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  • एक सवाल, सवाल क्यों नहीं करते? सवाल करो, पूंछो – हिंदी कविता

    एक सवाल, सवाल क्यों नहीं करते? सवाल करो, पूंछो – हिंदी कविता

    यह कविता मुझे एक पुरानी किताब में मिली. अच्छी लगी तो पोस्ट कर दी. कृपया इस पर विचार जरूर करें.
    सिर्फ दूसरों की मन की बाते मत सुनिए. आपके मन में जो हो वो कहिये. सवाल करिये. पूँछिये, ऐसा क्यों है.

    Ask Questions

    जो हल चलाता है उसके हिस्से में सदा छप्पर ही क्यों आता है?
    जो गोदामों में गेहूं, सरसों भरता है, उसके कोठी बंगले क्यों बन जाते हैं?

    Ask Questions

    शहरों में खूब रौशनी है फिर गाँवों में अँधियारा क्यों है?
    शहरों में चौड़ी सड़के हैं, गाँवों में संकरी गालियां क्यों हैं?
    क्यों रामू, कमरू और हरिया शहर भागते हैं?

    Ask Questions

    पानी कम क्यों हो रहा है? जंगल कौन काट रहा है?
    कटे पेड़ कहाँ जा रहे हैं?

    गाँव के बच्चों का दूध कहाँ जा रहा है?
    आदमी – आदमी के बीच इतना फर्क क्यों है?

    Ask Questions

    कुछ की तोंद इतनी फूली क्यों है?
    हाड तोड़ मेहनत के बाद भी, बहुतों के पेट पिचके क्यों हैं?

    Ask Questions

    जो पत्थर काटते हैं, रिक्शा खींचते हैं, लोहा कूटते हैं,
    उन्हें साफ़ – सुथरे घरों में रहने का हक़ क्यों नहीं है?

    Ask Questions

    इतनी बड़ी दुनिया में कितनी चीजें हैं, कितनी घटनाएं हैं?
    सब कुछ जानने के लिए, सबके बारे में सवाल करो!!

    साभार: अनजान

  • 14 सितम्बर – हिंदी दिवस पर कुछ जानकारी

    14 सितम्बर – हिंदी दिवस पर कुछ जानकारी

    आज हिंदी दिवस है. आइये जानते हैं हिंदी दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य..

    हिन्दी दिवस

    हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी।

    वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।

    स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के प्रश्न पर 14 सितम्बर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343(1) में इस प्रकार वर्णित है:

    Hindi

    देवनागरी

    संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।

    14 सितम्बर 1949

    यह निर्णय 14 सितम्बर को लिया गया, इसी दिन हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। हालांकि जब राष्ट्रभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो गैर-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेज़ी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेज़ी भाषा का प्रभाव पड़ने लगा।

    हिन्दी दिवस के दौरान कई कार्यक्रम होते हैं। जिसमें हिन्दी निबंध लेखन, वाद-विवाद हिन्दी टंकण प्रतियोगिता आदि होता है। लेकिन अगले दिन सभी हिन्दी भाषा को भूल जाते हैं। हिन्दी भाषा को कुछ और दिन याद रखें इस कारण राष्ट्रभाषा सप्ताह का भी आयोजन होता है। जिससे यह कम से कम वर्ष में एक सप्ताह के लिए तो रहती ही है।

    Hindi Alphabet

    हिन्दी दिवस के कार्यक्रम

    हिन्दी निबन्ध लेखन
    वाद-विवाद
    विचार गोष्ठी
    काव्य गोष्ठी
    श्रुतलेखन प्रतियोगिता
    हिन्दी टंकण प्रतियोगिता
    कवि सम्मेलन
    पुरस्कार समारोह
    राजभाषा सप्ताह

    Hindi Numbers

    दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा हिन्दी

    बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढ़ने और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेज़ी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गई है।

