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  • प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास

    प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास

    मुख्य बिंदु

    • 971 करोड रुपए लागत
    • 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल
    • स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा
    • 4 मंजिला होगा नया संसद भवन
    • 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • 5 अगस्त 2019 को भवन के निर्माण का प्रस्ताव हुआ
    • डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा
    • निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा
    • नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस
    • लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी
    • भारत की गौरवशाली विरासत और सांस्कृतिक विविधता का समावेश
    Central Vista Project
    Central Vista Project

    नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को भूमि पूजन करने के साथ ही नये संसद भवन की आधारशिला रखी। चार मंजिला नये संसद भवन का निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है।

    वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान के साथ आधारशिला रखी।

    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने।

    नये संसद भवन का निर्माण 971 करोड रुपए की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है।

    New Parliament Inside
    New Parliament Inside

    ज्ञात हो कि नये संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू एवं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमशः राज्यसभा और लोक सभा में 5 अगस्त 2019 को किया था।

    नये संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

    Triangular Shaped New Parliament
    Triangular Shaped New Parliament

    नये भवन को सभी आधुनिक दृश्य – श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संसद के सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाये।

    लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।

    Parliament of India
    Parliament of India

    नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे।

    संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्‍यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है।

    Parliament from Above
    Parliament from Above

    नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र और भारतवासियों के गौरव का प्रतीक होगा जो न केवल देश के गौरवशाली इतिहास अपितु इसकी एकता और विविधता का भी परिचय देगा।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

    Parliament Similar to 64 Yogini Temple
    Parliament Similar to 64 Yogini Temple
  • चलो पकौड़ा बेचा जाए

    चलो पकौड़ा बेचा जाए

    आजकल पकौड़े की बड़ी धूम है. पकौड़ा बेचना कम से कम बेरोजगारी से तो अच्छा ही है. वैसे भी खाना खिलाना पुण्य का काम है. कमाई में भी ठीक ठाक है. पढ़ लिखकर बेरोजगारी से बिना पढ़े कम इन्वेस्टमेंट में अच्छी कमाई कर सकते हैं.

    मोदीजी के इस बयान के बहुत बड़े मायने हैं. एक तो बेरोजगारी की समस्या से मुक्ति, लोगों की भूख मिटेगी, लोग दूसरों की नौकरी करने के बजाय अपना रोजगार खड़ा कर सकेंगे.

    मोदीजी चाय बेचकर प्रधानमंत्री बन सकते हैं तो हो सकता है कोई पकोड़ा बेचने वाला सांसद विधायक बन जाए. इसलिए चाय नहीं तो पकोड़ा तो बेच ही सकते हैं.

    दुनिया ऐसे उदाहरणों से भरी पड़ी है जिसमे चाय पकोड़े, पूड़ी सब्जी, नमकीन और मिठाइयां बेचने वाले लोगों का सैकड़ों करोड़ का बिजनेस है.

    MDH वाले दद्दा को कौन नहीं जानता, इनकी शुरुआत ऐसे ही छोटी सी दूकान से हुई. निरमा पाउडर वाले करसन भाई कभी साइकिल पर अपना पाउडर बेचते थे. हल्दीराम की कभी छोटी सी मिठाई और नमकीन की दूकान थी.

    लेकिन लेकिन लेकिन….

    जब मैं अपने गाँव और कसबे के चाट- पकौड़े वालों, समोसे वालों और चाय बेचने वालों को देखता हूँ तो लगता है पूरे जीवन में उन्होंने कभी नए कपडे नहीं पहने होंगे. और ये सच भी है, पकौड़े बेचकर जैसे तैसे घर का खर्चा चलता है, बच्चे सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते हैं जहां ने फीस का झंझट और न ही किताबों का (सब कुछ सरकार देती है), साथ ही पढाई का भी ज्यादा झंझट नहीं क्यूंकि सुबह सुबह बच्चे और घर की औरतें पकौड़े बनाने का सामान तैयार करते हैं.

    फिर इसके बाद भी पुलिस वाले, कमेटी, नगर पालिका वाले और लोकल के गुंडे मवाली या तो फ्री में खा जाते हैं या फिर जो कुछ कमाया उसमे से अपना हिस्सा मांगने आ पहुँचते हैं.

    खैर जो भी हो हमारे नेता ने कहा है तो अच्छे के लिए ही कहा होगा.

    लगे हाथ व्हाट्सएप्प पर वायरल ये कविता भी पढ़ लीजिये:

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।

    पढै लिखै कै कौन जरूरत

    रोजगार कै सुन्दर सूरत

    दुइ सौ रोज कमावा जाय ।

    दिन भर मौज मनावा जाय

    कुछौ नही अब सोंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

       लिखब पढब कै एसी तैसी

       छोलबै घास चरऊबै भैसी

       फीस फास कै संकट नाही

       इस्कूलन कै झंझट नाही

       कोऊ कहूँ न गेंछा जाय

       चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    चाय बेंचि कै पीएम बनिहौ

    पक्का भवा न डीएम बनिहौ

    अनपढ रहिहौ मजे मा रहिहौ

    ठेलिया लइकै घर घर घुमिहौ

    नीक उपाय है सोंचा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

         रोजगार कै नया तरीका

         कितना सुंदर भव्य सलीका

         का मतलब है डिगरी डिगरा

         फर्जिन है युह सारा रगरा

         काहे मूड़ खपावा जाय

         चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    मन कै बात सुना खुब भैवा

    उनकै बात गुना खुब भैवा

    आजै सच्ची राह देखाइन

    रोजगार कै अर्थ बताइन

    ठेला आऊ लगवा जाय

    चलौ पकौड़ा बेंचा जाय ।।

    Image Source: https://thewire.in

    Poem Source: Whatsapp