Category: साइंस एंड रिसर्च

  • कोरोना वायरस: फेसबुक ने महामारी से लड़ने के लिए उपयोगकर्ताओं की आवाजाही के आंकड़े दिए

    कोरोना वायरस: फेसबुक ने महामारी से लड़ने के लिए उपयोगकर्ताओं की आवाजाही के आंकड़े दिए

    पीटीआई-भाषा संवाददाता, सैंन फ्रांसिस्को, सात अप्रैल (एएफपी) फेसबुक ने सोमवार को कहा कि वह उपयोगकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखते हुए उनकी आवाजाही तथा उनके रिश्तों के बारे में शोधकर्ताओं को जानकारी मुहैया करा रहा है, ताकि इस बात को समझा जा सके कि वायरस संक्रमण आगे कहां फैल सकता है।

    फेसबुक के प्रमुख अधिकारियों के एक्स जिन और लौरा मैकगोर्मन ने एक पोस्ट में लिखा कि सोशल नेटवर्किंग कंपनी ‘‘जनसंख्या आवाजाही’’ को लेकर अपने मैप को उन्नत कर रही है, जिसमें ‘‘इनसाइट मूवमेंट’’ टूल शामिल है। उन्होंने कहा कि इसमें लोगों की निजता को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।

    जिन और मैकगोर्मन ने कहा, ‘‘अस्पताल सही संसाधन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे हैं, और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियां सही दिशानिर्देश चाह रही हैं।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें इस बारे में बेहतर जानकारी चाहिए कि क्या निवारक उपाय काम कर रहे हैं और वायरस कैसे फैल सकता है।’’

    पिछले सप्ताह गूगल ने भी इस तरह के कदम की घोषणा की थी, जिसमें कहा गया था कि दुनिया भर में उपयोगकर्ताओं की आवाजाही से संबंधित डेटा प्रदान करेगा, जो सरकारों को कोरोना-19 महामारी को काबू में पाने के लिए लागू किए गए ‘सामाजिक दूरी’ के उपायों के असर का पता लगाने में मदद करेगा।

    डिस्क्लेमर-यह आर्टिकल न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • दुनिया की पहली रोबोट नागरिक सोफिया भारत आई, बोली- मेरे अंदर भी भावनाएं हैं

    दुनिया की पहली रोबोट नागरिक सोफिया भारत आई, बोली- मेरे अंदर भी भावनाएं हैं

    इंदौरः इंदौर की एमराल्ड इंटरनेशनल स्कूल में चल रही 51 वीं राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में शुक्रवार को विश्व की पहली रोबोट नागरिक सोफिया के साथ बातचीत का एक सेशन रखा गया था. फिल्म मेकर उत्तरा सिंह ने सोफिया से विश्व के प्रमुख मुद्दों पर बातचीत की. सोफिया से पूछा गया की क्या वो क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूक हैं, तो सोफिया का कहना था कि वह ना सिर्फ इस मुद्दे पर जागरूक है बल्कि वो विश्व में जहां भी जाती है लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है. सोफिया के अनुसार वह क्लाइमेट चेंज को लेकर सोशल मीडिया से भी जानकारी लेती रहती है.

    Sophia First Humanoid Robot Citizen in India

    सोफिया से पूछा गया की क्या वो क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूक हैं, तो सोफिया का कहना था कि वह ना सिर्फ इस मुद्दे पर जागरूक है बल्कि वो विश्व में जहां भी जाती है लोगों को जागरूक करने का प्रयास करती है.

     

    क्लाइमेट चेंज पर सोफिया ने कहा कि विश्व के सभी देशों की सरकारों को अपनी नीति और आइडियाज में दोनों में बदलाव लाने की आवश्यकता है. इंदौर में चल रही राउंड स्क्वेयर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में रोबोट सोफिया के साथ एक सेशन रखा गया था, जिसमें फिल्म मेकर उत्तरा सिंह ने सोफिया से दुनिया में चल रहे प्रमुख मुद्दों पर बात की और सोफिया ने बड़ी ही संजीदगी के साथ इन सभी सवालों के जवाब भी दिए.

     

    वीडियो देखें:

    https://www.youtube.com/watch?v=el1Me3YF99w

     

    जब उत्तरा सिंह ने सोफिया से पूछा कि क्या उनमें फीलिंग्स हैं, तो सोफिया नाराज हो गई और उत्तरा से कहा की आप मेरी फिलिंग को हर्ट कर रही हैं. मेरी अंदर भी भावनाएं हैं. सोफिया से पूछा गया कि क्लाइमेंट चेंज के लिए सरकारों को अपनी नीति या आइडियाज में से किसे बदलना चाहिए तो सोफिया का कहना था की सरकारों को दोनों में बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि दोनों ही एक दूसरे पर प्रभाव डालते है.

     

    वीडियो देखें:

     

    सोफिया से जब कहा गया की भारतीय लोग डांस काफी पसंद करते हैं, तो सोफिया ने बोला कि डांस तो मुझे भी पसंद है, लेकिन रोबोटिक. कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग देशों से आए बच्चों ने भी सोफिया से कई सवाल किए, जिसके सोफिया ने जवाब दिए. कॉन्फ्रेंस के इस सेशन का छात्रों के साथ उनके शिक्षकों ने भी खूब आनंद लिया.

