Author: Sunita

  • एक सवाल, सवाल क्यों नहीं करते? सवाल करो, पूंछो – हिंदी कविता

    एक सवाल, सवाल क्यों नहीं करते? सवाल करो, पूंछो – हिंदी कविता

    यह कविता मुझे एक पुरानी किताब में मिली. अच्छी लगी तो पोस्ट कर दी. कृपया इस पर विचार जरूर करें.
    सिर्फ दूसरों की मन की बाते मत सुनिए. आपके मन में जो हो वो कहिये. सवाल करिये. पूँछिये, ऐसा क्यों है.

    Ask Questions

    जो हल चलाता है उसके हिस्से में सदा छप्पर ही क्यों आता है?
    जो गोदामों में गेहूं, सरसों भरता है, उसके कोठी बंगले क्यों बन जाते हैं?

    Ask Questions

    शहरों में खूब रौशनी है फिर गाँवों में अँधियारा क्यों है?
    शहरों में चौड़ी सड़के हैं, गाँवों में संकरी गालियां क्यों हैं?
    क्यों रामू, कमरू और हरिया शहर भागते हैं?

    Ask Questions

    पानी कम क्यों हो रहा है? जंगल कौन काट रहा है?
    कटे पेड़ कहाँ जा रहे हैं?

    गाँव के बच्चों का दूध कहाँ जा रहा है?
    आदमी – आदमी के बीच इतना फर्क क्यों है?

    Ask Questions

    कुछ की तोंद इतनी फूली क्यों है?
    हाड तोड़ मेहनत के बाद भी, बहुतों के पेट पिचके क्यों हैं?

    Ask Questions

    जो पत्थर काटते हैं, रिक्शा खींचते हैं, लोहा कूटते हैं,
    उन्हें साफ़ – सुथरे घरों में रहने का हक़ क्यों नहीं है?

    Ask Questions

    इतनी बड़ी दुनिया में कितनी चीजें हैं, कितनी घटनाएं हैं?
    सब कुछ जानने के लिए, सबके बारे में सवाल करो!!

    साभार: अनजान

  • ट्विटर को डिजिटल मीडिया संबंधी नए आईटी नियमों का पालन करना होगा: उच्च न्यायालय

    ट्विटर को डिजिटल मीडिया संबंधी नए आईटी नियमों का पालन करना होगा: उच्च न्यायालय

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि यदि डिजिटल मीडिया संबंधी नए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों पर रोक नहीं लगाई गई है तो ट्विटर को इनका पालन करना होगा।

    इस टिप्पणी के साथ ही न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने अधिवक्ता अमित आचार्य की याचिका पर केंद्र और सोशल मीडिया मंच ट्विटर को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

    आचार्य ने अपनी याचिका में दावा किया है कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है।

    दूसरी ओर, ट्विटर ने अदालत के समक्ष दावा किया कि उसने नियमों का पालन किया है और एक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस दावे को गलत ठहराया।

    अदालत ने कहा, ‘‘यदि इन (नियमों) पर रोक नहीं लगाई गई है, तो उन्हें इसका पालन करना होगा।’’

    आचार्य ने वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार के जरिए दर्ज कराई गई याचिका में कहा कि जब उन्होंने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया, तब उन्हें सरकारी नियमों का अनुपालन कथित रूप से नहीं किए जाने के बारे में पता चला।

    सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के स्थायी वकील रिपुदमन सिंह भारद्वाज ने अदालत से कहा कि ट्विटर ने नियमों का पालन नहीं किया है।

    याचिका में कहा गया है कि ट्विटर ने शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी नियुक्त करने संबंधी केंद्र के आईटी कानून के नियम का पालन नहीं किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर को इस नियम का अविलंब पालन करने का निर्देश दिया जाए।

    याचिका में कहा गया है कि नए आईटी नियम 25 फरवरी को प्रभाव में आए तथा केंद्र ने ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया मंचों को इनका पालन करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था।

    याचिका में कहा गया कि यह अवधि 25 मई को समाप्त हो गई लेकिन ट्विटर ने इस मंच पर ट्वीट से जुड़ी शिकायतों को देखने के लिए आज तक शिकायत निवारण स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं।

    याचिका में केंद्र को भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह आईटी नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

    ट्विटर ने हाल में नए आईटी नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम ‘‘मुक्त और खुली सार्वजनिक बातचीत को रोकते हैं।’’

    इस पर प्रतिक्रिया में केंद्र ने कहा था कि ट्विटर भारत को बदनाम करने के लिए निराधार और झूठे आरोप लगा रहा है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • Moon Village: कैसा होगा चांद पर बना इंसानी घरौंदा? तस्वीरों में दिखा आने वाला कल

    Moon Village: कैसा होगा चांद पर बना इंसानी घरौंदा? तस्वीरों में दिखा आने वाला कल

    Moon Village: चांद पर गांव बसाने के लिए यूरोपियन एजेंसी ने तैयारी शुरू कर दी है। ये घर कैसे होंगे, इसकी झलक ताजा तस्वीरों में दिखाई देती है।

    Moon Village

    किसी जमाने में चांद पर दुनिया बसाने के वादे किए जाते थे और आने वाले सालों में यह हकीकत हो सकती है। कम से कम यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक एक्सपर्ट का तो यही दावा है। हाल ही में Moon Village यानी चांद के गांव की तस्वीरें सामने आई हैं और माना जा रहा है कि आने वाले 10 साल में इसका काम शुरू हो सकता है। ESA अडवाइजर एडेन काउली का कहना है कि वहां बसे ढांचों के लिए चांद की मिट्टी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है जो उन्हें -190 डिग्री सेल्सियस के तापमान और रेडिएशन से बचाने के काम आ सकती है।

    कैसे दिखेंगे ये ‘घर’?

    Moon Village

    चार तले की सिलिंडर के आकार की इमारतों की तस्वीरों में निचले क्षेत्र को स्टडी एरिया और मंगल पर मिशन भेजने के लिए लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। ESA के डायरेक्टर जनरल जैन वॉर्नर का कहना है कि उनका मकसद चांद पर स्थायी बेस बनाने का है जिसका इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश भी कर सकेंगे। काउली का कहना है कि अब सवाल यह नहीं है कि ‘क्या’ ऐसा हो पाएगा, बल्कि यह है कि ऐसा कब होगा।

    कैसे बनेंगे ये घर?

    Moon Village

    काउली ने कहा है, ‘ऐसा करना होगा क्योंकि अगर हम चांद, मंगल या उससे आगे किसी जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो हमें इस टेक्नॉलजी को मास्टर करना होगा।’ वह चांद की मिट्टी का इस्तेमाल एक मीटर चौड़ी दीवार बनाने के लिए करना चाहते हैं जिसके अंदर ऐस्ट्रोनॉट रहेंगे। चांद की यह मिट्टी रोबॉट इकट्ठा करेंगे और इसमें कांच जैसे पार्टिकल होते हैं। 3D प्रिंटर से इन्हें ईंटों में बदला जाएगा जिन्हें सूरज में सूखने के लिए रखा जाएगा।

    Moon Village

    NASA की टीम में शामिल राजाचारी

    वहीं, अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA साल 2024 तक एक महिला और एक पुरुष ऐस्ट्रोनॉट को चांद पर भेजने की तैयारी में है। इस Artemis मिशन के साथ चांद पर जाने वाले दूसरे मिशन्स के लिए एजेंसी ने 18 ऐस्ट्रोनॉट्स के नाम का ऐलान किया है। इनमें से एक भारतीय मूल के राजाचारी भी हैं जिनके पिता हैदराबाद से निकलकर अमेरिका में जाकर बस गए। इस टीम में दूसरे देशों के ऐस्ट्रोनॉट भी शामिल किए जाएंगे।

    Raja Chari

    साभार: नवभारत

  • किसान विधेयक क्या है? क्या है सरकार का दावा और क्यों हो रहा है विरोध?

    किसान विधेयक क्या है? क्या है सरकार का दावा और क्यों हो रहा है विरोध?

    मोदी सरकार ने लोकसभा में तीन कृषि विधेयकों (Agriculture Ordinance Bill 2020) को पारित किया जिसको लेकर किसान दिल्ली में धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं। बात यहाँ तक बढ़ चुकी है कि बीजेपी के साथ गठबंधन वाली पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं। सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लग रहा है। मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन की वरिष्ठ मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Resigns) ने इनके विरोध में इस्तीफा दे दिया। किसान सड़कों पर उतरकर इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में तीनों विधेयक क्या हैं और इसका विरोध (Oppose of Farmers Bills) क्यों किया जा रहा है इसे समझने की कोशिश करते हैं।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    1. कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 (The Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020):

    प्रस्तावित कानून का उद्देश्य किसानों को अपने उत्पाद नोटिफाइड ऐग्रिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (APMC) यानी तय मंडियों से बाहर बेचने की छूट देना है। इसका लक्ष्य किसानों को उनकी उपज के लिये प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार माध्यमों से लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराना है। इस कानून के तहत किसानों से उनकी उपज की बिक्री पर कोई सेस या फीस नहीं ली जाएगी।

    फायदा

    यह किसानों के लिये नये विकल्प उपलब्ध करायेगा। उनकी उपज बेचने पर आने वाली लागत को कम करेगा, उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेगा। इससे जहां ज्यादा उत्पादन हुआ है उन क्षेत्र के किसान कमी वाले दूसरे प्रदेशों में अपनी कृषि उपज बेचकर बेहतर दाम प्राप्त कर सकेंगे।

    विरोध

    यदि किसान अपनी उपज को पंजीकृत कृषि उपज मंडी समिति (APMC/Registered Agricultural Produce Market Committee) के बाहर बेचते हैं, तो राज्यों को राजस्व का नुकसान होगा क्योंकि वे ‘मंडी शुल्क’ प्राप्त नहीं कर पायेंगे। यदि पूरा कृषि व्यापार मंडियों से बाहर चला जाता है, तो कमीशन एजेंट बेहाल होंगे। लेकिन, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है, किसानों और विपक्षी दलों को यह डर है कि इससे अंततः न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) आधारित खरीद प्रणाली का अंत हो सकता है और निजी कंपनियों द्वारा शोषण बढ़ सकता है।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    2. किसान अनुबंध विधेयक 2020

    मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध विधेयक 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Bill, 2020): इस प्रस्तावित कानून के तहत किसानों को उनके होने वाले कृषि उत्पादों को पहले से तय दाम पर बेचने के लिये कृषि व्यवसायी फर्मों, प्रोसेसर, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ अनुबंध करने का अधिकार मिलेगा।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    लाभ

    इससे किसान का अपनी फसल को लेकर जो जोखिम रहता है वह उसके उस खरीदार की तरफ जायेगा जिसके साथ उसने अनुबंध किया है। उन्हें आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट तक पहुंच देने के अलावा, यह विपणन लागत को कम करके किसान की आय को बढ़ावा देता है।

    विरोध

    किसान संगठनों और विपक्षी दलों का कहना है कि इस कानून को भारतीय खाद्य व कृषि व्यवसाय पर हावी होने की इच्छा रखने वाले बड़े उद्योगपतियों के अनुरूप बनाया गया है। यह किसानों की मोल-तोल करने की शक्ति को कमजोर करेगा। इसके अलावा, बड़ी निजी कंपनियों, निर्यातकों, थोक विक्रेताओं और प्रोसेसर को इससे कृषि क्षेत्र में बढ़त मिल सकती है।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    3. असेंशियल कमोडिटी बिल 2020

    आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 (Essential Commodities (Amendment) Bill 2020): यह प्रस्तावित कानून आवश्यक वस्तुओं की सूची से अनाज, दाल, तिलहन, प्याज और आलू जैसी कृषि उपज को युद्ध, अकाल, असाधारण मूल्य वृद्धि व प्राकृतिक आपदा जैसी ‘असाधारण परिस्थितियों’ को छोड़कर सामान्य परिस्थितियों में हटाने का प्रस्ताव करता है तथा इस तरह की वस्तुओं पर लागू भंडार की सीमा भी समाप्त हो जायेगी।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    लाभ

    इसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र में निजी निवेश / एफडीआई को आकर्षित करने के साथ-साथ मूल्य स्थिरता लाना है।

    विरोध

    इससे बड़ी कंपनियों को इन कृषि जिंसों के भंडारण की छूट मिल जायेगी, जिससे वे किसानों पर अपनी मर्जी थोप सकेंगे।

    सरकार का पक्ष

    कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों के लिये फसलों के न्यमनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रहेगी। इसके अलावा, प्रस्तावित कानून राज्यों के कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) कानूनों का अतिक्रमण नहीं करता है। ये विधेयक यह सुनिश्चित करने के लिये हैं कि किसानों को मंडियों के नियमों के अधीन हुए बिना उनकी उपज के लिये बेहतर मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिले, इससे प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निजी निवेश के साथ ही कृषि क्षेत्र में अवसंरचना का विकास होगा और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    इन्‍हीं शंकाओं को दूर करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने अखबारों में विज्ञापन देकर स्थिति साफ करने की कोशिश की थी। छह बड़े बिंदुओं पर सरकार ने ‘झूठ’ और ‘सच’ को सामने रखा था।

     

    न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य का क्‍या होगा?

    झूठ: किसान बिल असल में किसानों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य न देने की साजिश है।
    सच: किसान बिल का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य से कोई लेना-देना नहीं है। एमएसपी दिया जा रहा है और भविष्‍य में दिया जाता रहेगा।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    मंडियों का क्‍या होगा?

    झूठ: अब मंडियां खत्‍म हो जाएंगी।
    सच: मंडी सिस्‍टम जैसा है, वैसा ही रहेगा।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    किसान विरोधी है बिल?

    झूठ: किसानों के खिलाफ है किसान बिल।

    सच: किसान बिल से किसानों को आजादी मिलती है। अब किसान अपनी फसल किसी को भी, कहीं भी बेच सकते हैं। इससे ‘वन नेशन वन मार्केट’ स्‍थापित होगा। बड़ी फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करके किसान ज्‍यादा मुनाफा कमा सकेंगे।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    बड़ी कंपनियां शोषण करेंगी?

    झूठ: कॉन्‍ट्रैक्‍ट के नाम पर बड़ी कंपनियां किसानों का शोषण करेंगी।
    सच: समझौते से किसानों को पहले से तय दाम मिलेंगे लेकिन किसान को उसके हितों के खिलाफ नहीं बांधा जा सकता है। किसान उस समझौते से कभी भी हटने के लिए स्‍वतंत्र होगा, इसलिए लिए उससे कोई पेनाल्‍टी नहीं ली जाएगी।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    छिन जाएगी किसानों की जमीन?

    झूठ: किसानों की जमीन पूंजीपतियों को दी जाएगी।
    सच: बिल में साफ कहा गया है कि किसानों की जमीन की बिक्री, लीज और गिरवी रखना पूरी तरह प्रतिबंधित है। समझौता फसलों का होगा, जमीन का नहीं।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    किसानों को नुकसान है?

    झूठ: किसान बिल से बड़े कॉर्पोरेट को फायदा है, किसानों को नुकसान है।
    सच: कई राज्‍यों में बड़े कॉर्पोरेशंस के साथ मिलकर किसान गन्‍ना, चाय और कॉफी जैसी फसल उगा रहे हैं। अब छोटे किसानों को ज्‍यादा फायदा मिलेगा और उन्‍हें तकनीक और पक्‍के मुनाफे का भरोसा मिलेगा।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    किसान बिल की हकीकत

    लेकिन हकीकत में सभी किसानों को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य नहीं मिल पा रहा है. सरकारी मंडियों में आढ़ती अनाज नहीं खरीद रहे हैं. उन्होंने अपनी आढतें मंडी के बाहर लगनी शुरू कर दी हैं. आढ़तियों का तर्क है की अगर वे न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य पर अनाज खरीदेंगे तो वो बेचेंगे कहाँ. उनका कहना है की उन्हें इस रेट पर खरीददार नहीं मिल रहे हैं. किसान अपनी फसल का स्टॉक नहीं कर सकते हैं क्योंकि उन्हें अगली फसल के लिए भी तयारी करनी है.

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    विरोध कर रहे किसानों की ये है मांगें

    • आंदोलनकारी किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
    • किसानों का कहना है कि ये तीनों बिल कृषि का निजीकरण करेंगे। इनसे बड़े कॉरपोरेट घरानों को ज्यादा फायदा होगा।
    • किसानों को लिखित में आश्वासन दिया जाए कि एमएसपी और कन्वेंशनल फूड ग्रेन ​खरीद सिस्टम खत्म नहीं होगा। इसके लिए चाहे तो सरकार अलग से एक विधेयक लेकर आ जाए।
    • किसान संगठन बिजली बिल 2020 को लेकर विरोध कर रहे हैं। सरकार बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण कर रही है, जिससे किसानों को सब्सिडी पर या फ्री बिजली सप्लाई की सुविधा खत्म हो जाएगी।
    • खेती का अवशेष जलाने पर किसान को 5 साल की जेल और 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। किसान इसे प्रावधान को भी खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
    • पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों को सिर्फ जुर्माना लगाकार गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा किया जाए।

    Agriculture Ordinance Bill 2020

    साभार: नवभारत टाइम्स

  • वास्तु शाष्त्र: इस दिशा में रसोईघर कभी नहीं बनाना चाहीये अन्यथा घर में बीमारियों का वास हो जाता है

    वास्तु शाष्त्र: इस दिशा में रसोईघर कभी नहीं बनाना चाहीये अन्यथा घर में बीमारियों का वास हो जाता है

    रसोईघर की सही दिशा

    वास्तु में अग्नि को दक्षिण-पूर्व दिशा का देवता माना गया है, जिसके साथ शुक्र गृह का सम्बन्ध है. यही वजह है कि दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाये गए रसोईघर को वास्तु सम्मत माना जाता है.

    एक गृहणी का अधिकतर समय रसोई में बीतता है. ऐसे में यदि यह जगह स्वच्छ और आरामदायक होने के साथ-साथ वास्तु सम्मत भी हो, तो गृहणी के साथ-साथ पूरे परिवार का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. वास्तु में अग्नि को दक्षिण-पूर्व दिशा का देवता माना गया है, जिसके साथ शुक्र गृह का सम्बन्ध है. यही वजह है कि दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाये गए रसोईघर को बेहतर माना जाता है.

    रसोईघर को क्यों वास्तु के अनुसार बनाना चाहिए

    इसका एक कारण यह भी है कि यहां पर सूर्य कि किरणे भरपूर मात्रा में पहुँचती हैं जिससे किचन कीटाणु रहित हो जाती है. वास्तु के अनुसार किचन के लिए उत्तर-पूर्व, मध्य-पूर्व, मध्य-पश्चिम, दक्षिण-पश्चिम दिशा को अच्छा नहीं माना जाता है.

    किचन कि दिशा से लेकर गैस चूल्हे और सामान स्टोर करने के स्थान आदि बातों को ध्यान में रखकर हम आसानी से किचन को वासतानुसार बना सकते हैं. इससे घर में लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा और खुशहाली बरकरार रहेगी.

    किचेन को वास्तु के अनुसार कैसे करें

    • गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा कि तरफ रखें, ताकि खाना बनाते समय मुख पूर्व कि तरफ हो. ऐसा करना परिवार के सदस्यों कि सेहत के लिए अच्छा रहता है. यदि खाना बनाने वाले का मुख खाना बनाते समय पश्चिम कि ओर होता है तो यह उसके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है. इसी तरह मुख दक्षिण कि तरफ होना हानि का कारण हो सकता है. किचन का दरवाजा उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में बनवाएं.
    • उदय होते सूर्य कि किरणों का स्पर्श आपके घर के जल भण्डार को, इसके लिए पीने के पानी का बर्तन, घड़ा, फ़िल्टर आदि उत्तर-पूर्व में रखें.
    • अनाज, डालें व मसालों के डिब्बों कि अलमारी दक्षिण-पश्चिम कि दीवार के साथ बनाई जा सकती है.
    • बर्तन दोने के सिंक उत्तर में या उत्तर-पूर्व में लगाएं.
    • इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए दक्षिण-पूर्व कि दीवार उपयुक्त है. रसोई में प्लेटफॉर्म के ऊपर दो-तीन प्लग भी लगवाएं, जहाँ आसानी से ओवन, हीटर, मिक्सी आदि को रखा जा सके. उत्तर-पूर्व दिशा में इलेक्ट्रिक सामान न रखें.
    • हवा के आगमन के लिए खिड़की व रोशनदान कि व्यवस्था पूर्व व पश्चिम में करें. एग्जास्ट फैन पूर्व कि दीवार पर दक्षिण पूर्व में लगवाएं.
    • यदि रसोई में फ्रिज रखना है, तो जहां तक संभव हो फ्रिज को पश्चिम दिशा में रखें.
    • डाइनिंग टेबल रखना है तो उसे उत्तर-पश्चिम में रखें. खाना खाते समय घर के सदस्यों का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए.
    • रसोईघर के साथ या उसके एकदम ऊपर बाथरूम व शौचालय नहीं होना चाहिए.
    • रसोईघर में कभी दवाइयां न रखें अन्यथा वो नियमित इस्तेमाल की वस्तु बन जाएंगी.

    साभार: नरेश सिंघल (अमर उजाला)

  • दिल्ली के पास बर्फबारी का लेना है आनंद तो जल्द बनाएं प्लान

    दिल्ली के पास बर्फबारी का लेना है आनंद तो जल्द बनाएं प्लान

    क्या आपको स्नोफॉल (Snowfall) यानी बर्फबारी पसंद है? अगर हां, तो इन सर्दियों में आपके पास बर्फबारी का मज़ा लेने का पूरा मौका है और वह भी दिल्ली के आस-पास के इलाकों में। चौंकिए मत, आज हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जमकर बर्फबारी हो रही है और ये जगहें दिल्ली के आस-पास ही स्थित हैं:

     

    Snowfall in Manali
    Image Credit: Treebo

     

    ​मनाली

    हिमाचल प्रदेश में स्थित मनाली (Manali) शहर में इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है। मॉल रोड से लेकर रोहतांग दर्रा बर्फ की सफेद चादर से ढक गया। रोहतांग में करीब 3 फीट तक की बर्फबारी हुई है।

     

    पढ़ें: इंडिया के 5 रोमांटिक जगहें

     

    Snowfall in Shimla
    Image Credit: NewsD

    शिमला

    जब बात हो दिल्ली के पास स्थित ऐसी जगह की जहां बर्फबारी का पूरा आनंद लिया जा सके, तो उसमें शिमला (Shimla) का नाम भी आता है। शिमला में 12 से 14 नवंबर के बीच जमकर बर्फबारी हुई है और पूरा शहर बर्फ की सफेद चादर से पट गया है। बर्फबारी का मज़ा लेने के अलावा आप यहां अडवेंचरस ऐक्टिविटीज़ में भी हिस्सा ले सकते हैं।

     

    पढ़ें: भारत में ये 10 जगह नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा

     

    Snowfall in Auli
    Image Credit: Twitter

    औली

    उत्तराखंड में स्थित औली (Auli) बर्फबारी और स्कीइंग के लिए काफी मशहूर है। इतना ही नहीं यहां दुनिया का सबसे ऊंचा मानव निर्मित लेक भी है। इस साल अक्टूबर में औली में जमकर बर्फबारी हुई है। आप चाहे तो बर्फ का मजा लेने के लिए औली भी जा सकते हैं। औली जाने के लिए नवंबर से दिसंबर तक का महीना एकदम पर्फेक्ट है।

     

    पढ़ें: टूर पर घूमने जा रहे हैं तो इन बातों का रखें ख्याल, नहीं होंगे बीमार

     

    Snowfall in Kausani
    Image Credit: Navbharat Times

    ​कौसानी

    बर्फबारी या हिमपात के मामले में कौसानी भी पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है। बर्फबारी का मजा लेने के लिए वैसे तो जनवरी का महीना बेस्ट है, लेकिन आप चाहें तो नवंबर-दिसंबर में भी कौसानी का प्लान बना सकते हैं।

     

    पढ़ें: पांच गुना महंगा हुआ ताजमहल का दीदार

     

    Snowfall in Pahalgam
    Image Credit: Thomas Cook India Travel Blog

    पहलगाम

    दिल्ली से करीब 800 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहलगाम की छटा बर्फबारी के दौरान देखने वाली होती है। पहलगाम, पीर की गली, द्रास सेक्टर जैसी कई जगहों पर इस सीजन की पहली बर्फबारी जारी है, जिसके बाद यहां का मौसम और भी खुशनुमा हो गया है।

     

    पढ़ें: कैलास मानसरोवर के इन 7 रहस्यों को कोई जान नहीं पाया

     

    Snowfall in Gulmarg
    Image Credit: ScrollDroll

    सोनमर्ग और गुलमर्ग

    जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग और गुलमर्ग भी ताजा बर्फबारी से ढक गए हैं। बुधवार को पहलगाम में 1.3 डिग्री और गुलमर्ग में 0 से 3 डिग्री का तापमान दर्ज किया गया।

     

    Snowfall in Narkanda
    Image Credit: Holidify

    नारकंडा

    वहीं हिमाचल प्रदेश के खूबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल नारकंडा में भी बर्फबारी जारी है। वहां इस सीज़न की पहली बर्फबारी हुई है और पारा शून्य से भी नीचे जा पहुंचा है।

     

    Snowfall in Kullu
    Image Credit: YouTube

    संगला घाटी और कुल्लू

    हिमाचल प्रदेश के ही एक और खूबसूरत जिले किन्नौर की संगला घाटी में भी इस सीजन की पहली बर्फबारी हुई है, जिसके बाद वहां का नज़ारा कुछ ऐसा हो गया है। लाहौल स्पीति और कुल्लू के अलावा हिमाचल प्रदेश के कई इलाके भारी बर्फबारी के बाद सफेद चादर से ढक गए हैं।

    Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/travel/places-to-enjoy-snowfall-around-delhi/enjoy-snowfall-at-these-places-near-delhi/photoshow/66631845.cms

  • पैरिस-स्विट्जरलैंड भूल जाओगे, जब इंडिया की ये 5 रोमांटिक जगहें देखोगे

    पैरिस-स्विट्जरलैंड भूल जाओगे, जब इंडिया की ये 5 रोमांटिक जगहें देखोगे

    इंडिया के रोमांटिक डेस्टिनेशंस

    कहीं बर्फीली वादियां तो कहीं, कोई खूबसूरत इमारत- भारत में कई ऐसे डेस्टिनेशन्स हैं जहां आप अपने प्यार के साथ रोमांटिक समय बिता सकते हैं। कश्मीर से केरल तक, आपके लिए हर जगह अपने पार्टनर के साथ प्यार भरा समय बिताने के लिए खूबसूरत जगहें मौजूद हैं। समंदर पसंद हो या फिर पहाड़, आप अपने हिसाब से कोई भी जगह चुन सकते हैं। आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ रोमांटिक गेटवेज जहां पर बिताए गए क्वालिटी टाइम को आप हमेशा याद करेंगे।

     

    Indian Romantic Travel Destinations
    Image Credit: indiamart.com

     

    1. श्रीनगर में हाउसबोट्स (Houseboats in Srinagar)

     

    अगर आप श्रीनगर घूमने गए हैं तो किसी होटेल में ठहरने से अच्छा है डल झील (Dal Lake) में हाउसबोट (Houseboat) पर समय बिताएं। हाउसबोट्स अलग-अलग कैटिगरी में मिलती हैं और इनका किराया शहर के किसी लग्जरी होटेल से ज्यादा नहीं है।

     

    Indian Romantic Travel Destinations
    Image Credit: indiatoday.in

     

    2. ताजमहल की सैर (Taj Mahal)

     

    आपकी आगरा ट्रिप के लिए एक दिन काफी है। अपने लव-पार्टनर के साथ खुद मुहब्बत की निशानी(Symbol of Love) ताजमहल देखते हुए दिन बिताने से ज्यादा खूबसूरत क्या हो सकता है?

     

    Indian Romantic Travel Destinations
    Image Credit: Harmony Holidays

     

    3. शिमला (Shimla)

     

    शिमला कई लोगों का फेवरेट विंटर डेस्टिनेशन (Winter Destination) है। यह कई बड़े शहरों से नजदीक भी है। यहां बड़े कैफे और रेस्त्रां भी हैं और वादियां और झरने भी। यहां पर रोमांटिक स्टे (Romantic Stay) आपको तरोताजा कर देगा।

     

    Indian Romantic Travel Destinations
    Image Credit: Holidify

     

    4. मुन्नार (Munnar)

     

    केरल के मुन्नार में घने चाय के बगानों में आपका अनुभव यादगार रहेगा। चाय से लदी पहाड़ियों पर चढ़ना-उतरना, यहां के जगंल की सैर, पक्षियों का चहचाहट और हरियाली देखकर आपको अद्भुत शांति और ताजगी मिलेगी।

     

    Indian Romantic Travel Destinations
    Image Credit: TripSavvy

     

    5. कोल्लम (Kollam)

     

    अष्टमुदी झील और अरब सागर के बीच में स्थित हैं कोल्लम के बैकवॉटर्स (Backwaters of Kollam)। इन बैकवॉटर्स की सैर आपको एक बार तो जरूर करनी चाहिए।

     

    Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/travel/places-for-romantic-trip-in-india/romantic-gateways-in-india/photoshow/66916423.cms

  • भारत में ये 10 जगह नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा

    भारत में ये 10 जगह नहीं देखी तो कुछ नहीं देखा

    भारत एक बहुत ही विशाल देश है जिसमे अनेकों धर्म, जाति के लोग रहते है जो अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोलते हैं, अनेकों प्रकार का खाना खाते हैं और अनेकों प्रकार के पहनावे पहनते हैं. यह एक ऐसा देश है जो अनेकता में एकता की मिशाल है. इतने धर्म जातियों के बावजूद सभी भारतीय हैं.

    पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक कहीं पहाड़ हैं तो कहीं रेगिस्तान तो कहीं पत्थर और समतल. प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ यह देश देसी और विदेशी सैलानियों को खूब भाता है. प्रकृति के साथ ही साथ यहां की ऐतिहासिक इमारतों की सुंदरता भी सैलानियों का मन मोह लेती हैं.

    आइये भारत की 10 खूबसूरत जगहों की जानकारी लेते हैं जहां एक बार जाना तो जरूर बनता है.

    Darjeeling
    Image Credit: Holidify
    1. दार्जीलिंग (पश्चिम बंगाल): Darjeeling ( West Bengal)

    दार्जीलिंग का नाम सुनते ही आपके मन में चाय की खुस्बू आ गयी होगी. आये भी क्यों न, क्यूंकि दार्जिलिंग की चाय सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में खूब पसंद की जाती है. यहां पर भारत की कुल चाय का २५% उत्पादन होता है.

    कंचनजंघा की खूबसूरत बर्फीली चोटियां और चाय के हरे भरे बागान आपकी यात्रा को सफल बनाने के लिए पर्याप्त हैं. यहां जाने के लिए सबसे पास का हवाई अड्डा “बागडोगरा” है और “न्यू जलपाईगुड़ी” रेलवे स्टेशन है. स्टेशन और हवाई अड्डे दोनों जगह से दार्जीलिंग तक पहुंचने में कार से लगभग ३ घंटे का समय लगता है. या फिर आप “टॉय ट्रेन” से यहां की खूबसूरती का मजा लेते हुए जा सकते हैं हैं. लेकिन यह यात्रा लगभग ७ घंटे की होगी.

    Delhi

    1. दिल्ली: Delhi

    भारत की राजधानी है तो देखने लायक भी बहुत कुछ है. ऐतिहासिक इमारतें, धार्मिक स्थल, बाजार हो या फिर खाने के शौकीनों के लिए दिल्ली किसी जन्नत से कम नहीं है.

    ऐतिहासिक इमारतों में लाल किला, पुराण किला, क़ुतुब मीनार और तमाम मकबरे हैं जो आपकी दिल्ली यात्रा को यादगार बना देंगे. अगर आप शॉपिंग के शौक़ीन हैं तो पालिका बाजार, चांदनी चौक, लाजपत नगर, करोल बाग, नेहरू प्लेस आदि अनेको मार्किट हैं जहां आप लेटेस्ट फैशन, या इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स की खरीददारी कर सकते हैं.

    Mumbai
    Image Credit: Tour My India
    1. मुंबई (महाराष्ट्र): Mumbai (maharashtra)

    स्वप्न नगरी मुंबई, जहां जाए बिना आपकी भारत यात्रा पूरी नहीं हो सकती. कोई यहां बॉलीवुड के फ़िल्मी सितारों को देखने आता है तो कुछ यहां के मोनुमेंट्स को. गेटवे ऑफ़ इंडिया हो या जुहू बीच या फिर धारावी की झुग्गियां, यहाँ की हर चीज लोगों को आकर्षित करती है. खरीददारी के शौकीनों के लिए यहाँ का चोर मार्किट काफी प्रसिद्द है. श्री सिद्धिविनायक का मंदिर, जहाँ बड़े बड़े फिल्म स्टार सर झुकाने आते हैं या बांद्रा-वर्ली सी-लिंक हो या चौपाटी बीच या हैंगिंग गार्डन्स सभी कुछ यहाँ लोगों को आकर्षित करते हैं.

    Jaisalmer
    Image Credit: Trodly
    1. जैसलमेर (राजस्थान): Jaisalmer (Rajasthan)

    गोल्डन सिटी जैसलमेर अपनी खूबसूरत इमारतों के लिए तो प्रसिद्द है साथ ही रेगिस्तान की सफारी करने वालों की पसंदीदा जगह है. यहां आप रेगिस्तान के सैंड ड्यून्स के बीचोबीच कैम्प में रूककर शहर के शोर-शराबे से दूर अपना समय व्यतीत कर सकते हैं. यहाँ के रेगिस्तान में ऊँट की सवारी करने और राजस्थानी लोक नृत्य देखने दूर – दूर से लोग आते हैं.

    Valley Of Flowers
    Image Credit: Wikipedia
    1. वैली ऑफ़ फ्लावर्स (उत्तराखंड): Valley Of Flowers (Uttarakhand)

    सैकड़ों तरह के अनदेखे फूल आपका मन मोह लेंगे. उत्तराखंड की वैली ऑफ़ फ्लावर्स सन 1931 के पहले तक कोई जानता भी नहीं था. लेकिन एक वनस्पति विज्ञानी ने यह जगह 1931 में खोज निकाली. यहां जाने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ेगी लेकिन यहाँ पहुँच कर आप अपनी थकान भूल जाएंगे.

    Auli
    Image Credit: Skking-CNBCTV18
    1. ऑली (उत्तराखंड): Auli (Uttarakhand)

    स्की के शौकीनों के लिए ऑली किसी स्वर्ग से कम नहीं है. बर्फ के पहाड़ पर स्की करने की तमन्ना हर किसी की होती होती है जो यहां आकर पूरी हो जाती है.

    Kerala
    Image Credit: Goibibo
    1. केरला: Kerala

    दक्षिण भारत का स्वर्ग. फोर्ट कोच्ची देखने लायक जगह है. यहां हाउस बोट का मजा भी ले सकते हैं.

    Andaman
    Image Credit: Events High
    1. अंडमान Andaman

    अंडमान के दीप बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं. हरियाली से भरे ये दीप समूह सैलानियों के लिए काफी आकर्षक जगहों में से है. पोर्ट ब्लेयर और महात्मा गाँधी मरीन नेशनल पार्क यहाँ के मुख्य आकर्षणके केंद्र हैं.

    Taj Mahal
    Image Credit: Journalist On The Run
    1. ताज महल (आगरा): Taj Mahal (Agra)

    शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने ताज महल का नाम न सुना हो. प्रेम की निशानी ताज महल को देखने देश और विदेश से लाखों लोग यहां आते हैं.

    Goa Travel
    Image Credits: Travel Trade Journal
    1. गोवा: Goa

    छुट्टिया बिताने के लिए गोवा से बेहतर जगह और क्या हो सकती है. यहां के बीच की सुंदरता देखते ही बनती है.

  • महंगाई – शोभा शर्मा की हिंदी कविता

    महंगाई – शोभा शर्मा की हिंदी कविता

    एक दिन मुझे महंगाई मिली,

    उसका इठलाता यौवन

    उफान पर जवानी देखकर

    मैं दंग रह गई

    मैंने उसे कभी

    बचपन में देखा था,

    जब मैं

    रुपया लीटर दूध

    पांच रुपया किलो

    सेब लाया करती थी,

    तब ये महंगाई

    फटे हाल अधनंगी रहती

    कोई इसे न जानता

    न पहचानता था,

    लेकिन

    आज हर कोई

    इसे अवाक् देखता है

    मैंने महंगाई की

    जवानी का राज

    उससे ही पूछा

    वह तपाक से बोली

    मेरी जवानी का राज

    जानना चाहती हो तो

    उन अमीरों की

    कोठियों में जाओ

    जहां मैं नाचती हूँ

    पैसों के बल पर

    उनके तलुए चाटती हूँ

    हर रोज नै जवान बनकर

    निकलती हूँ.

    तुम जैसे

    मुझे छूना तो दूर

    देखना भी पसंद नहीं करते

    इसलिए

    तुम्हें मैं

    जवान नजर आती हूँ,

    गरीबों को तो मैं,

    बिलकुल नहीं भाती हूँ

    मैं उसका उत्तर सुनकर

    चुप रह गयी

    सोचती रह गयी, सोचती रह गयी

     

    साभार: शोभा शर्मा, सहारनपुर

    For more poems, Click here: Hindi Poems

  • तरला दलाल की रेसिपी: स्पाइसी चावल कैसे बनाये

    तरला दलाल की रेसिपी: स्पाइसी चावल कैसे बनाये

    सामग्री:

    पका हुआ चावल- ढाई कप

    तेल- 2 बड़ा चम्मच

    बारीक कटा प्याज- आधा कप

    लहसुन पेस्ट- 1 छोटा चम्मच

    कुटी लाल मिर्च- डेढ़ चम्मच

    उबला हुआ राजमा- 1 कप

    फ्रेंच बीन्स और गाजर (कटे और उबले हुए)- आधा कप

    मिर्च पाउडर- 1 छोटा चम्मच

    नमक- स्वादानुसार

    हल्दी पाउडर- 1/4 छोटा चम्मच

     

    Click to read: Health Benefits Of Eating Muskmelon Or Kharbooja In Summers

     

    बनाने की विधि:

     

    एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. गर्म तेल में कटे हुए प्याज को माध्यम आंच पर 2-3 मिनट तक चलते हुए भूनें. जब प्याज पारदर्शी दिखने लगे, तब इसमें लहसुन पेस्ट और कुटी लाल मिर्च मिलाएं. एक मिनट भूनने के बाद राजमा और उबली सब्जियों को भी इसमें मिलाएं. अब इसे लगभग एक मिनट तक भूनें.

     

    Click to read more Recipes.

     

    इसके बाद चावल और नमक इसमें मिलाएं. साथ ही हल्दी पाउडर और मिर्च पाउडर डालें. इसके बाद चावल को को 1-2 मिनट तक चलाते हुए पकाएं, ताकि चावल में सारे मसाले अच्छे से मिक्स हो जाएँ. इस चावल को गर्म ही सर्व करें. सजावट के लिए धनिये और पुदीने की पत्ती डाल सकते हैं.

    साभार: तरला दलाल (कुकरी एक्सपर्ट)