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  • Air Strike: ग्वालियर से मिराज-2000 ने भरी थी उड़ान, साथ में आगरा से गए हवा में तेल भरने के लिए बैटल क्राई

    Air Strike: ग्वालियर से मिराज-2000 ने भरी थी उड़ान, साथ में आगरा से गए हवा में तेल भरने के लिए बैटल क्राई

    आतंकी ठिकानों पर बम बरसाने वाले फाइटर प्लेन मिराज-2000 ने सेंट्रल मध्य कमान से उड़ान भरी थी। ग्वालियर एयरबेस पर मिराज-2000 और सुखोई का अड्डा है। चर्चा यह है कि पीओके जाने वाले विमानों को ईधन सप्लाई देने वाले विमान आगरा से गए थे

    सेंट्रल मध्य कमान में आगरा व ग्वालियर एयरफोर्स स्टेशन शामिल हैं। आगरा में एएन-32, आइएल-78 सहित अन्य विमान हैं। जबकि ग्वालियर एयरबेस में सुखोई, मिराज जैसे विमान हैं। आतंकी ठिकानों पर बम बरसाने के लिए फाइटर प्लेन मिराज की अहम भूमिका रही है। इधर आइएल-78 हवा में ईंधन भरने के काम आता है। एयर स्ट्राइक के लिए बालाकोट के लिए एक साथ कई प्लेन ने उड़ान भरी। इसके बाद भारत-पाक बार्डर पर तेल वाहक विमानों से हवा में ईंधन भरा गया। तब जाकर विमानों ने ठिकानों पर बम से हमला किया।


    Air Strike - Know all about Dassault Mirage 2000

    सोमवार-मंगलवार मध्य रात्रि आगरा एयरफोर्स स्टेशन से भी करीब चार-पांच विमानों ने उड़ान भरी। विमानों की गडग़ड़ाहट से खेरिया, अर्जुन नगर, शहीद नगर, केदारनगर, शाहगंज व उसके आसपास के क्षेत्रों में कई लोगों की नींद खुल गई। क्षेत्रीय निवासियों की मानें तो अन्य दिनों के मुकाबले बड़ी संख्या में विमान उड़े हैं। सभी ने एक के बाद एक उड़ान भरी है। इसी प्रकार वापसी भी हुई है। ताजनगरी के आसमान पर सुबह ढाई घंटे तक विमानों की आवाजाही रही। चूंकि यह अति गोपनीय कार्रवाई थी इसलिए एयरफोर्स अफसर अधिकारिक रूप से इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

    मिराज की ‘शक्ति’ के पीछे बैटल क्राई:

    आतंकी ठिकानों की तबाही की फुलप्रूफ प्लानिंग की गई थी। फाइटर प्लेन मिराज-2000 (Mirage 2000)को ‘शक्ति’ प्रदान करने वाला बैटल क्राई (आइएल-78 विमान ) है। यह तेलवाहक विमान है। जो हवा से हवा में फाइटर प्लेन को आसानी से ईंधन दे सकते हैं। इससे प्लेन लंबे समय तक उड़ान भर सकता है।


    Air Strike - Know all about Dassault Mirage 2000

    आगरा एयरफोर्स स्टेशन आइएल-78 विमानों का अड्डा है। भारतीय उप महाद्वीप में सबसे पहले यहीं पर तेलवाहक विमान आए थे। वर्ष 2003 में 78 स्क्वाड्रन का गठन किया गया था। फिर मिड एयर रिफ्यूलिंग स्क्वाड्रन (मार्स) बना। मार्स की खासियत यह है कि यह रात में भी विमानों को ईंधन दे सकता है। आतंकी ठिकानों को तबाह करने में अगर फाइटर प्लेन को ईंधन की जरूरत पड़ती तो ऐसे में मार्स को लगाया गया था। यह आगरा से भेजे गए थे। सूत्रों के अनुसार एक विमान एक साथ तीन फाइटर प्लेन को ईंधन देने की क्षमता रखता है।


    Air Strike - Know all about Dassault Mirage 2000

    यूं भरा जाता है ईंधन:

    हवा से हवा में किसी विमान को ईंधन देना आसान नहीं होता है। आइएल-78 की रफ्तार के बराबर फाइटर प्लेन चलता है। फिर यह विमान के आसपास चक्कर लगाने लगता है। तेल वाहक विमान से एक नोजल फाइटर प्लेन की तरफ बढ़ती है। नोजल कुछ ही मिनट में टैंक को फुल कर देती है।

    चंबल के बीहड़ में होता है ट्रायल:

    आसमान में उड़ते हुए विमान को ईंधन देने का ट्रायल चंबल के बीहड़ में किया जाता है। हर दिन विमानों को तेल देते हुए देखा जा सकता है।

    भारत-पाक बॉर्डर पर भरा गया तेल:

    आतंकी ठिकानों पर तबाही मचाने से पूर्व फाइटर प्लेन मिराज को ईंधन दिया गया। यह ईंधन भारत-पाक बार्डर के आकाश में ही दिया गया। इसके लिए तेलवाहक विमानों का प्रयोग किया गया। सूत्रों के अनुसार फाइटर प्लेन द्वारा उड़ान भरने में सबसे अधिक तेल खर्च होता है। ठिकानों को तबाह करने से पूर्व बॉर्डर पर मिराज में तेल भरा गया। जिससे प्लेन देर तक बम वर्षा कर सुरक्षित वापस आ सकें।  


    Air Strike - Know all about Dassault Mirage 2000

    कितना ताकतवर है फाइटर जेट मिराज?

    पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारत ने कार्रवाई की है. फाइटर जेट मिराज 2000 के जरिए पाकिस्तान पर 1000 किलो के बम गिराए गए हैं. अभियान में 12 मिराज 2000 का इस्तेमाल किया गया था.

    आइए जानते हैं, कितना ताकतवर है भारत का मिराज 2000 जेट…

    • मिराज 2000 को फ्रांस के डसॉल्ट कंपनी ने बनाया है. यह मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है. फ्रांस के एयर फोर्स में इसे 1984 में ही शामिल किया गया था. इस एयरक्राफ्ट में 9 प्वाइंट होते हैं जहां हथियार रखे जा सकते हैं.
    • ये एयरक्राफ्ट हाई फायरिंग गन से लेकर मिसाइल तक से लैस है. डबल सीटर और सिंगल सीटर, इसके दोनों वर्जन हैं. इसके दोनों विंग पर भी वीपन सिस्टम मौजूद होते हैं.
    • यह हवा से सीधे हवा में वार कर सकता है, साथ ही हवा से सीधे जमीन पर भी हमला कर सकता है. इस फाइटर जेट के एयर टू एयर मिसाइल सिस्टम का रेंज 60 किलोमीटर तक है.
    • एक ही समय में यह एयरक्राफ्ट 4 मिका मिसाइल, 2 मैजिक मिसाइल, 3 ड्रॉप टैंक्स के साथ लैस हो सकता है. मिराज 2000 लेजर गाइडेड बम भी गिरा सकता है.
    • आतंकी ठिकानों पर हमले में कितना नुकसान पहुंचा है, इसका अभी ठीक-ठीक आंकलन किया जाना बाकी है. कश्मीर में एलओसी पर तनाव की स्थिति हो रही है. एयरफोर्स बेस में हाई एक्टिविट देखी जा रही है.

    मंगलवार तड़के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट कर लिखा, ‘भारतीय वायु सेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया. पाकिस्तान वायु सेना ने तुरंत कार्रवाई की. भारतीय विमान वापस चले गए.

    Source: https://www.msn.com

  • लॉकहीड SR-71 ब्लैकबर्ड – अमेरिकन एयर फ़ोर्स का यह जहाज आपके दिमाग की बत्ती गुल कर देगा

    लॉकहीड SR-71 ब्लैकबर्ड – अमेरिकन एयर फ़ोर्स का यह जहाज आपके दिमाग की बत्ती गुल कर देगा

    जो जहाज हम आज सपने में देखते हैं, अमेरिकन एयर फ़ोर्स उस जहाज को आज से 17-18 साल पहले रिटायर कर चुका है. अमेरिका इतने विकसित जहाज को सन 1964 में बना चुका था जब हमारे देश के पास अँधेरे में उड़ने वाले जहाज भी नहीं थे. इस जहाज की स्पीड के बारे में सुन कर आपकी आँखें चौड़ी हो जाएंगी. आइये इस जहाज की कुछ खासियतें आपको बताते हैं.

     

    लॉकहीड SR-71 ब्लैकबर्ड नाम है इस जहाज का. यह जहाज अमेरिकी एयर फ़ोर्स में 1964 से 1998 तक रहा. इस तरह के सिर्फ 32 जहाज थे जिनमे 12 एक्सीडेंट में नष्ट हुए थे नोट करने वाली बात ये है की इनमे से एक भी जहाज दुश्मन नष्ट नहीं कर पाया.

    Blackbird Spy Plane of US Air Force

    इस प्लेन को मैक 3 से भी तेज उड़ने के लिए बनाया गया था. यह स्टील्थ टाइप का पहला जहाज था जो राडार को धोखा दे सकता था. इसे डार्क ब्लू या लगभग काले रंग में रंगा गया था ताकि ये रात में भी आसमान में दिखाई न दे, और यही कारण था की इसका नाम ब्लैकबर्ड पड़ा. इसकी खासियत इसकी तेज रफ़्तार और बहुत ही अधिक ऊँचाई पर उड़ना था जिसकी वजह से इसे ट्रैक कर पाना नामुमकिन था.

     

    इसे बनाने में ज्यादातर टाइटेनियम का प्रयोग किया था, इसके शीशे 2 इंच मोटे क़्वार्टज़ के बनाये गए थे. क्योंकि इसकी अत्यधिक स्पीड की वजह से इसकी विंडस्क्रीन का टेम्परेचर 360 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता था.

     

    इसके पायलट के लिए स्पेशल मास्क होता था क्योंकि जो मास्क साधारण फाइटर प्लेन के पायलट के लिए  काम में लाये जाते थे वो केवल 13000 मीटर तक ही काम करते है. लेकिन यह प्लेन 24000 मीटर की ऊँचाई पर उड़ता है जहां हवा का प्रेशर और ऑक्सीजन बहुत ही कम हो जाते हैं. इसके लिए आतंरिक दबाव वाले सूट उपयोग में लाये जाते है जिसमे ऑक्सीजन की कमी होने पर ऑनबोर्ड ऑक्सीजन की सप्लाई करके सूट का दबाव नार्मल किया जाता है. इसके पायलट का सूट अंतरिक्ष यात्रियों के लेवल का था.

    Blackbird Spy Plane of US Air Force

    इस प्लेन की पहली फ्लाइट 22 दिसंबर 1964 में हुई थी. इस प्लेन का सर्वाधिक ऊँचाई पर उड़ने का रिकार्ड 25,929.03 मीटर का है जबकि स्पीड के मामले में भी इसका रिकार्ड 3,529.56 किलोमीटर प्रति घंटे(सन 1976) का है.

     

    खासियत:

     

    यह अब तक का दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला प्लेन है.

     

    25 साल के इतिहास में इसपर 4000 मिसाइल छोड़ी गयी लेकिन इसके अत्याधुनिक सिस्टम जो मिसाइल की स्पीड के हिसाब से प्लेन की स्पीड को बढ़ा देता था की वजह से 25 साल में इस जहाज को कोई भी मिसाइल छू तक नहीं पायी है.

     

    इतने तेज स्पीड में उड़ने के बावजूद इसके कॉकपिट में इतनी शांति रहती थी की आप पिन गिरने की आवाज भी सुन सकते थे.

     

    यह दुश्मन के राडार सिग्नल और कम्युनिकेशन सिस्टम को डिस्टर्ब कर सकता था.

     

    इसका नेविगेशन सिस्टम (R2-D2) इतना जबरदस्त था की दोपहर में जमीन पे खड़े हुए भी यह 61 तारों को देख सकता था.

     

    इस जहाज को बनाने के लिए काफी मात्रा में टाइटेनियम की जरूरत थी. लेकिन टाइटेनियम का सबसे बड़ा सप्लायर सोवियत संघ (अब रूस) था जो अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन भी था. इसलिए CIA ने दुनिया भर में फर्जी कम्पनियाँ बनाकर सोवियत संघ से पर्याप्त मात्रा में टाइटेनियम खरीद लिया. एक तरह से ये सब अवैध और स्मगलिंग की श्रेणी में आता है.

    Blackbird Spy Plane of US Air Force

    इस प्लेन के खड़े होने पर इसका फ्यूल लीक होता रहता था क्योंकि इसे इसी तरह बनाया गया था. लेकिन इस फ्यूल को सीधे आग से भी आग नहीं लगती थी. इसमें सिर्फ उड़ान भरने का ही फ्यूल होता था, टैंक में फ्यूल उड़ान के दौरान ही भरा जाता था क्योंकि खड़े होने पर इसके बॉडी पैनल ठन्डे होने की वजह से ढीले हो जाते थे. इसी वजह से इसका फ्यूल खड़े होने पर लीक होता रहता था.

     

    इस प्लेन का क्रू मेंबर बनने के लिए आपकी उम्र 25-40 के बीच, शादीशुदा और अपने इमोशन पर कंट्रोल होना चाहिए.

     

    इस प्लेन में हवा में ही फ्यूल भरने की सुविधा थी.

     

    इसके टायर भी साधारण नहीं थे. अल्युमिनियम मिक्स टायर भी केवल 20 बार ही लैंड कर सकते थे जबकि स्पीड कम करने के लिए पैराशूट का भी प्रयोग होता था.

     

    पोलाराइड कैमरा के फाउंडर इस जहाज के डिजाइन के इंचार्ज थे. वो इसलिए क्योंकि ब्लैकबर्ड एक जासूसी विमान था और वो फोटोग्राफी के बारे में बहुत कुछ जानते थे.

     

    इस प्लेन की टेस्टिंग रहस्यमयी Area-51 में हुई थी.

     

    यह प्लेन एक घंटे में 20000 किलोग्राम से ज्यादा फ्यूल जला देता था, हर 90 मिनट में इसे दोबारा भरना पड़ता था. लेकिन मैक 2 की स्पीड (सुपरसोनिक स्पीड) के बाद इसकी छमता बढ़ जाती थी. इसके पीछे “रैमजेट इफेक्ट” का नियम था जिसमे सुपरसोनिक स्पीड में हवा और फ्यूल दोनों कंप्रेस हो जाते हैं.

     

    Images and Resources:

    https://en.wikipedia.org/wiki/Lockheed_SR-71_Blackbird

    www.cnn.com

    www.Iliketowastemytime.com

    www.sbnation.com

    https://www.thrillist.com/cars/facts-history-and-trivia-about-the-fastest-plane-in-the-world-the-supersonic-lockheed-martin-sr71-blackbird-spy-plane

    http://sploid.gizmodo.com/rare-photos-of-the-sr-71-blackbird-show-its-amazing-his-1670184930

    http://www.historyinorbit.com/15-fascinating-facts-about-the-sr-71-blackbird-the-fastest-plane-on-earth/