    Hindi Quotes

    योग बनाम हिंदी

    हिन्दी तो अपने घर में ही दासी के रूप में रहती है। हिन्दी को आज तक संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा नहीं बनाया जा सका है। इसे विडंबना ही कहेंगे कि योग को 177 देशों का समर्थन मिला, लेकिन हिन्दी के लिए 129 देशों का समर्थन क्या नहीं जुटाया जा सकता? इसके ऐसे हालात आ गए हैं कि हिन्दी दिवस के दिन भी कई लोगों को ट्विटर पर हिन्दी में बोलो जैसे शब्दों का उपयोग करना पड़ रहा है।

    अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी

    इस एक दिन सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा जो वर्ष भर हिन्दी में अच्छे विकास कार्य करता है और अपने कार्य में हिन्दी का अच्छी तरह से उपयोग करता है, उसे पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाता है।

    यहाँ तक कि वाराणसी में स्थित दुनिया में सबसे बड़ी हिन्दी संस्था आज बहुत ही खस्ता हाल में है। हिन्दी भाषा के विकास के लिए कुछ लोगों के द्वारा कार्य करने से कोई खास लाभ नहीं होगा। इसके लिए सभी को एक जुट होकर हिन्दी के विकास को नए आयाम तक पहुँचाना होगा। हिन्दी भाषा के विकास और विलुप्त होने से बचाने के लिए यह अनिवार्य है।

    Hindi Image

    हिन्दी दिवस पर पुरस्कार

    हिन्दी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को उत्साहित करने हेतु पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है। जिसमें कार्य के दौरान अच्छी हिन्दी का उपयोग करने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पहले राजनेताओं के नाम पर था, जिसे बाद में बदल कर राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार और राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार कर दिया गया। राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार लोगों को दिया जाता है जबकि राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार किसी विभाग, समिति आदि को दिया जाता है।

    राजभाषा गौरव पुरस्कार

    यह पुरस्कार तकनीकी या विज्ञान के विषय पर लिखने वाले किसी भी भारतीय नागरिक को दिया जाता है। इसमें दस हजार से लेकर दो लाख रुपये के 13 पुरस्कार होते हैं। इसमें प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले को २ लाख रूपए, द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को डेढ़ लाख रूपए और तृतीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पचहत्तर हजार रुपये मिलता है। साथ ही दस लोगों को प्रोत्साहन पुरस्कार के रूप में दस-दस हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं। पुरस्कार प्राप्त सभी लोगों को स्मृति चिह्न भी दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी भाषा को आगे बढ़ाना है।

    Hindi Image

    राजभाषा कीर्ति पुरस्कार

    इस पुरस्कार योजना के तहत कुल 39 पुरस्कार दिये जाते हैं। यह पुरस्कार किसी समिति, विभाग, मण्डल आदि को उसके द्वारा हिन्दी में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के लिए दिया जाता है। इसका मूल उद्देश्य सरकारी कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग करने से है।

    Source: Wiki

  • 20+ जीवन के अनमोल विचार – जीवन का सच – Hindi Quotes on Life

    20+ जीवन के अनमोल विचार – जीवन का सच – Hindi Quotes on Life

    Hindi Quotes on Life 1

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    हम सोचते थे ज़िन्दगी बदलने में बहुत समय लगेगा पर क्या पता था बदलता हुआ समय ज़िन्दगी बदल देगा!!

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    अपनी ज़िन्दगी में वही इंसान कामयाब है ! जिसे टूटे को बनाना और रूठें को मनाना आता हैं !

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    ज़िन्दगी जिन्हें खुशी नहीं देती ! उन्हें तजुर्बे बहुत देती है !

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    हर रिश्ते का नाम हो ये ज़रूरी तो नहीं ! कुछ बेनाम रिश्ते रुकी हुई ज़िन्दगी को सांसे दें जाते हैं !!

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    कहते हैं बुरा वक़्त सबका आता है ! पर कोई निखर जाता है तो कोई बिखर जाता है !!

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    तूफ़ान का आना भी बहुत ज़रूरी है ज़िन्दगी में ! पता तो चलता है कौन हाथ पकड़े रहता है कौन छोड़ देता है !!

