Category: खबरें और राजनीति

  • सैमसंग ला रहा है दुनिया का पहला ‘पारदर्शी’ डिस्प्ले वाला फोन

    सैमसंग ला रहा है दुनिया का पहला ‘पारदर्शी’ डिस्प्ले वाला फोन

    Transparent Display Mobile

    स्मार्टफोन कंपनियां लगातार नए डिजाइन, लुक और फीचर्स के साथ फोन लॉन्च कर रही हैं। फोन के कैमरा से लेकर डिस्प्ले, डिजाइन और फीचर्स में बीते कुछ समय में काफी कुछ बदल गया है। अब सैमसंग भी इस रेस में शामिल होता नजर आ रहा है। कंपनी ने हाल ही में एक नया स्मार्टफोन पेटेंट कराया है जो फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपेरेंट डिस्प्ले के साथ आता है। कंपनी ने यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट ऐंड ट्रेडमार्क ऑफिस (USPTO) में पेटेंट फाइल किया है।

    LetsGoDigital की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने यह पेटेंट सिर्फ तकनीकी आधार पर लिया है। फोन के बारे में अन्य डीटेल अभी सामने नहीं आई हैं। अगर सैमसंग यह फोन लाने में कामयाब रहता है तो यह अपनी तरह का पहला फोन होगा।

    Transparent Mobile Phone

    कंपनी ने हाल ही में अपना सबसे लंबी बैटरी वाला फोन गैलेक्सी M51 लॉन्च किया था। सैमसंग गैलेक्सी एम51 में उम्मीद के मुताबिक 7000mAh की बड़ी बैटरी दी गई है। बैटरी 25 वाट फास्ट चार्जिंग स्पीड सपॉर्ट करती है। फोन में पंच-होल डिजाइन डिस्प्ले है। इस स्मार्टफोन में 6.7 इंच इनफिनिटी-ओ कटआउट के साथ फुल एचडी+ सुपर एमोलेड+ डिस्प्ले है। हैंडसेट में ऑक्टा-कोर प्रोसेसर है। हैंडसेट में 6 जीबी रैम व 128 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज दी गई है। बता दें कि गैलेक्सी एम51 को सिर्फ एक वेरियंट में लॉन्च किया गया है। फोन की स्टोरेज को 512 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

    सैमसंग गैलेक्सी एम51 को भारत में सितंबर के दूसरे सप्ताह में लॉन्च किया जा सकता है। फोन की कीमत देश में 25 हजार रुपये से 30 हजार रुपये के बीच होने का पता चला है। सैमसंग इंडिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सैमसंग गैलेक्सी एम51 के टीजर जारी करना शुरू कर दिए हैं।

    Source: Navbharat Times

  • सरकार की देश के 69,000 पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग कियोस्क लगाने की योजना

    सरकार की देश के 69,000 पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग कियोस्क लगाने की योजना

    पेट्रोल पंप पर इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग

    सरकार देश के करीब 69,000 पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग कियोस्क लगाने पर विचार कर रही है। इस कदम से देश में बिजलीचालित वाहनों की मांग को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

    इसके अलावा सरकार कंपनियों के स्वामित्व, कंपनियों के परिचालन वाले (सीओसीओ) तथा सरकारी रिफाइनरी कंपनियों के सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग कियोस्क को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रही है।

    लोग चुन रहे हैं बैटरी चलित वाहन

    इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग ढांचे पर समीक्षा बैठक के दौरान बिजली मंत्री आर के सिंह ने पेट्रोलियम मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को सुझाव दिया कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत आने वाली पेट्रोलियम विपणन कंपनियों को सभी सीओसीओ पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग कियोस्क लगाने का आदेश जारी कर सकते हैं।

    एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अन्य फ्रेंचाइजी पेट्रोल पंप परिचालकों को अपने ईंधन स्टेशनों पर कम से कम एक चार्जिंग कियोस्क लगाने की सलाह दी जा सकती है। सूत्र ने कहा कि इससे देश के सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग सुविधा लगाई जा सकेगी।

    पेट्रोल पम्प पर वैकल्पिक ईंधन अनिवार्य होगा

    पेट्रोलियम मंत्रालय के नए दिशानिर्देशों के अनुसार सभी नए पेट्रोल पंपों पर कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन का विकल्प अनिवार्य है।

    सूत्र ने कहा, ‘‘वैकल्पिक ईंधन के तहत ज्यादातर नए पेट्रोल पंप इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधा के विकल्प को चुन रहे हैं। यदि मौजूदा पेट्रोल पंपों पर भी ईवी चार्जिंग कियोस्क लग जाता है, तो इससे देश में बिजलीचालित वाहनों को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा।’’

    इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगा प्रोत्साहन

    उद्योग के अनुमान के अनुसार देश में करीब 69,000 पेट्रोल पंप हैं। सभी पेट्रोल पंपों पर ईवी चार्जिंग सुविधा से इलेक्ट्रिक वाहनों को जबर्दस्त प्रोत्साहन मिलेगा। अभी चार्जिंग सुविधा के अभाव में लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से कतराते हैं।

    बिजली मंत्रालय ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, वडोदरा ओर भोपाल में ईवी चार्जिंग ढांचा लगाने की योजना बनाई है। इसके अलावा मंत्रालय का इरादा राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी ईवी चार्जिंग ढांचा लगाने का है। इससे लोग बिजलीचालित वाहन खरीदने को प्रोत्साहित होंगे।

    दिल्ली में सार्वजानिक परिवहन होगा पूरी तरह इलेक्ट्रिक

    सूत्र ने कहा, ‘‘मंत्री का मानना है कि किसी शहर में दो या तीन चार्जिंग स्टेशन लगाना पैसे की बर्बादी होगा। केंद्र सरकार दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह बिजलीचालित करने की तैयारी कर रही है। इसे बाद में अन्य शहरों द्वारा भी अपनाया जा सकता है।’’

  • हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू, 4 सितम्बर को 10 बजे खुलेंगे कपाट

    हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू, 4 सितम्बर को 10 बजे खुलेंगे कपाट

    उत्तराखंड के चमोली जिले में गोविन्द घाट से बृहस्पतिवार को हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) की यात्रा के लिए पहला जत्था रवाना होने के साथ ही इस वर्ष की हेमकुण्ड यात्रा (Hemkund Travel) की विधिवत शुरुआत हो गयी । हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) गुरुद्वारे के कपाट शुक्रवार को 10 बजे खुलेंगे ।

    पंचप्यारे

    गोविंदघाट से हुकमनामा लेकर पंचप्यारों की अगुवाई में रवाना हुए इस वर्ष के पहले जत्थे में सीमित संख्या में श्रद्धालु शामिल हैं ।

    शुक्रवार को अरदास के बाद सुबह 10 बजे हेमकुंड सहिब गुरुद्वारे के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोले जाएंगे। इसके साथ ही वहां स्थित प्रसिद्ध लक्ष्मण मंदिर (Laxman Temple) के कपाट भी कल खुल जाएंगे ।

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    शबद कीर्तन

    बृहस्पतिवार सुबह से ही गोविंदघाट (Govindghat) गुरुद्वारे में शबद कीर्तन का आयोजन किया गया और गुरुग्रंथ साहिब (Gurugranth Sahib) के पाठ और अरदास के बाद पंच प्यारों की अगुवाई में इस वर्ष के पहले जत्थे को हेमकुंड साहिब के लिये रवाना किया गया। गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के पदाधिकारियों की ओर से यात्रियों को सरोपा भेंट कर हेमकुंड साहिब के लिये रवाना किया।

    कोविड-19 का यात्रा पर असर

    गोविंद घाट से रवाना हुआ यात्रियों का जत्था आज रात्रि घांघरिया (Ghangharia) में विश्राम करेगा। कोविड-19 के चलते इस बार हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर की यात्रा तीन माह देरी से शुरू हो रही है।

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    मुश्किलों भरी है चढ़ाई हेमकुंड की

    हेमकुंड साहिब तक की यात्रा की शुरुआत गोविंदघाट से होती है जो अखलनंदा नदी के किनारे समुद्र तल से 1 हजार 828 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गोविंदघाट तक तो अच्छी सड़कें हैं और यहां तक गाड़ियां आराम से जाती हैं लेकिन इसके ऊपर यानी गोविंदघाट से घांघरिया तक 13 किलोमीटर की चढ़ाई है जो एकदम खड़ी चढ़ाई है। इसके आगे का 6 किलोमीटर का सफर और भी ज्यादा मुश्किलों से भरा है।

    हेमकुंड ट्रेकिंग (Hemkund Trekking) करते हुए जाना होता है

    झूलते हुए ब्रिज (Hanging Bridge) के जरिए अलखनंदा नदी को पारकर गोविंदघाट पहुंचा जाता है। इसके बाद टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता सीधा हो जाता है जो नीचे जाती हुई घाटी से होकर जाता है जिसमें खेत भी हैं और कई पेड़-पौधे भी। 3 किलोमीटर बाद लक्षमण गंगा (Laxman Ganga) मिलती है जो आगे चलकर अलखनंदा में मिलती है। आगे एक छोटा सा गांव आता है पुलना। इसके बाद की चढ़ाई और भी ज्यादा एक्साइटिंग हो जाती है क्योंकि रास्ते में आपको पत्थरीले पहाड़ और बर्फ से ढ़की पहाड़ की चोटियां दिखने लगती हैं।

    Hemkund Sahib

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    प्राकृतिक नजारों से भरपूर है पूरा रास्ता

    पुलना से भयंदर गांव के बीच का 7 किलोमीटर का सफर प्राकृतिक खूबसूरती से भरा है। इसमें आपको कई झरने भी देखने को मिलेंगे। 2 किलोमीटर आगे जाकर घांघरिया बेस कैंप (Ghangharia Base Camp) आता है जहां से आगे वैली ऑफ फ्लावर्स (Valley of Flowers) और हेमकुंड साहिब का रास्ता निकलता है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब की दूरी वैसे तो सिर्फ 6 किलोमीटर है लेकिन यहां से पहाड़ की चढ़ाई और भी ज्यादा मुश्किल हो जाती है और इसे पार करने में ही सबसे ज्यादा समय लगता है।

    Hemkund Sahib

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    हेमकुंड कैसे पहुंचे

    हवाई मार्ग– देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। गोविंदघाट से जॉली ग्रांट की दूरी 292 किलोमीटर है। यहां से गोविंदघाट तक टैक्सी या बस के जरिए पहुंच सकते हैं। गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 19 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है।

    रेल मार्ग– हेमकुंड साहिब का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (Rishikesh) है जो गोविंदघाट से 273 किलोमीटर दूर है। ऋषिकेश से टैक्सी या बस के जरिए श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और जोशीमठ होते हुए गोविंदघाट पहुंच सकते हैं।

  • नहीं रहे भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, काफी दिनों से थे बीमार, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज

    नहीं रहे भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, काफी दिनों से थे बीमार, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार आज

    देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukharjee) का सोमवार शाम को यहां आर्मी आरआर (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल में निधन हो गया। यह जानकारी उनके पुत्र अभिजीत (Abhijeet) ने दी। पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी 84 वषर्ष के थे। मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे।

    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आज अंतिम विदाई दी जाएगी। गृह राज्य प.बंगाल की जगह नई दिल्ली में पूरे राजकीय सम्मान के साथ प्रणब दा का अंतिम संस्कार होगा। मुखर्जी को गत 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

    सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने कहा कि दिवंगत सम्मानीय नेता के सम्मान में भारत में 31 अगस्त से लेकर छह सितंबर तक राजकीय शोक रहेगा। इस दौरान देश भर में उन सभी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा जहां ध्वज लगा रहता है।

    पूर्व राष्ट्रपति की पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी (Sharmishtha Mukharjee) ने 12 अगस्त को ट्विटर पर लिखा था कि पिछले साल का आठ अगस्त का दिन उनकी जिंदगी का सबसे सुखद दिन था। उस दिन उनके पिता को भारत रत्न (Bharat Ratna) का सम्मान मिला था। ठीक एक साल अब बड़ी दुखद घड़ी आई है।

    Pranab Mukharjee

    भारत के 13वें राष्ट्रपति जो बनना चाहते थे प्रधानमंत्री

    भारतीय राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले प्रणब मुखर्जी को एक ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाएगा, जो देश का प्रधानमंत्री (Prime Minister) हो सकता था, लेकिन अंतत: उनका राजनीतिक सफर राष्ट्रपति भवन तक पहुंच कर संपन्न हुआ।

    चार दशक लंबे राजनीतिक कार्यकाल के बाद वर्ष 2012 में प्रणब मुखर्जी देश के प्रथम नागरिक यानी राष्ट्रपति बने थे। मुखर्जी 2012 से लेकर 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति रहे। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई अहम फैसले भी लिए । इस पद तक उनका पहुंचना आसान नहीं था। दरअसल राष्ट्रपति पद के लिए यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की पसंद हामिद अंसारी (Hamid Ansari) थे। लेकिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सहित कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की पसंद प्रणब दादा (Pranab Da) थे। इससे यह भी पता चला था कि राजनीतिक विभेद के बावजूद प्रणब दा की स्वीकार्यता सभी राजनीतिक दलों में थी।

    Pranab Mukharjee and Narendra Modi

    प्रणब दा का वो सपना अधूरा ही रहा गया

    हालांकि राष्ट्रपति बनने से प्रणब दा का वो सपना अधूरा ही रहा गया, जिसके लिए राजनीतिक हलकों में हमेशा चर्चा होती थी। यह सर्वविदित था कि यूपीए (UPA) और कांग्रेस पार्टी (Congress) के भीतर प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत और बड़े दावेदार थे। इसी वजह से उन्हें पीएम इन वेटिंग भी कहा जाता था। लेकिन उनकी किस्मत में सात रेसकोर्स रोड नहीं बल्कि राष्ट्रपति भवन का पता लिखा था। अपनी जीवनयात्रा पर लिखी पुस्तक “द कोलिशन इयर्स- 1996 – 2012” में खुद प्रणब मुखर्जी ने इस बात का खुलासा किया था कि वो प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।

    अपनी किताब ‘‘द् कोलिशन इयर्स’’ में मुखर्जी ने माना कि मई 2004 में जब कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया था तब उन्होंने उम्मीद की थी कि वह पद उन्हें मिलेगा। उन्होंने लिखा है, ‘अंतत: उन्होंने (सोनिया) अपनी पसंद के रूप में डॉक्टर मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) का नाम आगे किया और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। उस वक्त सभी को यही उम्मीद थी कि सोनिया गांधी के मना करने के बाद मैं ही प्रधानमंत्री के रूप में अगली पसंद बनूंगा।’ मुखर्जी ने यह स्वीकार किया था कि शुरुआती दौर में उन्होंने अपने अधीन काम कर चुके मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल होने से मना कर दिया था लेकिन सोनिया गांधी के अनुरोध पर बाद में वह सहमत हुए।

    Pranab Mukharjee and Mulayam Singh Yadav

    राष्ट्रपति के रूप में एक अमिट छाप छोड़ी

    राष्ट्रपति के रूप में भी उन्होंने एक अमिट छाप छोड़ी। इस दौरान उन्होंने दया याचिकाओं पर सख्त रुख अपनाया। उनके सम्मुख 34 दया याचिकाएं आईं और इनमें से 30 को उन्होंने खारिज कर दिया। इनमें 2008 मुंबई हमलों के दोषी अजमल कसाब (Azmal Kasab) और 2001 में संसद हमलों के मुख्य आरोपी अफजल गुरू (Afjal Guru) को फांसी दिया जाना शामिल है। जनता के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले मुखर्जी को राष्ट्रपति भवन को जनता के निकट ले जाने के लिए उठाए गए कदमों के लिए भी याद किया जाएगा। उन्होंने जनता के लिए इसके द्वार खोले और एक संग्रहालय भी बनवाया।

    Pranab Mukharjee and Yogi Adityanath

    प्रणब दा के क्‍लर्क से देश के राष्‍ट्रपति बनने की पूरी कहानी

    क्‍या आप जानते हैं कि प्रणब दा राजनीति में आने से पहले एक क्‍लर्क थे। जीहां! ये सच है। उन्‍होंने देश के सर्वोच्‍च पद पर पहुंचने के लिए न सिर्फ कड़ी मेहनत की बल्कि अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया। विरोधी भी उनको पूरा सम्‍मान देते थे। प्रणब का जन्‍म बंगाल प्रेसीडेंसी के मिराती गांव में एक बंगाली परिवार में हुआ था। वर्तमान में ये पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के अंतर्गत आता है। उनके पिता ने कमद किंकर मुखर्जी देश की आजादी की लड़ाई में बढ़चढ़कर हिस्‍सा लिया था। इसके अलावा 1952-1964 तक वो पश्चिम बंगाल विधान परिषद में कांग्रेस के सदस्‍य भी थे। साथ ही वे एआईसीसी के भी सदस्‍य थे। इस लिहाज से प्रणब दो एक राजनीतिक परिवार से भी ताल्‍लुक रखते थे।

    प्रणब दा ने बीरभूम के सूरी विद्यासागर कॉलेज से पढ़ाई की थी। कलकत्‍ता यूनिवर्सिटी से उन्‍होंने राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की और फिर बाद में इतिहास की डिग्री भी हासिल की। इसके बाद उन्‍होंने कानून की पढ़ाई के लिए यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। इतना सब कुछ करने के बाद उनकी नौकरी बतौर अपर डिवीजनल क्‍लर्क ऑफिस ऑफ डिप्‍टी अकांउंटेंट जनरल (पोस्‍ट एंड टेलिग्राफ) में लग गई थी। इसके बाद प्रणब दा ने जिस कॉलेज से इतिहास और राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री हासिल की थी वहीं पर उनका चयन बतौर सहायक प्रोफेसर हुआ था। कुछ समय उन्‍होंने इस कॉलेज में अपनी सेवाएं दी। आपको बता दें कि प्रणब एक शिक्षक के अलावा एक पत्रकार भी थे। राजनीति में आने से पहले उन्‍होंने देशर डाक (Call of Motherland) के लिए पत्रकारिता की थी।

    1969 में उन्‍होंने राजनीति की पहली सीढ़ी उस वक्‍त चढ़ी, जब मिदनापुर में हुए उप चुनाव उन्‍होंने एक निर्दलीय प्रत्‍याशी वीके कृष्‍ण मेनन के लिए चुनाव प्रचार किया। इस चुनाव में मेनन को जीत हासिल हुई थी। इस जीत का डंका दिल्‍ली तक सुनाई दे रहा था। यही वो वक्‍त था जब इंदिरा गांधी की नजर प्रणब दा पर पड़ी थी। उन्‍होंने प्रणब मुखर्जी की प्रतिभा को पहचाना और अपनी पार्टी में आने का न्‍यौता दे डाला। प्रणब भी इसको ठुकरा नहीं पाए। कांग्रेस की तरफ से उन्‍हें पहली बार 1969 में राज्‍यसभा सदस्‍य बनाया गया। इसके बाद वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में भी राज्‍यसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद प्रणब दा ने फिर कभी पलटकर पीछे नहीं देखा और सफलता की सीढि़यां एक के बाद एक चढ़ते चले गए।

    वर्ष 1973 में इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को जानते हुए उन्‍हें अपनी केबिनेट में जगह दी और उन्‍हें इंड्रस्ट्रियल डेवलेपमेंट मिनिस्‍टरी में डिप्‍टी मिनिस्‍टर बनाया गया। लेकिन 1975-77 के बीच इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी को लेकर उनकी भी आलोचना हुई। वो इस दौरान भी काफी सक्रिय नेताओं में से एक थे। इमरजेंसी की बदौलत कांग्रेस को 1977 के चुनाव करारी हार मिली थी और जनता पार्टी की सरकार केंद्र में बनी थी। 1979 में प्रणब राज्‍य सभा में कांग्रेस के उपनेता रहे और 1980 में उन्‍हें सदन का नेता बनाया गया। प्रणब के राजनीतिक कद का अंदाजा इस बात से भी लिया जा सकता है कि पीएम की गैर मौजूदगी में वही केबिनेट की बैठक लिया करते थे।

    Pranab Mukharjee and RSS

    इंदिरा गांधी की हत्‍या के बाद जब राजीव गांधी को पीएम बनाया गया तो प्रणब दा को उनकी केबिनेट में जगह नहीं मिल सकी। इससे नाराज होकर प्रणब ने कांग्रेस से अलग होकर एक नई पार्टी बना ली। लेकिन कांग्रेस से अलग होकर वो ज्‍यादा कमाल नहीं दिखा सके। इसी वजह से 1989 में उन्‍होंने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था।

    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में केंद्र सरकार ने 7 दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है, जिसके बाद आज राष्ट्रपति भवन और संसद भवन के झंडे को झुका दिया गया है।

    माना जा रहा है कि प्रणब मुखर्जी का आज दिल्ली में दोपहर 2.30 बजे लोधी श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

    राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पीएम समते तमाम हस्तियों ने जताया शोक

    राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें ऐसा प्रबुद्धजन बताया जिसने पूरी निष्ठा से देश की उत्कृष्ट सेवा की है। राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ‘पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनका जाना एक युग का अंत है। सार्वजनिक जीवन में विराट कद हासिल करने वाले प्रणब दा ने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की।’

    उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर यह कहते हुए शोक प्रकट किया कि देश ने एक राजनेता खो दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि का राजनीतिज्ञ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पहले दिन से उन्हें उनका मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

    साभार: जागरण

  • कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    वाशिंगटन,29अगस्त (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा कि हैरिस में शीर्ष पद पर आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’है।

    ट्रंप ने शुक्रवार को न्यूहैम्पशायर में रिपब्लिकन पार्टी की प्रचार रैली को संबोधित किया।

    ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका में शीर्ष पद पर किसी महिला को देखने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी एवं व्हाइट हाउस सलाहकार इवांका ट्रंप ऐसे पद के लिए उचित उम्मीदवार हो सकती हैं।

    हैरिस पिछले साल तक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहीं थी।

    डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने हैरिस को उप राष्ट्रपति पद के लिए चुना है। हैरिस के पिता जमैका से और उनकी मां भारत से थीं।

    ट्रंप ने कहा ,‘‘आप जानते हैं कि मैं भी शीर्ष पद पर एक महिला को देखना चाहता हूं, लेकिन मैं नहीं चाहता कोई महिला इस पद पर इस तरीके से आए और वह काबिल भी नहीं हैं।’’

    ट्रंप के इतना कहते ही लोग तालियां बजाने लगे और कुछ इवांका ट्रंप का नाम चिल्लाने लगे।

    इस पर राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘वे सब भी कह रहे हैं ‘हम इवांका को चाहते हैं। मैं आप पर तोहमत नहीं लगा रहा।’’

    गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन को स्वीकार करने के बाद ट्रंप की यह पहली चुनावी रैली थी।

    ट्रंप ने अपने भाषण में बाइडेन की भी आलोचना की।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • रिजर्व बैंक ने 2019-20 में 2,000 के नए नोट नहीं छापे : वार्षिक रिपोर्ट

    रिजर्व बैंक ने 2019-20 में 2,000 के नए नोट नहीं छापे : वार्षिक रिपोर्ट

    भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में 2,000 रुपये के नए नोटों की छपाई नहीं की। इस दौरान 2,000 के नोटों का प्रसार कम हुआ है। रिजर्व बैंक की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

    रिपोर्ट के अनुसार मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी, जो मार्च, 2019 के अंत तक घटकर 32,910 लाख पर आ गई। मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या और घटकर 27,398 लाख पर आ गई।

    रिपोर्ट के अनुसार, प्रचलन में कुल मुद्राओं में 2,000 के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 प्रतिशत रह गया। यह मार्च, 2019 के अंत तक तीन प्रतिशत तथा मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 प्रतिशत था।

    मूल्य के हिसाब से भी 2,000 के नोटों की हिस्सेदारी घटी है। आंकड़ों के अनुसार मार्च, 2020 तक चलन में मौजूद कुल नोटों के मूल्य में 2,000 के नोट का हिस्सा घटकर 22.6 प्रतिशत रह गया। यह मार्च, 2019 के अंत तक 31.2 प्रतिशत और मार्च, 2018 के अंत तक 37.3 प्रतिशत था।

    रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से तीन साल के दौरान 500 और 200 रुपये के नोटों के प्रसार में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से 500 और 200 रुपये के नोट का प्रसार बढ़ा है।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में 2,000 के करेंसी नोट की छपाई के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया गया। भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लि. (बीआरबीएनएमपीएल) तथा सिक्योरिटी प्रिटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (एसपीएमसीआईएल) की ओर 2,000 के नोट की कोई नई आपूर्ति नहीं की गई। 2019-20 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 13.1 प्रतिशत कम थे।

    रिपोर्ट कहती है कि 2019-20 में बैंक नोटों की आपूर्ति भी इससे पिछले साल की तुलना में 23.3 प्रतिशत कम रही। इसकी मुख्य वजह कोविड-19 महामारी और उसके चलते लागू लॉकडाउन है।

    रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 में 500 के 1,463 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इसमें से 1,200 करोड़ नोटों की आपूर्ति हुई। वहीं 2018-19 में 1,169 करोड़ नोटों की छपाई के ऑर्डर पर 1,147 करोड़ नोटों की आपूर्ति की गई।

    रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में बीआरबीएनएमपीएल तथा एसपीएमसीआईएल को 100 के 330 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इसी तरह 50 के 240 करोड़ नोटों, 200 के 205 करोड़ नोटों, 10 के 147 करोड़ नोटों और 20 के 125 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया। इनमें से ज्यादातर की आपूर्ति वित्त वर्ष के दौरान की गई।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि 2019-20 में बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए जाली नोटों (एफआईसीएन) में से 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक के स्तर पर पकड़े गए। वहीं 95.4 प्रतिशत जाली नोटों का पता अन्य बैंकों के स्तर पर चला। कुल मिलाकर 2,96,695 जाली नोट पकड़े गए।

    यदि इससे पिछले वित्त वर्ष से तुलना की जाए, तो 10 के जाली नोटों में 144.6 प्रतिशत, 50 के जाली नोटों में 28.7 प्रतिशत, 200 के जाली नोटों में 151.2 प्रतिशत तथा 500 (महात्मा गांधी-नई श्रृंखला) के जाली नोटों में 37.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ।

    वहीं 20 के जाली नोटो में 37.7 प्रतिशत, 100 के जाली नोटो में 23.7 प्रतिशत तथा 2,000 के जाली नोटों में 22.1 प्रतिशत की कमी आई। बीते वित्त वर्ष में 2,000 के 17,020 जाली नोट पकड़े गए। यह आंकड़ा 2018-19 में 21,847 का रहा था।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों के वेतन में हुई मात्र 3.6 प्रतिशत की वृद्धि : सर्वे

    चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों के वेतन में हुई मात्र 3.6 प्रतिशत की वृद्धि : सर्वे

    कोरोना वायरस महामारी के बीच कंपनियों ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अपने कर्मचारियों को औसतन 3.6 प्रतिशत की वेतनवृद्धि दी है। पिछले वित्त वर्ष में कर्मचारियों का वेतन औसतन 8.6 प्रतिशत बढ़ा था।

    प्रमुख परामर्शक कंपनी डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। सर्वे के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कर्मचारियों की वेतनवृद्धि में दो चीजों ‘समय’ और कोविड-19 के प्रभाव ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

    सोमवार को जारी इस सर्वे में कहा गया है, ‘‘जिन संगठनों ने मार्च, 2020 में लॉकडाउन शुरू होने से पहले वेतनवृद्धि के बारे में फैसला कर लिया था, उन्होंने अन्य कंपनियों की तुलना में अपने कर्मचारियों को अधिक वेतनवृद्धि दी है। वहीं बड़ी संख्या में कंपनियों का मानना है कि कोविड-19 की वजह से 2020-21 में उनकी आमदनी में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आएगी। ऐसी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को कमोबेश कम वेतनवृद्धि दी है।’’

    कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को देश में राष्ट्रव्यापी बंद लागू किया गया था। मई के अंत में हालांकि अंकुशों में ढील दी गई। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से कुछ राज्यों में अंकुश जारी रहे। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।

    वर्ष 2020 का दूसरे चरण का श्रमबल और वेतनवृद्धि सर्वे जून, 2020 में शुरू किया गया। इसमें 350 कंपनियों ने भाग लिया।

    सर्वे के अनुसार, ‘‘10 में से सिर्फ चार कंपनियों ने 2020 में कर्मचारियों को वेतनवृद्धि दी है। 33 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। वहीं अन्य कंपनियों ने अभी इस पर फैसला नहीं किया है। इस हिसाब से 2020 में औसत वेतनवृद्धि 3.6 प्रतिशत बैठती है, जो पिछले साल से आधी से भी कम है। पिछले साल कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 8.6 प्रतिशत की वेतनवृद्धि दी थी।’’

    सर्वे में कहा गया है कि वेतनवृद्धि का यह आंकड़ा दशकों में सबसे कम है। डेलॉयट ने कहा है कि यदि सर्वे में सिर्फ उन संगठनों को लिया जाए, जिन्होंने अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया है, तो औसत वेतनवृद्धि 7.5 प्रतिशत बैठती है। चालू वित्त वर्ष में ऐसी कंपनियों की संख्या 10 प्रतिशत से भी कम है जिन्होंने अपने कर्मचारियों को 10 प्रतिशत से अधिक की वेतनवृद्धि दी है।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • पिछले चार महीनों में गईं करीब दो करोड़ नौकरियां, अब अर्थव्यवस्था का सच नहीं छुप नहीं सकता: राहुल

    पिछले चार महीनों में गईं करीब दो करोड़ नौकरियां, अब अर्थव्यवस्था का सच नहीं छुप नहीं सकता: राहुल

    नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक खबर का हवाला देते हुए दावा किया कि पिछले चार महीनों में करीब दो करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं और अब ‘अर्थव्यवस्था के सर्वनाश’ का सत्य देश से नहीं छिप सकता।

    उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘पिछले चार महीनों में क़रीब दो करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवाईं हैं। दो करोड़ परिवारों का भविष्य अंधकार में है। फेसबुक पर झूठी खबरें और नफ़रत फैलाने से बेरोज़गारी और अर्थव्यवस्था के सर्वनाश का सत्य देश से नहीं छुप सकता।’’

    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसी विषय पर दावा किया, ‘‘अब सच्चाई जग ज़ाहिर है। केवल अप्रैल-जुलाई 2020 में 1.90 करोड़ नौकरीपेशा लोगों की नौकरी गई। अकेले जुलाई माह में 50 लाख नौकरी गई। खेती और निर्माण क्षेत्र में 41 लाख लोगों की नौकरी गई। भाजपा ने देश की रोज़ी-रोटी पर ग्रहण लगाया।’’

    राहुल गांधी और सुरजेवाला ने जिस खबर का हवाला दिया उसके मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बीच अप्रैल से अब तक 1.89 करोड़ लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। ‘सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी’ (सीएमआईई) के आंकड़ों में यह बात सामने आई है।

    इसमें कहा गया है कि पिछले महीने यानी जुलाई में लगभग 50 लाख लोगों ने नौकरी गंवाई है।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • अजब कपड़ों की गजब कहानी, देखे हैं क्या ऐसे कपडे? 30+फोटोज

    अजब कपड़ों की गजब कहानी, देखे हैं क्या ऐसे कपडे? 30+फोटोज

    लोगों के शौक भी अजीब होते हैं. फिर उसमे फैशन डिजाइनिंग का तड़का लग जाए तो फिर कहने ही क्या. तो फिर हमने भी इंटरनेट खंगाला और ऐसी फोटोज ढूंढ कर लाये हैं जो पत्तियों और फूलों की बनी हैं.

    1

    तरबूज के छिलकों को भी नहीं छोड़ा

    Amazing Fancy Dresses Made from Plants and Leaves

    2

    नोटों की कमी नहीं है इनके पास

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    3

    पत्ता गोभी की बनी ड्रेस तो अच्छी भी लग रही है

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    4

    लहसुन प्याज को तो छोड़ दो खाने के लिए

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    5

    ऐसी ड्रेस देखकर कहीं बकरी पीछे पड़ गयी तो?

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    6

    केले के पत्ते पर तो दक्षिण भारत में खाना खाया जाता है

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    7

    झालर से घर सजाने के बजाये इन्होने खुद को ही सजा लिया

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    8

    आम के पत्तो की झालर तो हमारे देश में दरवाजे पर टांगते हैं

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    9

    ऐसे भरवां पत्ते देखे हैं कभी?

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    10

    इनका फैशन डिजाइनर कौन है भाई?

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    11

    बगल के खेत से ही पत्तियां तोड़कर लगा ली हैं ड्रेस पर

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    12

    सूरजमुखी का फूल भी शर्मा जाए ऐसी अदा पर (Sunflower Dress)

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    13

    पत्तों से लदा हैंगिंग गार्डेन (Hanging Garden) Funny Dresses

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    14

    OMG!! छाते को भी नहीं छोड़ा

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    15

    सर से लेकर पाँव तक तुम पत्तों का ढेर लगती हो

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    16

    अब ये हैं सूखे पत्तों का ढेर

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    17

    पतझड़ के पत्तों का सदुपयोग

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    18

    कुछ लोग तो गाय और बकरी का इन्तजार कर रहे हैं (Waiting for Animals)

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    19

    पतझड़ सावन बसंत बहार, एक बरस में मौसम चार..

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    20

    फूलों का तारों का सबका कहना है..

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    21

    सुपरमैन, स्पाइडरमैन.. के बाद अब हाजिर हैं पत्तामैन

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    आधी फोटो देखने पर तो घास का टीला लगता है

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    23

    अच्छे से देखभाल करना, नाजुक फूल हैं कहीं सूख न जाएँ

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    24

    हरी-भरी पत्तागोभी की खेती

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    25

    पत्तियों के ढेर में यह लड़की क्या कर रही है?

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    26

    छोटी सी, प्यारी सी…

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    27

    एक थी कैट वुमन, अब आयी हैं ट्री वुमन

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    28

    बेचारी बीछ वाली.. सड़ी पत्तियां मिली लेकिन वो भी कम पड़ गयीं

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    29

    फिर दुबारा!! चलो कोई नहीं

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    30

    बढ़िया है

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    31

    पता लगाओ ये ड्रेस कौन सा शोरूम बेच रहा है?

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    32

    नर्सरी तो अच्छी लागे है

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    33

    अंत में एक सन्देश:

    हरा खाइये, हरा पहनिए लेकिन साथ ही धरती को हरा-भरा रखिये!

    अब भी वक्त है, सुधर जाओ. प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ अच्छी नहीं, कहीं प्रकृति ने आप के साथ छेड़छाड़ कर दी तो लेने के देने पड़ जायेंगें. वैसे भी यह साल 2020 चल रहा है.

    सूखा और बाढ़ के बाद उत्तर भारत में लगातार भूकंप के झटके, और कोरोना को तो भूल ही नहीं पाओगे. प्रकृति का सन्देश समझो…

    Amazing Fancy Dresses Made from Plants and Leaves

    गैलरी को देखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
    अपने विचार कमेंट में जरूर व्यक्त करें.

  • धोनी ने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा, रैना भी साथ चले, आइये जानते हैं कुछ कही-अनकही बातें

    धोनी ने अपने अंदाज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा, रैना भी साथ चले, आइये जानते हैं कुछ कही-अनकही बातें

    माही ने लिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट

    नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा)

    अपनी लाजवाब कप्तानी और ‘फिनिशिंग’ के हुनर से महानतम क्रिकेटरों में शुमार दो बार के विश्व कप विजेता भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया ।

    MS Dhoni - Mahi

    खेलेंगे आईपीएल

    वह हालांकि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलेंगे जो 19 सितंबर से यूएई में आयोजित की जा रही है ।

    गैर पारंपरिक शैली में कप्तानी और मैच को अंजाम तक ले जाने की कला के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास के कई सुनहरे अध्याय लिखने वाले 39 वर्ष के धोनी के इस फैसले के साथ ही क्रिकेट के एक युग का भी अंत हो गया ।

    धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद । शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये ।’’

    https://www.instagram.com/tv/CD6ZQn1lGBi/?utm_source=ig_web_copy_link

    इससे एक दिन पहले ही वह यूएई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग के लिये चेन्नई सुपर किंग्स टीम से जुड़ने चेन्नई पहुंचे थे ।

    बीसीसीआई ने एक बयान में उनके कैरियर की ऐतिहासिक उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा ,‘‘ इस शानदार विरासत को दोहरा पाना मुश्किल होगा ।’’

    भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा ,‘‘ यह एक युग का अंत है । क्या शानदार क्रिकेटर रहा है देश के लिये और दुनिया के लिये । मैदान पर बिना किसी मलाल के उसने अलविदा कहा ।’’

    बोर्ड सचिव जय शाह ने कहा ,‘‘ जब उन्होंने खेलना शुरू किया था , तब से आज तक खेल को बहुत कुछ देकर वह जा रहे हैं ।’’

    बोर्ड ने लिखा कि धोनी ने अपने शांतचित्त रवैये , खेल की बेहतरीन समझा और शानदार नेतृत्व क्षमता से भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया ।

    MS Dhoni - Mahi

    धोनी ने भारत के लिये आखिरी मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछले साल जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल खेला था ।

    विकेटों के बीच बेहतरीन दौड़ के लिये मशहूर धोनी उस तनावपूर्ण मैच में 50 रन बनाकर रन आउट हो गए थे । उस मैच के बाद वह लंबे ब्रेक पर चले गए थे और पिछले एक साल से उनके संन्यास को लेकर लग रही अटकलों पर कोई जवाब नहीं दिया ।

    ‘रांची का यह राजकुमार’ हालांकि क्रिकेट के इतिहास में महानतम खिलाड़ियों में अपना नाम दर्ज करा गया है । भारत के लिये उन्होंने 350 वनडे, 90 टेस्ट और 98 टी20 मैच खेले ।

    MS Dhoni - Mahi

    कैरियर के आखिरी चरण में वह खराब फार्म से जूझते रहे जिससे उनके भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जाती रही ।

    उन्होंने वनडे क्रिकेट में पांचवें से सातवें नंबर के बीच में बल्लेबाजी के बावजूद 50 से अधिक की औसत से 10773 रन बनाये । टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 38 . 09 की औसत से 4876 रन बनाये और भारत को 27 से ज्यादा जीत दिलाई ।

    आंकड़ों से हालांकि धोनी के कैरियर ग्राफ को नहीं आंका जा सकता । धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था ।

    MS Dhoni - Mahi

    वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे । इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये ।

    दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए ।

    आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये । चेन्नई टीम के सीईओ काशी विश्वनाथ ने हाल ही में कहा था कि वह कम से कम 2022 तक टीम के लिये खेलते रहेंगे ।

    पिछले साल धोनी ने प्रादेशिक सेना में अपनी यूनिट को सेवायें दी जिसमें वह मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल है । इसके साथ ही रांची में जैविक खेती भी की और कुछ मौकों पर नेट पर अभ्यास करते भी नजर आये ।

    MS Dhoni and Sushant Singh Rajput

    धोनी के जीवन पर बॉलीवुड फिल्म ‘ एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी ’ भी बनी जिसमें दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने धोनी का किरदार निभाया था । राजपूत जून में मुंबई स्थित अपने आवास में मृत पाये गए थे और उनका परिवार मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहा है ।

    धोनी के सुनहरे कैरियर की कुछ सुर्खियां

    महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया । भारत के सबसे सफल कप्तान और दो बार के विश्व कप विजेता के कैरियर की कुछ सुर्खियां इस प्रकार हैं ।

    दिसंबर 2004 : बांग्लादेश के खिलाफ चटगांव में वनडे के जरिये धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया ।

    अक्टूबर 2005 : तेजी से रन बनाने के लिये बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजे गए । अपनी दूसरी पारी में 145 गेंद में 183 रन बनाये । पांच मैचों की श्रृंखला भारत ने 3 . 0 से जीती और धोनी मैन आफ द सीरिज रहे ।

    दिसंबर 2005 : धोनी ने चेन्नई में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया ।

    सितंबर 2007 : धोनी ने राहुल द्रविड़ से वनडे क्रिकेट की कप्तानी ली ।

    MS Dhoni - Mahi

    सितंबर 2007 : धोनी ने वनडे क्रिकेट में एक पारी में सबसे ज्यादा शिकार के एडम गिलक्रिस्ट के अंतरराष्ट्रीय रिकार्ड की बराबरी की । वह दक्षिण अफ्रीका में पहले टी20 विश्व कप में भारत के कप्तान बने । भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया । धोनी ने फाइनल का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे अनुभवहीन गेंदबाज से डलवाया और यह मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ ।

    अगस्त 2008 : धोनी ने श्रीलंका में भारत को पहली द्विपक्षीय श्रृंखला में जीत दिलाई ।

    अगस्त 2008 : धोनी को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार ।

    नवंबर 2008 : धोनी भारत के टेस्ट कप्तान बने । उन्होंने नागपुर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट में अनिल कुंबले से कप्तानी ली ।

    दिसंबर 2008 : धोनी आईसीसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर बने ।

    मार्च 2009 : धोनी की कप्तानी में भारत ने न्यूजीलैंड में पहली द्विपक्षीय वनडे श्रृंखला जीती ।

    अप्रैल 2009 : धोनी को भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री मिला ।

    दिसंबर 2009 : धोनी आईसीसी वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वनडे क्रिकेटर का पुरस्कार लगातार दो बार जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने ।

    मई 2010 : धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स ने आईपीएल जीता ।

    अप्रैल 2011 : धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ विश्व कप फाइनल में 79 गेंद में 91 रन की नाबाद पारी खेली । भारत 28 साल बाद विश्व कप जीता । छक्के से जीत दिलाने वाले धोनी मैन आफ द मैच ।

    मई 2011 : धोनी की कप्तानी ने सीएसके ने आईपीएल जीता ।

    नवंबर 2011 : भारतीय प्रादेशिक सेना ने धोनी को मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल बनाया ।

    MS Dhoni - Mahi - Army Officer

    मार्च 2013 : धोनी 49 टेस्ट में 21वीं जीत दर्ज करके सौरव गांगुली का रिकार्ड तोड़कर भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने ।

    जून 2013 : भारत ने धोनी की कप्तानी में आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी जीती ।

    फरवरी 2013 :धोनी ने टेस्ट क्रिकेट में पहला दोहरा शतक जड़ा ।

    मार्च 2013 : धोनी की कप्तानी में भारत ने आस्ट्रेलिया को घरेलू टेस्ट श्रृं,खला में 4 . 0 से हराया ।

    अप्रैल 2018 : धोनी को पद्म भूषण ।

    मई2018 : धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने तीसरी बार आईपीएल जीता ।

    महेंद्र सिंह धोनी : पल दो पल की नहीं, युगों तक याद रखी जाने वाली है कहानी

    MS Dhoni - Bike Collection

    मैं पल दो पल का शायर हूं , पल दो पल मेरी कहानी है

    चार मिनट के जज्बाती वीडियो के नेपथ्य में बजते ‘मैं पल दो पल का शायर हूं , पल दो पल मेरी कहानी है ’ गीत के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कहानी कुछ पलों की नहीं बल्कि क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिये दर्ज होने वाली कामयाबी की गाथा है ।

    सफलता पानी है तो जज्बा चाहिए

    MS Dhoni - Mahi

    रांची जैसे छोटे शहर से निकलकर महानगरों में सिमटे क्रिकेट की चकाचौंध भरी दुनिया में अपना अलग मुकाम बनाने वाले धोनी ने युवाओं को सपने देखने और उन्हें पूरा करने का हौसला दिया । दो विश्व कप जीतने वाले धोनी के कैरियर के आंकड़े बताते हैं कि इरादे मजबूत हो तो क्या हासिल किया जा सकता है ।

    सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद एक दिन अचानक टेस्ट क्रिकेट को उन्होंने यूं ही अलविदा कह दिया था जब वह टेस्ट मैचों का शतक बनाने से दस मैच दूर थे ।

    इसके पांच साल और सात महीने बाद 15 अगस्त को जब देश आजादी के 74 साल पूरे होने का जश्न मना रहा तो शाम को धोनी ने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये ।’’

    तनाव और दबाव के बीच कभी विचलित नहीं होने वाले धोनी ही ऐसा कर सकते थे । देश को 28 बरस बाद वनडे विश्व कप जिताने के बाद निर्विकार भाव से पवेलियन का रूख करने वाला कप्तान बिरला ही होता है ।

    अपने जज्बात कभी चेहरे पर नहीं लाने वाले धोनी के निजी फैसले यूं ही अनायास आये हैं । उन्हें जानने वाले भी ये दावा नहीं कर सकते कि उनके भीतर क्या चल रहा है । क्रिकेट के मैदान पर उनका जीवन खुली किताब रहा है लेकिन निजी जिंदगी के पन्ने उन्होंने कभी नहीं खोले जिसमें वह सोचते और फैसले लेते आये हैं ।

    विश्व कप सेमीफाइनल में रन आउट होने के बाद से पिछले एक साल में उन्हें लेकर तरह तरह की अटकलें लगी लेकिन उन्होंने चुप्पी नहीं तोड़ी ।

    धोनी की कहानी सिर्फ क्रिकेट की कहानी नहीं बल्कि क्रिकेट की दुनिया में आये बदलाव की भी कहानी है । बड़े शहरों में क्रिकेट खेलते लड़कों को देखकर हाथ में बल्ला या गेंद थामने की इच्छा रखने लेकिन उन्हें पूरा कर पाने का हौसला नहीं रखने वाले अपनी पीढी के लाखों युवाओं के वह रोलमॉडल बने ।

    परंपरा से हटकर सोचना और हुनर पर भरोसा रखना उनकी खासियत रही । यही वजह है कि टी20 विश्व कप 2007 फाइनल में उन्होंने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर थमाया जिनका कोई नाम भी नहीं जानता था । उस मैच ने शर्मा को हीरो बना दिया ।

    धोनी उस शहर से आते हैं जहां युवाओं का लक्ष्य आईआईटी, जीई या यूपीएससी की तैयारी करना रहा करता था लेकिन उनके बचपन के कोच केशव रंजन बनर्जी के अनुसार धोनी की कहानी ने यह सोच बदल दी ।

    भारतीय क्रिकेट उनका सदैव ऋणी रहेगा ।

    मीडिया से उनका खट्टा मीठा रिश्ता रहा है । कभी किसी को कोई ‘एक्सक्लूजिव’ उनसे नहीं मिला और आम प्रेस कांफ्रेंस में भी सवाल का जवाब वह कई तरह से देने में माहिर थे । विश्व कप 2015 सेमीफाइनल मैच के बाद उन्होंने कहा था ,‘‘ मैं हमेशा बाबा (तत्कालीन टीम मैनेजर) से कहता हूं कि मीडिया आपके काम से खुश है तो इसका मतलब है कि आप अपना काम ठीक से नहीं कर रहे ।’’

    आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले में धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स का नाम आने के बाद मुंबई में 2013 में चैम्पियंस ट्राफी के लिये टीम की रवानगी से पहले उन पर सवालों की बौछार होती रही लेकिन गरिमामय मुस्कान से उन्होंने जवाब दिया ।

    कप्तान विराट कोहली ने कहा था कि उनके कप्तान हमेशा धोनी रहेंगे और इस धुरंधर की मौजूदगी ने विराट का काम हमेशा आसान किया ।

    भारतीय क्रिकेट में कई महान खिलाड़ी हुए और आगे भी होंगे लेकिन अपनी शर्तों पर अपने कैरियर की दिशा तय करने वाले ‘कैप्टन कूल ’ धोनी जैसा कप्तान और खिलाड़ी सदियों में एक पैदा होता है ।

    MS Dhoni with Daughter Ziva

    तेंदुलकर, कोहली सहित क्रिकेट जगत ने धोनी को शुभकामनाएं दी

    महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली की अगुआई में क्रिकेट जगत ने दो बार के विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं दी जिन्होंने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर पिछले एक साल से उनके भविष्य को लेकर लग रही अटकलों पर विराम लगा दिया ।

    धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा ,‘‘ अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिये धन्यवाद । शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर्ड समझिये ।’’

    तेंदुलकर ने धोनी को शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारतीय क्रिकेट में आपका योगदान बहुत बड़ा है महेंद्र सिंह धोनी। एक साथ 2011 विश्व कप जीतना मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ लम्हा है। आपको और आपके परिवार को आपकी दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं।’’

    भारतीय कप्तान के रूप में धोनी की जगह लेने वाले कोहली ने कहा कि इस पूर्व कप्तान ने देश के लिए जो किया है उसे हमेशा याद रखा जाएगा।

    कोहली ने ट्वीट किया, ‘‘सभी क्रिकेटरों को एक दिन अपनी यात्रा का अंत करना होता है लेकिन जब आप किसी को इतने करीब से जानते हो और वह इस फैसले की घोषणा करता है तो आप अधिक भावुक हो जाते हो। आपने देश के लिए जो किया वह हमेशा सभी के दिलों में रहेगा।’’

    MS Dhoni with Wife Sakshi

    भारतीय टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने ट्वीट किया, ‘‘उनकी भरपाई करना आसान नहीं होगा। आपके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना और आपको काम में बेहद पेशेवर के रूप में देखना सम्मान की बात रही। इसकी कोई बराबरी नहीं है। लुत्फ उठाएं।’’

    पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने धोनी को शुभकामनाएं देते हुए लिखा, ‘‘शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के लिए महेंद्र सिंह धोनी को बधाई। आपके साथ खेलना सम्मान की बात रही। आपका धैर्यवान रवैया और कप्तान के रूप में आपने जो गौरवपूर्ण लम्हे दिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। आपको शुभकामनाएं। ’’

    अपने चुटीले अंदाज के लिए मशहूर भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने लिखा, ‘‘अब ऐसा खिलाड़ी होना, मिशन इंपॉसिबल है। ना कोई है, ना कोई था, ना कोई होगा धोनी के जैसा। खिलाड़ी आएंगे और जाएंगे लेकिन उसके जितना धैर्यवान नहीं होगा। धोनी इस तरह से लोगों से जुड़ा कि वह कई क्रिकेट प्रेमियों के लिए परिवार के सदस्य की तरह था। ओम फिनिशाय नम:। ’’

    स्टार भारतीय आलराउंडर रविंद्र जडेजा ने ट्वीट किया, ‘‘बड़ा भाई, मेंटर, कप्तान और इससे भी बढ़कर खेल का महान खिलाड़ी। कप्तान आपसे बहुत कुछ सीखा। खेल को आपकी कमी खलेगी।’’

    पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जहीर खान ने लिखा, ‘‘ऐसा कप्तान जिसने अपने खिलाड़ियों को पूरा उपयोग किया। आपके साथ गेंदबाजी करते हुए जो स्वतंत्रता मिली उसका लुत्फ उठाया। आपको दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं महेंद्र सिंह धोनी।’’

    स्टार भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ट्वीट किया, ‘‘लीजेंड ने हमेशा की तरह अपनी शैली में संन्यास लिया। महेंद्र सिंह धोनी आपको देश के लिए सब कुछ दिया। चैंपियन्स ट्रॉफी जीत, 2011 विश्व कप और चेन्नई आईपीएल खिताब, ये जीत हमेशा मेरी यादों में रहेंगी। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’’

    इंग्लैंड के पूर्व स्टार बल्लेबाज और अब कमेंटेटर केविन पीटरसन ने रिटायर खिलाड़ियों के क्लब में धोनी का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, ‘‘रिटायरमेंट क्लब में स्वागत है महेंद्र सिंह धोनी। क्या जादुई करियर रहा।’’

    भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और अब लोकसभा सदस्य गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, ‘‘”भारत ए” से “भारत” तक हमारी यात्रा प्रश्नवाचक चिन्ह, अल्पविराम, रिक्तता और विस्मयादिबोधक से भरी रही है। अब जब आपने अपने अध्याय में पूर्ण विराम लगा दिया है तो मैं आपको अनुभव से बता सकता हूं कि नया चरण रोमाचंक होगा और यहां डीआरएस की कोई सीमा नहीं होगी। बेहतरीन खेले महेंद्र सिंह धोनी।’’

    पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘महानतम विकेटकीपर बल्लेबाज, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी। मैं भविष्य में आपकी खुशियों की कामना करता हूं। मैदान पर सभी तरह के शानदार योगदान और यादों के लिए शुक्रिया। बेहतरीन क्रिकेट करियर के लिए बधाई… जल्दी ही आपको पीली जर्सी में देखेंगे, चेन्नई आईपीएल।’’

    भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने लिखा, ‘‘कप्तान। नेतृत्वकर्ता। लीजेंड। देश के लिए आपने जो किया उसके लिए शुक्रिया माही भाई।’’

    पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। उसके बिना क्रिकेट की कहानी कभी पूरी नहीं होगी। जल्द ही वीडियो लेकर आऊंगा। क्या महान खिलाड़ी।’’

    पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने धोनी को महानतम कप्तानों में से एक बताते हुए ट्वीट किया, ‘‘भारत क्रिकेट के वास्तविक महान खिलाड़ियों में से एक और महानतम कप्तानों में से एक, शानदार करियर के लिए बधाई महेंद्र सिंह धोनी। भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’’

    पाकिस्तान के एक अन्य पूर्व कप्तान रमीज राजा ने ट्वीट किया, ‘‘महेंद्र सिंह धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। शानदार कप्तान, शानदार रिकॉर्ड, मनोरंजन करने वाला शानदार खिलाड़ी और डीआरएस पर फैसला करने में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ लेकिन इन सबसे अधिक महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय क्रिकेट के यादगार लम्हों में सबसे आगे रहने के लिए याद किया जाएगा।’’

    Suresh Raina

    हमेशा सहयोगी की भूमिका में रहे रैना ने भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा ली

    माइकल जोर्डन के साथ स्कॉटी पिप्पेन थे , लियोनेल मेस्सी के साथ आंद्रेस इनिएस्ता और इसी तरह महेंद्र सिंह धोनी के साथ कैरियर के तमाम उतार चढाव के साथी रहे सुरेश रैना ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के फैसले में भी उनका साथ दिया ।

    अपने पसंदीदा कप्तान और मेंटर धोनी का अनुसरण करते हुए रैना ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की ।

    धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने लाखों प्रशंसकों के लिए लिखा ‘अब मुझे रिटायर्ड समझा जाए’ जिसके कुछ ही मिनटों बाद रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी।

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    रैना ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘माही (महेंद्र सिंह धोनी) आपके साथ खेलना शानदार रहा। पूरे गर्व के साथ इस यात्रा में मैं आपका साथ देता हूं। धन्यवाद भारत। जय हिंद।’’

    तैंतीस साल के रैना दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने खेल के तीनों प्रारूपों में शतक जड़े हैं। उन्होंने 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने टेस्ट में 768, वनडे में 5615 और टी20 में 1605 रन बनाये । उन्होंने वनडे में 36 और टेस्ट तथा टी20 में 13 . 13 विकेट भी लिये ।

    Suresh Raina

    रैना ने 2011 विश्व कप में भारत की खिताब जीत के दौरान आस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 34 रन की महत्वपूर्ण नाबाद पारी खेली थी हालांकि युवराज सिंह का हरफनमौला प्रदर्शन ही लोगों के जेहन में रहा । सेमीफाइनल में उन्होंने नाबाद 36 रन बनाये लेकिन उस मैच में सभी को सचिन तेंदुलकर के 85 रन याद रहे । अपने कैरियर में रैना अधिकतर सहायक की ही भूमिका में रहे ।

    लखनऊ खेल कॉलेज के इस लड़के में जहां ग्रेग चैपल को प्रतिभा दिखी तो धोनी को पता था कि उसका इस्तेमाल कैसे करना है ।उन्हें पता था कि उपमहाद्वीप में रैना जैसा आक्रामक खिलाड़ी उनके लिये ट्रंपकार्ड हो सकता है । चेन्नई सुपर किंग्स के लिये लगातार अच्छा खेलने से वह एक बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी बने ।

    Suresh Raina

    विश्व कप 2015 के बाद हालांकि उनके फार्म में गिरावट आई और 2017 में वह योयो टेस्ट पास नहीं कर सके । इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में उन्होंने सीमित ओवरों की श्रृंखला खेली और लाडर्स में 46 रन भी बनाये । उस मैच में उनके 63 गेंद में 46 और धोनी के 59 गेंद में 37 रन चर्चा का विषय रहे ।

    हमेशा धोनी के विश्वासपात्र रहे रैना को चेन्नई सुपर किंग्स के प्रशंसक ‘चिन्ना थाला ’ कहते हैं जबकि उनके लिये ‘थाला’ धोनी है ।

    साभार: भाषा (पीटीआई)