Category: वायरल

  • पहलवान प्रिया मलिक ने टोक्यो ओलंपिक में नहीं बल्कि बुडापेस्ट में कैडेट विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है

    पहलवान प्रिया मलिक ने टोक्यो ओलंपिक में नहीं बल्कि बुडापेस्ट में कैडेट विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है

    सबसे पहले तो प्रिय मालिक को देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने की बहुत बहुत बधाई.

    पहलवान प्रिया मलिक के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बारे में बहुत सारे वायरल पोस्ट फैल रहे हैं। हाँ, ये सच है उसने स्वर्ण पदक जीता है लेकिन टोक्यो ओलंपिक में नहीं। हकीकत यह है कि प्रिया मलिक ने बुडापेस्ट में कैडेट वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।

    मीराबाई चानू द्वारा महिला भारोत्तोलन वर्ग में टोक्यो ओलंपिक में भारत का पहला रजत पदक जीतने के बाद, सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो गया है जिसमें दावा किया गया है कि पहलवान प्रिया मलिक ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता है।

    प्रिया मलिक को बधाई देने के लिए ट्विटर और फेसबुक जैसी विभिन्न सोशल मीडिया साइटों पर बहुत सारे लोग संदेश साझा कर रहे हैं, इन कैप्शन के साथ, “remember the name #PriyaMalik congratulations for winning gold in wrestling #Olympics #Cheer4India #Tokyo2020”

    विभिन्न एंटी-फेक न्यूज वेबसाइटों ने पाया है कि पहलवान प्रिया मलिक ने गुरुवार 22 जुलाई को बुडापेस्ट में कैडेट विश्व चैंपियनशिप में 73 किलोग्राम विश्व खिताब में स्वर्ण पदक जीता है। लेकिन टोक्यो ओलंपिक में भारत ने भारोत्तोलन में केवल एक रजत पदक जीता है।

    प्रिया मलिक ने 22 जुलाई को बेलारूस की पहलवान को हराकर 73 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता था।

    प्रिया मलिक हरियाणा के मोखरा गांव से हैं, जिसने कुश्ती में भारत की पहली महिला ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक को दिया है।

    भारत ने अब तक टोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन में केवल एक रजत पदक जीता है। इसलिए, टोक्यो ओलंपिक में पहलवान प्रिया मलिक के स्वर्ण पदक जीतने का दावा करने वाला वायरल पोस्ट भ्रामक है।

  • पकड़ी गई इंसानी चेहरे वाली म्यूटेंट शार्क, दहशत में आए लोग

    पकड़ी गई इंसानी चेहरे वाली म्यूटेंट शार्क, दहशत में आए लोग

    जकार्ता
    इंडोनेशिया के एक मछुआरे ने इंसानी चेहरे वाले एक म्यूटेंट शार्क (Mutant Shark)को पकड़ा है। जिसे देखने के बाद लोग दहशत में आ गए। इंसानों जैसे चेहरे (Looks like Human Face) वाली इस शार्क को एक बड़ी शार्क के पेट से निकाला गया है। इस शार्क को मछुआरे ने बेचने से इनकार करते हुए घर में ही पालना शुरू किया है। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आ रहे हैं।

    शार्क के पेट से मिला इंसानों जैसे दिखने वाला बच्चा

    इस म्यूटेंट बेबी शार्क को 48 साल के मछुआरे अब्दुल्ला नूरन ने ईस्ट नुसा तेंगारा प्रांत में रोटे नादो के पास से पकड़ा था। इस मछुआरे ने गलती से अपनी जाल में एक गर्भवती शार्क को पकड़ लिया था। जिसके बाद उसने जब शार्क को काटा तो उसके पेट से 3 छोटे-छोटे बच्चे निकले। इनमें से एक का चेहरा इंसानों की तरह मिलता था।

    मछुआरे ने शार्क को बेचने से किया इनकार

    अब्दुल्ला नूरन ने ने कहा कि मैंने शुरू में एक बड़ी शार्क को अपने ट्रालर के नीचे जाल में फंसा हुआ देखा। अगले दिन जब मैंने शार्क को काटा तो उसके अंदर तीन बच्चे निकले। उनमें से दो बच्चे तो अपनी मां की तरह दिखते थे, लेकिन एक का चेहरा एकदम इंसानों जैसा था। जिसके बाद मैं इस बेबी शार्क को घर ले आया और उसे पाल रहा हूं।

    Mutant Shark Looks Like Human Face

    शार्क के बच्चे को पाल रहा है मछुआरा

    उन्होंने बताया कि उनके पड़ोसी सहित बहुत से लोग ऐसे हैं जो जो इस शार्क के बच्चे को खरीदना चाहते हैं। लेकिन, मैंने सभी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। मेरे घर पर उन लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है जो इस शार्क को देखना चाहते हैं। बहुत से लोग इसे खरीदना चाहते हैं, लेकिन मैं इसके बजाय इसे संरक्षित करूंगा। मुझे लगता है कि इससे मेरी किस्मत बदल जाएगी।

    Source: Navbharat Times

  • अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका में रहस्यमयी धातु का ओबिलिस्क यानि खंभा मिलने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार यह पत्थर पश्चिमी अमेरिका के रेगिस्तान में दफनाया मिला है। रहस्यमयी खंभे के मिलने के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह पत्थर चमकीला और त्रिभुजाकार में है, जिसकी लंबाई तकरीबन 13 फीट है। पिछले बुधवार को ही यह पत्थर चर्चा का केंद्र बना है। लोगों क मानना है कि यह एलियंस या यूएफओ का हो सकता है। इस खंभे की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

    12 फीट दूर सूनसान जगह पर गड़ा खंभा
    यह खंभा दक्षिणी उटाह की लाल चट्टानों से तकरीबन 12 फीट की दूरी पर सूनसान जगह पर देखा गया है, जिसकी पुष्टि स्थानीय अधिकारियों ने की है। जांच के बाद सार्वजनिक सुरक्षा दल की टीम का कहना है कि उन्हें एक धातु का मोनोलिथ मिला है, लेकिन इस बात के स्पष्ट संदेश नहीं मिले हैं कि इसे यहां किसने रखा है। सोमवार को एजेंसी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा गया है कि इस तरह से सार्वजनिक जगह पर इस तरह की संरचना को रखना या स्थापित करना अवैध है। इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता है कि यह किसने रखा फिर चाहे वह किसी भी ग्रह से हो।

    सोशल मीडिया पर वायरल
    एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस मोनोलिथ का मजाक उड़ाते हुए लिखा है कि यह वर्ष 2020 का रिसेट बटन है, जल्दी से कोई इसे दबा दे। जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह कोरोना की वैक्सीन है, जोकि इसके अंदर है। अधिकारियों ने उस जगह की जानकारी देने से इनकार कर दिया है कि यह पत्थर कहां से मिला है, दरअसल अधिकारियों को डर है कि अगर जगह की जानकारी दी जाती है तो लोगों की भीड़ इकट्ठा हो सकती है।

    कई तरह के कयास वहीं इस रहस्यमयी खंभे के बारे में कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि संभव है कि यह पत्थर जानेमाने कलाकार मैकक्रैकेन का हो। लेकिन मंगलवार को एक बयान जारी करके स्थानीय अधिकारियों की टीम ने इससे इनकार किया है। हालांकि उनका कहना है कि संभव है कि यह उनके किसी साथी कलाकार का हो जिसने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया हो।

    Source: hindi.oneindia.com

  • व्हाट्सएप पर ज्यादा शेयर होने वाले संदेश अब एक ही बार हो सकेंगे फॉरवर्ड

    व्हाट्सएप पर ज्यादा शेयर होने वाले संदेश अब एक ही बार हो सकेंगे फॉरवर्ड

    नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) व्हाट्सएप ने कोरोना वायरस संकट के बीच गलत खबरें और जानकारियां फैलने से रोकने के लिए संदेश फॉरवर्ड (साझा करने) के नियमों में बदलाव किया है। अब व्हाट्सएप पर ज्यादा फॉरवर्ड होने वाले संदेशों को एक बार में एक ही व्यक्ति या समूह को भेजा जा सकेगा।

    इससे पहले व्हाट्सएप में एक बार में संदेश भेजने की सीमा पांच लोगों या समूहों तक सीमित थी।

    इससे पहले फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए व्हाट्सएप ने संदेश के साथ यह जानकारी देने की शुरुआत भी की थी कि इसे फॉरवर्ड किया गया है या नहीं।

    फेसबुक के स्वामित्व वाली मेसेंजिंग एप ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बीच आपस में जुड़े रहने के लिए लोग व्हाट्सएप का सक्रियता से उपयोग कर रहे हैं। ऐसे समय में गलत जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए उसने यह नया फीचर पेश किया है।

    व्हाट्सएप की ओर से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब दुनियाभर के सरकारें फर्जी खबरों से निपटने की चुनौती का सामना कर रही हैं।

    डिस्क्लेमर-यह आर्टिकल न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कोरोना वायरस: फेसबुक ने महामारी से लड़ने के लिए उपयोगकर्ताओं की आवाजाही के आंकड़े दिए

    कोरोना वायरस: फेसबुक ने महामारी से लड़ने के लिए उपयोगकर्ताओं की आवाजाही के आंकड़े दिए

    पीटीआई-भाषा संवाददाता, सैंन फ्रांसिस्को, सात अप्रैल (एएफपी) फेसबुक ने सोमवार को कहा कि वह उपयोगकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखते हुए उनकी आवाजाही तथा उनके रिश्तों के बारे में शोधकर्ताओं को जानकारी मुहैया करा रहा है, ताकि इस बात को समझा जा सके कि वायरस संक्रमण आगे कहां फैल सकता है।

    फेसबुक के प्रमुख अधिकारियों के एक्स जिन और लौरा मैकगोर्मन ने एक पोस्ट में लिखा कि सोशल नेटवर्किंग कंपनी ‘‘जनसंख्या आवाजाही’’ को लेकर अपने मैप को उन्नत कर रही है, जिसमें ‘‘इनसाइट मूवमेंट’’ टूल शामिल है। उन्होंने कहा कि इसमें लोगों की निजता को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।

    जिन और मैकगोर्मन ने कहा, ‘‘अस्पताल सही संसाधन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं, और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियां सही दिशानिर्देश चाह रही हैं।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें इस बारे में बेहतर जानकारी चाहिए कि क्या निवारक उपाय काम कर रहे हैं और वायरस कैसे फैल सकता है।’’

    पिछले सप्ताह गूगल ने भी इस तरह के कदम की घोषणा की थी, जिसमें कहा गया था कि दुनिया भर में उपयोगकर्ताओं की आवाजाही से संबंधित डेटा प्रदान करेगा, जो सरकारों को कोरोना-19 महामारी को काबू में पाने के लिए लागू किए गए ‘सामाजिक दूरी’ के उपायों के असर का पता लगाने में मदद करेगा।

    डिस्क्लेमर-यह आर्टिकल न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • गुमनाम शायर – सुभान सैफी

    गुमनाम शायर – सुभान सैफी

    गुमनाम शायर – सुभान सैफी
    वैसे तो एक रेस्टॉरेंट के मालिक हैं और खाना बनाने में उनके हाथ का जादू चलता है.
    लेकिन उनकी शायरी के चर्चे भी आम हैं.

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  • वायरल न्यूज़: खतरनाक कीड़ा जिसे छूते ही मौत हो सकती है

    वायरल न्यूज़: खतरनाक कीड़ा जिसे छूते ही मौत हो सकती है

    आजकल फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर फर्जी न्यूज का जोर पकड़ रहा है. फोटोशॉप का ज़माना है तो लोग अपनी कलाकारी दिखते हुए फोटोशॉप की हुई फोटो को व्हाट्सएप्प और फेसबुक पर शेयर कर देते हैं. देश की ज्यादातर जनता के हाथ में मोबाइल तो पहले पहुंच गया था लेकिन इंटरनेट चलाना अब सीखा है. लेकिन इंटरनेट के घातक परिणामों से अभी तक अनजान हैं.

    Viral News - New Killer Insect - Fake News

    जैसे एटीएम तो बैंकों ने लोगो को हाथ में पकड़ा दिया. लेकिन फर्जी RBI की एक काल पर ही अपने कार्ड के नंबर से लेकर पासवर्ड, CVV कोड और यहां तक की OTP तक बता देते हैं. और बाद में सर पकड़ कर रोते हैं.

    वैसे ही इंटरनेट और सोशल मीडिया पर चलने वाली फर्जी न्यूज को देखकर सच्चाई भूल कर अपने ही इतिहास को गलत साबित करते फिरते हैं. साथ ही साथ ऐसे मेसेज को इतनी खूबसूरती के साथ लिखा जाता है की आम जनमानस को सहज ही विश्वास हो जाता है. साथ में उस मेसेज को वायरल करने के लिए कई ग्रुप में शेयर करने के लिए भी कहा जाता है.

    आजकल एक कीड़े का मेसेज खूब वायरल हो रहा है. और साथ में दी गयी तस्वीर को देखकर तो लोग उसे बिलकुल ही असली समझ बैठते हैं. तो आइये उस कीड़े और उन फोटो की हकीकत को समझते हैं.

    Viral News - New Killer Insect - Fake News

    इस फोटो में बताया गया है की इस कीड़े को छूने से त्वचा में खतरनाक तरीके का इन्फेक्शन हो जाता है. दूसरी फोटो में उँगलियों में इन्फेक्शन दिखाया गया है.

    लेकिन हकीकत में जिन लोगों ने इस कीड़े को देखा होगा वो इसके बारे में जानते होंगे. और जो इसके बारे में नहीं जानते हैं तो बता दे.

    यह कीड़ा एक Giant Water Bug है जो मनुष्यों के लिए बिलकुल भी हानिकारक नहीं है. यह कीड़ा, अमेरिका, अफ्रीका और भारत में पाया जाता है. इसकी लम्बाई लगभग 1.5 इंच से 2 इंच तक होती है.

    Viral News - New Killer Insect - Fake News

    ये सब है फोटोशॉप का कमाल, आपने कमल का फल अगर देखा होगा तो समझ गए होंगे की एक फोटो को कमल के फल के साथ मिक्स किया गया है.

    Viral News - New Killer Insect - Fake News

    दूसरी फोटो में ऐसा लगता है की ऊँगली के पोर सड़ गए हैं और उनमे गड्ढे हो गए हैं, जबकि हकीकत ये है की इस फोटो को भी फोटोशॉप की मदद से बनाया गया है. दरअसल एक बिना जबड़े की मछली होती है जिसे Lamprey कहते हैं. इसका मुंह बिना जबड़े का होता है और इसके मुंह की फोटो को ऊँगली के पोर के साथ फोटोशॉप की सहायता से मिक्स करके यह नया रूप दिया गया है.

    ऊपर दी फोटो सामान्यतः उन लोगों में डर पैदा करती हैं जिन्हे trypophobia ( छिद्रों का डर) नामक बीमारी होती है.

    आइये अब देखते हैं की ऊपर दिया गया हाथ कैसे बनाया जाता है. फिल्मो में इस तरह के मेकअप आम बात है.

    Article/Image Source: http://www.snopes.com/new-killer-insect/

  • क्या आप प्लास्टिक के नकली चावल खा रहे हैं? इन पांच तरीकों से पता लगाएं

    क्या आप प्लास्टिक के नकली चावल खा रहे हैं? इन पांच तरीकों से पता लगाएं

    हम सब ने फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर चीन के नकली प्लास्टिक के चावल बनते हुए देखे होंगे. यह चावल दुनिया भर के बाजारों में एक वायरस की तरह फैल चुका है. अब आप सब ही सोचिये कि यह प्लास्टिक का चावल खाने वालों का क्या हाल होगा. देखने में यह चावल बिलकुल असली चावल की तरह होता है और पकाने के बाद असली चावल की तरह ही मुलायम हो जाता है. यह हाल तब है जब चीन विश्व में सबसे ज्यादा चावल का उत्पादन करता है.

    कैसे बनता है यह नकली चावल:

    एक कोरियन न्यूज़ के अनुसार बहुत सी चीनी कम्पनियाँ नकली चावल बनाने और बेचने के धंधे में लिप्त हैं. यह चावल प्लाटिक और आलू के स्टार्च को मिलकर बनाया जाता है. इसमें उबले हुए चावल का फ्लेवर मिलकर उसे असली चावल कि तरह महक प्रदान की जाती है. इन नकली चावलों को असली चावलों के साथ मिलाकर, असली चावल की कीमत पर बेंचा जाता है.

    देखें प्लास्टिक से चावल कैसे बनते हैं:

    https://www.youtube.com/watch?v=eRlTAbVrXqI

    किसान और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों को इस तरह की समस्या न के बराबर है क्यूंकि वह अपने खेतों का उत्पादित असली चावल ही खाते हैं. लेकिन शहरों में रहने वालों को इस समस्या से कभी भी दो-चार होना पड़ सकता है.

    अब सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इन नकली प्लास्टिक के चावल को कैसे पहचाना जाए.

    आइये ये सरल से टिप्स आजमाइए और असली और नकली चावल में अंतर कीजिये.

    #1. पानी से पता लगाएं:

    एक गिलास में पानी लीजिये और थोड़े से चावल उसमे डालिये. असली चावल गिलास की तली में बैठ जाएंगे और प्लास्टिक के चावल पानी में तैरते रह जाएंगे.

    #2. आग से पहचान:

    थोड़े से चावलों को माचिस या लाइटर से जलाएं. अगर चावल नकली होंगे तो प्लास्टिक जैसी जलने की बदबू आएगी.

    #3. फफूंदी से पहचान:

    थोड़े से चावल पकाओ और उन्हें एक बोतल में बंद करके दो तीन दिन के लिए रख दो. अगर चावल असली होंगे तो उनमे फफूंदी लग जायेगी और सड़ने की बदबू आएगी, और अगर न तो फफूंदी लगे और न ही चावल सड़ें तो समझ जाइये कि जो चावल आप खरीद कर लाये हैं वो प्लास्टिक के नकली चावल हैं.

    #4. उबालकर पता लगाओ:

    नकली चावल का पता उन्हें उबालकर भी लगाया जा सकता है. अगर चावल प्लास्टिक के हैं तो उबालते समय बर्तन में एक मोटी परत सी बनाएंगे.

    #5. गरम तेल में पकाने से:

    गरम खौलते हुए तेल में प्लास्टिक के चावल डालने से वो पिघल जाएंगे और बर्तन कि तली में एक मोटी परत के रूप में जम जाएंगे.

    देखें प्लास्टिक के चावल की पहचान कैसे करे: