतियाँ, इस ब्रिटिश संग्रहालय के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से हैं.
Take an online virtual tour here: British Museum Virtual Tour
यह म्यूजियम एम्स्टर्डम में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला म्यूजियम है. कला के इस नमूने को वर्चुअल देखने के लिए यहाँ क्लिक करें: Rijksmuseum Museum Virtual Tour
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना जो दुनिया की सबसे लम्बी दिवार है, पहाड़ों, जंगलों, जलाशयों और रेगिस्तान में होती हुई 13,000 मील तक फैली है। इसे बनाने में कई राजवंशों को सैकड़ों साल लग गए.
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क़ुतुब मीनार के बारे में कौन नहीं जनता. यह दिल्ली के महरौली में स्थित ईंट से बानी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर और व्यास 14.3 मीटर है.
तो आइये इसका भी वर्चुअल टूर कर ही लेते हैं.
क्या आपको स्नोफॉल (Snowfall) यानी बर्फबारी पसंद है? अगर हां, तो इन सर्दियों में आपके पास बर्फबारी का मज़ा लेने का पूरा मौका है और वह भी दिल्ली के आस-पास के इलाकों में। चौंकिए मत, आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी हो रही है और ये जगहें दिल्ली के आस-पास ही स्थित हैं:
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मनाली
हिमाचल प्रदेश में स्थित मनाली (Manali) शहर में इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है। मॉल रोड से लेकर रोहतांग दर्रा बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। रोहतांग में करीब 3 फीट तक की बर्फबारी हुई है।
जब बात हो दिल्ली के पास स्थित ऐसी जगह की जहां बर्फबारी का पूरा आनंद लिया जा सके, तो उसमें शिमला (Shimla) का नाम भी आता है। शिमला में 12 से 14 नवंबर के बीच जमकर बर्फबारी हुई है और पूरा शहर बर्फ की सफेद चादर से पट गया है। बर्फबारी का मज़ा लेने के अलावा आप यहां अडवेंचरस ऐक्टिविटीज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं।
उत्तराखंड में स्थित औली (Auli) बर्फबारी और स्कीइंग के लिए काफी मशहूर है। इतना ही नहीं यहां दुनिया का सबसे ऊंचा मानव निर्मित लेक भी है। इस साल अक्टूबर में औली में जमकर बर्फबारी हुई है। आप चाहे तो बर्फ का मजा लेने के लिए औली भी जा सकते हैं। औली जाने के लिए नवंबर से दिसंबर तक का महीना एकदम पर्फेक्ट है।
बर्फबारी या हिमपात के मामले में कौसानी भी पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। बर्फबारी का मजा लेने के लिए वैसे तो जनवरी का महीना बेस्ट है, लेकिन आप चाहें तो नवंबर-दिसंबर में भी कौसानी का प्लान बना सकते हैं।
दिल्ली से करीब 800 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहलगाम की छटा बर्फबारी के दौरान देखने वाली होती है। पहलगाम, पीर की गली, द्रास सेक्टर जैसी कई जगहों पर इस सीजन की पहली बर्फबारी जारी है, जिसके बाद यहां का मौसम और भी खुशनुमा हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग और गुलमर्ग भी ताजा बर्फबारी से ढक गए हैं। बुधवार को पहलगाम में 1.3 डिग्री और गुलमर्ग में 0 से 3 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया।
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नारकंडा
वहीं हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल नारकंडा में भी बर्फबारी जारी है। वहां इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है और पारा शून्य से भी नीचे जा पहुंचा है।
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संगला घाटी और कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के ही एक और खूबसूरत जिले किन्नौर की संगला घाटी में भी इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिसके बाद वहां का नज़ारा कुछ ऐसा हो गया है। लाहौल स्पीति और कुल्लू के अलावा हिमाचल प्रदेश के कई इलाके भारी बर्फबारी के बाद सफेद चादर से ढक गए हैं।
भारत में पर्यटकों के पसंदीदा जगहों में से एक है राजस्थान। जंगल, महल, रेगिस्तान और कला-संस्कृति- यहां सबकुछ देखने के लिए मिलता है। पर्यटकों के दिमाग में राजस्थान की एक पारंपरिक छवि है। राजस्थान के बारे में सुनते ही सबसे पहले दिमाग में ऊंट-रेगिस्तान या फिर शाही महलों की तस्वीर आती है। इन्हीं तस्वीरों के चलते कई लोग यहां कई भ्रांतियों को लेकर घूमने आते हैं। आपको ऐसी ही कुछ बातें बताते हैं जो राजस्थान जाने से पहले आपको अपने दिमाग से पूरी तरह निकाल देना चाहिए।
राजस्थान के बारे में कहानियों और इतिहास में लोगों ने राजपूतों के बारे में खूब पढ़ा-सुना है। शायद इसलिए जब हम राजस्थान जाते हैं तो वहां हर किसी को राजपूत समझने लगते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। राजस्थान में अन्य जातियों के लोग भी देश के अन्य हिस्सों की तरह ही रहते हैं।
राजस्थान का मतलब रेगिस्तान नहीं है। पश्चिमी राजस्थान में रेगिस्तान है। इसके अलावा राजस्थान के अन्य हिस्से देश के किसी भी अन्य सामान्य शहर की तरह ही हैं।
अगर आपने राजस्थान को सिर्फ टीवी या फिल्मों में देखा है तो आपके दिमाग में शाही महलों की छवि होगी। आपको बता दें राजस्थान में शाही परिवारों का रुतबा अब भी है लेकिन इनके अलावा आम जनता सामान्य ढंग से अपने मकानों में ही रहती है। इसलिए यहां हर जगह महल देखने की उम्मीद न रखें।
यहां के लोकल लोगों की बोली या टोन से आहत न हों। पूर्वी राजस्थान के लोग सामान्य रूप से कड़ी और ऊंची आवाज में बात करते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि वे आपपर गुस्सा हो रहे हैं।
राजस्थान के लोग सामान्य तौर पर पारंपरिक परिधान ही पहनते हैं। बाहर से आने पर हो सकता है कि जीन्स या टी-शर्ट पहनना आपके लिए सामान्य हो लेकिन अनचाहे अटेंशन से बचने के लिए आप एथनिक कपड़े पहनकर घूमें तो बेहतर होगा।
अगर आप राजस्थान में हैं तो पानी बर्बाद करना भूल जाएं। यहां पानी की कमी तो है ही साथ ही यहां के लोग पानी के महत्व को बखूबी समझते हैं और कई लोग तो पानी के मटके की पूजा भी करते हैं। ऐसे में आपका पानी बर्बाद करना उन्हें नाराज कर सकता है।
कहीं बर्फीली वादियां तो कहीं, कोई खूबसूरत इमारत- भारत में कई ऐसे डेस्टिनेशन्स हैं जहां आप अपने प्यार के साथ रोमांटिक समय बिता सकते हैं। कश्मीर से केरल तक, आपके लिए हर जगह अपने पार्टनर के साथ प्यार भरा समय बिताने के लिए खूबसूरत जगहें मौजूद हैं। समंदर पसंद हो या फिर पहाड़, आप अपने हिसाब से कोई भी जगह चुन सकते हैं। आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ रोमांटिक गेटवेज जहां पर बिताए गए क्वालिटी टाइम को आप हमेशा याद करेंगे।
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श्रीनगर में हाउसबोट्स (Houseboats in Srinagar)
अगर आप श्रीनगर घूमने गए हैं तो किसी होटेल में ठहरने से अच्छा है डल झील (Dal Lake) में हाउसबोट (Houseboat) पर समय बिताएं। हाउसबोट्स अलग-अलग कैटिगरी में मिलती हैं और इनका किराया शहर के किसी लग्जरी होटेल से ज्यादा नहीं है।
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2. ताजमहल की सैर (Taj Mahal)
आपकी आगरा ट्रिप के लिए एक दिन काफी है। अपने लव-पार्टनर के साथ खुद मुहब्बत की निशानी(Symbol of Love) ताजमहल देखते हुए दिन बिताने से ज्यादा खूबसूरत क्या हो सकता है?
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3. शिमला (Shimla)
शिमला कई लोगों का फेवरेट विंटर डेस्टिनेशन (Winter Destination) है। यह कई बड़े शहरों से नजदीक भी है। यहां बड़े कैफे और रेस्त्रां भी हैं और वादियां और झरने भी। यहां पर रोमांटिक स्टे (Romantic Stay) आपको तरोताजा कर देगा।
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4. मुन्नार (Munnar)
केरल के मुन्नार में घने चाय के बगानों में आपका अनुभव यादगार रहेगा। चाय से लदी पहाड़ियों पर चढ़ना-उतरना, यहां के जगंल की सैर, पक्षियों का चहचाहट और हरियाली देखकर आपको अद्भुत शांति और ताजगी मिलेगी।
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5. कोल्लम (Kollam)
अष्टमुदी झील और अरब सागर के बीच में स्थित हैं कोल्लम के बैकवॉटर्स (Backwaters of Kollam)। इन बैकवॉटर्स की सैर आपको एक बार तो जरूर करनी चाहिए।
भारत एक बहुत ही विशाल देश है जिसमे अनेकों धर्म, जाति के लोग रहते है जो अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोलते हैं, अनेकों प्रकार का खाना खाते हैं और अनेकों प्रकार के पहनावे पहनते हैं. यह एक ऐसा देश है जो अनेकता में एकता की मिशाल है. इतने धर्म जातियों के बावजूद सभी भारतीय हैं.
पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक कहीं पहाड़ हैं तो कहीं रेगिस्तान तो कहीं पत्थर और समतल. प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ यह देश देसी और विदेशी सैलानियों को खूब भाता है. प्रकृति के साथ ही साथ यहां की ऐतिहासिक इमारतों की सुंदरता भी सैलानियों का मन मोह लेती हैं.
आइये भारत की 10 खूबसूरत जगहों की जानकारी लेते हैं जहां एक बार जाना तो जरूर बनता है.
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दार्जीलिंग (पश्चिम बंगाल): Darjeeling ( West Bengal)
दार्जीलिंग का नाम सुनते ही आपके मन में चाय की खुस्बू आ गयी होगी. आये भी क्यों न, क्यूंकि दार्जिलिंग की चाय सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में खूब पसंद की जाती है. यहां पर भारत की कुल चाय का २५% उत्पादन होता है.
कंचनजंघा की खूबसूरत बर्फीली चोटियां और चाय के हरे भरे बागान आपकी यात्रा को सफल बनाने के लिए पर्याप्त हैं. यहां जाने के लिए सबसे पास का हवाई अड्डा “बागडोगरा” है और “न्यू जलपाईगुड़ी” रेलवे स्टेशन है. स्टेशन और हवाई अड्डे दोनों जगह से दार्जीलिंग तक पहुंचने में कार से लगभग ३ घंटे का समय लगता है. या फिर आप “टॉय ट्रेन” से यहां की खूबसूरती का मजा लेते हुए जा सकते हैं हैं. लेकिन यह यात्रा लगभग ७ घंटे की होगी.
दिल्ली: Delhi
भारत की राजधानी है तो देखने लायक भी बहुत कुछ है. ऐतिहासिक इमारतें, धार्मिक स्थल, बाजार हो या फिर खाने के शौकीनों के लिए दिल्ली किसी जन्नत से कम नहीं है.
ऐतिहासिक इमारतों में लाल किला, पुराण किला, क़ुतुब मीनार और तमाम मकबरे हैं जो आपकी दिल्ली यात्रा को यादगार बना देंगे. अगर आप शॉपिंग के शौक़ीन हैं तो पालिका बाजार, चांदनी चौक, लाजपत नगर, करोल बाग, नेहरू प्लेस आदि अनेको मार्किट हैं जहां आप लेटेस्ट फैशन, या इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खरीददारी कर सकते हैं.