     

    ये वीडियो भी देखें:

     

    Source: https://zeenews.india.com/hindi/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/sofia-worlds-first-robotic-citizen-arrived-in-indore-and-attended-international-conference-said-i-also-have-feelings/581484

  • अनोखा शहर जहां दो महीने का दिन होता है और 1.5 महीने की रात

    अनोखा शहर जहां दो महीने का दिन होता है और 1.5 महीने की रात

    सर्दियों ने दस्तक दे दी है और पूरे उत्तर भारत में थोड़े ही दिनों में शीत लहर चलने लगेगी. ये वो मौसम है जब न बहुत ज्यादा ठंडक रहती है और न ही बहुत ज्यादा गर्मी और रात में कंबल में दुबक कर सोना और दिन में पंखे की हवा खाना अच्छा लगता है.

    (more…)

  • Samsung Galaxy A9: After Galaxy A7 Triple Camera, World’s First Quadruple Rear-Camera Phone Makes Official Debut

    Samsung Galaxy A9: After Galaxy A7 Triple Camera, World’s First Quadruple Rear-Camera Phone Makes Official Debut

    After weeks of speculations, top smartphone-maker Samsung unveiled Galaxy A9 (2018), touted to be the world’s first ever mobile with quadruple rear camera setup.

    Galaxy A9’s rear camera module houses 24MP main shooter with F1.7 aperture, a 10MP telephoto lens with 2 x optical zoom, F2.4 aperture, an ultra-wide 8MP snapper with 120-degree Field Of View (FOV) and 5MP depth sensor with F2.2 aperture.

    With such advanced photography hardware, Galaxy A9 offers 2x Optical Zoom for detailed close-up shots even from far away. With an ultra wide lens and scene optimizer, users can capture in the photo compared to rival brands. It also boasts Artificial Intelligence (AI) Scene Recognition, which identifies the subject and adjusts settings accordingly for the best photo in no time.

    Samsung Galaxy A9

    With Depth Lens, users can manually manage the photos’ depth of field and focus on the subject for stunning, professional looking images. And with F1.7 aperture, the Galaxy A9’s 24MP main camera can capture clear and bright images in both bright and low light conditions, Samsung claims.

    On the front, it houses equally impressive 24MP camera with F2.0 aperture, which is decent enough to get good selfies even in low light conditions.

    Samsung Galaxy A9 sports 6.3-inch full HD+ screen, Qualcomm Snapdragon 710 octa-core processor, 6GB/8GB storage, Android Oreo OS and comes with a 3,800mAh battery, which is more than enough to keep the phone running for more than a day under mixed usage.

    As of now, there is no word on the price and when the Galaxy A9 will be released in specific markets just yet, but it will be coming in Caviar Black, Lemonade Blue and Bubblegum Pink colour options.

    Samsung Galaxy A9

    Key specifications of Samsung Galaxy A9 (2018):

    Model : Samsung Galaxy A9 (2018)

    Display: 6.3-inch full HD+ super AMOLED screen with 2220x1080p resolution

    OS: Android Oreo

    Processor: Qualcomm Snapdragon 710 octa-core CPU (2.2Ghz quad-core + 1.8GHz quad-core)

    RAM + Storage: 6GB RAM + 128GB storage, expandable up to 512GB

                                       8GB RAM + 128GB storage, expandable up to 512GB

    Rear Camera: Main Camera: 24MP with Auto Focus, F1.7 aperture

                                  Telephoto: 10 MP with 2X optical zoom, F2.4 aperture

                                  Ultra Wide: 8MP with 120°Field Of View (FOV), F2.4 aperture

                                  Depth: 5MP with F2.2 aperture

    Front camera: 24 MP with F2.0 aperture

    Battery: 3,800mAh

    Network: 4G-LTE Cat.9

    Add-ons: The fingerprint sensor, Wi-Fi 802.11 a/b/g/n/ac (2.4/5GHz), VHT80 MIMO, Bluetooth v5.0 (LE up to 2Mbps), ANT+, USB Type-C, NFC (Near Field Communication) for Samsung Pay, Location (GPS, Galileo, Glonass, BeiDou)

    Sensors: Accelerometer, Gyro Sensor, Geomagnetic Sensor, Hall Sensor, Proximity Sensor, RGB Light Sensor

    Dimensions: 162.5 x 77 x 7.8 mm

    Weight : 183g

    Colours: Caviar Black, Lemonade Blue and Bubblegum Pink

    Price: Yet to be ascertained

     

    Source: https://www.msn.com/en-in/money/gadgets/samsung-galaxy-a9-worlds-first-quadruple-rear-camera-phone-makes-official-debut/ar-BBOeusT

  • Samsung’s first triple camera smartphone Galaxy A7 launched

    Samsung’s first triple camera smartphone Galaxy A7 launched

    Samsung India on Tuesday launched Galaxy A7 with triple rear cameras for Rs 23,990 in blue, black and gold colours.

    The smartphone is slated to be available in over 180,000 outlets by September-end. It will be available on September 27 and 28 during a special preview sale on Flipkart, Samsung e-shop and at Samsung Opera House in Bengaluru.

    “We are expecting to disrupt the market and gain significant share specifically in our ‘A Series’. So this is the first triple camera phone that we are bringing to the market which we have not even launched in our flagship segment but the whole idea is to really expand this series,” Mohandeep Singh, Senior Vice President, Mobile Business, Samsung India told IANS.

    The Galaxy A7 sports 24MP main + 5MP live focus + 8MP ultra-wide sensors at the rear and a 24 MP selfie shooter.

    The device features a 6.0-inch FHD+ super AMOLED Infinity Display and also supports Dolby Atmos immersive sound technology that brings HD content to life.

    It has a 2.5D glass back design, 7.5-mm body and a side fingerprint sensor which has been integrated into the power button itself.

    Galaxy A7

    Sale Starts 27th Sep, 2 PM on Flipkart

    “The new colours and a side fingerprint sensor deliver a refreshed design. We are confident that with this device, we will capture the imagination of the Indian millennial and be able to add to the celebrations during the festive season,” said Sumit Walia, Director, Mobile Business, Samsung India.

    Galaxy A7 is powered by a Samsung’s proprietary Exynos 7885 2.2GHz octa-core processor.

    The device will be available in 6GB RAM+128GB storage and 4GB RAM+64GB storage configurations.

    The smartphone is powered by a 3300mAh battery and runs Android Oreo operating system (OS).

    Samsung is offering cash back worth Rs 2,000 on the smartphone when buyers make payment through HDFC bank credit and debit cards.

    Source: https://www.msn.com/en-in/money/gadgets/samsungs-first-triple-camera-smartphone-launched/ar-AAAC6F6

  • क्या ब्रह्माण्ड का केंद्र पृथ्वी पर है? यहां से कोई आवाज बाहर नहीं जाती

    क्या ब्रह्माण्ड का केंद्र पृथ्वी पर है? यहां से कोई आवाज बाहर नहीं जाती

    ब्रह्माण्ड का केंद्र, जैसा कि लोग कहते हैं, डाउनटाउन तुल्सा, ओक्लाहोमा,अमेरिका में एक छोटी सी  कंक्रीट की वृत्ताकार जगह है जिसके चारो तरफ ईंटें बिछी हैं. वैसे तो इस जगह पर देखने लायक कुछ भी नहीं है, लेकिन हमें वहाँ देखने की जरूरत भी नहीं है.

    यही तो पॉइंट की बात है.

     

    दरअसल “Center of the Universe” यानी “ब्रह्माण्ड का केंद्र” एक रहस्यमय ध्वनिक घटना है जिसे कम ही लोग जानते हैं. अगर आप कंक्रीट के गोले के बीच में खड़े होकर कुछ भी बोलते हैं तो वह ध्वनि वापस प्रतिध्वनि या गूँज के रूप में कई बार सुनाई पड़ेगी और जितना तेज आपने बोला है उससे भी तेज. यह एक तरह से आपका एम्पलीफायर ईको चैंबर होगा जिसमे आप अपनी प्रतिध्वनि तो सुनते हैं लेकिन उस कंक्रीट के गोले से बाहर खड़े लोग आपकी कोई भी आवाज नहीं सुन पाएंगे और अगर कुछ सुनाई भी पड़ता है तो वो टूटी-फूटी आवाज होती है. इस छोटे से गोले के अंदर लाउडस्पीकर भी अपनी प्रतिध्वनि से फट सकता है लेकिन गोले से बाहर के लोगों को न के बराबर सुनाई देगा.

    है न आश्चर्यजनक.

     

    Center of the Universe

     

    यहाँ पर भौतिकी के नियम काम नहीं करते हैं. बिलकुल साफ़ खुली हुई जगह में खड़े होकर भी आप एक साउंडप्रूफ कमरे में बंद होते हैं. कुछ लोगों ने इस पर रिसर्च भी की है लेकिन कोई ठोस वजह नहीं बता पाए.

     

    Image Source: https://www.atlasobscura.com/places/the-center-of-the-universe

  • कार्दाशेव स्केल के अनुसार ब्रह्माण्ड में हम किस लेवल की विकसित सभ्यता पर हैं?

    कार्दाशेव स्केल के अनुसार ब्रह्माण्ड में हम किस लेवल की विकसित सभ्यता पर हैं?

    हम सबने अभी तक मानव सभ्यताओं के बारे में पढ़ा है, जैसे पुरापाषाण युग, नवपाषाण युग, ताम्र पाषाण युग, कांस्य युग और सिंधु घाटी सभ्यता आदि आदि… अब इन सभ्यताओं के विकास के क्रम में बांटा गया है  जैसे वो क्या खाते थे, क्या पहनते थे, कैसे रहते थे आदि.. यही मानव के विकास का क्रम था.. मानव विकास में आज हम आधुनिकतम हैं क्यूंकि हम अपने से पिछली पीढ़ी के मुकाबले बहुत सारी खोज कर चुके हैं, रहने-खाने के नए जुगाड़ ढूंढ चुके हैं. मानव चन्द्रमा पर कदम रख चुके हैं और मंगल ग्रह पर पहुंचने की तैयारी है. मानव निर्मित अंतरिक्ष यान सौर मंडल की परिधि को पार कर ब्रह्माण्ड के रहस्यों को खोजने आगे बढ़ चुका है. मानव ने ऊर्जा प्राप्त करने के नए तरीके ढूंढें जैसे पेट्रोलियम, सौर ऊर्जा,पवन ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा. ये है मानव के विकास का क्रम. और भविष्य में मानव और कितना विकास करेगा इसके बारे में बहुत सी परिकल्पनाएं हैं.

    लेकिन अगर हम मानव विकास के क्रम को छोड़ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विकास की बात करें तो….. तो इसके लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारी रिसर्च की. इसमें से एक रिसर्च है वैज्ञानिक कार्दाशेव की. इन्होने सभ्यता को मापने के लिए एक पैमाना तैयार किया है, आइये जानते हैं कार्दाशेव और उनकी थ्योरी के बारे में.

    क्या है कार्दाशेव पैमाना:

    कार्दाशेव स्केल सभ्यता मापने का पैमाना है जो तकनीकी उन्नति के आधार पर है. सोवियत संघ के अंतरिक्ष वैज्ञानिक कार्दाशेव ने 1964 में यह परिकल्पना पेश की जो ऊर्जा के खपत और उत्पादन के आधार पर है. यह स्केल हाइपोथेटिकल (काल्पनिक, Log) है और ब्रह्माण्ड में ऊर्जा की खपत के आधार हमें यह जानकारी प्रदान करती है की हम किस श्रेणी की सभ्यता में जी रहे हैं.

    सभ्यता के प्रकार:

    Kardashev Scale: Advance Civilization in Universe

    1. ग्रहीय सभ्यता:

    यह प्रथम प्रकार की सभ्यता है जो अपने ग्रह की हर तरह की ऊर्जा का दोहन करने में सक्षम है. ये अपने ग्रह के सम्पूर्ण प्राकृतिक ऊर्जा श्रोतो को कंट्रोल करते हैं जैसे, ज्वालामुखी, भूकंप, तूफ़ान आदि. ये अपने पडोसी तारे/सूर्य से भी कुछ ऊर्जा ग्रहण करने और संग्रह करने में सक्षम हैं.

    Kardashev Scale: Advance Civilization in Universe

    1. अन्तर्ग्रहीय सभ्यता:

    दूसरे प्रकार की यह सभ्यता अपने सूर्य या तारे की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम है. ये बहुत बड़े स्ट्रक्चर जैसे Dyson Sphere से अपने सूर्य को घेर कर उसकी सम्पूर्ण ऊर्जा उत्सर्जन का उपयोग कर लेते हैं. यह उसी प्रकार है जैसे हम सौर ऊर्जा का कुछ हिस्सा सोलर प्लेट के जरिये उपयोग में लाते हैं. ये अपने सूर्य की फ्यूज़न एनर्जी की निगरानी करते हैं. इस तरह की सभ्यता बहुत सारे ग्रहों का अधिग्रहण करने में सक्षम है. उनके पास ऊर्जा का इतना भण्डार है की इन्हे निकट भविष्य में ऊर्जा की कमी का कोई खतरा नहीं है. बिलकुल वैसे ही जैसे हमारी पृथ्वी पर पेट्रोलियम और कोयले के निकट भविष्य में ख़त्म होने का खतरा मंडरा रहा है और हमें सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के दोहन करने के लिए नए तरीकों की खोज करने की जरूरत पड़ रही है.

    उदहारण के लिए हॉलीवुड फिल्म “स्टार वार्स, स्टार ट्रेक की सीरीज” और “मास इफ़ेक्ट” देखें.

    Kardashev Scale: Dyson Sphere

    1. अंतरसौरमण्डलीय सभ्यता:

    तीसरे प्रकार की सभ्यता के लोग एक सौरमंडल से दूसरे सौरमंडल अर्थात अपने आकाश गंगा की यात्रा  कर सकने में सक्षम हैं. ये एक तारे से लेकर दूसरे तारे तक ऊर्जा संग्रहीत करते हैं और दूसरे सौरमंडल के ग्रहों पर अपनी कालोनियां बनाते हैं. ये सिर्फ जीव नहीं होते हैं बल्कि साइबोर्ग (आधे जीव और आधे रोबोट) होते हैं जो सभ्यता के मामले में बहुत ही अत्याधुनिक हैं. उनकी तुलना में अभी हम बहुत ही पिछड़े हैं.

    ये साइबोर्ग अपने जैसे साइबोर्ग बना सकते हैं और एक गैलेक्सी में एक ग्रह से दूसरे ग्रह पर कब्ज़ा करके अपनी कालोनियां बढ़ाते हैं.

    Kardashev Scale: Advance Civilization in Universe

    तीसरे प्रकार से भी उन्नत सभ्यता:

    कार्दाशेव के अनुसार चौथे प्रकार की सभ्यता तीसरे प्रकार की सभ्यता से भी बहुत ज्यादा आधुनिक है इसलिए उन्होंने चौथे प्रकार की सभ्यता के बारे में कुछ नहीं बताया. लेकिन कुछ वैज्ञानिकों जैसे, मिशिओ काकू, रोबर्ट जुबरिन और कार्ल सागन ने चौथे प्रकार की सभ्यता को इस स्केल में जोड़ा है जो इस प्रकार हैं.

    Kardashev Scale: Advance Civilization in Universe

    1. अंतर आकाशगंगीय सभ्यता:

    यह अत्यंत ही उन्नत सभ्यता है और यह अपनी आकाशगंगा की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करते हैं. इतने उन्नत प्रकार के जीव हो सकता है किसी बहुत ही बड़े ब्लैक होल में रहते हों और हो सकता है वो स्पेस -टाइम को कंट्रोल कर सकते हों.

    1. इस प्रकार के जीव हमारी सोच से परे हैं. ये बहुत सारी आकाश गंगाओं की सम्पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करते हैं और ये इतनी उन्नत सभ्यता के हैं की गैलेक्सी की गति, स्पेस-टाइम आदि को अपने अनुसार प्रभावित कर सकते हैं. इन्हें हम भगवान मान सकते हैं

    हम इस स्केल पर कहाँ हैं:

    इस स्केल पर इतने विकसित सभ्यताएं हैं की उनके आगे हम कहीं नहीं टिकते हैं. अभी हम इस स्केल पर शून्य से भी नीचे हैं. अभी हम अपने सूर्य की पृथ्वी पर आने वाली कुल ऊर्जा का हजारवां हिस्सा भी उपयोग में नहीं ला पा रहे हैं और अभी भी हम पेड़-पौधों और जानवरों की ऊर्जा पर निर्भर हैं. अभी भी हम पृथ्वी के प्राकृतिक ऊर्जा श्रोतों जैसे पेट्रोलियम और कोयले पर निर्भर हैं. हो सकता है अभी हमें प्रथम प्रकार की सभ्यता तक पहुंचने में 100 से 200 साल तक का समय लग जाए ये फिर इससे भी ज्यादा.

  • तुरंत इन 42 चीनी ऐप्स को फोन से डिलीट करें क्यूंकि ये हैं सरकार की  ‘खतरनाक एप्स’ की लिस्ट में

    तुरंत इन 42 चीनी ऐप्स को फोन से डिलीट करें क्यूंकि ये हैं सरकार की ‘खतरनाक एप्स’ की लिस्ट में

    पिछले कुछ महीनों में भारतीय सेना ने अपने जवानों द्वारा इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप्स के इस्तेमाल को लेकर एक और एडवाइज़री जारी की है। मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने एक बयान में कहा, ‘विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, चीनी डिवेलपर्स द्वारा बनाए गए कई ऐंड्रॉयड/आईओेस ऐप्स के कथित तौर पर जासूसी करने और मैलेशियस वेयर होने का पता चला है। हमारे सैनिकों द्वारा इन ऐप्स के इस्तेमाल से डेटा की सुरक्षा संबंधी समस्या हो सकती है।’ जानें इन 42 चीनी ऐप्स के नाम:

     

    1 :- ► वीवो Weibo,
    2 :- ► वीचैट WeChat
    3 :- ► शेयरइट SHAREit
    4 :- ► ट्रू कॉलर Truecaller
    5 :- ► यूसी न्यूज़ UC News
    6 :- ► यूसी ब्राउज़र UC Browser
    7 :- ► ब्यूटीप्लस BeautyPlus
    8 :- ► न्यूज़ डॉग NewsDog
    9 :- ► वीवा विडियो क्यूयू विडियो इंक VivaVideo- QU Video Inc
    10 :- ► पैरेलिल स्पेस Parallel Space
    11 :- ► एपीयूएस ब्राउज़र APUS Browser
    12 :- ► पर्फेक्ट क्रॉप Perfect Corp
    13 :- ► वाइरस क्लीनर Virus Cleaner (Hi Security Lab)
    14 :- ► सीएम ब्राउज़र CM Browser
    15 :- ► मी कम्युनिटी (शाओमी), Mi Community
    16 :- ► डीयू रिकॉर्डर, DU recorder
    17 :- ► वॉल्ट हाइड Vault-Hide – NQ Mobile Security
    18 :- ► यूकैम मेकअप YouCam Makeup
    19 :- ► मी स्टोर, Mi Store
    20 :- ► कैचक्लियर डीयू ऐप्स स्टूडियो CacheClear DU apps studio

    21 :- ► डीयू बैटरी सर्वर, DU Battery Saver
    22 :- ► डीयू क्लीनर, DU Cleaner
    23 :- ► डीयू प्रिवेसी DU Privacy
    24 :- ► 360 सिक्योरिटी, 360 Security
    25 :- ► डीयू ब्राउज़र DU Browser
    26 :- ► क्लीन मास्टर- चीता मोबाइल Clean Master – Cheetah Mobile
    27 :- ► बायदू ट्रांसलेट Baidu Translate
    28 :- ► बायदू मैप, Baidu Map
    29 :- ► वंडर कैमरा – बाइडू इंक Wonder Camera, – Baidu Inc
    30 :- ► इ यस फाइल एक्स्प्लोरर ES File Explorer,
    31 :- ► फोट वंडर Photo Wonder,
    32 :- ► क्यूक्यू इंटरनैशनल, QQ International
    33 :- ► क्यूक्यू म्यूज़िक, QQ Music
    34 :- ► क्यूक्यूमेल, QQ Mail
    35 :- ► क्यूक्यू प्लेयर, QQ Player,
    36 :- ► क्यूक्यू न्यूज़फीड, QQ NewsFeed
    37 :- ► वी सिंक WeSync,
    38 :- ► क्यूक्यू सिक्योरिटी सेंटर, QQ Security Centre
    39 :- ► सेल्फी सिटी SelfieCity,
    40 :- ► मेल मास्टर Mail Master
    41 :- ► मी विडियो कॉल Mi Video call-Xiaomi
    42 :- ► क्यूक्यू लॉन्चर QQ Launcher

    Source: https://navbharattimes.indiatimes.com

  • देखिये कीट – पतंगों की अजब-गजब दुनिया, प्रकृति आपको कैसे मूर्ख बनाती है?

    देखिये कीट – पतंगों की अजब-गजब दुनिया, प्रकृति आपको कैसे मूर्ख बनाती है?

    इस बार हम लाये हैं आपको मूर्ख बनाने वाले जीव जंतु. इन जीव जंतुओं को देखकर आप खुद अचंभित हो जाएंगे की ये किस प्रकार आपको उल्लू बनाने की ताकत रखते हैं.

    दरअसल ये सिर्फ आपको ही उल्लू नहीं बनाते बल्कि ये अपने दुश्मनों को भी उल्लू बनाते है जिससे ये उनसे अपनी जान बचा सकने में कामयाब हो जाते हैं.

    आइये देखते हैं ये लिस्ट:

    क्या ये गुबरैला/भृंग/मोगरी/Beetle/Ladybug है?

    Insects’ Wonderful World

    न न न , ये एक मकड़ी (Spider) है.

    और ये तो जरूर ही एक मकड़ी (Spider) है?

    Insects’ Wonderful World

    अरे भाई इसकी शक्ल पर मत जाओ, ये एक पतंगा (Moth) है.

    अच्छा ये तो बिलकुल ही उल्लू (Owl) लगता है?

    Insects’ Wonderful World

    आप एक बार फिर धोखा खा गए, ये भी एक पतंगा (Moth) है.

    ये जरूर ही किसी चिड़िया की बीट (Poop) है?

    Insects’ Wonderful World

    हे हे! है न आँखों का धोखा, ये एक मकड़ी (Spider) है.

    एक बार फिर किसी पक्षी की बीट (Poop)?

    Insects’ Wonderful World

    न जी, ये तो एक पतंगा (Moth) है.

    ये तो जरूर ही एक बर्र (Wasp) है?

    Insects’ Wonderful World

    ये है एक बद्धहस्त कीट (Mantis). ये कीट देखने में हर समय प्रार्थना करता हुआ लगता है इसलिए इसे बद्धहस्त कीट कहते हैं.

    ये देखने में तो भंवरा (Wasp) लगता है?

    Insects’ Wonderful World

    बिलकुल नहीं, ये एक पतंगा (Moth) है.

    तो फिर ये जरूर ही भंवरा (Bumblebee) है?

    Insects’ Wonderful World

    आँखों का धोखा, ये एक मक्खी (Fly) है.

    ओह! कितना सुन्दर फूल (Flower).

    Insects’ Wonderful World

    एक बार फिर से नजर मार लो इस फूल पर.

    Insects’ Wonderful World

    फिर से एक बार ये बद्धहस्त कीट (Mantis) है.

    हे भगवान्! सांप (Snake)?

    Insects’ Wonderful World

    खा गए न धोखा, ये एक इल्ली (Caterpillar) है.

    ये है एक पौधा (Plant)?

    Insects’ Wonderful World

    नहीं जी, ये तो एक मकड़ी (Spider) है.

    ये जरूर किसी पेड़ के कटे फटे पत्ते (Leaf/Leaves) हैं.

    Insects’ Wonderful World

    अरे भाई, ये बद्धहस्त कीट (Mantis) आपको ही नहीं बल्कि दुश्मनों को भी मूर्ख बनाने में पूर्णतयः कामयाब है. पत्तों के बीच में इसे पहचानना असंभव सा है.

    सूखे पत्ते (Leaf)?

    Insects’ Wonderful World

    बिलकुल नहीं, ये तो एक तितली (Butterfly) है.

    सड़ी हुई लकड़ी लग रही है ये तो..

    Insects’ Wonderful World

    अरे भाई, बद्धहस्त कीट (Mantis) को पहचानना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है.

    ये तो देखने में चींटी (Ant) लग रही है.

    Insects’ Wonderful World

    ये भी आपकी आँखों का धोखा है, दरअसल यह एक टिड्डा (Katydid) है.

    जरा दुबारा इस टिड्डे को देख लो, कहीं पहचानने में भूल न हो जाए.

    Insects’ Wonderful World

    अब पहले ही बता दूँ, ये एक मकड़ी (Spider) है.

    Insects’ Wonderful World

    ये भी एक मकड़ी (Spider) है.

    Insects’ Wonderful World

    बद्धहस्त कीट (Mantis) तो कमाल है.

    Insects’ Wonderful World

    मकड़ी (Spider)?

    Insects’ Wonderful World

    ये तो सुन्दर से पंखों (Wings) के साथ एक मक्खी (Fly) है.

    आया न मजा, जीव जंतुओं की इस विचित्र दुनिया के बारे में अपने सभी साथियों को बताएं और सोशल मीडिया पर शेयर करें.

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  • 10 ग्रह जहां जाने से पहले आपकी रूह काँप जायेगी

    10 ग्रह जहां जाने से पहले आपकी रूह काँप जायेगी

    अनंत अंतरिक्ष की गहराइयों को जानने की उत्सुकता हर किसी की रहती है. इसके रहस्यों की कई कहानियां आपने पढ़ी और सुनी होंगी. हमारी पृथ्वी से बाहर क्या क्या हो रहा है, जब हमें पता लगता है तो उसे जानने के बारे हमारा मन बेचैन हो उठता है. पृथ्वी के बाहर जीवन है या नहीं, या पृथ्वी जैसे दूसरे ग्रह तक जाने में कितना समय लगेगा. हमारी पृथ्वी का एक साल दूसरे ग्रह के कितने दिन के बराबर होता है… आदि. जब समाचारों में पढ़ते हैं की अमुक ग्रह पृथ्वी से 10 या 20 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है जहां पानी हो सकता है, तो सोचने पर मजबूर होना पड़ता है की अगर उस ग्रह पर पानी होगा भी तो कितने साल लगेंगे वहाँ तक पहुंचने में.

    अगर हम अपने सौर मंडल (Solar System) की बात करें तो 9 ग्रहों (Planets) के साथ 200 से भी ज्यादा चन्द्रमा और छुद्र ग्रह (Asteroids) हैं. पृथ्वी को छोड़कर अगर किसी और ग्रह की बात करें तो सब पथरीले और खतरनाक ग्रह (Dangerous Planets) हैं जहां पर रहने की बात तो दूर वहाँ जाने के नाम से ही रूह काँप जायेगी.

    चलिए छोड़िये, अंतरिक्ष तो अनंत है, इसके बारे में जितनी बात की जाए वो कम है.

    आइये बात करते हैं 10 ग्रहों के बारे में और वहां के वातावरण के बारे में. सोचिये अगर हम इन ग्रहों पर पहुँच भी जाएँ तो हमारी क्या दशा होगी..

    1. Venus

    dangerous planets

    वीनस को पृथ्वी का जुड़वाँ कहा गया है लेकिन असलियत में यह पृथ्वी जैसा नहीं है. वीनस का वायुमंडल ग्रीनहाऊस गैसों (Greenhouse gas) से भरा है. इन गैसों की वजह से यह ग्रह नरक के सामान है. पृथ्वी का वायुमंडल सूरज की गर्मी को फैलाता है जबकि वीनस में यह बात उलटी हो जाती है. ग्रीनहाऊस गैसों की वजह से यह बहुत ही गर्म हो जाता है. रूस का अंतरिक्ष यान (Satellite) वीनस के वायुमंडल में नहीं झाँक पाया क्यूंकि सूर्य की रौशनी वहां के वायुमंडल में परावर्तित हो जाती है. लेकिन जब वह यान सतह पर पहुंचा तो केवल 127 मिनट तक ही सिग्नल भेज पाया और गर्मी में पिघल गया. एक ख़ास बात और, वीनस का दिन उसके एक साल से भी ज्यादा लम्बा होता है. यह अपनी धुरी पर 243 पृथ्वी के दिन में एक चक्कर लगता है जबकि सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 225 पृथ्वी के दिन लगते हैं.

    यहां पर अगर जीवन की बात करें तो आप यहां की जहरीली हवा में न तो सांस ले पाएंगे और अपने खुद के वजन के दबाव में पीस जाएंगे, फिर भी अगर आप बच गए तो इतने तापमान में आप हवा बन जाएंगे या फिर तेज़ाब की बारिश में घुल जाएंगे. या यूँ कहें की वहाँ पर पिज़्ज़ा बनने में 7 सेकंड लगेंगे लेकिन आप 7 सेकंड तक पिज़्ज़ा खाने लायक नहीं होंगे.

    1. CoRoT-7b

    dangerous planets

    दिन के समय इस ग्रह का तापमान पत्थरों को पिघलकर भाप में बदल देता है.वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह पर कोई गैस (भाप, कार्बन डाइऑक्साइड या नाइट्रोजन) नहीं है बल्कि पत्थरों की भाप है. यहां पर बारिश के रूप में पत्थरों की वर्षा होती है जो लावा जैसे गर्म सतह पर गिरती है. अब आप अनुमान लगा सकते हैं की इस ग्रह पर जीवन कैसा होगा.

    1. Pluto

    dangerous planets

    अब प्लूटो को ग्रह की श्रेणी से निकल दिया गया है. यहां का मौसम ठंडा है का मतलब यह नहीं है की सिर्फ बर्फीला है. यहां के मौसम इतना ठंडा है की सभी गैसें जम कर बर्फ बन गयी हैं और यह मौसम यहां के साल भर (पृथ्वी के 248 साल) रहता है. यहां का खुले हुए आसमान से सिर्फ उतनी ही गर्मी मिलती है जितनी की पृथ्वी पर चन्द्रमा से. यहां के -228 डिग्री से -238 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में आप तुरंत जम जाएंगे.

    1. Jupiter

    dangerous planets

    जुपिटर ग्रह पर पृथ्वी के आकर से भी बड़े बड़े तूफ़ान आते हैं और 400 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलती हैं, जिसकी वजह से जो बिजली चमकती है वो पृथ्वी पर चमकाने वाली बिजली से 100 गुना ज्यादा ऊर्जायुक्त होती है. यहाँ के महासागर द्रव धातुई हाइड्रोजन से बने हैं जो 25000 मील गहरे हैं. पृथ्वी पर जहाँ हाइड्रोजन गैस रंगहीन और पारदर्शी है वहीँ जुपिटर पर बाहरी वातावरण में तो हाइड्रोजन पृथ्वी की तरह ही है लेकिन जैसे आप नीचे जाते है तो ग्रह के भयंकर दबाव की वजह से हाइड्रोजन द्रव धातु के रूप में परिवर्तित हो जाती है जो बिजली और गर्मी की सुचालक होती है. धातु होने की वजह से यह रौशनी को शीशे की तरह परावर्तित करती है. अगर आप इस ग्रह पर जाते हैं तो आप अपने शरीर के दाब से ही पीस जाएंगे या फिर बिजली गिरने से आप की मौत हो सकती है.

