लोगों के शौक भी अजीब होते हैं. फिर उसमे फैशन डिजाइनिंग का तड़का लग जाए तो फिर कहने ही क्या. तो फिर हमने भी इंटरनेट खंगाला और ऐसी फोटोज ढूंढ कर लाये हैं जो पत्तियों और फूलों की बनी हैं.
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तरबूज के छिलकों को भी नहीं छोड़ा
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नोटों की कमी नहीं है इनके पास
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पत्ता गोभी की बनी ड्रेस तो अच्छी भी लग रही है
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लहसुन प्याज को तो छोड़ दो खाने के लिए
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ऐसी ड्रेस देखकर कहीं बकरी पीछे पड़ गयी तो?
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केले के पत्ते पर तो दक्षिण भारत में खाना खाया जाता है
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झालर से घर सजाने के बजाये इन्होने खुद को ही सजा लिया
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आम के पत्तो की झालर तो हमारे देश में दरवाजे पर टांगते हैं
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ऐसे भरवां पत्ते देखे हैं कभी?
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इनका फैशन डिजाइनर कौन है भाई?
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बगल के खेत से ही पत्तियां तोड़कर लगा ली हैं ड्रेस पर
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सूरजमुखी का फूल भी शर्मा जाए ऐसी अदा पर (Sunflower Dress)
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पत्तों से लदा हैंगिंग गार्डेन (Hanging Garden) Funny Dresses
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OMG!! छाते को भी नहीं छोड़ा
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सर से लेकर पाँव तक तुम पत्तों का ढेर लगती हो
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अब ये हैं सूखे पत्तों का ढेर
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पतझड़ के पत्तों का सदुपयोग
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कुछ लोग तो गाय और बकरी का इन्तजार कर रहे हैं (Waiting for Animals)
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पतझड़ सावन बसंत बहार, एक बरस में मौसम चार..
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फूलों का तारों का सबका कहना है..
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सुपरमैन, स्पाइडरमैन.. के बाद अब हाजिर हैं पत्तामैन
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आधी फोटो देखने पर तो घास का टीला लगता है
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अच्छे से देखभाल करना, नाजुक फूल हैं कहीं सूख न जाएँ
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हरी-भरी पत्तागोभी की खेती
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पत्तियों के ढेर में यह लड़की क्या कर रही है?
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छोटी सी, प्यारी सी…
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एक थी कैट वुमन, अब आयी हैं ट्री वुमन
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बेचारी बीछ वाली.. सड़ी पत्तियां मिली लेकिन वो भी कम पड़ गयीं
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फिर दुबारा!! चलो कोई नहीं
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बढ़िया है
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पता लगाओ ये ड्रेस कौन सा शोरूम बेच रहा है?
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नर्सरी तो अच्छी लागे है
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अंत में एक सन्देश:
हरा खाइये, हरा पहनिए लेकिन साथ ही धरती को हरा-भरा रखिये!
अब भी वक्त है, सुधर जाओ. प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ अच्छी नहीं, कहीं प्रकृति ने आप के साथ छेड़छाड़ कर दी तो लेने के देने पड़ जायेंगें. वैसे भी यह साल 2020 चल रहा है.
सूखा और बाढ़ के बाद उत्तर भारत में लगातार भूकंप के झटके, और कोरोना को तो भूल ही नहीं पाओगे. प्रकृति का सन्देश समझो…
गैलरी को देखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
अपने विचार कमेंट में जरूर व्यक्त करें.
उत्तराखंड सरकार ने अनलॉक 2.0 (Unlock 2.0) के दौरान पर्यटन (Tour and Travel) उद्योग को राहत दी है। साथ ही सरकार ने राज्य के बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं।
महेश पांडे, देहरादून
उत्तराखंड में अनलॉक दो में राज्य सरकार ने पर्यटन उद्योग और आम लोगों को काफी रियायतें दी हैं। अब उत्तराखंड (Uttarakhand) में रेस्टोरेंट रात नौ बजे तक खुलेंगे। साथ ही सरकार ने शॉपिंग मॉल्स और होटलों पर से भी प्रतिबंध हटा लिया है। वहीं शादी या सगाई समारोह में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को अब क्वांरटीन में नहीं रहना पड़ेगा।
राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने हाल ही में अनलॉक-2 के तहत दिशा-निर्देश जारी किए थे। हालांकि सैलानियों व अन्य लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) समेत अन्य नियमों का पालन जरूर करना होगा।
पर्यटन उद्योग को बड़ी राहत
अनलॉक-2 में सरकार ने पर्यटन उद्योग (Travel Industry) को बड़ी राहत दी है। सैलानियों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति दी गई है। हालांकि दूसरे राज्यों से आने वाले सैलानियों को स्मार्ट सिटी वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
सैलानियों को राज्य में आने के लिए किसी तरह के परमिट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन सीमा चेक पोस्ट पर उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन दिखाना होगा। पर्यटकों को राज्य में प्रवेश करने से 72 घंटे पहले तक कराए गए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट अपने साथ रखनी होगी, जिसमें उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई हो।
साथ रखना होगा कोरोना टेस्ट रिपोर्ट
उत्तराखंड आने के लिए किए रजिस्ट्रेशन कराते समय इस रिपोर्ट को भी संलग्न कराना होगा। होटल (Hotels) अथवा होम-स्टे (Homestay) में ठहरने वाले यात्रियों को होटल प्रबंधन रूम सर्विस के रूप में शराब भी सर्व कर सकता है, लेकिन होटल में बने बार को खोलने की अनुमति नहीं होगी।
बिना कोरोना वायरस टेस्ट कराए आने वालों को न्यूनतम 7 दिनों तक होटल में ठहरना होगा और उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
होम-स्टे और होटल्स को भी छूट
होटल व होम-स्टे में दी गई छूट का जिक्र भी गाइडलाइन में किया गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश में होटल और सेवा क्षेत्रों को खोलने की छूट रहेगी। बशर्ते यह कंटेनमेंट जोन के बाहर हो और यहां आने वालों की बुकिंग न्यूनतम 7 दिनों के लिए की जाएगी।
आने से 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट कराने वालों पर यह बाध्यता लागू नहीं होगी। जिला प्रशासन चेक पोस्ट में इनकी मेडिकल रिपोर्ट की सत्यता की जांच करेगा। होटल प्रबंधन को पूर्व में जारी की गई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) का अनुपालन करना अनिवार्य होगा।
मॉल व रेस्टोरेंट को रखना होगा ग्राहकों का रिपोर्ट
विशिष्ट लोगों के सपोर्ट स्टाफ को भी क्वारंटीन रहने से छूट रहेगी। सरकारी काम के लिए के लिए अंतरराज्यीय यात्रा करने वाले केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, सभी न्यायालय के जज, सरकारी वकील, सांसद, विधायक और सरकारी अधिकारियों को उनके सपोर्ट स्टाफ के साथ क्वारंटीन से छूट रहेगी।
इन सभी को सुरक्षा और शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। शॉपिंग मॉल व रेस्टोरेंट को आने वाले ग्राहकों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा।
रेस्टोरेंट खुलने का समय होगा फिक्स
प्रदेश के सभी रेस्टोरेंट्स को सुबह 7:00 से रात 9:00 बजे तक संचालन में अनुमति होगी। रेस्टोरेंट में भी ग्राहकों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा, जिसमें उनके आने और जाने का समय भी शामिल है।
शॉपिंग मॉल सुबह 7:00 से रात 8:00 बजे तक खुल सकेंगे। शॉपिंग मॉल के रेस्टोरेंट को 9:00 बजे तक खोलने की अनुमति होगी। मॉल में 1 दिन में 50 फीसदी दुकान ही खुलेंगी। जिला प्रशासन मॉल प्रबंधन से विचार-विमर्श कर यहां प्रतिदिन आने वालों की संख्या भी नियत कर सकता है।
हवाई सफर को भी अनुमति
सरकार ने उड़ान योजना के तहत प्रदेश के भीतर हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर के संचालन को भी अनुमति प्रदान कर दी है। इसमें सफर करने के दौरान और बाद में यात्रियों को तय गाइडलाइन का पालन करना होगा ।
शादी और सगाई आदि समारोह के लिए बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल्स को खोलने की अनुमति भी प्रदान की गई दी है।
बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल के प्रबंधकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि शादी समारोह में शिरकत करने वालों की संख्या 50 से अधिक न हो। शादी में शामिल होने के लिए बाहर से आने वाले गैर संक्रमित लोगों को होटल में न्यूनतम दिन तक के रुकने के नियम से छूट रहेगी, बशर्ते वे तय मानकों का अनुपालन करें।
शादी में जाने वालों के लिए छूट
शादी और सगाई आदि के लिए बैंक्वेट, कम्युनिटी हॉल के लिए जारी अनुमति में स्पष्ट किया गया है कि समारोह में शामिल होने वाले सभी लोगों से उनके निवास स्थान व शादी के स्थल के बारे में जानकारी देता हुआ शपथ पत्र बैंक्वेट और कम्युनिटी हॉल वाले को लेना होगा।
जहां कर्मचारियों और शादी में शिरकत करने वालों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
यहां आने वाले सभी लोगों का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। शादी में शिरकत करने वालों को अपने अथवा अन्य वाहन से घर जाते समय रात्रि कर्फ्यू के मानकों में छूट रहेगी।
बॉलिवुड हो या हॉलीवुड, पुराने समय से ही काफी ऐक्टर्स ऐसे हैं जो अपने स्क्रीन नाम से पहचाने जाते हैं. आप में से बहुत से लोगों ने इनके असली नाम सुने भी नहीं होंगे. ये एक्टर्स अपनी छवि या नक्षत्र बदलने के लिए नाम बदल लेते हैं या स्पेलिंग चेंज कर लेते हैं.
ज्यादातर बॉलिवुड ऐक्टर्स के असली नाम कुछ और होते हैं। इनमें से कुछ नाम बड़े दिलचस्प हैं.
आज हम आपको ऐसे ही कुछ फेमस बॉलिवुड ऐक्टर्स के असली नाम बताते हैं जो आप नहीं जानते होंगे। आइए, जरा देख लीजिए कि आपके फेवरिट ऐक्टर का क्या है असली नाम.
केट मिडलटन (Kate Middleton) से लेकर सऊदी अरब की राजकुमारी अमीरा तक, उन महिलाओं को देखें जिन्होंने शाही दर्जा प्राप्त किया था, या शाही घराने में पैदा हुए। ये शाही महिलाएं बेहद खूबसूरत हैं।
1. लेटिज़िआ स्पेन की वर्तमान रानी हैं Queen Letizia of Spain
2. जॉर्डन की रानी रानिया Queen Rania of Jordan
3. अमीरा अल-तवील सऊदी से Princess Ameerah Al-Taweel, Saudi Arabia
4. लक्समबर्ग की राजकुमारी एलेक्जेंड्रा Princess Alexandra of Luxembourg
5. ग्रेस केली Princess Grace Kelly of Monaco
मोनाको की राजकुमारी थी जो हॉलिवुड अभिनेत्री के रूप में भी काफी लोकप्रीय हुई थीं।
6. शार्लोट कैसिरगाही, हनोवर की राजकुमारी Charlotte Casiraghi Princess of Hanover
7. लेडी अमेलिया विंडसर Lady Amelia Windsor, relative of the British royal family
लेडी अमेलिया सोफिया थियोडोरा मैरी मार्गरेट विंडसर एक अंग्रेजी फैशन मॉडल और ब्रिटिश शाही परिवार की रिश्तेदार है।
8. कैथरीन Catherine Middleton, Duchess of Cambridge
राजकुमार विलियम, कैम्ब्रिज के ड्यूक की पत्नी हैं।
9. राजकुमारी सोफिया Princess Sofia of Sweden
राजकुमार कार्ल फिलिप से शादी करने और 2015 में स्वीडन की राजकुमारी बनने से पहले, सोफिया एक ग्लैमर मॉडल और रियलिटी टेलीविजन प्रतियोगी थी।
10. कैथरीन ऑक्सेनबर्ग Catherine Oxenberg of Yugoslavia
यूगोस्लाविया की राजकुमारी एलिजाबेथ और हॉवर्ड ऑक्सबर्ग की बेटी हैं।
11. स्वीडन की राजकुमारी मेडेलीन Princess Madeleine of Sweden
12. चार्लीन, मोनाको की राजकुमारी Charlène of Monaco
13. जेटसुन पेमा Jetsun Pema, Queen of Bhutan
भूटान की रानी कंसोर्ट है, जो राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक की पत्नी है।
14. हया बिन्त हुसैन Princess Haya Bint Al-Hussein, Jordan
जिसे आमतौर पर जॉर्डन की राजकुमारी हैया के रूप में जाना जाता है
15. लेडी गैब्रीला किंग्स्टन Gabriella Kingston
वह केंट के राजकुमार और राजकुमारी माइकल की बेटी हैं।
16. डायना, वेल्स की राजकुमारी Diana, Princess of Wales
17. राजकुमारी सिरीवनवारी नरिरत्न थाईलैंड की राजकुमारी Princess Sirivannavari Nariratana of Thailand
18. ग्रीस और डेनमार्क की राजकुमारी तातियाना Princess Tatiana of Greece and Denmark
19. ज़ारा फ़िलिप्स Zara Phillips
वे एलिजाबेथ की नातिन हैं।
20. विक्टोरिया, क्राउन प्रिंसेस ऑफ स्वीडन Victoria, Crown Princess of Sweden
21. नीदरलैंड की रानी माक्सिमा Queen Máxima of the Netherlands
22. यासमीन पहलवी, ईरान की क्राउन राजकुमारी Yasmine Pahlavi, Crown Princess of Iran
23. मैरी, डेनमार्क की क्राउन प्रिंसेस Mary, Crown Princess of Denmark
24. नॉर्वे की राजकुमारी मर्था लुईस Princess Märtha Louise of Norway
25. यूगोस्लाविया की राजकुमारी एलिजाबेथ Princess Elizabeth of Yugoslavia
26. कैरोलिन, हनोवर की राजकुमारी Caroline Princess of Hanover
27. मेटे-मैरिट, नॉर्वे की क्राउन राजकुमारी Mette Marit of Norway
28. थियोडोरा, ग्रीस और डेनमार्क की राजकुमारी Theodora of Greece and Denmark
29. पॉलीन मोनाको की राजकुमारी Pauline Ducruet of Monaco
30. नूर अल-हुसैन जॉर्डन की रानी Noor Al Hussein of Jordan
31. लक्समबर्ग की राजकुमारी क्लेयर Claire Lademacher of Luxemburg
32. प्रिंसेस माको ऑफ जापान Japan’s Princess Mako
33. प्रिंसेस मारिया-ओलिम्पिआ, ग्रीस और डेनमार्क की राजकुमारी Marie-Chantal, Olympia of Greece
34. मेगन मर्केल Meghan Markle, Duchess of Sussex
35. मोरक्को की राजकुमारी लल्ला सलमा Princess Lalla Salma of Morocco
36. मारिया थेरेसिआ Maria Theresia von Thurn und Taxis
37. नाइजिरिआ की राजकुमारी किशा ओमिलाना Princess Keisha Omilana of Nigeria
38. एलिजाबेथ Elisabeth von Thurn und Taxis
39. युबोलरतना Princess Ubolratana of Thailand
40. क्लोटिड कोरु Clotilde Courau, Princess of Venice and Piedmont
41. मफलदा सेसिलिआ Princess Mafalda Cecilia Saxe-Coburg of Bulgaria
42. स्टेफनी दे लान्नोय Stéphanie de Lannoy, Duchess of Luxembourg
फिल्में बनाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। इस काम में लंबा वक्त लगता है। कई लोगों की कड़ी मेहनत लगती है। तब जाकर एक फिल्म सिल्वर स्क्रीन पर पहुंच जाती है। लेकिन ये प्रोसेस कई बार इतना मुश्किल हो जाता है कि अच्छी-अच्छी फिल्में सिल्वर स्क्रीन पर नहीं पहुंच पाती है। ऐसे ही फिल्मों की एक लिस्ट हम आपके लिए लेकर आए हैं। इन फिल्मों को बनाने के लिए टीम ने काम तक करना शुरू कर दिया था। लेकिन फिर किसी न किसी वजह के चलते ये फिल्म बॉक्स ऑफिस का मुंह नहीं देख सकी। खास बात ये है कि इस लिस्ट में अकेले अमिताभ बच्चन की ही तीन फिल्में है। पढ़ें-
Image Credits: The Indian Wire
शूबाइट (Shoebite)
इस फिल्म को पिंक फेम निर्देशक शूजित सरकार बनाने वाले थे। फिल्म की शूटिंग भी पूरी हो चुकी थी। लेकिन फिल्म के कंटेंट कॉपीराइट को लेकर मामला कोर्ट तक पहुंच गया और ये फिल्म आज तक रिलीज नहीं हो पाई है। इस फिल्म की रिलीज के लिए तो खुद बिग बी बेकरार हैं और वो अतीत में निर्माता-निर्देशकों से मामला सुलझाकर जल्दी इसे पूरा करने की अपील कर चुके है।
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तालिस्मान (Taalismaan)
अमिताभ बच्चन की एक और फिल्म तालिस्मान भी इस लिस्ट में शामिल है। इस फिल्म को निर्माता-निर्देशक विधू विनोद चोपड़ा बनाने वाले थे। फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी थी और मेकर्स ने टीजर तक रिलीज कर दिया था। लेकिन फिर आर्थिक दिक्कतों के चलते ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई।
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पावर (Power)
अजय देवगन स्टारर इस फिल्म में भी बिग बी अहम रोल में थे। इस फिल्म में एक्टर अजय देवगन निगेटिव किरदार निभाने वाले थे। इस फिल्म में इन दोनों स्टार्स के अलावा अनिल कपूर और संजय दत्त जैसे जबरदस्त स्टार्स थे। लेकिन फिल्म आधी ही छूट गई और रिलीज नहीं हो पाई।
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दस (Dus)
सिर्फ अमिताभ बच्चन ही नहीं, संजय दत्त की भी ये दूसरी फिल्म है जो रिलीज नहीं हो पाई। इस फिल्म को जोर-शोर से लाने की तैयारी थी लेकिन फिर अचानक फिल्म की शूटिंग के बीच ही निर्देशक मुकुल आनंद का निधन हो गया और फिल्म आधी-अधूरी बंद डिब्बे में चली गई।
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कुची कुची होता है (Koochie Koochie Hota Hai)
कुछ कुछ होता है के ब्लाॉकबस्टर होने के बाद करण जौहर इस फिल्म को एनिमेटेड वर्जन में भी लाना चाहता थे। इस फिल्म का भी काफी काम पूरा हो चुका था। लेकिन ये फिल्म भी रिलीज नहीं हो पाई।
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टाइम मशीन (Time Machine)
अगर ये फिल्म बनती तो दूसरी बात दर्शकों को दर्शकों को 90 के दशक में एक और जबरदस्त साई-फाई फिल्म देखने को मिलती। इस फिल्म को शेखर कपूर बनाने वाले थे मिस्टर इंडिया जैसी जबरदस्ट हिट फिल्म बना चुके है। लेकिन ये फिल्म पूरी न हो सकी और रिलीज का मंह देखते हुए बंद हो गई।
“जिन्दा कौमें पांच साल तक इन्तजार नहीं करतीं ” मुलायम सिंह यादव के गुरु डॉ. राम मनोहर लोहिया का यह वाक्य उनका जीवन मंत्र बन गया.
इस मूल मन्त्र के चलते मुलायम सिंह देश के सबसे बड़े राजनीतिक नेताओं में से एक बने.
मुलायम सिंह यादव, इटावा जिले के एक छोटे से गाँव सैफई में एक किसान के घर पैदा हुए और देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नेता बनने के लिए मुश्किल परिस्थियों को कैसे अपने अनुकूल बनाया। एक बहुत ही गरीब पृष्ठभूमि से होने के कारण उनके पिता चाहते थे कि वह एक पहलवान बनें, लेकिन उन्हें कुछ बड़ा ही करना था।
कुश्ती प्रतियोगिता में एक स्थानीय राजनीतिक नेता नाथूराम की नजर इस युवा लड़के पर पड़ी जब उसने अपने से आकर में दोगुने शरीर वाले पहलवानों को पटक दिया.
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नाथूराम ने इस मजबूत इरादों वाले लड़के को देखा और उसे राजनीति में प्रवेश करने का पहला मौका दिया। नाथूराम ने करहल में एक अंग्रेजी शिक्षक के रूप में नौकरी करने में भी उनकी मदद की लेकिन उनका मुख्य ध्यान राजनीति ही रहा।
यह उसकी किस्मत है कि उस समय के देश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक डॉ. राम मनोहर लोहिया का उन्हें साथ मिला. किसानो, अल्पसंख्यकों और अन्य सामाजिक न्याय के मुद्दों की समानता के प्रति लोहिया के दृढ़ विश्वास ने मुलायम सिंह यादव को काफी प्रभावित किया.
जिन्होंने उनके बाद के राजनीतिक कैरियर को एक दिशा प्रदान की. लोहिया के जीवन में आने के बाद भारत के पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह, जिनसे उन्होंने राजनीति की बारीकियां सीखीं
और इसके बाद धीरे – धीरे मुलायम सिंह यादव यूपी की राजनीति में एक बड़ा नाम बन गए, वे चौधरी चरण सिंह के राजनीतिक उत्तराधिकारी भी माने जाते थे. नाथूराम, राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह 3 ऐसे स्तंभ थे जिन्होंने मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक जीवन को तैयार किया और उन्हें आकार दिया.
एक प्राथमिक विद्यालय में एक अंग्रेजी शिक्षक से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक, यह एक ऐसे व्यक्ति की यात्रा है जो आपातकाल के समय 19 महीने तक जेल में रहा था. यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे उस दिन गोली मार दी गई थी जब उसने अपना पहला चुनाव जीता था.
यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसने कुश्ती और दिग्गजों के बीच अपना रास्ता खुद बनाया. मुलायम सिंह यादव ने अपने पहलवानी के “चरखा दांव” जब राजनीति में चलाये तो अच्छे – अच्छे राजनीतिज्ञ धराशाही हो गए.
जब पूंजीवाद और नौकरशाही राजनीति के मुख्य स्तंभ थे, तो उन्होंने आकर राजनितिक परिदृश्य बदला. उन्होंने गरीब पिछड़ों और किसानो की राजनीति शुरू की, और विकास की सड़के और पुलों से गाँवों को जोड़ दिया. यहीं से उन्होंने बड़े राजनीतिक दलों और बड़े नामों के खेल को बदल दिया.
आलोचनाओं से परे यह एक गरीब किसान पुत्र की प्रेरक कहानी है जो राज्य ही नहीं बल्कि देश के सर्वोच्च नेताओं में शुमार हो गया.
कोरोना वायरस की वजह से ख़बरें और सोशल मीडिया इसकी न्यूज से भर गयी हैं. इस वायरस की वजह से लोगों ने भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाना कम कर दिया है. सरकार ने भी इसके लिए सुरक्षा के काफी इंतजाम किये हैं और लोगों को घरों में रहने की सलाह दी है.
तो घर पर बैठ कर क्या करें?
तो आइये हम लाये हैं दुनिया के 13 वर्चुअल ट्रेवल डेस्टिनेशंस जो आपको इस तनाव भरे माहौल से कुछ राहत प्रदान करेंगे और साथ ही आपकी जानकारी भी बढ़ाएंगी.
1. Virtual Tour of the Grand Canyon
Image Credit: Choice Hotels
आप एक पुरातत्व आभासी दौरे पर 360 डिग्री तस्वीरों के माध्यम से ग्रैंड कैन्यन देख सकते हैं, प्रसिद्ध फैंटम रैंच में पृथ्वी के बदलाव को देख सकते हैं, या राफ्टिंग यात्रा पर कोलोराडो नदी में तैर सकते हैं।
Take an online virtual tour here: Grand Canyon Virtual Tour
15 वीं शताब्दी में निर्मित माचू पिचू, पेरू के एंडीज पहाड़ों में स्थित है। यहाँ की यात्रा के पहाड़ी दृश्यों, लामा दर्शन और पुराने खंडहरों के अवशेष आपको आश्चर्यजनक रूप से अचंभित कर देंगे.
Take an online virtual tour here: Machu Picchu Virtual Tour
वेटिकन सिटी में अपोस्टोलिक पैलेस में स्थित, सिस्टिन चैपल एक प्रसिद्ध है दर्शनीय स्थल है जिसका इंटीरियर देखने लायक है. सामान्यतः द सिस्टिन चैपल में भीड़ होती है, और सभी कलाकृतियों को देखना मुश्किल हो सकता है।
Take an online virtual tour here: Sistine Chapel Virtual Tour
यरूशलेम तीन धर्मों का घर है: यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम। यरूशलेम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है इजरायल का हौली सेपल्चर चर्च. इस धार्मिक स्थल के बारे में कहा जाता है कि यहाँ पर यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था, यहीं पर यीशु की खाली कब्र स्थित है.
Take an online virtual tour here: Jerusalem Virtual Tour
वाशिंगटन, डीसी, की यात्रा करने का यह सही समय नहीं है, लेकिन आप अभी भी व्हाइट हाउस का वर्चुअल टूर कर सकते हैं. व्हाइट हाउस स्टाफ कार्यालय जहां वेस्ट विंग के बगल में स्थित आइजनहावर कार्यकारी कार्यालय भवन स्थित है, एंट्रेंस हॉल, क्रॉस हॉल, ईस्ट रूम, ग्रीन रूम, ब्लू रूम, रेड रूम, स्टेट डाइनिंग रूम, वर्मील रूम, चाइना रूम, ईस्ट गार्डन रूम और बहुत कुछ देखने का अवसर है।
Take an online virtual tour here: White House Virtual Tour
न्यूयॉर्क शहर का सोलोमन आर. गुगेनहाइम संग्रहालय देश के फ्रैंक लॉयड राइट के आर्किटेक्चर में से सबसे आश्चर्यजनक है। इसके इंटीरियर में सफेद सर्पाकार रैंप पर नीचे से ऊपर चलते हुए आप इसका आनंद उठा सकते हैं.
Take an online virtual tour here: Virtual Tour of Guggenheim Museum
स्मिथसोनियन नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री दुनिया में सबसे अधिक देखे जाने वाले संस्थानों में से एक है जहाँ पर १२५ मिलियन से ज्यादा कलाकृतियां उपस्थित हैं.
Take an online virtual tour here: Virtual Tour of Smithsonian National Museum
यह म्यूजियम दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजियम है. यहाँ पर 35000 से ज्यादा कलाकृतियां हैं जिसमें लियोनार्डो दा विंची की मोनालिसा (Mona Lisa) की कलाकृति भी है.
Take an online virtual tour here: The Louvre Virtual Tour
रोसेटा स्टोन, ग्रीक फूलदान, मिस्र की ममियां, ईस्टर आइलैंड की मूर्ति, एज़्टेक डबल हेडेड सर्प मूर्तिकला, और कई अन्य कलाकृतियाँ, इस ब्रिटिश संग्रहालय के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से हैं.
Take an online virtual tour here: British Museum Virtual Tour
यह म्यूजियम एम्स्टर्डम में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला म्यूजियम है. कला के इस नमूने को वर्चुअल देखने के लिए यहाँ क्लिक करें: Rijksmuseum Museum Virtual Tour
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना जो दुनिया की सबसे लम्बी दिवार है, पहाड़ों, जंगलों, जलाशयों और रेगिस्तान में होती हुई 13,000 मील तक फैली है। इसे बनाने में कई राजवंशों को सैकड़ों साल लग गए.
Take an online virtual tour here: Great Wall of China Virtual Tour
क़ुतुब मीनार के बारे में कौन नहीं जनता. यह दिल्ली के महरौली में स्थित ईंट से बानी दुनिया की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊँचाई 72.5 मीटर और व्यास 14.3 मीटर है.
तो आइये इसका भी वर्चुअल टूर कर ही लेते हैं.
अमीषा पटेल, उदित नारायण, धीरज कुमार, प्रेम चोपड़ा और अन्य ने ड्रीम अचीवर्स अवार्ड्स प्राप्त किया.
नाना नानी फाउंडेशन के संस्थापक श्याम सिंघानिया और फिल्म टुडे के संस्थापक और संपादक राजेश श्रीवास्तव ने पहले ड्रीम अचीवर्स अवार्ड्स में फ़िल्मी सितारों और समाजसेवियों को सम्मानित किया. महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी अवार्ड फंक्शन में मुख्य अतिथि थे.
जीडी बख्शी (सेवानिवृत्त मेजर जनरल), बोलके जिंगुबाई (सामाजिक कार्यकर्ता), ऋचा चड्डा (अभिनेत्री), पद्मश्री डॉ. सोमा घोष (शास्त्रीय गायक), शाहिदा गांगुली (एनकाउंटर स्पेशलिस्ट, एसीपी), दीपक गुप्ता (कवि), पाखी हेगड़े ( अभिनेत्री), धीरज कुमार (अध्यक्ष क्रिएटिव आई लिमिटेड), वासु मंथेना (सामाजिक कार्यकर्ता), उदित नारायण, अमिशा पटेल, सुमित्रा पाटिल (उप आयुक्त जीएसटी), राजू कारिया, प्रेम चोपड़ा, डा सामंत सामाजिक कार्यकर्ता चुंबन विश्वविद्यालय, सिन्धुताई सपकाल (सामाजिक कार्यकर्ता), ब्रह्मानंद सिंह (निदेशक), संग्राम सिंह (भारतीय पहलवान और अभिनेता), ज्योतिका तंगरी (गायक), राम शंकर (गायक), हेमंत टांटिया (संयुक्त आयुक्त कस्टम), स्नेहा शंकर (गायक), सुरेंद्र पाल और अन्य ने इस पुरस्कार में भाग लिया.
नाना नानी फाउंडेशन एक पब्लिक चैरिटी ट्रस्ट है जो मुंबई में नाना नानी पार्क का देखभाल करती है और सीनियर सिटीजन का भी ख्याल रखती है. फिल्म्स टुडे मैगज़ीन ने भी इस साल दस वर्ष पूरे कर लिये हैं.
क्या आपको स्नोफॉल (Snowfall) यानी बर्फबारी पसंद है? अगर हां, तो इन सर्दियों में आपके पास बर्फबारी का मज़ा लेने का पूरा मौका है और वह भी दिल्ली के आस-पास के इलाकों में। चौंकिए मत, आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी हो रही है और ये जगहें दिल्ली के आस-पास ही स्थित हैं:
Image Credit: Treebo
मनाली
हिमाचल प्रदेश में स्थित मनाली (Manali) शहर में इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है। मॉल रोड से लेकर रोहतांग दर्रा बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। रोहतांग में करीब 3 फीट तक की बर्फबारी हुई है।
जब बात हो दिल्ली के पास स्थित ऐसी जगह की जहां बर्फबारी का पूरा आनंद लिया जा सके, तो उसमें शिमला (Shimla) का नाम भी आता है। शिमला में 12 से 14 नवंबर के बीच जमकर बर्फबारी हुई है और पूरा शहर बर्फ की सफेद चादर से पट गया है। बर्फबारी का मज़ा लेने के अलावा आप यहां अडवेंचरस ऐक्टिविटीज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं।
उत्तराखंड में स्थित औली (Auli) बर्फबारी और स्कीइंग के लिए काफी मशहूर है। इतना ही नहीं यहां दुनिया का सबसे ऊंचा मानव निर्मित लेक भी है। इस साल अक्टूबर में औली में जमकर बर्फबारी हुई है। आप चाहे तो बर्फ का मजा लेने के लिए औली भी जा सकते हैं। औली जाने के लिए नवंबर से दिसंबर तक का महीना एकदम पर्फेक्ट है।
बर्फबारी या हिमपात के मामले में कौसानी भी पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। बर्फबारी का मजा लेने के लिए वैसे तो जनवरी का महीना बेस्ट है, लेकिन आप चाहें तो नवंबर-दिसंबर में भी कौसानी का प्लान बना सकते हैं।
दिल्ली से करीब 800 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहलगाम की छटा बर्फबारी के दौरान देखने वाली होती है। पहलगाम, पीर की गली, द्रास सेक्टर जैसी कई जगहों पर इस सीजन की पहली बर्फबारी जारी है, जिसके बाद यहां का मौसम और भी खुशनुमा हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग और गुलमर्ग भी ताजा बर्फबारी से ढक गए हैं। बुधवार को पहलगाम में 1.3 डिग्री और गुलमर्ग में 0 से 3 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया।
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नारकंडा
वहीं हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल नारकंडा में भी बर्फबारी जारी है। वहां इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है और पारा शून्य से भी नीचे जा पहुंचा है।
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संगला घाटी और कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के ही एक और खूबसूरत जिले किन्नौर की संगला घाटी में भी इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिसके बाद वहां का नज़ारा कुछ ऐसा हो गया है। लाहौल स्पीति और कुल्लू के अलावा हिमाचल प्रदेश के कई इलाके भारी बर्फबारी के बाद सफेद चादर से ढक गए हैं।
भारत में पर्यटकों के पसंदीदा जगहों में से एक है राजस्थान। जंगल, महल, रेगिस्तान और कला-संस्कृति- यहां सबकुछ देखने के लिए मिलता है। पर्यटकों के दिमाग में राजस्थान की एक पारंपरिक छवि है। राजस्थान के बारे में सुनते ही सबसे पहले दिमाग में ऊंट-रेगिस्तान या फिर शाही महलों की तस्वीर आती है। इन्हीं तस्वीरों के चलते कई लोग यहां कई भ्रांतियों को लेकर घूमने आते हैं। आपको ऐसी ही कुछ बातें बताते हैं जो राजस्थान जाने से पहले आपको अपने दिमाग से पूरी तरह निकाल देना चाहिए।
राजस्थान के बारे में कहानियों और इतिहास में लोगों ने राजपूतों के बारे में खूब पढ़ा-सुना है। शायद इसलिए जब हम राजस्थान जाते हैं तो वहां हर किसी को राजपूत समझने लगते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं है। राजस्थान में अन्य जातियों के लोग भी देश के अन्य हिस्सों की तरह ही रहते हैं।
राजस्थान का मतलब रेगिस्तान नहीं है। पश्चिमी राजस्थान में रेगिस्तान है। इसके अलावा राजस्थान के अन्य हिस्से देश के किसी भी अन्य सामान्य शहर की तरह ही हैं।
अगर आपने राजस्थान को सिर्फ टीवी या फिल्मों में देखा है तो आपके दिमाग में शाही महलों की छवि होगी। आपको बता दें राजस्थान में शाही परिवारों का रुतबा अब भी है लेकिन इनके अलावा आम जनता सामान्य ढंग से अपने मकानों में ही रहती है। इसलिए यहां हर जगह महल देखने की उम्मीद न रखें।
यहां के लोकल लोगों की बोली या टोन से आहत न हों। पूर्वी राजस्थान के लोग सामान्य रूप से कड़ी और ऊंची आवाज में बात करते हैं। इसका यह मतलब नहीं है कि वे आपपर गुस्सा हो रहे हैं।
राजस्थान के लोग सामान्य तौर पर पारंपरिक परिधान ही पहनते हैं। बाहर से आने पर हो सकता है कि जीन्स या टी-शर्ट पहनना आपके लिए सामान्य हो लेकिन अनचाहे अटेंशन से बचने के लिए आप एथनिक कपड़े पहनकर घूमें तो बेहतर होगा।
अगर आप राजस्थान में हैं तो पानी बर्बाद करना भूल जाएं। यहां पानी की कमी तो है ही साथ ही यहां के लोग पानी के महत्व को बखूबी समझते हैं और कई लोग तो पानी के मटके की पूजा भी करते हैं। ऐसे में आपका पानी बर्बाद करना उन्हें नाराज कर सकता है।