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मुंबई (महाराष्ट्र): Mumbai (maharashtra)
स्वप्न नगरी मुंबई, जहां जाए बिना आपकी भारत यात्रा पूरी नहीं हो सकती. कोई यहां बॉलीवुड के फ़िल्मी सितारों को देखने आता है तो कुछ यहां के मोनुमेंट्स को. गेटवे ऑफ़ इंडिया हो या जुहू बीच या फिर धारावी की झुग्गियां, यहाँ की हर चीज लोगों को आकर्षित करती है. खरीददारी के शौकीनों के लिए यहाँ का चोर मार्किट काफी प्रसिद्द है. श्री सिद्धिविनायक का मंदिर, जहाँ बड़े बड़े फिल्म स्टार सर झुकाने आते हैं या बांद्रा-वर्ली सी-लिंक हो या चौपाटी बीच या हैंगिंग गार्डन्स सभी कुछ यहाँ लोगों को आकर्षित करते हैं.
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जैसलमेर (राजस्थान): Jaisalmer (Rajasthan)
गोल्डन सिटी जैसलमेर अपनी खूबसूरत इमारतों के लिए तो प्रसिद्द है साथ ही रेगिस्तान की सफारी करने वालों की पसंदीदा जगह है. यहां आप रेगिस्तान के सैंड ड्यून्स के बीचोबीच कैम्प में रूककर शहर के शोर-शराबे से दूर अपना समय व्यतीत कर सकते हैं. यहाँ के रेगिस्तान में ऊँट की सवारी करने और राजस्थानी लोक नृत्य देखने दूर – दूर से लोग आते हैं.
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वैली ऑफ़ फ्लावर्स (उत्तराखंड): Valley Of Flowers (Uttarakhand)
सैकड़ों तरह के अनदेखे फूल आपका मन मोह लेंगे. उत्तराखंड की वैली ऑफ़ फ्लावर्स सन 1931 के पहले तक कोई जानता भी नहीं था. लेकिन एक वनस्पति विज्ञानी ने यह जगह 1931 में खोज निकाली. यहां जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी लेकिन यहाँ पहुँच कर आप अपनी थकान भूल जाएंगे.
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ऑली (उत्तराखंड): Auli (Uttarakhand)
स्की के शौकीनों के लिए ऑली किसी स्वर्ग से कम नहीं है. बर्फ के पहाड़ पर स्की करने की तमन्ना हर किसी की होती होती है जो यहां आकर पूरी हो जाती है.
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केरला: Kerala
दक्षिण भारत का स्वर्ग. फोर्ट कोच्ची देखने लायक जगह है. यहां हाउस बोट का मजा भी ले सकते हैं.
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अंडमान Andaman
अंडमान के दीप बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं. हरियाली से भरे ये दीप समूह सैलानियों के लिए काफी आकर्षक जगहों में से है. पोर्ट ब्लेयर और महात्मा गाँधी मरीन नेशनल पार्क यहाँ के मुख्य आकर्षणके केंद्र हैं.
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ताज महल (आगरा): Taj Mahal (Agra)
शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने ताज महल का नाम न सुना हो. प्रेम की निशानी ताज महल को देखने देश और विदेश से लाखों लोग यहां आते हैं.
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गोवा: Goa
छुट्टिया बिताने के लिए गोवा से बेहतर जगह और क्या हो सकती है. यहां के बीच की सुंदरता देखते ही बनती है.
If you are a traveler who loves to visit the different place, then the Caribbean is the best place for you. This region is located near the Gulf of Mexico and northern America. It’s a best place to enjoy your vacations with your family members and friends. The climate is very warm and humid in Caribbean.
Travelers will enjoy great food, entertainment, interesting ports and fascinating pictures of ancient times. Moreover, individuals can take the airline ticket from domestic and international flights of any of the major airlines. By checking all other details like hotels bookings, leisure destinations, etc through online, you can enjoy your holidays in a more enjoyful manner. Through online travel portals, you can even check your best deals as per your needs and desires.
Booking for the flights, hotels and rental cars all together is quite often cheaper than booking each one particularly. Most of these Caribbean travel are available until the mid of the month of December. When the holiday tenure period rise along with high rates. Hence, go for such amazing and wonderful destinations and make your vacations a memorable trip for yourself.
कहीं बाहर घूमने (Outing) जाने का मन किसका नहीं होता लेकिन कई दिन तक का बाहर का खाना पीना आपको रास्ते में बीमार कर सकता है. यात्रा से जुडी कुछ आम बीमारिया होती हैं, जिनसे आप कभी भी संक्रमित हो सकते हैं. इसलिए यात्रा (Travel and Tour) पर निकलने से पहले कुछ सावधानियां वरतनी जरूरी है. आइये इन कुछ टिप्स को जानकर आप यात्रा में बीमारियों से बच सकते हैं.
ट्रैवेलर्स डायरिया:
यात्रा से जुडी यह आम बीमारी है, क्यूंकि बाहर हम खाने – पीने को लेकर लापरवाह हो जाते हैं. ऐसे में यदि 8 घंटे की अवधि में तीन या अधिक बार बुखार या 24 घंटे में पांच या अधिक दस्त हों और इसके साथ जी मिचलाने, उलटी, मरोड़ या मॉल में खून दिखाई दे, तो एंटीबायटिक व डायरियारोधी दवा तुरंत शुरू कर देनी चाहिए. पर्याप्त पेय पदार्थों का सेवन आवश्यक है. बिना बोतल बंद पेय पदार्थ या बर्फ के साथ मिले पेय बिलकुल भी न लें. बिना छिली या पकी फल व सब्जियां न खाएं. ऐसे भोजन से परहेज करें, जो गर्म व पका हुआ न हो. कमरे के सामान्य तापमान पर रखा गया पका भोजन विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है. इस तरह खानपान में आप सावधानी बरतें, तो डायरिया ही नहीं, भोजन से होने वाली अन्य परेशानियों से भी बचे रहेंगे.
मलेरिया:
2000 मीटर से अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों को छोड़कर मलेरिया की आशंका लगभग हर जगह होती है. मलेरिया के अधिकाँश मामले मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिसा, गुजरात, राजस्थान, भीहार व कर्णाटक के वनीय क्षेत्रों में सामने आते हैं. ऐसे में कीटों से सुरक्षा के लिए कोई दवा जरूर ले लें. ऐसी जगहों पर लम्बी बाजू वाली कमीजें, पैंट व जूते पहनें. कीटरोधी क्रीम खुली त्वचा पर लगाएं. अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कपड़ों व बिस्तर के नेट्स पर परमेथ्रिन वाले यौगिक लगाएं.
ऊँचाई से डर (अल्टीट्यूड सिकनेस):
यह रोग उन यात्रियों को हो सकता है, जो 2500 मीटर से अधिक ऊंचाइयां तेजी से चढ़ते हैं. ऐसीटाजोलामाइड इसके लिए पसंदीदा दवा है, लेकिन ये गर्भवती महिलाओं को या उन लोगों को नहीं दी जानी चाहिए, जो सल्फा एलर्जी से पीड़ित हों. इसके विकल्प के रूप में दिन में डॉक्टर की सलाह पर चार बार डेक्सामीथासोन 4mg ली जा सकती है.
स्वाइन फ्लू:
इसके लिए खांसते या छींकते समय अपने नाक व मुंह को रुमाल से ढकना चाहिए. रोग को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हांथों को साबुन व पानी से धोना चाहिए.
सामान्य सलाह:
सभी दवाइयां, उनकी मूल पैकिंग और पर्याप्त मात्रा में स्पष्ट लेबलिंग करके अपने साथ लानी चाहिए. सभी दवाइयों को हाथ के सामान में पैक करें. यदि आपको कुछ एलर्जी या क्रोनिक समस्याएँ हैं, तो मेडिकल एलर्ट ब्रेसलेट डालें या इसके लिए एक कार्ड अपने पास रखें. बच्चों के साथ यात्रा करने से पहले वहाँ के चिकित्सकों व अस्पतालों के संपर्क नंबर अपने पास जरूर रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आपको कहीं भटकना न पड़े.
साभार: रूपायन
द्वारा: डॉ. ए. के. सिंह, फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज