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    Moon Village: कैसा होगा चांद पर बना इंसानी घरौंदा? तस्वीरों में दिखा आने वाला कल

    Moon Village: चांद पर गांव बसाने के लिए यूरोपियन एजेंसी ने तैयारी शुरू कर दी है। ये घर कैसे होंगे, इसकी झलक ताजा तस्वीरों में दिखाई देती है।

    Moon Village

    किसी जमाने में चांद पर दुनिया बसाने के वादे किए जाते थे और आने वाले सालों में यह हकीकत हो सकती है। कम से कम यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक एक्सपर्ट का तो यही दावा है। हाल ही में Moon Village यानी चांद के गांव की तस्वीरें सामने आई हैं और माना जा रहा है कि आने वाले 10 साल में इसका काम शुरू हो सकता है। ESA अडवाइजर एडेन काउली का कहना है कि वहां बसे ढांचों के लिए चांद की मिट्टी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है जो उन्हें -190 डिग्री सेल्सियस के तापमान और रेडिएशन से बचाने के काम आ सकती है।

    कैसे दिखेंगे ये ‘घर’?

    Moon Village

    चार तले की सिलिंडर के आकार की इमारतों की तस्वीरों में निचले क्षेत्र को स्टडी एरिया और मंगल पर मिशन भेजने के लिए लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। ESA के डायरेक्टर जनरल जैन वॉर्नर का कहना है कि उनका मकसद चांद पर स्थायी बेस बनाने का है जिसका इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश भी कर सकेंगे। काउली का कहना है कि अब सवाल यह नहीं है कि ‘क्या’ ऐसा हो पाएगा, बल्कि यह है कि ऐसा कब होगा।

    कैसे बनेंगे ये घर?

    Moon Village

    काउली ने कहा है, ‘ऐसा करना होगा क्योंकि अगर हम चांद, मंगल या उससे आगे किसी जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो हमें इस टेक्नॉलजी को मास्टर करना होगा।’ वह चांद की मिट्टी का इस्तेमाल एक मीटर चौड़ी दीवार बनाने के लिए करना चाहते हैं जिसके अंदर ऐस्ट्रोनॉट रहेंगे। चांद की यह मिट्टी रोबॉट इकट्ठा करेंगे और इसमें कांच जैसे पार्टिकल होते हैं। 3D प्रिंटर से इन्हें ईंटों में बदला जाएगा जिन्हें सूरज में सूखने के लिए रखा जाएगा।

    Moon Village

    NASA की टीम में शामिल राजाचारी

    वहीं, अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA साल 2024 तक एक महिला और एक पुरुष ऐस्ट्रोनॉट को चांद पर भेजने की तैयारी में है। इस Artemis मिशन के साथ चांद पर जाने वाले दूसरे मिशन्स के लिए एजेंसी ने 18 ऐस्ट्रोनॉट्स के नाम का ऐलान किया है। इनमें से एक भारतीय मूल के राजाचारी भी हैं जिनके पिता हैदराबाद से निकलकर अमेरिका में जाकर बस गए। इस टीम में दूसरे देशों के ऐस्ट्रोनॉट भी शामिल किए जाएंगे।

    Raja Chari

    साभार: नवभारत

  • अमेरिकी अंतरिक्षयान का नाम दिवंगत भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया

    अमेरिकी अंतरिक्षयान का नाम दिवंगत भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया

    अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए उड़ान भरने वाले एक अमेरिकी व्यावसायिक मालवाहक अंतरिक्षयान का नाम नासा की दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है। मानव अंतरिक्षयान में उनके प्रमुख योगदानों के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।

    कल्पना चावला (Kalpana Chawla)

    अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।

    अमेरिकी वैश्विक एरोस्पेस एवं रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, नॉर्थग्रुप ग्रमैन ने घोषणा की कि इसके अगले अंतरिक्षयान सिग्नेस का नाम मिशन विशेषज्ञ की याद में “एस.एस कल्पना चावला” रखा जाएगा जिनकी 2003 में कोलंबिया में अंतरिक्षयान में सवार रहने के दौरान चालक दल के छह सदस्यों के साथ मौत हो गई थी।

    कंपनी ने बुधवार को ट्वीट किया, “आज हम कल्पना चावला का सम्मान कर रहे हैं जिन्होंने भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्षयात्री के तौर पर नासा में इतिहास बनाया था। मानव अंतरिक्षयान में उनके योगदान का दीर्घकालिक प्रभाव रहेगा।”

    कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “नॉर्थरोप ग्रमैन एनजी-14 सिग्नस अंतरिक्षयान का नाम पूर्व अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रख गर्व महसूस कर रहा है। यह कंपनी की परंपरा है कि वह प्रत्येक सिग्नस का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखता है जिसने मानवयुक्त अंतरिक्षयान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

    इसने कहा, “चावला का चयन इतिहास में उनके प्रमुख स्थान को सम्मानित देने के लिए किया गया है जो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।”

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.