    1. WASP-12b

    dangerous planets

    यह ग्रह अब तक खोजै गया सबसे गर्म ग्रह (Hottest Planets Till Now) है. इसका तापमान लगभग 2200 डिग्री सेल्सियस है और यह ग्रह अपने सूर्य की परिक्रमा सबसे नजदीक से करता है. इस वजह से इसकी सतह का ताप हमारे सूर्य के तापमान से सिर्फ आधा है या लावा के तापमान से दोगुना है. यह अपने सूर्य से सिर्फ 3400000 किलोमीटर दूर है और पृथ्वी के एक दिन में ही पूरी परिक्रमा लगा लेता है. अब यहां जाने की तो सोचना ही मत.

    1. Mars

    dangerous planets

    मार्स (मंगल) ग्रह पर धुल भरे तूफ़ान कभी भी बन सकते हैं और कुछ ही दिनों में पूरे ग्रह को धुल भरी आँधियों से ढक लेते हैं. यहां उठने वाले तूफान हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े और खतरनाक तूफानों में से हैं. यहां उठने वाले तूफान पृथ्वी के माउन्ट एवेरेस्ट जितने ऊंचे और रफ़्तार 300 किमी प्रति घंटे तक होती है. अब आप समझ सकते हैं की यहां पर जीवन कितना कठिन हो सकता है.

    1. COROT exo-3b

    dangerous planets

    अब तक खोजे जाने वाले ग्रहों में इस ग्रह का घनत्व सबसे ज्यादा है, और यह एक दूसरे तारे की परिक्रमा करता है. यह आकार में तो जुपिटर (बृहस्पति) जितना ही बड़ा है लेकिन इसका द्रव्यमान जुपिटर का 20 गुना है. इसका घनत्व पारे के घनत्व का दोगुना है. इसके घनत्व से आप अंदाजा लगा सकते हैं की इस ग्रह पर घूमना कितना कठिन है क्यूंकि यहाँ पर हमारा वजन पृथ्वी के मुकाबले 50 गुना ज्यादा होगा. मतलब हम अपने शरीर के वजन से दबकर चूर – चूर हो जाएंगे या यु मान लीजिये की आपके सीने पर एक हाथी जितना वजन हो जाएगा.

    1. 51 Pegasi b

    dangerous planets

    इसे बेलेरोफोन नाम से पुकारते हैं. यह गैस का गुब्बारा ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना है और आकार में पृथ्वी का 150 गुना है.समस्या यह है की यह अपने तारे के ताप से तप रहा है और इसका तापमान लगभग 1000 डिग्री सेल्सियस है. यह हमारी पृथ्वी के मुकाबले अपने सूरज से 100 गुना ज्यादा नजदीक है. इसके वातावरण के तापमान के अंतर के कारण यहां पर 1000 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चलती हैं और इतनी गर्मी की वजह से यहां पानी की भाप भी नहीं है. लेकि यहां बारिश भी होती है वो भी गर्म लोहे की. जैसे पृथ्वी पर पानी भाप बनकर बादल बनाते हैं और बारिश करते हैं वैसे ही यहां पर लोहा भी भाप बनकर बादल बनाते हैं और पिघले लोहे की बारिश करते हैं. अब अगर यहां जाना हो तो एक अच्छा सा छाता लेकर जरूर जाएँ.

    1. Neptune

    dangerous planets

    नेप्चून ग्रह पर हर समय आंधी और तूफ़ान आते रहते हैं. पृत्वी जितने बड़े चक्रवात 1500 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से घूमते हैं. आपको ज्ञात हो की यह स्पीड साउंड बैरियर को तोड़ने की स्पीड से भी दोगुनी है. अब आप इतनी तेज हवाओं में भी खड़े हो सके तो अनोखी बात होगी. और अगर खड़े नहीं रह सके तो इन आँधियों में आप पूरे ग्रह पर भटकते रहेंगे.

    लेकिन आश्चर्य की बात यह है की इतने तेज तूफ़ान और चक्रवात उत्पन्न करने के लिए ऊर्जा कहाँ से आती है. जबकि यह ग्रह सूर्य से बहुत ही अधिक दूरी पर है और आतंरिक गर्मी भी बहुत ही कम है.

    1. Carbon Planet

    dangerous planets

    आपको तो पता ही होगा की अपनी पृथ्वी पर ऑक्सीजन की अधिकता और कार्बन का अनुपात बना हुआ है जो जीवन का जरूरी आधार है. जबकि हमारी आकाशगंगा के केंद्र में कार्बन की बहुतायत है जिससे ग्रह बनने की प्रक्रिया पृथ्वी बनने के अनुरूप नहीं है. इन कार्बन ग्रहों पर सुबह का आकाश एकदम साफ़ और नीला होता है. जबकि धरातल पर कच्चे तेल और तारकोल के समुद्र दिखाई देंगे. जबकि बारिश के रूप में आसमान से पेट्रोल और डीज़ल जैसी बरसात होती है. चलो एक अच्छी बात ये है की कार्बन से बने होने की वजह से यहाँ हीरों की भरमार है. अब अगर तारकोल और पेट्रोल में नहाने की इच्छा हो तो यहां जरूर जाइये.

    नोट: यहां दी गयी इमेज और जानकारी पठनीय बनाने हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण से थोड़ी भिन्न हो सकती है. सटीक जानकारी के लिए आप https://en.wikipedia.org की सहायता ले सकते हैं.

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