Category: खबरें और राजनीति

  • क्या ब्रह्माण्ड का केंद्र पृथ्वी पर है? यहां से कोई आवाज बाहर नहीं जाती

    क्या ब्रह्माण्ड का केंद्र पृथ्वी पर है? यहां से कोई आवाज बाहर नहीं जाती

    ब्रह्माण्ड का केंद्र, जैसा कि लोग कहते हैं, डाउनटाउन तुल्सा, ओक्लाहोमा,अमेरिका में एक छोटी सी  कंक्रीट की वृत्ताकार जगह है जिसके चारो तरफ ईंटें बिछी हैं. वैसे तो इस जगह पर देखने लायक कुछ भी नहीं है, लेकिन हमें वहाँ देखने की जरूरत भी नहीं है.

    यही तो पॉइंट की बात है.

     

    दरअसल “Center of the Universe” यानी “ब्रह्माण्ड का केंद्र” एक रहस्यमय ध्वनिक घटना है जिसे कम ही लोग जानते हैं. अगर आप कंक्रीट के गोले के बीच में खड़े होकर कुछ भी बोलते हैं तो वह ध्वनि वापस प्रतिध्वनि या गूँज के रूप में कई बार सुनाई पड़ेगी और जितना तेज आपने बोला है उससे भी तेज. यह एक तरह से आपका एम्पलीफायर ईको चैंबर होगा जिसमे आप अपनी प्रतिध्वनि तो सुनते हैं लेकिन उस कंक्रीट के गोले से बाहर खड़े लोग आपकी कोई भी आवाज नहीं सुन पाएंगे और अगर कुछ सुनाई भी पड़ता है तो वो टूटी-फूटी आवाज होती है. इस छोटे से गोले के अंदर लाउडस्पीकर भी अपनी प्रतिध्वनि से फट सकता है लेकिन गोले से बाहर के लोगों को न के बराबर सुनाई देगा.

    है न आश्चर्यजनक.

     

    Center of the Universe

     

    यहाँ पर भौतिकी के नियम काम नहीं करते हैं. बिलकुल साफ़ खुली हुई जगह में खड़े होकर भी आप एक साउंडप्रूफ कमरे में बंद होते हैं. कुछ लोगों ने इस पर रिसर्च भी की है लेकिन कोई ठोस वजह नहीं बता पाए.

     

    Image Source: https://www.atlasobscura.com/places/the-center-of-the-universe

  • न खाने को खाना, न करने को काम, तो भीख मांगना अपराध कैसे: हाई कोर्ट

    न खाने को खाना, न करने को काम, तो भीख मांगना अपराध कैसे: हाई कोर्ट

    दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि देश में अगर सरकार भोजन या नौकरियां देने में असमर्थ है तो भीख मांगना एक अपराध कैसे हो सकता है। कोर्ट उन दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी, जिनमें भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर किए जाने का आग्रह किया गया था।

     

    ऐक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी. हरि शंकर की बेंच ने कहा कि एक व्यक्ति केवल भारी जरूरत की वजह से ही भीख मांगता है न कि अपनी पसंद की वजह से। बेंच ने कहा, ‘हमसे एक करोड़ रुपये की पेशकश की जाए तो क्या तब आप या हम भीख नहीं मांगेंगे। यह भारी जरूरत होती है कि कुछ लोग भोजन के लिए अपना हाथ पसारते हैं। एक देश में जहां सरकार भोजन या नौकरियां देने में असमर्थ है तो भीख मांगना एक अपराध कैसे है।’

     

    केंद्र सरकार ने इससे पहले कोर्ट में कहा था कि यदि गरीबी के कारण ऐसा किया गया है तो भीख मांगना अपराध नहीं होना चाहिए। यह भी कहा था कि भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर नहीं किया जाएगा। हर्ष मेंदार और कर्णिका की ओर से दायर जनहित याचिका में भीख मांगने को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी में भिखारियों को आधारभूत मानवीय और मौलिक अधिकार देने का आग्रह किया गया था।

    Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/if-government-can-not-provide-jobs-or-food-then-how-begging-is-a-crime-asks-high-court/articleshow/64195676.cms

  • अब चार धाम यात्रा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड टूरिज़्म के मोबाइल एप्प पर उपलब्ध है

    अब चार धाम यात्रा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन उत्तराखंड टूरिज़्म के मोबाइल एप्प पर उपलब्ध है

    जैसा की आप जानते है की चारधाम यात्रा 18 अप्रैल से शुरू हो चुकी है. यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट 18 अप्रैल को खुल गए हैं. जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल और बद्रीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुल जाएंगे.

    हिन्दू धर्म में चार धाम यात्रा का बहुत ही महत्त्व है यही कारण है चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. भारी भीड़ के कारण रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लम्बी लम्बी कतारें लग जाती है और काफी समय यात्रा रजिस्ट्रेशन कराने में ही खर्च हो जाता है.

    चारधाम आने वाले यात्रियों की इस असुविधा को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय और गढ़वाल मंडल विकास निगम ने अपने एप्प “एक्स्प्लोर आउटिंग (Explore Outing)” में ऑनलाइन रेजिस्ट्रेशन की सुविधा आरम्भ कर दी है.

    आप इस एप्प को उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट (http://uttarakhandtourism.gov.in/ > For Travelers > Explore Outing Mobile App) पर क्लिक करके डाउनलोड कर सकते हैं या फिर सीधे Google Play Store में Explore Outing सर्च करके अपने फ़ोन में इनस्टॉल कर सकते हैं.

    Char Dham Yatra Online Registration

    इनस्टॉल करने के बाद चार धाम यात्रा रजिस्ट्रेशन ( Char Dham Registration )में सभी मेम्बर्स की डिटेल्स भरें और फ़ोन कैमरा से फोटो खींच कर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.

    चार धाम यात्रा की अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें:

    केदारनाथ धाम यात्रा 2018

    बद्रीनाथ धाम यात्रा 2018

    गंगोत्री धाम यात्रा 2018

    यमुनोत्री धाम यात्रा 2018

  • बैंकों का 9000 करोड़ लेकर फरार विजय माल्या 62 की उम्र में गर्लफ्रेंड पिंकी लालवानी से करने जा रहे हैं तीसरी शादी

    बैंकों का 9000 करोड़ लेकर फरार विजय माल्या 62 की उम्र में गर्लफ्रेंड पिंकी लालवानी से करने जा रहे हैं तीसरी शादी

    शराब कारोबारी और भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भागे विजय माल्या तीसरी शादी करने जा रहे हैं। 62 की उम्र में सिर पर सेहरा सजाने को तैयार विजय माल्या की दुल्हन बनेंगी गर्लफ्रेंड पिंकी लालवानी। विजय माल्या के बारे में तो आप बहुत कुछ जानते हैं आइए आपको बताते हैं कौन हैं पिंकी लालवानी और कितना पुराना है इनका रिश्ता…

    Vijay Mallya 3rd Time Ready to Marry With Pinky Lalwani at the Age of 62

    पिंकी लालवानी विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस में एयरहोस्टेस रह चुकी हैं।

    पिंकी और विजय माल्या की मुलाकात 2011 में हुई थी। तब माल्या ने उन्हें किंगफिशर एयरलाइंस में जॉब ऑफर की।

    Vijay Mallya 3rd Time Ready to Marry With Pinky Lalwani at the Age of 62

    किंगफिशर एयलाइंस में आने के बाद जल्द ही पिंकी और माल्या के बीच काफी नजदीकी बढ़ गई थी। दोनों अक्सर साथ दिखते रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों काफी समय से लिव इन रिलेशनशिप में हैं।

    रिपोर्ट्स के मुताबिक मिड मार्च में माल्या और पिंकी ने एनिवर्सरी मनाई थी।

    Vijay Mallya 3rd Time Ready to Marry With Pinky Lalwani at the Age of 62

    माल्या इस समय लंदन में प्रत्यपर्ण केस का सामना कर रहे हैं और पिंकी उनके साथ कोर्ट में भी दिखी थीं।

    माल्या की पहली शादी 1986 में समीरा तयाबजी से हुई थी वह भी एयरहोस्टेस थीं। इसके बाद 1993 में उन्होंने रेखा माल्या से दूसरी शादी की, वह अभी भी कानूनी रूप से उनकी पत्नी हैं। माल्या अब पिंकी के साथ तीसरी शादी करेंगे।

    Vijay Mallya 3rd Time Ready to Marry With Pinky Lalwani at the Age of 62

    पहली दो शादियों से माल्या के तीन बच्चे हैं। बेटे का नाम सिद्धार्थ है और लीना-तान्या उनकी दो बेटियां हैं।

     

    News Source: https://navbharattimes.indiatimes.com

  • श्री गणेश जी के वॉलपेपर डाउनलोड करे फ्री में

    श्री गणेश जी के वॉलपेपर डाउनलोड करे फ्री में

    श्री गणेशाय नमः

    श्री गणेश जी (Shri Ganesh Ji) हिन्दू धर्म के मुख्य देवता हैं. कोई भी शुभ कार्य करने से पहले श्री गणेश जी की पूजा की जाती है इसलिए उन्हें प्रथम पूज्य भी कहा जाता है. श्री गणेश जी भगवन शंकर और माता पार्वती के पुत्र हैं. उनका वाहन डिंक नाम का चूहा है. हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहा जाता है.

    Hindu God Ganesha Free Wallpapers

    श्री गणेश जी का परिवार

    श्री गणेश जी के दो विवाह हुए थे, उनकी पत्नियों के नाम रिद्धि और सिद्धि हैं. गणेश जी के दो पुत्र भी हुए जो शुभ और लाभ कहलाते हैं. गणेश जी के बड़े भाई का नाम कार्तिकेय और बहन का नाम अशोकसुन्दरी है.

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    गणेश चतुर्थी

    श्री गणेश जी का जन्म भद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी के दिन माना जाता है. हर साल उनके जन्म की तिथि पर गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है। जो 10 दिनों तक चलता है.

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    अगर आपको गणेश जी के ये वॉलपेपर अच्छे लगे हों तो इसे फेसबुक आदि पर शेयर जरूर करें.

  • तुरंत इन 42 चीनी ऐप्स को फोन से डिलीट करें क्यूंकि ये हैं सरकार की  ‘खतरनाक एप्स’ की लिस्ट में

    तुरंत इन 42 चीनी ऐप्स को फोन से डिलीट करें क्यूंकि ये हैं सरकार की ‘खतरनाक एप्स’ की लिस्ट में

    पिछले कुछ महीनों में भारतीय सेना ने अपने जवानों द्वारा इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप्स के इस्तेमाल को लेकर एक और एडवाइज़री जारी की है। मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने एक बयान में कहा, ‘विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, चीनी डिवेलपर्स द्वारा बनाए गए कई ऐंड्रॉयड/आईओेस ऐप्स के कथित तौर पर जासूसी करने और मैलेशियस वेयर होने का पता चला है। हमारे सैनिकों द्वारा इन ऐप्स के इस्तेमाल से डेटा की सुरक्षा संबंधी समस्या हो सकती है।’ जानें इन 42 चीनी ऐप्स के नाम:

     

    1 :- ► वीवो Weibo,
    2 :- ► वीचैट WeChat
    3 :- ► शेयरइट SHAREit
    4 :- ► ट्रू कॉलर Truecaller
    5 :- ► यूसी न्यूज़ UC News
    6 :- ► यूसी ब्राउज़र UC Browser
    7 :- ► ब्यूटीप्लस BeautyPlus
    8 :- ► न्यूज़ डॉग NewsDog
    9 :- ► वीवा विडियो क्यूयू विडियो इंक VivaVideo- QU Video Inc
    10 :- ► पैरेलिल स्पेस Parallel Space
    11 :- ► एपीयूएस ब्राउज़र APUS Browser
    12 :- ► पर्फेक्ट क्रॉप Perfect Corp
    13 :- ► वाइरस क्लीनर Virus Cleaner (Hi Security Lab)
    14 :- ► सीएम ब्राउज़र CM Browser
    15 :- ► मी कम्युनिटी (शाओमी), Mi Community
    16 :- ► डीयू रिकॉर्डर, DU recorder
    17 :- ► वॉल्ट हाइड Vault-Hide – NQ Mobile Security
    18 :- ► यूकैम मेकअप YouCam Makeup
    19 :- ► मी स्टोर, Mi Store
    20 :- ► कैचक्लियर डीयू ऐप्स स्टूडियो CacheClear DU apps studio

    21 :- ► डीयू बैटरी सर्वर, DU Battery Saver
    22 :- ► डीयू क्लीनर, DU Cleaner
    23 :- ► डीयू प्रिवेसी DU Privacy
    24 :- ► 360 सिक्योरिटी, 360 Security
    25 :- ► डीयू ब्राउज़र DU Browser
    26 :- ► क्लीन मास्टर- चीता मोबाइल Clean Master – Cheetah Mobile
    27 :- ► बायदू ट्रांसलेट Baidu Translate
    28 :- ► बायदू मैप, Baidu Map
    29 :- ► वंडर कैमरा – बाइडू इंक Wonder Camera, – Baidu Inc
    30 :- ► इ यस फाइल एक्स्प्लोरर ES File Explorer,
    31 :- ► फोट वंडर Photo Wonder,
    32 :- ► क्यूक्यू इंटरनैशनल, QQ International
    33 :- ► क्यूक्यू म्यूज़िक, QQ Music
    34 :- ► क्यूक्यूमेल, QQ Mail
    35 :- ► क्यूक्यू प्लेयर, QQ Player,
    36 :- ► क्यूक्यू न्यूज़फीड, QQ NewsFeed
    37 :- ► वी सिंक WeSync,
    38 :- ► क्यूक्यू सिक्योरिटी सेंटर, QQ Security Centre
    39 :- ► सेल्फी सिटी SelfieCity,
    40 :- ► मेल मास्टर Mail Master
    41 :- ► मी विडियो कॉल Mi Video call-Xiaomi
    42 :- ► क्यूक्यू लॉन्चर QQ Launcher

    Source: https://navbharattimes.indiatimes.com

  • इस बस स्टैंड पर बस का इन्तजार करने का है अपना एक अलग मजा

    इस बस स्टैंड पर बस का इन्तजार करने का है अपना एक अलग मजा

    बस का इन्तजार करना भला किसे अच्छा लगता है, लेकिन यहां पर लोग मजे लेकर बस का इन्तजार करते हैं.

    यह अनोखा बस स्टैंड बनाया गया है लन्दन के न्यू ऑक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट पर. यहां पर लोग अविश्वसनीय चीजें देख कर बस का इन्तजार छोड़ कर चौंक जाते हैं. यह बस स्टैंड ‘Unbelievable’ ऑगमेंटेड रियलिटी का एक उदहारण है जिसे पेप्सी मैक्स ने बनाया है.

    इस बस स्टैंड पर खड़े लोगों को अचानक अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होता है. कभी उड़न तश्तरी,  कभी रोबोट तो कभी ऐसी अविश्वसनीय चीजें आपके सामने होंगी की आपको वो सब हकीकत में होता हुआ लगेगा.

    पेप्सी मैक्स ने इस बस शेल्टर की एक तरफ की दीवार को ऐसी स्क्रीन में बदल दिया है की उसके दूसरे तरफ की चीजें भी आपको साफ़ – साफ़ दिखाई देंगी और इसी बीच उस स्क्रीन पर ऐसी अविश्वसनीय चीजें होंगी की आपको लगेगा की ये वास्तविकता में शीशे के दूसरी तरफ हो रही हैं. जबकि यह सिर्फ आपकी आँखों  का धोखा है.

    यह स्क्रीन एक बार तो आपको अवश्य उल्लू बना देगी लेकिन जब आप दोबारा इसे देखेंगे तो मुस्कराये बिना न रह पाएंगे.

    https://youtu.be/Go9rf9GmYpM

  • मर्डर के इस केस को सुनने के बाद जज भी चक्कर में पड़ गए

    मर्डर के इस केस को सुनने के बाद जज भी चक्कर में पड़ गए

    इस केस के बाद जज भी चक्कर खा गया..

     

    एक रेगिस्तान में जहां पानी का नमो-निशान तक नहीं था, दो बन्दों A और B ने अलग-अलग C का मारने का प्लान बनाया.

     

    A ने C के पानी के गिलास में जहर मिला दिया. B ने बाद में आकर गिलास में नीचे छेद कर दिया.

     

    C प्यास से मर गया. अब बताओ C को किसने मारा?

     

    A की दलील थी की जहर का पानी तीसरे ने पिया ही नहीं.

     

    B का कहना है की उसने जहर से बचाने के लिए गिलास में छेद किया.

     

    वो दोनों ही सही हैं,

     

    लेकिन C तो मर गया. दोषी कौन?

  • चलो पकौड़ा बेचा जाए

    चलो पकौड़ा बेचा जाए

    आजकल पकौड़े की बड़ी धूम है. पकौड़ा बेचना कम से कम बेरोजगारी से तो अच्छा ही है. वैसे भी खाना खिलाना पुण्य का काम है. कमाई में भी ठीक ठाक है. पढ़ लिखकर बेरोजगारी से बिना पढ़े कम इन्वेस्टमेंट में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

    मोदीजी के इस बयान के बहुत बड़े मायने हैं. एक तो बेरोजगारी की समस्या से मुक्ति, लोगों की भूख मिटेगी, लोग दूसरों की नौकरी करने के बजाय अपना रोजगार खड़ा कर सकेंगे.

    मोदीजी चाय बेचकर प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो हो सकता है कोई पकोड़ा बेचने वाला सांसद विधायक बन जाए. इसलिए चाय नहीं तो पकोड़ा तो बेच ही सकते हैं.

    दुनिया ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है जिसमे चाय पकोड़े, पूड़ी सब्जी, नमकीन और मिठाइयां बेचने वाले लोगों का सैकड़ों करोड़ का बिजनेस है.

    MDH वाले दद्दा को कौन नहीं जानता, इनकी शुरुआत ऐसे ही छोटी सी दूकान से हुई. निरमा पाउडर वाले करसन भाई कभी साइकिल पर अपना पाउडर बेचते थे. हल्दीराम की कभी छोटी सी मिठाई और नमकीन की दूकान थी.

    लेकिन लेकिन लेकिन….

    जब मैं अपने गाँव और कसबे के चाट- पकौड़े वालों, समोसे वालों और चाय बेचने वालों को देखता हूँ तो लगता है पूरे जीवन में उन्होंने कभी नए कपडे नहीं पहने होंगे. और ये सच भी है, पकौड़े बेचकर जैसे तैसे घर का खर्चा चलता है, बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते हैं जहां ने फीस का झंझट और न ही किताबों का (सब कुछ सरकार देती है), साथ ही पढाई का भी ज्यादा झंझट नहीं क्यूंकि सुबह सुबह बच्चे और घर की औरतें पकौड़े बनाने का सामान तैयार करते हैं.

    फिर इसके बाद भी पुलिस वाले, कमेटी, नगर पालिका वाले और लोकल के गुंडे मवाली या तो फ्री में खा जाते हैं या फिर जो कुछ कमाया उसमे से अपना हिस्सा मांगने आ पहुँचते हैं.

    खैर जो भी हो हमारे नेता ने कहा है तो अच्छे के लिए ही कहा होगा.

    लगे हाथ व्हाट्सएप्प पर वायरल ये कविता भी पढ़ लीजिये:

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।

    पढै लिखै कै कौन जरूरत

    रोजगार कै सुन्दर सूरत

    दुइ सौ रोज कमावा जाय ।

    दिन भर मौज मनावा जाय

    कुछौ नही अब सोंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

       लिखब पढब कै एसी तैसी

       छोलबै घास चरऊबै भैसी

       फीस फास कै संकट नाही

       इस्कूलन कै झंझट नाही

       कोऊ कहूँ न गेंछा जाय

       चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    चाय बेंचि कै पीएम बनिहौ

    पक्का भवा न डीएम बनिहौ

    अनपढ रहिहौ मजे मा रहिहौ

    ठेलिया लइकै घर घर घुमिहौ

    नीक उपाय है सोंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

         रोजगार कै नया तरीका

         कितना सुंदर भव्य सलीका

         का मतलब है डिगरी डिगरा

         फर्जिन है युह सारा रगरा

         काहे मूड़ खपावा जाय

         चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    मन कै बात सुना खुब भैवा

    उनकै बात गुना खुब भैवा

    आजै सच्ची राह देखाइन

    रोजगार कै अर्थ बताइन

    ठेला आऊ लगवा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    Image Source: https://thewire.in

    Poem Source: Whatsapp

  • दुनिया के महान धनुर्धर एकलव्य को किसने मारा और क्यों?

    दुनिया के महान धनुर्धर एकलव्य को किसने मारा और क्यों?

    महान योद्धा

    एक महान योद्धा और पारंगत धर्नुधर होने के बावजूद, भीलपुत्र एकलव्य महाभारत का एक भूला-बिसरा अध्याय बनकर रह गया। महाभारत की गाथा बेहद व्यापक है। अनेक घटनाएं और पात्रों की वजह से बहुत से ऐसे चरित्र भी हैं, इतिहास ने जिन्हें नजरअंदाज कर दिया है। इन्हीं चरित्रों में से एक है एकलव्य। एकलव्य की कहानी बेहद मार्मिक है, महाभारत की कहानी में जिन्हें सदाचारी और हमेशा धर्म की राह पर चलने वाला दिखाया गया है, दरअसल एकलव्य के जीवन में वही लोग सबसे अधिक क्रूर साबित हुए।

    who-killed-eklavya-and-why
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    महाभारत के नायक

    द्रोणाचार्य के महान शिष्य महाभारत की कहानी के नायक रहे अर्जुन को सबसे बेहतरीन और अचूक धनुर्धर माना जाता है। लेकिन एकलव्य के सामने अर्जुन के तीर भी अपना निशाना नहीं पहचान पाते थे। एकलव्य की यही काबीलियत उसके लिए सबसे बड़ी दुश्मन साबित हुई।

     

    जीवनगाथा

    एकलव्य की जीवन गाथा पर गौर करें तो वह बेहद मार्मिक है। वह एक भीलपुत्र था और जंगल में अपने पिता के साथ रहता था। उसके पिता हिरण्यधनु उसे यही सीख देते थे कि उसे अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए।

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    शिकारी का बेटा

    शिकारी का बेटा होने की वजह से एकलव्य को धनुष-बाण से बहुत प्रेम था। बचपन से ही वह एक बेहतरीन धनुर्धर बनने का ख्वाब देखता था। एक दिन बालक एकलव्य बांस के बने धनुष पर बांस का ही तीर चढ़ाकर निशाना लगा रहा था कि पुलक मुनि की नजर उस पर पड़ी।

     

    पुलक मुनि का आगमन

    पुलक मुनि एकलव्य का आत्मविश्वास देखकर भौचक्के रह गए और एकलव्य से कहा कि वह उन्हें अपने पिता के पास ले चले। मुनि की बात मानकर एकलव्य उन्हें अपने पिता के पास ले आया। पुलक मुनि ने हिरण्यधनु से कहा कि उनका पुत्र बेहतरीन धनुर्धर बनने के काबिल है, इसे सही दीक्षा दिलवाने का प्रयास करना चाहिए।

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    महान धनुर्धर

    पुलक मुनि की बात से प्रभावित होकर भील राजा हिरण्यधनु, अपने पुत्र एकलव्य को द्रोण जैसे महान गुरु के पास ले गया। हिरण्यधनु ने जब द्रोण को अपना परिचय दिया कि वह एक भील है और अपने पुत्र को धनुर्धर बनाना चाहता है तो उसकी बात सुनकर द्रोणाचार्य बहुत हंसे।

     

    अपमान

    द्रोण ने हिरण्यधनु से कहा कि उनका काम केवल शिकार के लायक धनुष विद्या सीखना है, युद्ध में शत्रुओं को मारना उनका काम नहीं। वैसे भी द्रोण, भीष्म पितामह को दिए गए अपने वचन के लिए प्रतिबद्ध थे कि वह केवल कौरव वंश के राजकुमारों को ही अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा देंगे।

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    सेवक के तौर पर रहना

    द्रोण की ओर से अपमानित होकर हिरण्यधनु तो वापिस जंगल लौट आए लेकिन एकलव्य को द्रोण के सेवक के तौर पर उन्हीं के पास छोड़ आए। द्रोण की ओर से दीक्षा देने की बात नकार देने के बावजूद एकलव्य ने हिम्मत नहीं हारी, वह सेवकों की भांति उनके साथ रहने लगा।

     

    सेवक बना एकलव्य

    द्रोणाचार्य ने एकलव्या को रहने के लिए एक झोपड़ी दिलवा दी। एकलव्य का काम बस इतना होता था कि जब सभी राजकुमार बाण विद्या का अभ्यास कर चले जाएं तब वह सभी बाणों को उठाकर वापस तर्कश में डालकर रख दे।

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    कबीले का राजकुमार

    जब द्रोणाचार्य अपने शिष्यों को अस्त्र चलाना सिखाते थे तब एकलव्य भी वहीं छिपकर द्रोण की हर बात, हर सीख को सुनता था। अपने कबीले का राजकुमार होने के बावजूद एकलव्य द्रोण के पास एक सेवक बनकर रह रहा था।

     

    एकलव्य को मिला अवसर

    एक दिन अभ्यास जल्दी समाप्त हो जाने के कारण सभी राजकुमार समय से पहले ही लौट गए। ऐसे में एकलव्य को धनुष चलाने का एक अदद मौका मिल गया। लेकिन अफसोस उनके अचूक निशाने को दुर्योधन ने देख लिया और द्रोणाचार्य को इस बात की जानकारी दी।

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    हताश हुआ एकलव्य

    द्रोणाचार्य ने एकलव्य को वहां से चले जाने को कहा। हताश-निराश एकलव्य घर की ओर रुख कर गया, लेकिन रास्ते में उसने सोचा कि वह घर जाकर क्या करेगा, इसलिए बीच में ही एक आदिवासी बस्ती में ठहर गया। उसने आदिवासी सरदार को अपना परिचय दिया और कहा कि वह यहां रहकर धनुष विद्या का अभ्यास करना चाहता है। सरदार ने प्रसन्नतापूर्वक एकलव्य को अनुमति दे दी।

     

    मिट्टी की प्रतिमा

    एकलव्य ने जंगल में रहते हुए गुरु द्रोण की एक मिट्टी की प्रतिमा बनाई और उसी के सामने धनुष-बाण का अभ्यास करने लगा।

     

    अर्जुन को वचन

    समय बीतता गया और कौरव वंश के अन्य बालकों, कौरव और पांडवों के साथ-साथ एकलव्य भी युवा हो गया। द्रोणाचार्य ने बचपन में ही अर्जुन को यह वचन दिया था कि उससे बेहतर धनुर्धर इस ब्रह्मांड में दूसरा नहीं होगा। लेकिन एक दिन द्रोण और अर्जुन, दोनों की ही यह गलतफहमी दूर हो गई, जब उन्होंने एकलव्य को धनुष चलाते हुए देखा।

     

    एकाग्रता हुई भंग

    एक दिन की बात है, एकलव्य अभ्यास कर रहा था और एक कुत्ता, बार-बार भोंककर उसकी एकाग्रता को भंग करता जा रहा था। एकलव्य ने अपने तीरों से कुत्ते का मुंह कुछ ऐसे बंद किया कि रक्त की बूंद भी उसके शरीर से नहीं बही।

     

    राजकुमारों का कुत्ता

    यह कुत्ता कोई साधारण कुत्ता नहीं बल्कि पांडवों और कौरवों के साथ द्रोण के आश्रम में रहने वाला कुत्ता था। जब वह कुत्ता वापस आश्रम गया तो द्रोण यह देखकर हैरान रह गए कि कितनी सफाई से उस कुत्ते के मुंह को तीरों से बंद किया गया है।

     

    सैनिकों के साथ पहुंचे द्रोण

    कुछ ही देर बीती होगी कि द्रोणाचार्य, अर्जुन, युधिष्ठिर और दुर्योधन समेत, कई सैनिक भी एकलव्य के पास आ पहुंचे। एकलव्य ने जैसे ही द्रोणाचार्य को अपने समक्ष देखा, उन्हें प्रणाम करने के लिए पहुंच गया।

     

    कुत्ते को कष्ट

    गुरु द्रोण ने क्रोधित होकर पूछा कि किसने राजकुमार के कुत्ते को इतना कष्ट पहुंचाया है? इस सवाल के जवाब में एकलव्य ने कहा कि इस कुत्ते को जरा भी कष्ट नहीं हुआ क्योंकि इसका मुंह मैंने आपके द्वारा सिखाए गए तरीके से बंद किया है।

     

    बेहतर धनुर्धर

    गुरु द्रोण पहले तो आश्चर्यचकित हुए लेकिन बाद में अपनी मिट्टी की मूर्ति देखकर एकलव्य को पहचान गए। अर्जुन, अपने गुरु द्रोण को ऐसे देखने लगा जैसे उन पर हंस रहा हो, क्योंकि उससे बेहतर धनुर्धर आज उसके सामने खड़ा था।

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    एकलव्य की प्रतिभा

    एकलव्य की प्रतिभा को देखकर द्रोणाचार्य संकट में पड़ गए। लेकिन अचानक उन्हें एक युक्ति सूझी। उन्होंने एकलव्य से गुरुदक्षिणा में उसके दाएं हाथ का अंगूठा ही मांग लिया ताकि एकलव्य कभी धनुष चला ना पाए।

     

    आज्ञाकारी शिष्य

    एक आदर्श और आज्ञाकारी शिष्य की तरह एकलव्य ने अपनी आंखों में आंसू भरकर, बिना सोचे-समझे अपने गुरु को अपना अंगूठा दे दिया।

     

    विष्णु पुराण

    विष्णु पुराण और हरिवंशपुराण में उल्लिखित है कि निषाद वंश का राजा बनने के बाद एकलव्य ने जरासंध की सेना की तरफ से मथुरा पर आक्रमण कर यादव सेना का लगभग सफाया कर दिया था। यादव वंश में हाहाकर मचने के बाद जब कृष्ण ने दाहिने हाथ में महज चार अंगुलियों के सहारे धनुष बाण चलाते हुए एकलव्य को देखा तो उन्हें इस दृश्य पर विश्वास ही नहीं हुआ।

     

    वीरगति को प्राप्त हुआ एकलव्य

    एकलव्य अकेले ही सैकड़ों यादव वंशी योद्धाओं को रोकने में सक्षम था। इसी युद्ध में एकलव्य, कृष्ण के हाथों वीरगति को प्राप्त हुआ था। उसका पुत्र केतुमान भीम के हाथ से मारा गया था।

     

    कृष्ण का अर्जुन प्रेम

    जब युद्ध के बाद सभी पांडव अपनी वीरता का बखान कर रहे थे तब कृष्ण ने अपने अर्जुन प्रेम की बात कबूली थी।

     

    कृष्ण का कथन

    कृष्ण ने अर्जुन से स्पष्ट कहा था कि “तुम्हारे प्रेम में मैंने क्या-क्या नहीं किया है। तुम संसार के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर कहलाओ इसके लिए मैंने द्रोणाचार्य का वध करवाया, महापराक्रमी कर्ण को कमजोर किया और न चाहते हुए भी तुम्हारी जानकारी के बिना भील पुत्र एकलव्य को भी वीरगति दी ताकि तुम्हारे रास्ते में कोई बाधा ना आए”।

     

    Source: https://hindi.speakingtree.in/allslides/why-krishna-killed-eklavya/269833

    Images: artofliving-org

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