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    अपनी ज़िन्दगी को अक्सर वही लोग बदलते हैं ! जिन्हें दुनिया कुछ करने काबिल नहीं समझती !!

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    Best Hindi Quotes on Life

    अपनी ज़िन्दगी को अक्सर वही लोग बदलते हैं ! जिन्हें दुनिया कुछ करने काबिल नहीं समझती !!

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    इतना आसान नहीं होता जीवन का किरदार निभा पाना ! इंसान को बिखरना पड़ता है रिश्तों को समेटने के लिए !!

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    जब कोई आपकी क़दर न करें ! तब आपका उसकी ज़िन्दगी से दूर चले जाना बेहतर है !!

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    अपनी ज़िन्दगी ऐसे जियो कि अगर कोई आपकी बुराई करें ! तो लोग उस पर विश्वास न करें !!

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    Best Hindi Quotes on Life

    ज़िन्दगी को ज़्यादा गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है दोस्तों ! यहाँ से ज़िंदा बचकर कोई नहीं जाएगा !!

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    जीवन की लम्बाई नहीं गहराई मायने रखती हैं।

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    Best Hindi Quotes on Life

    ज़िन्दगी साइकिल चलाने के जैसे हैं। बैलेंस बनाये रखने के लिए, आप को चलते रहना होता हैं।

    Hindi Quotes on Life 15

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    जो इंसान हार के डर से कभी आगे नही बढ़ता, वो इंसान जीवन में कभी कामयाब नही हो सकता।

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    आप को डुबोने के लिए दुनिया में ऐसे लोग भी बैठे होंगे। जिनको तैरना ख़ुद आपने ही सिखाया होगा।

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    Best Hindi Quotes on Life

    वक़्त-वक़्त की बात है, आज आपका है तो उड़ लीजिये। कल हमारा होगा तो उड़ा देंगे।

    Hindi Quotes on Life 18

    Best Hindi Quotes on Life

    धैर्य रखिये! आसान बनने से पहले सभी चीजें कठिन होती हैं।

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    Best Hindi Quotes on Life

    जब कोई काम नहीं कर रहे हो तो घड़ी की तरफ देखो; और जब कोई काम कर रहे हो तो घड़ी की तरफ मत देखो।

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    Best Hindi Quotes on Life

    मैदान में हारा हुआ इंसान फिर से जीत सकता हैं; लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता। “मन के हारे हार है और मन के जीते जीत।”

    Hindi Quotes on Life 21

    Best Hindi Quotes on Life

    जब इंसान के जीवन में हालात बिगड़ जाते हैं, तो कुछ लोग बहुत टूट जाते हैं, और कुछ लोग रिकॉर्ड तोड़ते हैं।

    Hindi Quotes on Life 22

    Best Hindi Quotes on Life

    कमजोर लोग बदला लेते हैं, शक्तिशाली लोग माफ कर देते हैं, बुद्धिमान लोग नजरअंदाज कर देते हैं।

    Hindi Quotes on Life 23

    Best Hindi Quotes on Life

    आजाद रहिये विचारों से..लेकिन बंधे रहिये अपने संस्कारों से..।

    Hindi Quotes on Life 24

    Best Hindi Quotes on Life

    जीतने का मजा तब ही आता है,जब सभी आपके..हारने का इंतजार कर रहे हो!

  • महंगाई – शोभा शर्मा की हिंदी कविता

    महंगाई – शोभा शर्मा की हिंदी कविता

    एक दिन मुझे महंगाई मिली,

    उसका इठलाता यौवन

    उफान पर जवानी देखकर

    मैं दंग रह गई

    मैंने उसे कभी

    बचपन में देखा था,

    जब मैं

    रुपया लीटर दूध

    पांच रुपया किलो

    सेब लाया करती थी,

    तब ये महंगाई

    फटे हाल अधनंगी रहती

    कोई इसे न जानता

    न पहचानता था,

    लेकिन

    आज हर कोई

    इसे अवाक् देखता है

    मैंने महंगाई की

    जवानी का राज

    उससे ही पूछा

    वह तपाक से बोली

    मेरी जवानी का राज

    जानना चाहती हो तो

    उन अमीरों की

    कोठियों में जाओ

    जहां मैं नाचती हूँ

    पैसों के बल पर

    उनके तलुए चाटती हूँ

    हर रोज नै जवान बनकर

    निकलती हूँ.

    तुम जैसे

    मुझे छूना तो दूर

    देखना भी पसंद नहीं करते

    इसलिए

    तुम्हें मैं

    जवान नजर आती हूँ,

    गरीबों को तो मैं,

    बिलकुल नहीं भाती हूँ

    मैं उसका उत्तर सुनकर

    चुप रह गयी

    सोचती रह गयी, सोचती रह गयी

     

    साभार: शोभा शर्मा, सहारनपुर

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  • हिंदी कहानी – गलती किसकी?

    हिंदी कहानी – गलती किसकी?

    एक ग़रीब परिवार था।

     

    बहुत पुरानी बात है। उनके यहाँ खाने के लाले थे। पिता ने बहुत मेहनत करके थोड़ा पैसा जमा किया और एक छोटी सी दुकान खोली। मेहनत रंग लायी और दुकान चल निकली।

     

    दुकान बढ़ने लगी तो पैसा आना शुरू हुआ। उसके बच्चों का जीवन यापन का तरीक़ा भी बदल गया।

     

    उसने बड़े बेटे को दुकान पर बिठाना शुरू किया। बाद बेटे को पता था बिज़नेस में उधार व्यवहार चलता है। वह क्रेडिट पर बड़े डीलर से समान मँगाता और अपने आस पास के गाँव के छोटे दुकान वालों और रेहडी वालों को क्रेडिट पर समान देता था।

     

    बिज़नेस ठीक चल रहा था। जो दुकानदारी करते हैं उन्हें यह बात अच्छी तरह पता होगी।

    व्यापार बढ़ता है तो थोड़ी बहुत उधारी भी बढ़ती है।

     

    अब बात करते हैं छोटे बेटे की। वह बातों का बड़ा क़ाबिल था। बातों में उससे जीतना मुश्किल था। उसके कुछ मित्र भी उसकी तरह ही थे।

     

    वह एक दिन दुकान पर आकर बोला, भैया अब मैं समझदार हो गया हूँ। अब मैं दुकान चलाउंगा। भाई बोला चलो अच्छा है। उसने दुकान भाई को सौंप दी और ख़ुद खेती का काम देखने लगा।

     

    छोटा भाई दुकान पर बैठा और बही खाता देखना शुरू किया। पाया कि वहाँ तो सैकड़ों लोगों का उधार है। उसने तुरंत सभी उधारी वालों को सूचना  करवाई की पहले सारी उधारी ख़त्म करो तभी आगे समान मिलेगा।

     

    कुछ लोग जो उधारी नहीं चुका रहे थे, उनको ख़त्म करने के चक्कर में सभी लोगों से व्यवहार ख़राब कर लिया।

    इसका सीधा असर यह हुआ की ज़्यादातर दुकानदारों ने उसकी दुकान छोड़ दी और दूसरे डीलरों से समान लेने लगे।

     

    अब जब बिज़नेस में कमी आ गयी तो भाई ने खुले समान की क़ीमतों में वृद्धि कर दी ताकि दुकानदारों से हुआ घाटा जनता से पूरा किया जा सके।

     

    जब दुकान का घाटा नहीं संभला तो वो और उसके मित्र जो बातों के महारथी थे ने कहना शुरू कर दिया की ये सब पिताजी और बड़े भैया की ग़लती की वजह से हुआ है।

     

    उन्होंने उधारी और क्रेडिट पर इतना माल उठा रखा है जिसकी भरपाई करने में ही सारी कमाई चली जाती है।

     

    अब इन्हें कौन समझाए दुकानदारी गप्पों और जुमले से नहीं चलती। इसके लिए थोड़ा व्यावहारिक होना पड़ता है।

     

    अब सवाल यह है कि, गलती किसकी?

    बाप की? उसने दूकान क्यों खोली?

    बड़े भाई की? उसने इतनी उधारी क्यों बांटी?

    छोटे भाई की? उसने उधारी बंद कर दी.

  • क्या पूरा होगा दिवास्वप्न? हिंदी कविता

    क्या पूरा होगा दिवास्वप्न? हिंदी कविता

    धीरे से, कोई आहट न हुई

    फिर आज तोड़ दी गयी आशंकाएं

    इस बदरंग जमाने में

    कुचल दी गयी संवेदनाएं

    फिर धकेले गए

    निराशा भरे गर्त के अंधेरों में

    आज फिर वह

    लौटा दी गयी अपने घर

    दुर्भाग्य! वहां भी वह हो गयी कोई और

    कल तक जहां

    खिलते और गूंजते थे अपने स्वर

    शब्द, अब उस दहलीज पर

    बरबस ही कर्कश सुनाई देने लगे

    अपना घर…

    जहाँ ईश्वर ने भेजा

    समझा, जाना है कहीं और

    फिर जहाँ समाज ने भेजा

    समझाया गया, हूँ कोई और

    आखिर कब तक…

    सिलसिला यहीहोगा

    और हर बार एहसास होगा

    स्त्री होने के अपराध का.

    बंधनो से मुक्ति का दिवास्वप्न

    क्या कभी पूरा होगा?

    Image Source: http://onlineeducare.com/

     

    ऐश्वर्य राणा, कोटद्वार

  • हिंदी कविता – अंतर्मन

    हिंदी कविता – अंतर्मन

    इस बदलती दुनिया में,
    पल पल होते हैं परिवर्तन.
    देखने में अच्छे लगते,
    पर सच जानता है अंतर्मन.

    परिवर्तनों के साथ जो चलता,
    गिरगिट की तरह रंग बदलता,
    वो ही जीवन में आगे बढ़ पायेगा.
    वरना भीड़ में अकेला रह जाएगा.

    अच्छा जीवन जीने को,
    क्या क्या कर रहा इंसान,
    दो वक्त की रोटी से
    संतुष्ट नहीं वो मेहनती किसान.

    आज के हालात कुछ हैं ऐसे,
    रिश्ते उन्हीं से जिनके पास हैं पैसे
    उन्हीं की होती जग में पूँछ.

    अपने बारे में जब सोचूं,
    खुद को पाती हूँ बहुत पीछे.

    इस रंग बदलती दुनिया में,
    क्या खुद को बदल पाऊँगी,
    गिरगिट बन आगे बढ़ूंगी
    या पीछे रह जाउंगी.

    इसी उलझन में वक्त गंवाकर
    असफल ही न रह जाऊं मैं.

    मेरे अवसर कोई और न चुरा ले,
    हाथ मलती न रह जाऊं मैं.

    ऊपर से दिखने वाले
    अंदर से कुछ और हैं.

    इनके सुन्दर मुखौटे के पीछे
    चेहरा बहुत कठोर है.

    पर मेरा मन एक पंछी बन
    आकाश में उड़ना चाहता है.

    दुनिया की सच्चाई जानकार
    मेरा मन घबराता है.

    लेकिन है अगर आगे बढ़ना,
    होगा मुझे इन सबसे लड़ना.

    अपना आत्म-विश्वास बढाकर
    लक्ष्य को पाने पाना है
    मुझे सफल हो जाना है.

    साभार: सुप्रिया

    रूपायन, अमर उजाला

  • मेरे सब्र का न ले इम्तिहान, मेरी खामोशियों को सदा न दे

    मेरे सब्र का न ले इम्तिहान, मेरी खामोशियों को सदा न दे

    किसी को प्यार करना और उसे हमेशा के लिए पा सकना जिंदगी की सबसे खूबसूरत घटना है…

    लेकिन किसी को बेइंतिहा प्यार करना और उसे खो देना, यह जिंदगी की दूसरी ऐसी घटना है जो हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होती है…

    आखिर खोने से पहले बहुत कुछ जो हमने पाया होता है, उसे हमसे कोई छीन नहीं सकता.

     

    मेरे सब्र का न ले इम्तिहान, मेरी खामोशियों को सदा न दे।
    तेरे बगैर जी न सके, उसे जिन्दगी की दुआ न दे।

    Hindi Poem and Shayari - Mere Sabr ka Na Le Imtihaan

    तू अजीज दिल-ओ-नजर से है, तू करीब रग-ऐ-नजर से है।
    मेरे जिस्म-ओ-जान का ये फासला, कहीं वक्त और बढ़ा न दे।

    तुझे भूल के भी भुला न सकूं, तुझे चाह के भी पा न सकूं।
    मेरी हसरतों को शुमार कर, मेरी चाहतों का सिला न दे।

    जरा देख चाँद की पत्तियों ने, बिखर-बिखर तमाम शब्।
    तेरा नाम लिखा है रेत पर, कोई लहर आके मिटा न दे।

    नए दौर के नए ख्वाब हैं, नए मौसमो के गुलाब हैं।
    ये मोहब्बतों के चिराग है, उन्हें नफरतों की हवा न दे।

    Hindi Poem and Shayari - Mere Sabr ka Na Le Imtihaan

    मैं उदासियों न सजा सकूं, कभी जिस्म-ओ-जान के नजर पर।
    न दिए जले मेरी आँख में, मुझे इतनी सख्त सजा न दे।

    मो. हासिम सिद्दीकी द्वारा भेजी गयी

  • हिंदी कविता – भविष्य की कल्पना

    हिंदी कविता – भविष्य की कल्पना

    दाने गिनकर दाल मिलेगी,

    गेंहूं की बस छाल मिलेगी.

     

    पानी के इंजेक्शन होंगे,

    घोषित रोज इलेक्शन होंगे.

     

    हलवाई हैरान मिलेंगे,

    बिन चीनी मिष्ठान मिलेंगे.

     

    जलने वाला खेत मिलेगा,

    बस मिट्टी का तेल मिलेगा.

     

    शीशी में पेट्रोल मिलेगा,

    आने वाली पीढ़ी को.

     

    राजनीति में तंत्र मिलेगा,

    गहरा एक षड़यंत्र मिलेगा.

     

    न सुभाष, न गाँधी होंगे,

    खादी के अपराधी होंगे.

     

    जनता गूंगी बहरी होगी,

    बेबस कोर्ट कचहरी होगी.

     

    मानवता की खाल मिलेगी,

    आने वाली पीढ़ी को.

     

    प्यासों की भी रैली होगी,

    गंगा बिलकुल मैली होगी.

     

    घरों घरों में फैक्स मिलेगा,

    साँसों पर भी टैक्स लगेगा.

     

    आने वाली पीढ़ी पर.

     

    साभार: रावेन्द्र कुमार

    Image Source: https://www.youtube.com/watch?v=jpgyD1Hs_sY

  • हिंदी कविता – जलते दिए – शहीदों के लिए

    हिंदी कविता – जलते दिए – शहीदों के लिए

    हम शहीदों की राहों के जलते दिए,

    हमको आंधी भला क्या बुझा पाएगी.

    मौत को हम सुला दें वतन के लिए,

    मौत हमको भला क्या सुला पाएगी.

    हम भी इस बाग़ के खिल रहे फूल हैं,

    जो शहीदों की राहों पर चढ़ते रहे.

    बिजलियों को कदम से कुचलते रहे,

    सर कटाने का हमने लिया है सबब.

    सर झुकाना तो हमने है सीखा नहीं,

    वाह रे हिन्द तेरी दुआ चाहिए.

    है भला कौन हस्ती, मिटा पाएगी जो,

    हम शहीदों की राहों के जलते दिए.

    साभार: ऋषि नारायण

    Image Source: http://indianexpress.com