इंदौरः इंदौर की एमराल्ड इंटरनेशनल स्कूल में चल रही 51 वीं राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को विश्व की पहली रोबोट नागरिक सोफिया के साथ बातचीत का एक सेशन रखा गया था. फिल्म मेकर उत्तरा सिंह ने सोफिया से विश्व के प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की. सोफिया से पूछा गया की क्या वो क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूक हैं, तो सोफिया का कहना था कि वह ना सिर्फ इस मुद्दे पर जागरूक है बल्कि वो विश्व में जहां भी जाती है लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है. सोफिया के अनुसार वह क्लाइमेट चेंज को लेकर सोशल मीडिया से भी जानकारी लेती रहती है.
सोफिया से पूछा गया की क्या वो क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूक हैं, तो सोफिया का कहना था कि वह ना सिर्फ इस मुद्दे पर जागरूक है बल्कि वो विश्व में जहां भी जाती है लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है.
क्लाइमेट चेंज पर सोफिया ने कहा कि विश्व के सभी देशों की सरकारों को अपनी नीति और आइडियाज में दोनों में बदलाव लाने की आवश्यकता है. इंदौर में चल रही राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में रोबोट सोफिया के साथ एक सेशन रखा गया था, जिसमें फिल्म मेकर उत्तरा सिंह ने सोफिया से दुनिया में चल रहे प्रमुख मुद्दों पर बात की और सोफिया ने बड़ी ही संजीदगी के साथ इन सभी सवालों के जवाब भी दिए.
जब उत्तरा सिंह ने सोफिया से पूछा कि क्या उनमें फीलिंग्स हैं, तो सोफिया नाराज हो गई और उत्तरा से कहा की आप मेरी फिलिंग को हर्ट कर रही हैं. मेरी अंदर भी भावनाएं हैं. सोफिया से पूछा गया कि क्लाइमेंट चेंज के लिए सरकारों को अपनी नीति या आइडियाज में से किसे बदलना चाहिए तो सोफिया का कहना था की सरकारों को दोनों में बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि दोनों ही एक दूसरे पर प्रभाव डालते है.
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सोफिया से जब कहा गया की भारतीय लोग डांस काफी पसंद करते हैं, तो सोफिया ने बोला कि डांस तो मुझे भी पसंद है, लेकिन रोबोटिक. कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग देशों से आए बच्चों ने भी सोफिया से कई सवाल किए, जिसके सोफिया ने जवाब दिए. कॉन्फ्रेंस के इस सेशन का छात्रों के साथ उनके शिक्षकों ने भी खूब आनंद लिया.
यूएफओ(UFO) या एलियन(Aliens) से जुड़ी खबरें तो आपने कई बार पढ़ी होंगी। लेकिन इनके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं और बातें दुनियाभर में हुई हैं, जिनको लेकर काफी रहस्य बना। कुछ ऐसी रहस्यमय जगहें भी दुनिया में हैं जिनकी खासियतों के बारे में साइंस के पास भी कोई जवाब नहीं है है। आज हम आपको भारत की ऐसी ही कुछ रहस्यमय जगहें और घटनाओं के बारे में बता रहे हैं। इनको लेकर अब तक सवाल बने हुए हैं…
Image Credits: The Daily Beast
जोधपुर के आकाश में तेज धमाका
18 दिसंबर, 2012 को जोधपुर के आकाश में एक अनोखी घटना घटी। जोधपुर(Jodhpur) के आकाश में एयरप्लेन क्रैश होने जैसी आवाज सुनाई दी। ऐसे लग रहा था जैसे कि कोई भयानक विस्फोट हुआ हो। लोग इस तेज आवाज से काफी परेशान हो गए थे।
बाद में यह साफ हो गया कि उस समय जोधपुर के आकाश में कोई प्लेन उड़ नहीं रहा था और न ही कोई विस्फोट हुआ था। जोधपुर में हुई घटना की चर्चा भारत के बाहर भी कई देशों में हुई थी।
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सम्राट अशोक की 9 रहस्यमय लोगों की सोसाइटी
इतिहास की रहस्यमय बातों में सम्राट अशोक की 9 लोगों की एक सोसायटी भी है। इसे The Nine Unknown के नाम से भी जाना जाता है।
सम्राट अशोक ने 273 ई.पू. में इस कथित शक्तिशाली लोगों की सोसाइटी की नींव रखी थी। इस सोसाइटी का निर्माण कलिंग के युद्ध में एक लाख से अधिक लोगों की मौत के बाद हुआ था।
कहा जाता है कि इन 9 लोगों के पास ऐसी सूचनाएं थीं, जो गलत हाथों में जाने पर खतरनाक हो सकती थीं। इनमें प्रोपेगंडा सहित माइक्रोबायोलॉजी से संबंधित किताबें थी। कुछ किताबों के बारे में कहा जाता है कि इनमें एंटी ग्रेविटी और टाइम ट्रैवल के गुप्त सिद्धांत दर्ज थे। ये 9 लोग विश्व के कई स्थानों में फैले थे। सबसे आश्चर्य की बात है कि इनमें से कई विदेशी भी थे।
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लद्दाख का द कोंग्का ला दर्रा
लद्दाख का द कोंग्का ला दर्रा दुनिया के उन इलाकों में है, जिसके बारे में बहुत कम जानकारी मिल पाई है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है- हिमालय का यह क्षेत्र बर्फीला और दुर्गम है।
स्थानीय लोगों और यात्रियों का दावा है कि यहां यूएफओ का दिखाई देना आम बात है। इन बातों को पहले अधिक महत्व नहीं दिया गया लेकिन जून 2006 में गूगल के सेटेलाइट से ली गई फोटो भी सामने आई जिसने लोगों को चौंका दिया।
यह भारत और चीन की सीमा पर स्थित है। यह क्षेत्र दोनों देशों के बीच सैन्य-विवाद का विषय बन चुका है। यह नो-मैन्स लैंड घोषित है। दोनों देश इस पर नजर रखते हैं लेकिन कोई भी देश इस क्षेत्र में पेट्रॉलिंग नहीं करता है।
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महिला का पुनर्जन्म
शांति देवी का जन्म 1930 में एक खुशहाल परिवार में दिल्ली में हुआ था। हालांकि, वह ज्यादा समय तक खुश नहीं रह सकी। जब वह चार साल की थी, तब से जिद्द करने लगी कि उसके माता-पिता कोई और हैं।
शांति देवी ने दावा किया कि एक बच्चे को जन्म देते समय उसकी मौत हो गई थी और अपने पति तथा परिवारजनों के बारे में काफी जानकारियां दी थी। शांति देवी के पिता ने उसके दावों के बारे में जब पता किया तो वे सारे सच निकले।
एक महिला का नाम लुडगी देवी था और बच्चे को जन्म देते समय उसकी मौत हो गई थी। परिवार के लोगों को सबसे अधिक आश्चर्य तब हुआ जब शांति देवी ने समय और शहर का नाम एकदम सटीक बताया। जब वह अपने पूर्वजन्म के पति से मिली तो उसने उसे पहचान लिया और अपने बच्चे को मां की तरह प्यार करने लगी।
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मैग्नेटिक हिल (Magnetic Hill, Himalaya, Ladakh)
हिमालय के लद्दाख (Ladakh) में आश्चर्यचकित करने वाली एक पहाड़ी है। कहा जाता है कि इस पहाड़ी में चुंबकीय गुण है।
अगर आप अपनी कार को न्यूट्रल करके इस सड़क पर खड़ा कर दें तो यह पहाड़ी पर 20 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से नीचे की ओर चलने लगती है।
गाइड के अनुसार यह एक सुपरनेचुरल घटना है और इसे स्थानीय लोग हिमालयन वंडर कहते हैं।
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‘शापित गांव’ कुलधरा
राजस्थान के जैसलमेर(Jaisalmer) जिले में स्थित है कुलधरा गांव। 500 वर्ष पहले कुलधरा गांव में 1,500 परिवार रहा करते थे।
एक रात वे सभी गायब हो गए। लेकिन न तो इनके मारे जाने और न ही अपहरण होने की कोई जानकारी सामने आई। इस घटना के पीछे क्या कारण था, इसका पता आज तक नहीं लग सका।
लोग इस बारे में कई तरह के किस्से-कहानियां सुनाते हैं। पुरानी किंवदंती के अनुसार कुछ लोगों ने इस गांव पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश की थी। यह गांव आज भी वीरान पड़ा है।
Image Credits: Times of India
जुड़वां बच्चों का गांव (Village of Twins)
केरल का कोडिन्ही एक रहस्यमय गांव है। यहां जुड़वां बच्चों का जन्म होना आम बात है। इस गांव में लगभग 2,000 परिवार रहते हैं। कुछ साल पहले के सरकारी आंकड़ों के अनुसार यहां 250 जुड़वां बच्चे हैं। जबकि स्थानीय डॉक्टरों के मुताबिक यह संख्या असल में 350 तक हो सकती है।
प्रति वर्ष जुड़वां बच्चों की संख्या बढ़ रही है। इसके पीछे क्या कारण हैं, अभी तक कोई नहीं जान सका है। एक अनुमान के अनुसार, आमतौर पर भारत में प्रति 1000 बच्चों में 4 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। लेकिन कोडिन्ही में 1000 पर यह आंकड़ा काफी अधिक हो जाता है।
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 2004 से 2009 के बीच यहां 120 जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ।
प्रकृति के कई रहस्य आज भी अनसुलझे हैं. वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से तो परदा हटा लिया है लेकिन दुनिया की कुछ रहस्यजनक चीजों पर से अभी तक परदा नहीं हटाया जा सका है. आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही पहेलियों के बारे में जो आज भी सभी के लिए अबूझ बनी हुई हैं.
द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518
इसके बारे में पढ़कर ऐसा लगता है जैसे यह कोई कहानी हो. 1518 में गर्मी के दिनों में शहर स्ट्रासबर्ग में एक महिला ने सड़क पर भयानक तरीके से नाचना शुरू कर दिया था. दिन से रात हो जाती और रात से दिन पर उसका नाचना बंद नहीं होता. एक सप्ताह के भीतर ही 34 अन्य महिलाओं ने भी उसके साथ नाचना शुरू कर दिया. उन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे कि उनके अंदर किसी आत्मा का वास हो गया हो. नाचने की ना तो कोई वजह थी और ना ही कोई खास मौका. एक महीने के अंदर नाचने वाली महिलाओं की संख्या 400 पहुंच गई. धार्मिक पुरोहितों और लोगों को स्थिति पर नियंत्रण लाने के लिए बुलाया गया. डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को भी बुलाया गया.
कई महिलाओं की हालत खराब होने लगी. यहां तक कि कई महिलाओं की नाचते-नाचते मौत हो गईं. इसके बाद उनके लिए लकड़ी के स्टेज बनाए गए और अलग से हॉल बनाए गए. लोगों का ऐसा मानना था कि डांस कर रही महिलाओं की स्थिति तभी सुधर पाएगी जब वे रात-दिन नाचेंगी. इस घटना के पीछे कई थ्योरी दी गई. जहर, एपिलेप्सी, सामूहिक मानसिक बीमारी कई वजहें बताई गईं और कई तरीके आजमाए गए लेकिन इस ऐतिहासिक घटना का आज तक संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है.
द एस एस ओरंग मेडान
जून 1947 में मलक्का की खाड़ी में व्यापारिक मार्ग से कई जहाज गुजर रहे थे. तभी एक एसओेएस संदेश पहुंचा, ‘जहाज के सभी क्रू सदस्यों की मौत हो गई है.’ नजदीक के जहाज सिग्नल का सोर्स पहचानते हुए उसकी तरफ बढ़े. सबसे नजदीक की मर्चेन्ट शिप ‘द सिल्वल स्टार’ सिग्नल की तरफ तेजी से पहुंची. ओरंग मेडान पर आते ही वे हैरान रह गए. क्रू के हर सदस्य की मौत हो चुकी थी. जहाज पर शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे. कई लोगों की आंखें अब तक खुली हुई थीं और उनके चेहरे पर डर साफ दिख रहा था. जहाज पर सवार कुत्ते की भी मौत हो गई थी.
बॉयलर रूम में शवों के नजदीक जाने पर क्रू सदस्यों को बहुत ठंड लगने लगी जबकि तापमान 110 डिग्री फॉरेनहाइट था. आश्यचर्यजनक बात यह रही कि किसी भी शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे. ‘द सिल्वर स्टार’ के क्रू सदस्यों ने वापस अपनी शिप पर जाने का फैसला किया. इससे पहले ही डेक के नीचे से धुआं निकलने लगा. एस एस ओरंग मेडान में विस्फोट होने से कुछ सेकेंड पहले ही वे किसी तरह अपनी शिप पर वापस पहुंच पाए. कुछ लोगों ने इस दुर्घटना के पीछे प्राकृतिक गैसों के बादल बनने का हवाला दिया. वहीं अधिकतर लोग इसके पीछे सुपरनैचुरल पावर को जिम्मेदार ठहराते हैं.
खिसकते हुए पत्थर, डेथ वैली, कैलिफोर्निया
डेथ वैली के नाम से कुख्यात इस जगह पर सैकड़ों पत्थर मौजूद हैं. इस सूखे मरुस्थल पर अलग-अलग वजन के ये पत्थर बड़े रहस्यमयी ढंग से मौजूद हैं. कुछ पत्थर ऐसे लगते हैं जैसे वे घिसटते हुए आगे बढ़ रहे हैं. उनके पीछे लंबी लकीर मौजूद है. यहां मौजूद नजारा कुछ ऐसा है कि आप देखकर हैरान हो जाएंगे. किसी इंसान या जानवर के जरिए इन पत्थरों को घसीटने के सबूत नजर नहीं आते क्योंकि वहां मौजूद मिट्टी बिना छेड़छाड़ दिखाई देती है. कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि भौगोलिक बदलाव या तूफान के चलते पत्थर कुछ इस तरह मौजूद हैं.
मिनेसोटा डेविल्स वॉटरफॉल
इस झरने को रहस्यमयी माना जाता है. इस झरने में दो धाराएं ऊपर से गिरती है. एक धारा तो सामान्य धाराओं की तरह बहती है पर दूसरी रहस्यमयी धारा एक छेद में गिरकर कहां गायब हो जाती है, यह गुत्थी आज तक नहीं सुलझ पाई है. हैरानी की बात यह है कि ‘द डेविल्स कैटल’ नाम के छेद में आधी नदी का पानी समा जाता है.
इजिप्ट के मंदिर में छिपाकर रखे गए जूते
पुरातत्वेत्ताओं को 2004 में खुदाई के दौरान एक अजीब चीज मिली. एक जार में उन्हें 7 जोड़ी जूते मिले. ये जूते बहुत ही अच्छी अवस्था में थे. दो जोड़ी जूते बच्चों के थे जबकि बाकी वयस्कों के. ऐसा कहा जाता है कि यह जार 2000 साल पहले जानबूझकर छिपा कर रखा गया था.
नाजका लाइन्स, नाजका रेगिस्तान, दक्षिणी पेरू
पेरू में मौजूद इस रेगिस्तानी सतह पर ऐसी आकृतियां बनी हुईं है, जो आपको चौंका सकती हैं. इनमें से कुछ इंसानों, पौधों और जानवरों की मालूम पड़ती हैं. इसके अलावा वहां सतह पर सीधी रेखाएं भी दिखलाई पड़ती हैं. माना जाता है कि ये रेखाएं 200 ईसा पूर्व से इसी तरह मौजूद हैं. ये लाइनें करीब 500 वर्ग किलोमीटर में फैली हैं. हेलीकॉप्टर की मदद से इन्हें और साफ-साफ देखा जा सकता है. इसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि यहां दूसरे ग्रह से आईं UFO उतरे थे, जिसके चलते सतह पर इतनी संरचनाएं बनी थीं.
लोकसभा चुनाव के नतीजे Lok Sabha Election 2019 Results:
Status For 542 out of 542 Constituencies
Party
Won
Leading
Total
Aam Aadmi Party
1
0
1
AJSU Party
1
0
1
All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam
1
0
1
All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen
2
0
2
All India Trinamool Congress
20
2
22
All India United Democratic Front
1
0
1
Bahujan Samaj Party
9
1
10
Bharatiya Janata Party
294
9
303
Biju Janata Dal
4
8
12
Communist Party of India
2
0
2
Communist Party of India (Marxist)
3
0
3
Dravida Munnetra Kazhagam
23
0
23
Indian National Congress
52
0
52
Indian Union Muslim League
3
0
3
Jammu & Kashmir National Conference
2
1
3
Janata Dal (Secular)
1
0
1
Janata Dal (United)
16
0
16
Jharkhand Mukti Morcha
1
0
1
Kerala Congress (M)
1
0
1
Lok Jan Shakti Party
6
0
6
Mizo National Front
1
0
1
Naga Peoples Front
1
0
1
National People’s Party
1
0
1
Nationalist Congress Party
5
0
5
Nationalist Democratic Progressive Party
1
0
1
Revolutionary Socialist Party
1
0
1
Samajwadi Party
5
0
5
Shiromani Akali Dal
2
0
2
Shivsena
18
0
18
Sikkim Krantikari Morcha
1
0
1
Telangana Rashtra Samithi
9
0
9
Telugu Desam
3
0
3
Yuvajana Sramika Rythu Congress Party
21
1
22
Other
8
0
8
रामपुर से सपा के उम्मीदवार आजम खान आगे
मैनपुरी से मुलायम सिंह आगे
आजमगढ़ से अखिलेश यादव आगे
कन्नौज से डिंपल यादव आगे
गोरखपुर से रविकिशन आगे
लखनऊ से राजनाथ सिंह आगे
मथुरा से हेमा मालिनी आगे
उन्नाव से साक्षी महाराज आगे
बरेली से संतोष गंगवार आगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आगे
कैसरगंज से बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह आगे
सुल्तानपुर से बीजेपी की मेनका गांधी आगे
बाराबंकी से बीजेपी के उपेंद्र रावत आगे
मिर्जापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल आगे
बुलंदशहर में बीजेपी के भोला सिंह आगे
फतेहपुर सीकरी से बीजेपी के राजकुमार चाहर आगे
मछलीशहर से बीजेपी के वीपी सरोज आगे
फतेहपुर से बीजेपी की निरंजन ज्योति आगे
जौनपुर सीट से गठबंधन के श्याम सिंह यादव आगे
आंवला से बीएसपी की रुचि वीरा आगे
रायबरेली से सोनिया गांधी आगे
लालगंज से बीएसपी की संगीता आजाद आगे
मुरादाबाद से सपा के एसटी हसन आगेएटा सीट पर बीजेपी के राजवीर सिंह आगे
कन्नौज से डिंपल यादव आगे
फिरोजाबाद से शिवपाल सिंह यादव आगे
गौतमबुद्ध नगर से भाजपा के महेश शर्मा आगे
मथुरा से हेमा मालिनी आगे
गाजियाबाद से भाजपा के वीके सिंह आगे
बदायूं से सपा के धर्मेंद्र यादव आगे
पीलीभत से वरुण गांधी आगे
कैराना से भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार आगे
फर्रुखाबाद से बसपा के मनोज अग्रवाल आगे हैं
अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फिर आगे
बांदा से भाजपा के आरके सिंह पटेल आगे
कौशाम्बी से सपा उम्मीदवार इंद्रजीत सरोज आगे
वाराणसी से पीएम मोदी 11 हजार वोटों से आगे
आजमगढ़ से अखिलेश यादव आगे
पीलीभीत से बीजेपी के वरुण गांधी आगे
चंदौली से बीजेपी के महेंद्रनाथ पांडेय आगे
सहारनपुर से इमरान मसूद आगे
रायबरेली से सोनिया गांधी आगे
मैनपुरी से मुलायम सिंह आगे
राहुल गाँधी अमेठी से पीछे.
भोपाल से साध्वी प्रज्ञा आगे.
गोरखपुर से रवि किशन आगे
लोकसभा (Parliament) का मतदान ख़त्म हो चुका है. अब 23 मई तक एग्जिट पोल (Exit Polls) की धूम रहेगी. असल रिजल्ट आएंगे 23 मई तक, हो सकता है एग्जिट पोल के अनुसार या कुछ चौकाने वाले. अभी तक के सर्वे के अनुसार भाजपा (BJP) पूर्ण बहुमत में दिखाई दे रही है.
एग्जिट पोल के नतीजे सिर्फ कयास भर हैं क्यूंकि कई बार एग्जिट पोल के आंकड़े मैच किये हैं तो कई बार ये आंकड़े असल रिजल्ट के आस पास भी नहीं फटक पाए हैं.
लेकिन ये सिर्फ एग्जिट पोल के सर्वे हैं और सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहीं है. प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत प्रत्याशी जहां नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं वहीँ राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के साथ – साथ मायावती (Mayawati) और ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) भी अपने दावे कर रहीं हैं. अब किसको कितनी सीटें मिलेगी वो तो 23 मई को ही पता चलेगा.
नई दिल्ली (जेएनएन)। चुनाव आयोग ने रविवार को 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। 17वां लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई तक 7 चरणों पूरा किया जाएगा। 23 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सोशल मीडिया गतिविधियों को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हम इस खबर में ऐसी 9 बातें बता रहे हैं जिसे उम्मीदवार अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर नहीं कर पाएंगे।
1- सभी उम्मीदवारों को नॉमिनेशन फाइलिंग के वक्त अपने फेसबुक, ट्विटर के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।
2- फेसबुक या ट्विटर पर पोस्ट किए जाने वाले किसी भी राजनीतिक विज्ञापन को पहले प्रमाणित कराना होगा।
3- कोई भी असत्यापित राजनीतिक विज्ञापन गूगल, फेसबुक, ट्विटर या यूट्यूब पर पोस्ट नहीं किया जा सकता है।
4- उम्मीदवारों को अपने चुनावी खर्चे में सोशल मीडिया विज्ञापन पर भी खर्च किए गए सभी खर्चों को शामिल कर दिखाना होगा।
5- कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान के लिए सोशल मीडिया पर किसी भी रक्षाकर्मी की तस्वीरें साझा नहीं कर सकता है।
6- चुनाव आयोग के मुताबिक अगर कोई भी उम्मीदवार सोशल मीडिया के नियमों का उल्लंघन करता है तो ऐसी शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त किया गया है।
7- अभद्र भाषा, फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं की जा सकती हैं, अगर कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो फेसबुक, गूगल, ट्विटर उसपर कार्रवाई कर सकते हैं।
8- फेसबुक, ट्विटर या गूगल पर पोस्ट किए जाने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों को विशेष रूप से आईटी के द्वारा हाइलाइट किया जाएगा।
हालांकि, व्हाट्सएप से संबंधित कोई विशेष दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय समाचार और वित्तीय समाचार एजेंसियों में से एक रायटर ने 2018 की सर्वश्रेष्ठ तस्वीरें प्रस्तुत कीं। आज हम “स्पोर्ट” श्रेणी में तस्वीरें देखेंगे।
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26 अगस्त, 2018 को मैकलारेन के फर्नांडो अलोंसो और सैबर के चार्ल्स लेक्लर। REUTERS / Francois Lenoir
McLaren’s Fernando Alonso and Sauber’s Charles Leclerc crash at the first corner during the F1 Belgian Grand Prix, August 26, 2018. REUTERS/Francois Lenoir
2
15 जुलाई, 2018 को मॉस्को के लुज़निकी स्टेडियम में विश्व कप में अपनी जीत का जश्न मनाते हुए फ्रांसीसी उस्मान डेम्बेले, प्रेस्नेल किम्पेम्बे और अल्फोंस अरेला। REUTERS / Michael Dalder
France’s Ousmane Dembele, Presnel Kimpembe and Alphonse Areola celebrate winning the World Cup at the Luzhniki Stadium in Moscow, July 15, 2018. REUTERS/Michael Dalder
3
15 जुलाई 2018 को टूर डे फ्रांस के 9 वें चरण के दौरान ब्रिटेन से स्काई फोर्स चालक क्रिस फ्रॉम दुर्घटनाग्रस्त हो गये। REUTERS / Benoit Tessier
Team Sky rider Chris Froome of Britain crashes during stage 9 of the Tour de France, July 15, 2018. REUTERS/Benoit Tessier
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जापान के नाओमी ओसाका 22 जनवरी, 2018 को ऑस्ट्रेलियाई ओपन में रोमानिया के सिमोन हालेप के खिलाफ चिल्लाते हुए। RREUTERS / David Gray
Naomi Osaka of Japan in action against Simona Halep of Romania at the Australian Open, January 22, 2018. REUTERS/David Gray
5
इज़राइली राष्ट्रीय टीम 4 अगस्त, 2018 को ग्लासगो में यूरोपीय चैंपियनशिप में सिंक्रनाइज़ तैराकी में प्रदर्शन करती हुई। REUTERS / Stefan Wermuth
Team Israel competes in synchronized swimming at the European Championships in Glasgow, August 4, 2018. REUTERS/Stefan Wermuth
6
10 जनवरी, 2018 को डकार रैली के दौरान एडुआर्ड निकोलेव और रूस के सह-पायलट यवगेनी याकोवले अपने कामाज़ ट्रक पर। RREUTERS / Franck Fife
Eduard Nikolaev and co-pilot Evgeny Yakovlev of Russia work on their Kamaz truck during the Dakar Rally, January 10, 2018. REUTERS/Franck Fife
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सिमोना बेयल्स 17 अगस्त, 2018 को बोस्टन में यूएस आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक चैंपियनशिप में बैलेंस बीम पर प्रतिस्पर्धा करती हुई। REUTERS / Brian Snyder
Simone Biles competes on the balance beam at the U.S. Gymnastics Championships in Boston, August 17, 2018. REUTERS/Brian Snyder
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन 15 जुलाई, 2018 को मास्को में फ्रांस और क्रोएशिया के बीच विश्व कप फाइनल में टीम का उत्साहवर्धन करते हुए। Sputnik / Alexey Nikolsky / REUTERS
French President Emmanuel Macron reacts during World Cup final between France and Croatia in Moscow, July 15, 2018. Sputnik/Alexei Nikolsky/Kremlin via REUTERS
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9 अगस्त, 2018 को ग्लासगो में यूरोपीय चैंपियनशिप में वार्म-अप के दौरान जर्मनी से जेनी मियरिंग। REUTERS / Stefan Wermuth
Jenny Mensing of Germany during warm ups at the European Championships in Glasgow, August 9, 2018. REUTERS/Stefan Wermuth
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वेल्स के जेम्मा फ्रेज़ेल 11 अप्रैल, 2018 को ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल खेलों में लयबद्ध जिमनास्टिक में प्रतिस्पर्धा करते हुए। REUTERS / David Gray
Gemma Frizelle of Wales competes in rhythmic gymnastics at the Commonwealth Games in Australia, April 11, 2018. REUTERS/David Gray
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यूक्रेन की राष्ट्रीय टीम ग्लासगो में 4 अगस्त 2018 को यूरोपीय चैंपियनशिप में सिंक्रनाइज़ तैराकी में प्रदर्शन करती हुई। REUTERS / Stefan Wermuth
Team Ukraine competes in synchronized swimming at the European Championships in Glasgow, August 4, 2018. REUTERS/Stefan Wermuth
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केवी स्वाल्बार्ड के चालक दल, नॉर्वेजियन बेड़े अनुसंधान संस्थान के नॉर्वेजियन बेड़े के वैज्ञानिकों और वैज्ञानिकों द्वारा गठित, 22 मार्च, 2018 को फुटबॉल खेलता हुए। Marius Vagenes Villanger / Kystvakten / Sjoforsvaret / NTB Scanpix for REUTERS
KV Svalbard’s crew, formed by Norwegian Navy privates and scientists from the Norwegian Institute of Marine Research, play soccer while protected from polar bears by armed guards off Greenland, March 22, 2018. Marius Vagenes Villanger/Kystvakten/Sjoforsvaret/NTB Scanpix via REUTERS
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जर्मनी के बिग-वेव सर्फर सेबस्टियन स्टुडनर 18 जनवरी, 2018 को पुर्तगाल के नाज़े में प्रिया डो नॉर्ट में एक बड़ी लहर पर सर्फिंग करते नजर आए। REUTERS / Rafael Marchante
Big wave surfer Sebastian Steudtner of Germany drops in on a large wave at Praia do Norte in Nazare, Portugal, January 18, 2018. REUTERS/Rafael Marchante
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2 जुलाई, 2018 को सिएना में पालियो में दौड़ से पहले एक इतालवी काराबेनियरी अधिकारी अपने घोड़े को एक परेड के दौरान गिरा देता है। REUTERS / Stefano Rellandini
An Italian Carabinieri police officer falls down from his horse during their parade prior to the Palio of Siena horse race, July 2, 2018. REUTERS/Stefano Rellandini
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10 नवंबर, 2018 को लंदन में शरद ऋतु इंटरनेशनल ऑफ़ रग्बी यूनियन के दौरान न्यूजीलैंड के साथ एक खेल में इंग्लैंड से सैम अंडरहिल। REUTERS / Dylan Martinez
England’s Sam Underhill makes a tackle against New Zealand during the Rugby Union Autumn Internationals in London, November 10, 2018. REUTERS/Dylan Martinez
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एक पुलिसकर्मी ने प्रदर्शनकारी पर काली मिर्च स्प्रे छिड़का, जबकि एक अन्य प्रदर्शनकारी टूर डी फ्रांस के 24 जुलाई, 2018 के 16 चरणों के दौरान रेस डायरेक्टर की कार के सामने खड़ी थी। REUTERS / Stefan Mae
A police officer pepper sprays a protester as another protester stands in front of the race director’s car during stage 16 of the Tour de France, July 24, 2018. REUTERS/Stephane Mahe
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डगलस कोरिन्थियन के साथ साओ पाउलो में लियो डुआर्टे फ्लामेंगो, 26 सितंबर 2018। REUTERS / Paulo Whitaker
Corinthians’ Douglas in action with Flamengo’s Leo Duarte in Sao Paulo, September 26, 2018. REUTERS/Paulo Whitaker
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मिनी एक्स-रेड पायलट ऑरलैंडो टेरानोवा और सह-पायलट बर्नार्ड ग्रू, 6 जनवरी, 2018 को लीमा से पिस्को, पेरू तक डकार रैली के पहले चरण में। REUTERS / Andres Stapff
Mini X-Raid team driver Orlando Terranova and copilot Bernard Graue during the Dakar Rally first stage from Lima to Pisco, Peru, January 6, 2018. REUTERS/Andres Stapff
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इटालियन पायलट फ्रीक ट्रिकोलोरी 14 अक्टूबर, 2018 को ट्राइस्टे, इटली के बंदरगाह के सामने बार्सिलोना रेगाटा के शुरू होने से पहले उड़ते हुए। REUTERS / Alessandro Garofalo
The Italian Frecce Tricolori aerobatic squad performs before the start of the Barcolana regatta in front of the Trieste harbor, Italy, October 14, 2018. REUTERS/Alessandro Garofalo
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9 जून, 2018 को पेरिस में संयुक्त राज्य अमेरिका के स्लोवेन स्टीवंस के खिलाफ फ्रेंच ओपन के फाइनल के दौरान रोमानिया के टेनिस खिलाड़ी सिमोन हालेप। REUTERS / Benoit Tessier
Tennis player Simona Halep of Romania during the final of the French Open against Sloane Stephens of the U.S. in Paris, June 9, 2018. REUTERS/Benoit Tessier
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16 फरवरी, 2018 को दक्षिण कोरिया के फेनचेन में विंटर ओलंपिक में महिलाओं की फ़्रीस्टाइल जिम्नास्टिक में महिलाओं की फ़्रीस्टाइल प्रतियोगिताओं के दौरान चीन की जू मेन्गताओ का कहर बरपा था। REUTERS / Issei Kato
Xu Mengtao of China crashes during Freestyle Skiing, Women’s Aerials Finals at the Pyeongchang Winter Olympics in South Korea, February 16, 2018. REUTERS/Issei Kato
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17 नवंबर, 2018 को लंदन में एटीपी फाइनल में स्विस रोजर फेडरर के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में अलेक्जेंडर ज्वेरेव (जर्मनी)। Reuters / Andrew Couldridge
Alexander Zverev of Germany during his semi-final match against Switzerland’s Roger Federer at the ATP Finals in London, November 17, 2018. Action Images via Reuters/Andrew Couldridge
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17 फरवरी, 2018 को दक्षिण कोरिया के पखेंचखेन में शीतकालीन ओलंपिक में व्यक्तिगत पुरुषों की स्की कूद प्रतियोगिताओं के दौरान रूस के ओलंपिक एथलीट अलेक्सी रोमाशोव। REUTERS / Kai Pfaffenbach
Alexey Romashov, an Olympic athlete from Russia, during the Men’s Large Hill Individual Trial Round Ski Jumping at the Pyeongchang Winter Olympics in South Korea, February 17, 2018. REUTERS/Kai Pfaffenbach
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4 नवंबर, 2018 को क्लीवलैंड में केंसास सिटी से किकर सिटी चीफ हैरिसन बुकर मैदान से कबूतरों के झुंड को उड़ाते हुए। Scott R. Galvin, USA TODAY Sports
A flock of pigeons fly away as Kansas City Chiefs kicker Harrison Butker kicks to the Cleveland Browns in Cleveland, November 4, 2018. Scott R. Galvin-USA TODAY Sports
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27 जून, 2018 को बर्लिन में ब्रैंडेनबर्ग गेट पर खुले क्षेत्र में, दक्षिण कोरिया के खिलाफ विश्व कप मैच में जर्मन प्रशंसक। REUTERS / Hannibal Hanschke
Germany fans react as they watch their World Cup match against South Korea at a public viewing area at Berlin’s Brandenburg Gate, June 27, 2018. REUTERS/Hannibal Hanschke
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डेनमार्क की कैरोलिना वोज्नियाकी 27 जनवरी, 2018 को ऑस्ट्रेलियन ओपन में रोमानिया के सिमोन हालेप के खिलाफ एकल फाइनल जीतने का जश्न मनाती हुई। REUTERS / Toru Hanai
Caroline Wozniacki of Denmark celebrates winning the singles final against Simona Halep of Romania at the Australian Open, January 27, 2018. REUTERS/Toru Hanai
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28 अगस्त, 2018 को जकार्ता में एशियाई खेलों में अंतिम महिलाओं की 5000 मीटर दौड़ के बाद इंडोनेशिया की ओडेक्टा एलविना नायबाओ गिर गईं। REUTERS / Darren Whiteside
Odekta Elvina Naibaho of Indonesia collapses after the women’s 5000m final at the Asian Games in Jakarta, August 28, 2018. REUTERS/Darren Whiteside
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11 नवंबर, 2018 को ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में अल्बर्टो जे। आर्मंडो स्टेडियम में रिवर प्लेट के खिलाफ लिबर्टाडोरेस कप फाइनल के पहले चरण के दौरान बोका जूनियर्स प्रशंसक टीम का समर्थन करते हैं। REUTERS / Marcos Brindicci
Boca Juniors fans cheer their team during the first leg of the Copa Libertadores Final against River Plate at Alberto J. Armando Stadium in Buenos Aires, Argentina, November 11, 2018. REUTERS/Marcos Brindicci
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जापान के सोयोका हानवा ने 21 अगस्त, 2018 को जकार्ता में एशियाई खेलों के दौरान लॉग पर प्रतिस्पर्धा की। REUTERS / Katal McNaughton
Soyoka Hanawa of Japan in action on the balance beam during the Asian Games in Jakarta, August 21, 2018. REUTERS/Cathal Mcnaughton
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19 मई, 2018, ह्यूस्टन, टेक्सास के 46 वर्षीय सीन बेजेकने गोल्फ में स्ट्राइक करते हुए, बैकग्राउंड में हवाई, को किलौआ ज्वालामुखी का धुंआ उठता हुआ। REUTERS / Terray Sylvester
Sean Bezecny, 46, of Houston, Texas, takes a golf swing as ash erupts from the Halemaumau Crater during ongoing eruptions of the Kilauea Volcano in Hawaii, May 19, 2018. REUTERS/Terray Sylvester
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12 मई, 2018 को रियो डी जनेरियो में UFC 224 के दौरान एक लड़ाई में ब्राजील के विटोर बेल्फ़र्ट और उनके हमवतन लिओटो माचिडा। REUTERS / Ricardo Moraes
Vitor Belfort of Brazil and compatriot Lyoto Machida in action during UFC 224 in Rio de Janeiro, May 12, 2018. REUTERS/Ricardo Moraes
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बर्नले के सैम वोक्स ने अपना पहला गोल किया, जब न्यूकैसल यूनाइटेड के कार्ल डार्लो ने 31 जनवरी, 2018 को न्यूकैसल के सेंट जेम्स पार्क में प्रीमियर लीग मैच में गेंद को पकड़ने की कोशिश की। Reuters / Lee Smith
Sam Vokes of Burnley scores their first goal as Newcastle United’s Karl Darlow attempts to save it in a Premier League match at St James’ Park, Newcastle, January 31, 2018. Action Images via Reuters/Lee Smith
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1 अक्टूबर, 2018 को डेनवर के ब्रोंकोस स्टेडियम में चौथे क्वार्टर में कैनसस सिटी प्रमुखों और डेनवर ब्रोंकोस क्वार्टरबैक से क्रिस कॉनली। Ron Chenoy, USA TODAY Sports
Kansas City Chiefs wide receiver Chris Conley stiff arms Denver Broncos defensive back Chris Harris in the fourth quarter at Broncos Stadium in Denver, October 1, 2018. Ron Chenoy-USA TODAY Sports
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12 मई, 2018 को हैम्बर्ग, जर्मनी में गनबर्गर और बोरुसिया मोन्चेंग्लादबैच के बीच मैच के दौरान दंगा पुलिस लाइन के मैदान में जब दंगा हुआ, तो हैम्बर्ग के प्रशंसकों ने मिसाइलों को आग लगा दी और मैदान पर बम फेंक दिए। REUTERS / Morris Mac Matzen
Hamburg fans let off flares and throw smoke bombs on the pitch as riot police line up across the field during the match between Hanburger and Borussia Moenchengladbach in Hamburg, Germany, May 12, 2018. REUTERS/Morris Mac Matzen
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26 मार्च, 2018 को नानिंग में चीनी कप के तीसरे स्थान के लिए मैच के दौरान चेक गणराज्य से चीन और व्लादिमीर डारिडा के लियू इमिन। REUTERS / Stringer
Liu Yiming of China and Vladimir Darida of the Czech Republic in action during the China Cup Third Place Match in Nanning, March 26, 2018. REUTERS/Stringer
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19 अप्रैल, 2018 को सैन सेबेस्टियन, स्पेन में रियल सोसिएडैड के खिलाफ लड़ाई में एटलेटिको मैड्रिड शाऊल नेथज़। REUTERS / Vincent West
Atletico Madrid’s Saul Niguez in action against Real Sociedad in San Sebastian, Spain, April 19, 2018. REUTERS/Vincent West
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मियामी डॉल्फिन के माइक हेसकी 25 अक्टूबर, 2018 को मैच में कलाबाजी करते हुए। Shanna Lockwood-USA TODAY Sports
Miami Dolphins tight end Mike Gesicki goes airborne after a tackle by Houston Texans strong safety Kareem Jackson (not pictured), October 25, 2018. Shanna Lockwood-USA TODAY Sports
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5 अप्रैल, 2018 को पुर्तगाल के लिस्बन में कैंपो पेक्वेनो क्षेत्र में बुलफाइट के दौरान फोर्डडोस मोंटमोर समूह के सदस्य प्रदर्शन करते हुए। REUTERS / Rafael Marcant
Members of Montemor forcados group perform during a bullfight at Campo Pequeno bullring in Lisbon, Portugal, April 5, 2018. REUTERS/Rafael Marchante
आतंकी ठिकानों पर बम बरसाने वाले फाइटर प्लेन मिराज-2000 ने सेंट्रल मध्य कमान से उड़ान भरी थी। ग्वालियर एयरबेस पर मिराज-2000 और सुखोई का अड्डा है। चर्चा यह है कि पीओके जाने वाले विमानों को ईधन सप्लाई देने वाले विमान आगरा से गए थे।
सेंट्रल मध्य कमान में आगरा व ग्वालियर एयरफोर्स स्टेशन शामिल हैं। आगरा में एएन-32, आइएल-78 सहित अन्य विमान हैं। जबकि ग्वालियर एयरबेस में सुखोई, मिराज जैसे विमान हैं। आतंकी ठिकानों पर बम बरसाने के लिए फाइटर प्लेन मिराज की अहम भूमिका रही है। इधर आइएल-78 हवा में ईंधन भरने के काम आता है। एयर स्ट्राइक के लिए बालाकोट के लिए एक साथ कई प्लेन ने उड़ान भरी। इसके बाद भारत-पाक बार्डर पर तेल वाहक विमानों से हवा में ईंधन भरा गया। तब जाकर विमानों ने ठिकानों पर बम से हमला किया।
सोमवार-मंगलवार मध्य रात्रि आगरा एयरफोर्स स्टेशन से भी करीब चार-पांच विमानों ने उड़ान भरी। विमानों की गडग़ड़ाहट से खेरिया, अर्जुन नगर, शहीद नगर, केदारनगर, शाहगंज व उसके आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों की नींद खुल गई। क्षेत्रीय निवासियों की मानें तो अन्य दिनों के मुकाबले बड़ी संख्या में विमान उड़े हैं। सभी ने एक के बाद एक उड़ान भरी है। इसी प्रकार वापसी भी हुई है। ताजनगरी के आसमान पर सुबह ढाई घंटे तक विमानों की आवाजाही रही। चूंकि यह अति गोपनीय कार्रवाई थी इसलिए एयरफोर्स अफसर अधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
मिराज की ‘शक्ति’ के पीछे बैटल क्राई:
आतंकी ठिकानों की तबाही की फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। फाइटर प्लेन मिराज-2000 (Mirage 2000)को ‘शक्ति’ प्रदान करने वाला बैटल क्राई (आइएल-78 विमान ) है। यह तेलवाहक विमान है। जो हवा से हवा में फाइटर प्लेन को आसानी से ईंधन दे सकते हैं। इससे प्लेन लंबे समय तक उड़ान भर सकता है।
आगरा एयरफोर्स स्टेशन आइएल-78 विमानों का अड्डा है। भारतीय उप महाद्वीप में सबसे पहले यहीं पर तेलवाहक विमान आए थे। वर्ष 2003 में 78 स्क्वाड्रन का गठन किया गया था। फिर मिड एयर रिफ्यूलिंग स्क्वाड्रन (मार्स) बना। मार्स की खासियत यह है कि यह रात में भी विमानों को ईंधन दे सकता है। आतंकी ठिकानों को तबाह करने में अगर फाइटर प्लेन को ईंधन की जरूरत पड़ती तो ऐसे में मार्स को लगाया गया था। यह आगरा से भेजे गए थे। सूत्रों के अनुसार एक विमान एक साथ तीन फाइटर प्लेन को ईंधन देने की क्षमता रखता है।
यूं भरा जाता है ईंधन:
हवा से हवा में किसी विमान को ईंधन देना आसान नहीं होता है। आइएल-78 की रफ्तार के बराबर फाइटर प्लेन चलता है। फिर यह विमान के आसपास चक्कर लगाने लगता है। तेल वाहक विमान से एक नोजल फाइटर प्लेन की तरफ बढ़ती है। नोजल कुछ ही मिनट में टैंक को फुल कर देती है।
चंबल के बीहड़ में होता है ट्रायल:
आसमान में उड़ते हुए विमान को ईंधन देने का ट्रायल चंबल के बीहड़ में किया जाता है। हर दिन विमानों को तेल देते हुए देखा जा सकता है।
भारत-पाक बॉर्डर पर भरा गया तेल:
आतंकी ठिकानों पर तबाही मचाने से पूर्व फाइटर प्लेन मिराज को ईंधन दिया गया। यह ईंधन भारत-पाक बार्डर के आकाश में ही दिया गया। इसके लिए तेलवाहक विमानों का प्रयोग किया गया। सूत्रों के अनुसार फाइटर प्लेन द्वारा उड़ान भरने में सबसे अधिक तेल खर्च होता है। ठिकानों को तबाह करने से पूर्व बॉर्डर पर मिराज में तेल भरा गया। जिससे प्लेन देर तक बम वर्षा कर सुरक्षित वापस आ सकें।
कितना ताकतवर है फाइटर जेट मिराज?
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत ने कार्रवाई की है. फाइटर जेट मिराज 2000 के जरिए पाकिस्तान पर 1000 किलो के बम गिराए गए हैं. अभियान में 12 मिराज 2000 का इस्तेमाल किया गया था.
आइए जानते हैं, कितना ताकतवर है भारत का मिराज 2000 जेट…
मिराज 2000 को फ्रांस के डसॉल्ट कंपनी ने बनाया है. यह मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है. फ्रांस के एयर फोर्स में इसे 1984 में ही शामिल किया गया था. इस एयरक्राफ्ट में 9 प्वाइंट होते हैं जहां हथियार रखे जा सकते हैं.
ये एयरक्राफ्ट हाई फायरिंग गन से लेकर मिसाइल तक से लैस है. डबल सीटर और सिंगल सीटर, इसके दोनों वर्जन हैं. इसके दोनों विंग पर भी वीपन सिस्टम मौजूद होते हैं.
यह हवा से सीधे हवा में वार कर सकता है, साथ ही हवा से सीधे जमीन पर भी हमला कर सकता है. इस फाइटर जेट के एयर टू एयर मिसाइल सिस्टम का रेंज 60 किलोमीटर तक है.
एक ही समय में यह एयरक्राफ्ट 4 मिका मिसाइल, 2 मैजिक मिसाइल, 3 ड्रॉप टैंक्स के साथ लैस हो सकता है. मिराज 2000 लेजर गाइडेड बम भी गिरा सकता है.
आतंकी ठिकानों पर हमले में कितना नुकसान पहुंचा है, इसका अभी ठीक-ठीक आंकलन किया जाना बाकी है. कश्मीर में एलओसी पर तनाव की स्थिति हो रही है. एयरफोर्स बेस में हाई एक्टिविट देखी जा रही है.
मंगलवार तड़के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारतीय वायु सेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया. पाकिस्तान वायु सेना ने तुरंत कार्रवाई की. भारतीय विमान वापस चले गए.
बहुत साल हो गए, मैं कालेज करने दूसरे शहर गया. फिर प्राइवेट नौकरी करने कभी दिल्ली तो कभी गुरुग्राम, कभी सूरत तो कभी मुंबई या फिर नॉएडा या बंगलोर. समय बदला काफी कुछ डिजिटल हो गया.
एक देश एक पहचान हो गयी. आधार कार्ड बना जो मोबाइल से लेकर पैन कार्ड और बैंक अकाउंट से जुड़ गया. देश में रोमिंग ख़त्म हो गयी और मेरा एक मोबाइल अब पुरे देश में मेरे साथ सफर करने लगा. बैंक अकाउंट ऑनलाइन हुए तो मैं कहीं से भी पैसा ट्रांसफर करने लगा भले ही मेरा खाता मेरे गाँव का ही क्यों न हो. मैं उसी पुराने पैन कार्ड से इनकम टैक्स भरने लगा जो मेरे गाँव से बना था. अब तो पासपोर्ट का वेरिफिकेशन भी उसी शहर में होने लगा जहां मैं नौकरी कर रहा हूँ.
सब कुछ मोबाइल हो गया लेकिन एक चीज मोबाइल नहीं हुई वो है हमारा और आपका वोट. इस एक वोट को मोबाइल न करने की वजह से करोडो लोग भारतीय संविधान के मतदान के अधिकार से वंचित रह जाते हैं.
पोस्टल बैलट है पर केवल सरकारी नौकरी वालों के लिए. NRI जो विदेशों में रह रहे हैं वो भी प्रॉक्सी वोटिंग से वोट कर सकते हैं, जबकि इनकी संख्या गिनी चुनी है.
करोडो लोग पढाई लिखाई और नौकरी के चक्कर में अपना घर छोड़ देते है जो छुट्टी न मिलने या महगे किराए के चलते अपना वोट डालने नहीं आ पाते हैं. क्या उनके लिए “मेरा वोट मेरा अधिकार” नहीं है. इन जैसे लोगो के वोट न देने की वजह से मतदान प्रतिशत 50 – 60 प्रतिशत रहता है और कुल वोट का 20 से 25 प्रतिशत वोट पाकर लोग माननीय बन जाते हैं.
2014 के आम चुनाव में 81.45 करोड़ मतदाता लिस्ट में थे जिसमे 2.31 करोड़ matdaata 18 -19 साल के थे. इस चुनाव में वोट प्रतिशत था 66.38% जो अब तक का सर्वाधिक मतदान है जिसमे NDA (भाजपा गठबंधन जिसमे भाजपा ने 31.3% वोट पाकर 282 सीट जीती) ने 38.5% वोट पाकर 336 सीटें जीतीं. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की जितने वोट भाजपा गठबंधन को मिले थे लगभग उतने ही 28.1 करोड़ लोगों ने वोट नहीं किया था.
क्यों? इतने लोगों ने वोट क्यों नहीं किया?
कहा जाता है की इतने लोग वोट करने घरों से नहीं निकले जबकि इनमे से ज्यादातर लोग तो घरों पर थे ही नहीं. वो अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में किसी और राज्य या किसी और शहर में थे. सिर्फ एक नियम की वजह से की आपको वोट डालने के लिए आपको खुद वोट डालने उस बूथ पर जाना पड़ेगा जहां पर आपका वोट है.
इतनी बड़ी गिनती को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते.
इसलिए हम सबको अपने वोटिंग के अधिकार को मोबाइल करने के लिए इस टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस पेटिशन पर साइन करें ताकि चुनाव आयोग हमारे वोट को वहाँ भी डालने की अनुमति प्रदान करे जहां हम प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama) जिले में स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ जवानों के एक काफिले पर बड़ा हमला किया है। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए हैं और कई अन्य घायल हैं। गुरुवार शाम हुई वारदात के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।
जम्मू-कश्मीर पुलवामा जिले में गुरुवार शाम हुए एक बड़े आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद जवानों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। उरी में सितंबर 2016 में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर में यह सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। गुरुवार को श्रीनगर-जम्मू हाइवे पर स्थित अवंतिपोरा इलाके में आतंकियों ने सीआरपीएफ के एक काफिले को निशाना बनाया। इस हमले के बाद दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अलर्ट जारी किया गया है।
बताया जा रहा है कि आदिल अहमद डार नाम के आतंकी ने इस काफिले पर हमले की साजिश रची थी। आदिल पुलवामा के काकापोरा इलाके का रहने वाला है।
सीआरपीएफ (CRPF) की 54वीं बटैलियन के जवानों को इस हमले में आतंकियों ने निशाना बनाया। पीटीआई के मुताबिक विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी लेकर आए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले की बस में टक्कर मार दी। बताया जा रहा है कि काफिले की जिस बस को आतंकियों ने निशाना बनाया, उसमें 39 जवान सवार थे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीआरपीएफ के जिस काफिले पर हमला किया गया, उसमें 70 वाहन शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर गुरुवार को हुआ यह हमला आतंकी हमले की पहली वारदात नहीं है। एक साल पहले 15 फरवरी 2018 को भी आतंकियों ने पुलवामा के पंजगाम स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के एक कैंप पर हमला किया था। इस वारदात के दौरान आतंकियों ने सीआरपीएफ के शिविर पर हमला कर कैंप में घुसने की कोशिश की थी, लेकिन जवानों की सतर्कता के कारण कामयाब नहीं हो सके थे।