सूरत एयरपोर्ट अथॉरिटी (Airport Authority) ने बताया कि सूरत एयरपोर्ट (Surat Airport) के आसपास एरिया में कई झींगा तालाब हैं. जिसकी वजह से विमानों (Flight) के टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान हादसे का खतरा बना रहता है.
सूरत. गुजरात (Gujarat) के सूरत एयरपोर्ट (Surat Airport) के आसपास झींगा तालाबों के होने की वजह से विमानों (Flight) को बर्ड (bird) हिट का खतरा बना रहता है. यहां हजारों की संख्या में पक्षी आ जाते हैं. जिसकी वजह से कोई बड़ा हादसा हो सकता है. एयरपोर्ट अथॉरिटी (Airport Authority) अब इन बर्ड हिट से बचने के लिए जोन गन्स (Gun) का इस्तेमाल कर रही है. विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के पहले हर बार जोन गन्स से फायरिंग की जाती है. इससे पक्षी उड़ जाते हैं. हर दिन इस तरह करीब 150 बार फायरिंग की जाती है.

एयरपोर्ट अथॉरिटी (Airport Authority) ने बताया कि सूरत एयरपोर्ट (Surat Airport) के आसपास एरिया में कई झींगा तालाब हैं. जिसकी वजह से भारी संख्या में पक्षी एयर स्पेस में मंडराते रहते हैं. इससे विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के दौरान हादसे का खतरा बना रहता है. उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के पास झींगा तालाब एक मुसीबत हैं. हमने इस बारे में कई बार एन्वायरमेंटल मीटिंग के दौरान कलेक्टर से चर्चा की थी, उन्हें इस समस्या से अवगत कराया गया है.
एक दिन में की जाती है 150 बार फायरिंग
उन्होंने बताया कि विमानों की लैंडिंग के दौरान उस दिशा में फायरिंग की जाती है जहां ज्यादा पक्षी दिखते हैं. इसके अलावा हर मिनट पर फायरिंग की जाती है. सुबह 6 बजे से लेकर 11.30 बजे तक करीब 80 बार फायरिंग की जाती है. वहीं, दोपहर 3 बजे से शाम 7.30 बजे तक 60 से 70 बार फायरिंग होती है. उसके बाद जब रात होने लगती है तो बर्ड हिट का खतरा कम हो जाता है.

रनवे के दोनों तरफ लगाई 5 गन्स
सूरत एयरपोर्ट पर मई 2017 के बाद से उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इससे बर्ड हिट का खतरा ज्यादा रहता है. इससे निजात पाने के लिए जोन गन्स का इस्तेमाल किया जाता है. एयरपोर्ट के दोनों तरफ 5 गन लगाई गई हैं. इसके अलावा वाइब्रेटर का भी इस्तेमाल किया जाता है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसके लिए एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की मदद मांगी थी. इसका उद्देश्य एयरपोर्ट परिसर में बढ़ रही घास पर रोक लगाना है और उनमें पनपने वाले कीटों को खत्म करना था.
गन्स पर हर साल खर्च होते हैं 2 लाख
सूरत एयरपोर्ट पर लगी इन पांचों जोन गन्स की कीमत 4 लाख रुपये है. इनमें एक गन इक्विपमेंट की कीमत 80 हजार रुपये है. इन्हें सिलेंडर लगाकर चलाया जाता है. एक सिलेंडर 20 दिन चलता है. इस काम में हर महीने 7 हजार रुपये का खर्च आता है. मेंटनेंस भी जोड़ लिया जाए तो एक गन पर हर महीने 10 हजार रुपये से ज्यादा का खर्च आता है.
Source: https://hindi.news18.com/news/nation/150-times-bombs-firing-before-take-off-landing-of-aircraft-at-surat-airport-nodrk-2517169.html