Category: स्वास्थ्य

  • कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है: अरोड़ा

    कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है: अरोड़ा

    नयी दिल्ली, 16 जून (भाषा) सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 संबंधी कार्यसमूह के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा है कि आंशिक टीकाकरण तथा पूर्ण टीकाकरण की प्रभावशीलता के बारे में सामने आ रहे साक्ष्यों पर विचार किया जा रहा है और यह मंथन भी चल रहा है कि क्या भारत को कोविड-19 रोधी टीके कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल को घटाकर फिर से चार से आठ हफ्ते कर देना चाहिए।

    कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल

    अरोड़ा ने कहा कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल को 4-6 हफ्ते से बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने का फैसला वैज्ञानिक आधार पर लिया गया था और इस बारे में एनटीएजीआई के सदस्यों के बीच कोई मतभेद नहीं थे।

    उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 और टीकाकरण परिवर्तनशील हैं। कल को यदि टीका निर्माण तकनीक (वैक्सीन प्लेटफॉर्म) में कहा जाता है कि टीके की खुराकों के बीच अंतराल कम करना लोगों के लिए फायदेमंद है चाहे इससे महज पांच या दस फीसदी ही अधिक लाभ मिल रहा हो तो समिति गुण-दोष के आधार तथा ज्ञान के बूते पर इस बारे में फैसला लेगी। वहीं दूसरी ओर, यदि ऐसा पता चलता है कि वर्तमान फैसला सही है तो हम इसे जारी रखेंगे।’’

    खुराकों के बीच अंतराल कम करना

    स्वास्थ्य मंत्रालय के वक्तव्य के मुताबिक अरोड़ा ने डीडी न्यूज को बताया कि टीके की खुराकों के बीच अंतर बढ़ाने का आधार ‘‘एडेनोवेक्टर टीकों’’ से जुड़े बुनियादी वैज्ञानिक कारण थे।

    अप्रैल माह के अंतिम हफ्ते में ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग की एजेंसी ‘पब्लिक हैल्थ इंग्लैंड’ ने आंकड़े जारी कर बताया था कि टीके की खुराक के बीच 12 हफ्ते का अंतराल होने पर इसकी प्रभावशीलता 65 से 88 फीसदी के बीच रहती है।

    खुराकों के बीच अंतराल बढ़ा

    अरोड़ा ने कहा, ‘‘इसी वजह से वे अल्फा स्वरूप के प्रकोप से बाहर आ सके। वहां टीके की खुराकों के बीच अंतर 12 हफ्ते रखा गया था। हमारा सोचना था कि यह एक अच्छा विचार है और इस बात के बुनियादी वैज्ञानिक कारण भी मौजूद हैं कि अंतराल बढ़ाने पर एडेनोवेक्टर टीके बेहतर परिणाम देते हैं। इसलिए टीके की खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाकर 12 से 16 हफ्ते करने का 13 मई को फैसला लिया गया।

    उन्होंने कहा कि कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अंतराल को बढ़ाने का निर्णय वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर पारदर्शी तरीके से लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में समूह के सदस्यों के बीच कोई मतभेद नहीं था।

    सरकार ने 13 मई को कहा था कि उसने कोविड-19 कार्यकारी समूह की अनुशंसाओं को स्वीकार करते हुए कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच के अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह कर दिया है।

    बयान के मुताबिक अरोड़ा ने कहा कि कनाडा, श्रीलंका और कुछ अन्य देशों के उदाहरण भी हैं जहां एस्ट्राजेनेका टीके के लिए 12 से 16 हफ्ते का अंतराल रखा गया है।

    उन्होंने बताया, ‘‘खुराकों के बीच अंतर बढ़ाने का जब हमने फैसला लिया उसके दो से तीन दिन बाद ब्रिटेन से खबरें आईं कि एस्ट्राजेनेका टीके की एक खुराक से महज 33 फीसदी बचाव ही होता है जबकि दो खुराकों से 60 फीसदी तक बचाव होता है। मई माह के मध्य से ही यह विचार विमर्श चल रहा है कि क्या भारत को खुराकों के बीच अंतराल फिर से चार से आठ हफ्ते कर देना चाहिए।’’

    आंशिक टीकाकरण की पूर्ण टीकाकरण से तुलना

    उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ में हुए एक अध्ययन का जिक्र किया जिसमें आंशिक टीकाकरण की पूर्ण टीकाकरण से तुलना की गई। इस अध्ययन में स्पष्ट रूप से बताया गया कि आंशिक टीकाकरण और पूर्ण टीकाकरण दोनों की प्रभावशीलता 75 फीसदी है। यह अध्ययन अल्फा स्वरूप के संबंध में किया गया था जो पंजाब, उत्तर भारत और दिल्ली में पाया गया था।

    अरोड़ा ने बताया कि सीएमसी वेल्लोर में हुए अध्ययन के परिणाम भी इसके समान ही हैं जिसमें बताया गया कि कोविशील्ड के आंशिक टीकाकरण से 61 फीसदी तक बचाव हो सकता है और दो खुराकों से 65 फीसदी तक बचाव होता है।

    पीटीआई-भाषा संवाददाता

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

     

  • अभिनेता और भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए

    अभिनेता और भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए

    शिमला, एक दिसंबर (भाषा) बॉलीवुड अभिनेता और गुरदासपुर से भाजपा के सांसद सनी देओल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

    उन्होंने बताया कि देओल पिछले कुछ दिनों से कुल्लू जिले में रह रहे थे।

    स्वास्थ्य सचिव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक सांसद और उनके दोस्त मुंबई रवाना होने की योजना बना रहे थे, लेकिन मंगलवार को कोविड-19 जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित पाए गए।

    हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के 709 नए मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 41,228 पहुंच गयी। वहीं राज्य में मंगलवार को संक्रमण के कारण 21 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 657 हो गई है।

    डिसक्लेमर: टाइटल को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.
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  • आँखों को स्वस्थ रखना है तो क्या खाएं

    आँखों को स्वस्थ रखना है तो क्या खाएं

    आज हमने श्रेया आई सेंटर (Shreya Eye Centre) के डायरेक्टर और सीनियर आई सर्जन (Eye Surgeon) डॉ. राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta) से आखों को स्वस्थ रखने के सम्बन्ध में बात की. उनके बताये हुए टिप्स (Eye Care Tips) से आपकी आंखें स्वस्थ रहेंगी. बस आदतें और अपने खान-पान में थोड़ा सा बदलाव लाने की जरूरत है.

    Smoking

    अपनी आदतों में थोड़ा सुधार लाएं:

    • धूम्रपान बंद करें (Quit Smoking): धूम्रपान सिर्फ आपके आँखों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के लिए भी घातक है, इसलिए धूम्रपान को तुरंत ना कहें.
    • सनग्लासेस: सनग्लासेस आजकल फैशन ट्रेंड्स में शामिल हैं. अतः धूप में निकलते समय अच्छे UV – प्रोटेक्शन वाले चश्मे पहनकर निकलें जो अल्ट्रावॉयलेट किरणों से आपकी आँखों को सुरक्षा प्रदान करेंगे.
    • 20:20 नियम को नियमित करें (20:20 Rule): अगर आप अपना बहुत समय कम्प्यूटर या मोबाइल के सामने व्यतीत करते हैं तो आपको आँखों में दर्द और भारीपन की समस्या आ सकती है. इसलिए जब आप कम्प्यूटर पर काम कर रहे हों तो हर 20 मिनट के बाद 20 सेकेण्ड के लिए कम्प्यूटर स्क्रीन छोड़कर दूर किसी चीज पर अपनी आँखों को फोकस करें. इससे आपकी आँखों को थोड़ा आराम मिलेगा.
    • वजन कंट्रोल में रखें (Weight Control): आपके गलत लाइफस्टाइल की वजह से आपका वजन बढ़ सकता है जो आपको मधुमेह (डाइबिटीज) का रोगी बना सकता है. और मधुमेह की वजह से आपकी आँखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे आपकी आँखों की रौशनी कम हो सकती है.

    Fish for Healthy Eyes

    खान – पान में थोड़ा सुधार लाएं:

    आपका खान-पान सिर्फ आपके शरीर को ही नहीं बल्कि आँखों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है. इसलिए विटामिन A , C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना खाएं जो आपकी आँखों की रौशनी को सही रखता है. आइये देखते हैं की आपको किस तरह का और क्या क्या खाना चाहिए-

    • मछली (Fish): ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) का अच्छा सोर्स है जो आपकी आँखों की रौशनी बढ़ने के लिए बहुत ही जरूरी है. सालमोन, टूना, ट्राउट और सार्डिनेस मछलियों में ओमेगा-३ अच्छी मात्रा में पाया जाता है. वैज्ञानिकों ने साबित किया है की मछली का तेल मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन को ठीक कर सकता है. लेकिन अगर आप शाकाहारी हैं तो आपको ओमेगा-3 के सप्लीमेंट्स लेना चाहिए.
    • हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Vegetables): ये नुट्रिएंट्स का अच्छा सोर्स हैं जो आँखों के लिए काफी लाभप्रद है.पत्ता-गोभी, पालक के आलावा अवोकाडो, मटर, ब्रोकोली भी एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं.

    Food for Healthy Eyes

    • आंवला: इसमें मौजूद तत्व आंखों की रोशनी को बरकरार रखने में मददगार होते हैं. कच्चे आंवले को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है या फिर सुबह खाली पेट आंवले का रस पीना या फिर आंवले का मुरब्बा खाना भी फायदेमंद हो सकता है.
    • जामुन: जामुन भी विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.
    • इलायची: इसके नियमित सेवन से आंखों को ठंडक मिलती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है. इलायची और सौंफ का पाउडर ठंडे दूध में मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है.
    • डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों में विटामिन ए और जिंक पाया जाता है, जो आपको कमजोर नजर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है इसलिए इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
    • बादाम: आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रात को पानी में बादाम भिगोकर सुबह खाएं। इससे आंखों की रोशनी अच्छी हो जाती है और याददाश्त भी बढ़ती है। बादाम में सौंफ और मिश्री को पीसकर भी खा सकते हैं।

    Nuts for Healthy Eyes

    • शकरकंद और खट्टे फल: विटामिन C और E आपकी आँखों के लिए बहुत ही जरूरी हैं.अतः अपने खाने में शकरकंद, संतरे, मौसमी इत्यादि को जरूर खाएं.
    • अंडा: अंडे ज़िंक, विटामिन C और E का अच्छा सोर्स हैं और आँखों के लिए बहुत ही हेल्दी होते हैं.
    • गाजर: गाजर में विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है. गाजर को कच्चा या सलाद के साथ खा सकते हैं.
    • शिमला मिर्च: विटामिन C से भरपूर आपकी आँखों में रक्त संचार को सही रखता है.
    • बीज और ड्राई फ्रूट्स: विटामिन E से भरपूर बीज और सूखे मेवे मैकुलर-डिजनरेशन (Macular Degeneration) और कैटरैक्ट (Cataract) को रोकने में मदद करते हैं.
    • साबुत अनाज: ब्राउन राइस और साबुत गेंहूं ज़िंक और विटामिन E से भरपूर होते हैं जो आँखों के लिए बेहद लाभप्रद हैं.

    अपने खाने में थोड़ा सा सुधार करके आप अपनी आखों को अच्छी रोशनी प्रदान कर सकते हैं. साथ ही आपको समय-समय पर अपनी आँखों का चेक-अप (Eye Checkup) कराते रहना चाहिए ताकि उम्र बढ़ने पर आखों की रौशनी सही सलामत रहे.

    अगर आपको आँखों से सम्बंधित कोई समस्या (Eye Problems) है तो इस लिंक पर क्लिक करके आप अपने फ़ोन नंबर के साथ समस्या बताएं. श्रेया आई सेंटर के स्पेसलिस्ट (Eye Specialists) आपकी समस्यांओ का अवश्य निदान करेंगे.

  • देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गयी है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

    जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है।

    एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है।

    साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढोतरी अभूतपूर्व है। शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है। उन्होंने बताया, ‘‘इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है। कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा हैं, बुकिंग करवानी पड़ रही है।’’

    संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी। मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा। जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गयी जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिल बिकीं। बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं। ऐसे में साइकिल उनके लिए ‘एक पंथ कई काज’ साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है।

    उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं।

    जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है। वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है।

    मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आपपास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें ‘रफ टफ’ इस्तेमाल किया जा सके।

    कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं।

    एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें। उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • भारत में कोविड-19 के सर्वाधिक 95,735 नए मामले आए सामने, 1,172 और लोगों की मौत

    भारत में कोविड-19 के सर्वाधिक 95,735 नए मामले आए सामने, 1,172 और लोगों की मौत

    Covid-19 Update

    भारत में एक दिन में कोविड-19 के सर्वाधिक 95,735 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर बृहस्पतिवार को 44 लाख के पार हो गए। वहीं 1,172 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 75,062 हो गई।

    केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पतिवार तक 34,71,783 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं।

    मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में कोविड-19 के कुल 44,65,863 मामले सामने आ चुके हैं।

    उसके अनुसार मृत्यु दर गिरकर 1.68 प्रतिशत हो गई और मरीजों के ठीक होने की दर 77.74 प्रतिशत है।

    आंकड़ों के अनुसार देश में अभी 9,19,018 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 20.58 प्रतिशत है।

    भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या सात अगस्त को 20 लाख के पार हो गई थी। यह 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख के पार पहुंच गई थी।

    भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में नौ सितम्बर तक 5,29,34,433 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई है, जिनमें से 11,29,756 नमूनों की जांच बुधवार को ही की गई।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • Simple and Quick Weight Loss Tips

    Simple and Quick Weight Loss Tips

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    Read This: Why Smoking is Too Harmful for the Life

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  • कोरोना अपडेट: भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 7,42,417 हुए

    कोरोना अपडेट: भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 7,42,417 हुए

    नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) देश में कोविड-19 के 22,752 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर बुधवार को 7,42,417 हो गयी जबकि इस संक्रमण से 482 और लोगों की मौत के साथ ही मृतक संख्या बढ़कर 20,642 हो गई।

    केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कोविड-19 के 4,56,830 मरीज ठीक हो चुके हैं और 2,64,944 लोगों का इलाज जारी है।

    अधिकारी ने कहा, ‘‘ मरीजों के ठीक होने की दर करीब 61.53 प्रतिशत है।’’

    केाविड-19 के कुल पुष्ट मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।

    देश में लगातार छठे दिन 20,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।

    आईसीएमआर के मुताबिक सात जुलाई तक देश में 1,04,73,771 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 2, 62, 679 लोगों की जांच मंगलवार को ही की गई।

    आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में जिन 482 लोगों की जान गई है, उनमें से सबसे अधिक 224 लोग महाराष्ट्र के हैं। इसके बाद तमिलनाडु के 65, दिल्ली के 50, पश्चिम बंगाल के 25, उत्तर प्रदेश के 18, गुजरात के 17, कर्नाटक के 15, आंध्र प्रदेश के 13, राजस्थान के 11, बिहार तथा तेलंगाना के सात-सात, पंजाब के छह, जम्मू-कश्मीर तथा मध्य प्रदेश के पांच-पांच, ओडिशा के चार, हरियाणा के तीन, झारखंड तथा पुडुचेरी के दो-दो और चंडीगढ़, गोवा तथा उत्तराखंड के एक-एक व्यक्ति हैं।

    कोविड-19 से अभी तक 20,642 मरीजों की मौत के मामलों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 9,250 लोगों ने जान गंवाई है। इसके बाद दिल्ली में 3,165, गुजरात में 1,977, तमिलनाडु में 1,636, उत्तर प्रदेश में 827, पश्चिम बंगाल में 804, मध्य प्रदेश में 622, राजस्थान में 472, कर्नाटक में 416 और तेलंगाना में 313 लोगों की मौत हुई।

    हरियाणा में कोविड-19 के 279, आंध्र प्रदेश में 252, पंजाब में 175, जम्मू कश्मीर में 143, बिहार में 104, उत्तराखंड में 43, ओडिशा में 42 और केरल में 27 लोगों ने जान गंवाई।

    स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार महामारी से झारखंड में 22, छत्तीसगढ़, असम तथा पुडुचेरी में 14-14, हिमाचल प्रदेश में 11, गोवा में आठ, चंडीगढ़ में सात, अरुणाचल प्रदेश में दो और मेघालय, त्रिपुरा, लद्दाख में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।

    उसने बताया कि जान गंवाने वाले 70 प्रतिशत लोगों को पहले से ही कोई बीमारी थी।

    मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में संक्रमण के सबसे अधिक 2,17,121 मामले सामने आए हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 1,18,594, दिल्ली में 1,02,831, गुजरात में 37, 550, उत्तर प्रदेश में 29,968, तेलंगाना में 27,612 और कर्नाटक में 26,815, मामले सामने आए हैं।

    पश्चिम बंगाल में 23,837 , राजस्थान में 21,404 , आंध्र प्रदेश में 21,197, हरियाणा में 17,999 और मध्य प्रदेश में 15,627 लोग संक्रमित पाए गए हैं।

    बिहार में संक्रमण के मामले बढ़कर 12,570 , असम में 12,522, ओडिशा में 10,097, जम्मू-कश्मीर में 8,931 हो गए। पंजाब में अब तक संक्रमण के 6,749 जबकि केरल में 5,894 मामले सामने आए हैं।

    छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,415 ,उत्तराखंड में 3,230 , झारखंड में 2,996, गोवा में 1,903 , त्रिपुरा में 1,704, मणिपुर में 1,430, हिमाचल प्रदेश में 1,083 और लद्दाख में 1,041 मरीज हैं।

    पुडुचेरी में संक्रमण के 930, नगालैंड में 625, चंडीगढ़ में 494 तथा दादरा नगर हवेली तथा दमन और दीव में 405 मामले सामने आए हैं।

    अरुणाचल प्रदेश में 276, मिजोरम में 197, अंडमान-निकोबार द्वीप में 147, सिक्किम में 125 जबकि मेघालय में 80 लोग संक्रमित मिले हैं।

    मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमारे आंकड़ों का आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) के आंकड़ों से मिलान किया जा रहा है।’’

    डिस्क्लेमर-यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कोरोना: सोशल डिस्टेंसिंग क्या है और क्यों है ज़रूरी? ये हैं लक्षण और बचाव

    कोरोना: सोशल डिस्टेंसिंग क्या है और क्यों है ज़रूरी? ये हैं लक्षण और बचाव

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मकसद से सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर एडवाइज़री जारी की है.

    सोशल डिस्टेंसिंग का मतलब होता है एक-दूसरे से दूर रहना ताकि संक्रमण के ख़तरे को कम किया जा सके.

    क्यों ज़रूरी है सोशल डिस्टेंसिंग?

    जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.

    कोरोना कैसे फैलता है?

    संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं. अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.

    ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

    कोरोना से कैसे बचें?

    इसी कारण कोरोना से बचने के लिए लोगों को एक जगह पर अधिक लोग इकट्ठा न होने देने, एक दूसरे से दूरी बनाए रख कर बात करने या फिर हाथ न मिलाने के लिए कहा जा रहा है.

    भारत सरकार द्वारा जारी सोशल डिसटेंसिंग एडवायज़री के अनुसार जहां-जहां अधिक लोगों के एक दूसरे के संपर्क में आने की संभावना है उस पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिए हैं.



    • सभी शैक्षणिक संस्थानों (स्कूल, विश्वविद्यालय आदि), जिम, म्यूज़ियम, सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्रों, स्विमिंग पूल और थिएटरों को बंद रखने की सलाह दी है. छात्रों को घरों में रहने की सलाह दी गई और उन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करने को कहा गया है.
    • सरकार ने कहा है कि परीक्षाओं को स्थगित करने की संभावना पर विचार किया जा सकता है. फिलहाल चल रही परीक्षाएं ये सुनिश्चित करके करवाई जाएं कि छात्रों के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी हो.
    • प्राइवेट क्षेत्र के संस्थान से कहा गया है कि हो सके तो अपने कर्मचारियों से घर से काम करवाएं.
    • संभव हो तो मिटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए करने पर ज़ोर दिया गया है. बहुत ज़रूरी ना हो तो बड़ी बैठकों को स्थगित करने या उनमें लोगों की संख्या को कम करने की बात की गई है.
    • रेस्त्रां को सलाह दी गई है कि वो हैंडवॉश प्रोटोकॉल का पालन करवाएं और जिन जगहों को लोग बार-बार छूते हैं उन्हें ठीक से साफ करते रहें. टेबल के बीच में कम से कम एक मीटर की दूरी रखें.
    • जो शादियां पहले से तय हैं, उनमें कम लोगों को बुलाया जाए और सभी तरह के गैर-ज़रूरी सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया जाए.
    • एक दूसरे से हाथ मिलाने और गले लगने से बचना चाहिए.
    • किसी भी तरह की गैर – ज़रूरी यात्रा ना करें और बस, ट्रेन, हवाई जहाज़ में यात्रा करते वक्त लोगों से दूरी बनाए रखना ज़रूरी है.
    • कमर्शियल एक्टिविटीज़ में लगे लोग ग्राहकों के साथ एक मीटर की दूरी बनाए रखें. साथ ही प्रशासन बाज़ारों में भीड़ कम करने के लिए कदम उठाएं.
    • सभी अस्पतालों को कोविड-19 से जुड़े ज़रूरी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. साथ ही परिवार, दोस्तों, बच्चों को अस्पताल में मरीज़ों के पास जाने न दें.
    • ऑनलाइन ऑडरिंग सर्विस में काम करने वालों को ख़ास तौर पर अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए.



    कोरोना वायरस से पीड़ित होने के ये हैं लक्षण और बचाव

    कोरोना वायरस कोविड 19 क्या है और यह कैसे फैलता है? इससे बचने के लिए आप नियमित रूप से और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.

    कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

    इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है. इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है. बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है.

    वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं.

    लक्षण कितने दिन में दिखते हैं?

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है.

    कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है.

    बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है.


    कितना घातक है कोरोना वायरस?

    कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.

    फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.

    कोरोना के आंकड़े

    56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि –

    6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.
    14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.
    80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.

    कोरोना से किसको है ज्यादा खतरा?

    कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.

    कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.

    क्या कोरोना की वैक्सीन बन गयी है?

    कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है.

    अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.

    पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.

    विदेश से लौटने वाले क्या करें?

    जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें.

    दूसरे देशों ने भी इस वायरस से बचने के लिए अपने अपने देशों में स्कूल कॉलेज बंद करने और सर्वजनिक सभाएं रद्द करने जैसे क़दम उठाएं हैं.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन

    विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी लोगों के लिए एहतियात बरतने के तरीक़ों के बारे में जानकारी जारी की है.

    संक्रमण के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारी या कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए. जो लोग बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं उनकी जांच की जाएगी.

    अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीज़ जिनमें फ्लू (सर्दी ज़ुकाम और सांस लेने में तकलीफ) के लक्षण हैं, स्वास्थ्य सेवा अधिकारी उनका परीक्षण करेंगे.

    परीक्षण के नतीजे आने तक आपको इंतज़ार करने और दूसरों से खुद को दूर रखने के लिए कहा जाएगा.


    कितनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस?

    रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे.

    विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 123 देशों में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 596,350 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके कारण अब तक 27,343 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

    इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं.

    Source: https://www.bbc.com/hindi/international-51863689
    https://www.bbc.com/hindi/india-51955829

  • दवाई की पत्ती पर लाल लकीर का क्या मतलब होता है? बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खायें

    दवाई की पत्ती पर लाल लकीर का क्या मतलब होता है? बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खायें

    अक्सर यह कहा जाता है कि दवाइयां बिना डॉक्टर के सलाह के नहीं लेनी चाहिए. अगर आप बीमार हैं या फिर आपको कोई सेहत से जुड़ी दिक्कत है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और उन्हीं कि बताई हुई दवाइयों का सेवन करें. बावजूद इस चेतावनी के कई मरीज या उनके परिजन टीवी या सोशल मीडिया पर विज्ञापन देख बिना डॉक्टर की सलाह के मनमानी दवाइयां ले लेते हैं, जिससे आगे चलकर घातक परिणाम हो सकते हैं. लोगों की इसी आदत को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट की है, जिसमें बताया गया है कि किन दवाइयों को बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं खाना चाहिए.

    इस पोस्ट में बताया गया है ‘ज़िम्मेदार बनें और बिना डॉक्टर की सलाह के लाल लकीर वाली दवाई की पत्ती से दवाइयां न खायें. आप ज़िम्मेदार, तो दवाई असरदार.

    वहीं, पोस्ट में डाली गई तस्वीर पर लिखा हुआ है ‘क्या आप जानते हैं? जिन दवाइयों की पत्ती पर लाल लकीर होती है उन्हें डॉक्टर की सलाह के बिना कभी नहीं लेना चाहिए. कुछ दवाइयों जैसे कि एंटीबायोटिक्स की पत्ती पर एक खड़ी लाल लकीर होती है. इसका अर्थ यह होता है कि इन दवाइयों को केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए. हमेशा डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई का पूरा कोर्स लें.’

    साथ ही आपको बता दें कि लाल लकीर वाली दवाइयों को मेडिकल स्टोर वाले भी बिना डॉक्टर की रिसिप्ट या रसीद के बेच नहीं सकते.

    तो आप अगली बार लाल लकीर वाली दवाइयों को बिना डॉक्टर के सलाह के ना लें. साथ ही, दूसरों को इस बात की जानकारी देकर जागरूक करें.

    Source: https://khabar.ndtv.com/news/lifestyle/medicine-with-red-line-on-the-strip-should-never-be-consumed-without-doctor-prescription-2120766

  • गले की खराश से हैं परेशान तो अपनाएँ ये घरेलू उपाय

    गले की खराश से हैं परेशान तो अपनाएँ ये घरेलू उपाय

    गले में खराश के कई कारण हो सकते हैं जैसे सर्दी-जुकाम या ठंडी चीजें खाने से. खराश होने पर ठंडी और तेल वाली चीजें खाने से परहेज करना चाहिए. आइये हम आपको गले की खराश को ठीक करने के कुछ घरेलु उपाय बताते है जिसके लिए आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है. ये चीजें आपको रसोई में ही मिल जाएंगी.

    • मटर के बराबर सुहागे का टुकड़ा मुंह में रखें और रस चूसते रहें. दो-तीन घंटे में गला बिलकुल साफ़ हो जाएगा.
    • सोते समय एक ग्राम मुलहठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहें. फिर वैसे ही मुंह में रखकर सो जाएँ. सुबह तक गला साफ़ हो जाएगा. मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते के साथ भी लिया जा सकता है. इससे गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है.
    • रात को सोते समय सात काली मिर्च दरदरी पीसी हुई और बतासे या मिश्री को मुंह में रखकर चूसते रहें. गले की खराश दूर हो जाएगी. भोजन के बाद पांच-छह काली मिर्च को कूटें और घी के साथ चाटें.
    • लहसुन चबाने से भी खराश दूर होती है. इसे चबाने से इन्फेक्शन के जीवाणु मर जाते है
    • गरम पानी और नमक से गरारा करें. गले में खराश होने पर यह काफी लाभप्रद होता है.
    • अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं. अदरक खाने से गले की खराश में आराम मिलता है.
    • लौंग चबाने से भी गले की खराश में फायदा मिलता है.

    साभार: रूपायन, नवभारत टाइम्स