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  • मेरी नौकरी मेरा काम, छूट गया मेरा वोट, मेरी पहचान – पेटिशन साइन करें

    मेरी नौकरी मेरा काम, छूट गया मेरा वोट, मेरी पहचान – पेटिशन साइन करें

    बहुत साल हो गए, मैं कालेज करने दूसरे शहर गया. फिर प्राइवेट नौकरी करने कभी दिल्ली तो कभी गुरुग्राम, कभी सूरत तो कभी मुंबई या फिर नॉएडा या बंगलोर. समय बदला काफी कुछ डिजिटल हो गया.

    एक देश एक पहचान हो गयी. आधार कार्ड बना जो मोबाइल से लेकर पैन कार्ड और बैंक अकाउंट से जुड़ गया. देश में रोमिंग ख़त्म हो गयी और मेरा एक मोबाइल अब पुरे देश में मेरे साथ सफर करने लगा. बैंक अकाउंट ऑनलाइन हुए तो मैं कहीं से भी पैसा ट्रांसफर करने लगा भले ही मेरा खाता मेरे गाँव का ही क्यों न हो. मैं उसी पुराने पैन कार्ड से इनकम टैक्स भरने लगा जो मेरे गाँव से बना था. अब तो पासपोर्ट का वेरिफिकेशन भी उसी शहर में होने लगा जहां मैं नौकरी कर रहा हूँ.

    सब कुछ मोबाइल हो गया लेकिन एक चीज मोबाइल नहीं हुई वो है हमारा और आपका वोट. इस एक वोट को मोबाइल न करने की वजह से करोडो लोग भारतीय संविधान के मतदान के अधिकार से वंचित रह जाते हैं.


    पोस्टल बैलट है पर केवल सरकारी नौकरी वालों के लिए. NRI जो विदेशों में रह रहे हैं वो भी प्रॉक्सी वोटिंग से वोट कर सकते हैं, जबकि इनकी संख्या गिनी चुनी है.


    Mobile Votes Petition - Lost My Vote Due to My Job

    करोडो लोग पढाई लिखाई और नौकरी के चक्कर में अपना घर छोड़ देते है जो छुट्टी न मिलने या महगे किराए के चलते अपना वोट डालने नहीं आ पाते हैं. क्या उनके लिए “मेरा वोट मेरा अधिकार” नहीं है. इन जैसे लोगो के वोट न देने की वजह से मतदान प्रतिशत 50 – 60 प्रतिशत रहता है और कुल वोट का 20 से 25 प्रतिशत वोट पाकर लोग माननीय बन जाते हैं.


    2014 के आम चुनाव में 81.45 करोड़ मतदाता लिस्ट में थे जिसमे 2.31 करोड़ matdaata 18 -19 साल के थे. इस चुनाव में वोट प्रतिशत था 66.38% जो अब तक का सर्वाधिक मतदान है जिसमे NDA (भाजपा गठबंधन जिसमे भाजपा ने 31.3% वोट पाकर 282 सीट जीती) ने 38.5% वोट पाकर 336 सीटें जीतीं. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की जितने वोट भाजपा गठबंधन को मिले थे लगभग उतने ही 28.1 करोड़ लोगों ने वोट नहीं किया था.


    Mobile Votes Petition - Lost My Vote Due to My Job

    क्यों? इतने लोगों ने वोट क्यों नहीं किया?

    कहा जाता है की इतने लोग वोट करने घरों से नहीं निकले जबकि इनमे से ज्यादातर लोग तो घरों पर थे ही नहीं. वो अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में किसी और राज्य या किसी और शहर में थे. सिर्फ एक नियम की वजह से की आपको वोट डालने के लिए आपको खुद वोट डालने उस बूथ पर जाना पड़ेगा जहां पर आपका वोट है.

    इतनी बड़ी  गिनती को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते.

    इसलिए हम सबको अपने वोटिंग के अधिकार को मोबाइल करने के लिए इस टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस पेटिशन पर साइन करें ताकि चुनाव आयोग हमारे वोट को वहाँ भी डालने की अनुमति प्रदान करे जहां हम प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं.

    Click here to register your vote: https://timesofindia.indiatimes.com/Lost-Votes/lost-votes/campaignlanding/67346592.cms