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  • ट्रम्प ने बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आपातकालीन घोषणा जारी की

    ट्रम्प ने बाइडन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए आपातकालीन घोषणा जारी की

    वाशिंगटन, 12 जनवरी (एपी) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण समारोह से पहले और उस दौरान हिंसा की आशंका को लेकर स्थानीय एवं संघीय अधिकारियों की बढ़ती चिंताओं के बीच देश की राजधानी के लिए एक आपातकालीन घोषणा जारी की।

    इस घोषणा के बाद गृह मंत्रालय और संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी को स्थानीय अधिकारियों के साथ आवश्यकतानुसार समन्वय करने की अनुमति मिल गई है।

    ट्रम्प ने यह घोषणा ऐसे समय में जारी की है, जब पांच दिन पहले ट्रम्प समर्थक भीड़ ने कैपिटल (अमेरिकी संसद भवन) पर हमला कर दिया था। यह हमला उस समय किया गया था, जब संसद ने ट्रम्प की हार को प्रमाणित करने के लिए औपचारिक रूप से इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की गिनती शुरू की थी। उस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

    इससे पहले कोलंबिया जिले के मेयर म्यूरियल बॉजर, वर्जीनिया के गवर्नर राल्फ नॉर्थम और मैरीलैंड के गवर्नर लैरी होगन ने लोगों से पिछले हफ्ते हुई हिंसा और कोविड​​-19 महामारी के कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम से दूर रहने का आग्रह किया।

    ट्रम्प की आपातकालीन घोषणा सोमवार से प्रभावी हो गई, जो 24 जनवरी तक लागू रहेगी।

    एपी कृष्ण सिम्मी सिम्मी 1201 1040 वाशिंगटन

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह कोविड-19 से संक्रमित होने के उपरांत प्रयोगात्मक उपचार के बाद ‘‘सुपरमैन’’ (बहुत ताकतवर) की तरह महसूस कर रहे हैं और इस उपचार ने बीमारी के खिलाफ उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर दी है।

    अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 2,16,000 अमेरिकियों की मौत हो चुकी है।

    सुपरमैन एक काल्पनिक महानायक है।

    ट्रम्प एक अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और उन्हें तीन रात एवं चार दिन के लिए एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया था। ट्रम्प ने एक प्रयोगात्मक एंटीबॉडी दवा के मिश्रण से उपचार के बाद स्वयं को स्वस्थ घोषित किया था।

    व्हाइट हाउस के चिकित्सकों ने उन्हें चुनावी रैली में भाग लेने की अनुमति दे दी है।

    ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया में चुनावी रैली में मंगलवार को कहा, ‘‘मुझे यह पता है कि मैंने कुछ (दवा) ली, जिसके बाद मैं बहुत जल्द ठीक हो गया। मुझे नहीं पता कि यह क्या था। यह एंटीबॉडी दवा थी। मुझे नहीं पता। मैंने इन्हें लिया और मुझे सुपरमैन की तरह महसूस हो रहा है।’’

    राष्ट्रपति ने उनका उपचार करने वाले चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।

    ट्रम्प ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में कहा, ‘‘अब मुझमें रोग प्रतिरोधक क्षमता है। मैं नीचे आकर किसी को भी चूम सकता हूं।’’

    साभार: भाषा

  • अमेरिका में राष्ट्रपतियों के स्वास्थ्य को लेकर जनता को अंधेरे में रखने का लंबा इतिहास

    अमेरिका में राष्ट्रपतियों के स्वास्थ्य को लेकर जनता को अंधेरे में रखने का लंबा इतिहास

    ट्रम्प के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, दी जा रही है रेमडेसिविर थेरेपी

    कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया है, उन्हें रेमडेसिविर थेरेपी दी जा रही है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। व्हाइट हाउस के चिकित्सक ने यह जानकारी दी।

    डोनाल्ड ट्रम्प और मेलनिया ट्रम्प दोनों को हुआ है कोरोना

    गौरतलब है कि ट्रम्प और प्रथम महिला मेलानिया ट्रम्प (50) को शुक्रवार को कोविड-19 जांच में संक्रमित पाया गया। राष्ट्रपति को सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जबकि उनकी पत्नी व्हाइट हाउस में ही इलाज करा रही हैं।

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और चुनावों से पहले उनकी सेहत को लेकर कई तरह की चिंताएं प्रकट की जा रही हैं। उनसे पहले भी हालांकि कई राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के दौरान बीमार पड़े हैं लेकिन यहां गौर करने वाली कटु सच्चाई यह है कि कई राष्ट्रपतियों ने अपने स्वास्थ्य को लेकर देश की जनता को अंधेरे में रखा।

    जहां कई राष्ट्रपतियों की बीमारियां मामूली थी तो कई की बेहद गंभीर और कभी-कभी तो ऐसा हुआ कि जनता को इस सच्चाई का पता लगने में दशकों बीत गए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, पहले तो व्हाइट हाउस ने बताया कि उनमें संक्रमण के ‘आंशिक लक्षण’ हैं लेकिन शुक्रवार शाम तक वह वाल्टर रीड नेशनल मिलिटरी मेडिकल सेंटर में भर्ती हुए। ट्रंप के चिकित्सकों की एक टीम के संवाददाता सम्मेलन के बाद व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने शनिवार को कहा कि ट्रंप शुक्रवार को ‘बेहद चिंताजनक’ स्थिति से गुजरे हैं और अगला 48 घंटा उनके स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण रहने जा रहा है।

    कई राष्ट्रपतियों ने अपने स्वास्थ्य को लेकर देश की जनता को अंधेरे में रखा

    बात करें महामारी की तो ट्रंप और वुडरो विल्सन दोनों का कार्यकाल इससे ग्रस्त रहा है। दोनों ने ही वायरस को कमतर करके देखा और इससे हजारों अमेरिकी लोगों की मौत हुई। दोनों ही राष्ट्रपति बीमार पड़े और दोनों को ही इस पर विचार करना पड़ा कि इसकी जानकारी जनता को कैसे दी जाए। विल्सन की बीमारी को व्हाइट हाउस ने गुप्त रखने की भी कोशिश की थी।

    विल्सन प्रथम विश्वयुद्ध को समाप्त करने पर चर्चा करने के लिए पेरिस में थे, वह अप्रैल 1919 को बीमार पड़ गए। उनमें इतने गंभीर लक्षण अचानक से दिखने शुरू हो गए कि उनके निजी चिकित्सक कैरी ग्रैसन को लगा कि उन्हें जहर दिया गया है। रात भर विल्सन की देखरेख के बाद ग्रैसन ने एक पत्र वाशिंगटन भेजा जिसमें उन्होंने व्हाइट हाउस को बताया कि राष्ट्रपति बेहद बीमार हैं।

    अब 100 साल आगे आते हैं। ट्रंप ने शुक्रवार को रात 12 बजकर 54 मिनट पर ट्वीट कर दुनिया को बताया कि वह और प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप कोविड-19 की चपेट में आ गए हैं।

    अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी से 2,08,000 लोगों की मौत हो चुकी है और राष्ट्रपति ट्रंप यह कह चुके हैं कि उन्होंने वायरस को कमतर करके बताया कि क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि लोगों में अफरातफरी मचे। लेकिन ऐसा करने के पीछे राजनीतिक वजह थी। तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और वह नहीं चाहते थे कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था चुनाव से पहले चरमरा जाए।

    तुलेन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन बेरी की कहना है, ‘ विल्सन प्रशासन ने भी अन्य वजह से महामारी को कमतर करके देखा था।’ बेरी की किताब ‘ग्रेट इंफ्लुएंजा’ में बताया गया है कि 1918-19 के बीच इस महामारी से विल्सन बीमार पड़े थे और अमेरिका के 6,75,000 लोगों की मौत हुई थी।

    शिकागो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विलियम होवेल का कहना है कि वह यह देख रहे हैं कि ट्रंप के मामले में व्हाइट हाउस कितना पारदर्शी रहता है। अमेरिका का इतिहास ऐसी जानकारियों से भरा पड़ा है कि राष्ट्रपतियों ने कैसे आम लोगों को अपनी बीमारी और चिकित्सीय स्थितियों को लेकर अंधेरे में रखा था।

    American Presidents

    ग्रोवर क्लीवलैंड

    राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड को यह डर था कि अगर उनके खराब स्वास्थ्य के बारे में जनता को पता चलता है तो उन्हें कमजोर रूप में देखा जाएगा और इस वजह से उन्होंने अपनी बीमारी को गुप्त रखते हुए लॉन्ग आइलैंड साउंड में एक निजी जहाज में मुंह का ऑपरेशन कराया था, जिसमें कैंसर वाले हिस्से को हटाया गया था। 2000 में इस जख्म वाले हिस्से की प्रदर्शनी लगी थी।

    American Presidents

    लिंडन बी जॉनसन

    राष्टपति लिंडन बी जॉनसन ने ऐसे ही गुप्त तरीके से 1967 में अपने हाथों के एक घाव को हटवाया था।

    American Presidents

    फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट

    युद्ध और मंदी के समय देश का नेतृत्व करनेवाले फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट को 1944 में उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों का पता चला था। उन्हें कम नमक वाले खाद्य पदार्थों पर रखा गया था और उन्हें धूम्रपान भी बंद करने को कहा गया। इसी बीच चुनाव भी आ रहा था तो रूजवेल्ट और व्हाइट हाउस ने कहा कि उनकी बीमारी उतनी गंभीर नहीं है। रूजवेल्ट चुनाव तो जीत गए लेकिन कुछ महीनों बाद दिल का दौरा पड़ने से 12 अप्रैल 1945 को उनका निधन हो गया।

    American Presidents

    जॉन एफ केनेडी

    इतिहासकार रॉबर्ट डेलेक का कहना है कि राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी भी दर्द और बीमारी का सामना कर रहे थे और दिन में कम से कम आठ गोलियां लेते थे। वहीं केनेडी लगातार अपनी बीमारी को छुपाए रख रहे थे।

    American Presidents

    ड्वाइट डी आइजनहावर

    राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइजनहावर को 1955 में गंभीर रूप से दिल का दौरा पड़ा था। वह कोलोराडो में उस समय छुट्टिया मना रहे थे। वह छह सप्ताह अस्पताल में भर्ती रहे थे। ऐसे में उनके डॉक्टर ने उन्हें चुनाव नहीं लड़ने की सलाह के बदले कहा था कि अगर वह कार्यालय में बने रहते हैं तो इससे उनकी सेहत में सुधार होगा।

    American Presidents

    विलियम हेनरी हैरिसन

    वहीं 1841 में विलियम हेनरी हैरिसन निमोनिया की वजह से बीमार पड़े। उनकी बीमारी गंभीर थी। लेकिन व्हाइट हाउस ने जनता को उनकी बीमारी के बारे में नहीं बताया। बीमार पड़ने के नौ दिन बाद उनकी मौत हो गई और उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ लिए हुए भी सिर्फ एक महीना बीता था।

    एपी स्नेहा प्रशांत प्रशांत 0410 1051 वाशिंगटन

    साभार: भाषा

  • कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    वाशिंगटन,29अगस्त (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा कि हैरिस में शीर्ष पद पर आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’है।

    ट्रंप ने शुक्रवार को न्यूहैम्पशायर में रिपब्लिकन पार्टी की प्रचार रैली को संबोधित किया।

    ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका में शीर्ष पद पर किसी महिला को देखने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी एवं व्हाइट हाउस सलाहकार इवांका ट्रंप ऐसे पद के लिए उचित उम्मीदवार हो सकती हैं।

    हैरिस पिछले साल तक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहीं थी।

    डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने हैरिस को उप राष्ट्रपति पद के लिए चुना है। हैरिस के पिता जमैका से और उनकी मां भारत से थीं।

    ट्रंप ने कहा ,‘‘आप जानते हैं कि मैं भी शीर्ष पद पर एक महिला को देखना चाहता हूं, लेकिन मैं नहीं चाहता कोई महिला इस पद पर इस तरीके से आए और वह काबिल भी नहीं हैं।’’

    ट्रंप के इतना कहते ही लोग तालियां बजाने लगे और कुछ इवांका ट्रंप का नाम चिल्लाने लगे।

    इस पर राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘वे सब भी कह रहे हैं ‘हम इवांका को चाहते हैं। मैं आप पर तोहमत नहीं लगा रहा।’’

    गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन को स्वीकार करने के बाद ट्रंप की यह पहली चुनावी रैली थी।

    ट्रंप ने अपने भाषण में बाइडेन की भी आलोचना की।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.