Category: साइंस एंड रिसर्च

  • भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया

    भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया

    पीटीआई-भाषा संवाददाता 13:23 HRS IST

    बालासोर, 20 जनवरी (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को यहां ओडिशा के तट से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का सफल परीक्षण किया।

    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक सूत्र ने बताया कि बेहतर नियंत्रण प्रणाली सहित अन्य नई तकनीकों से लैस इस मिसाइल को बृहस्पतिवार सुबह लगभग 10.45 बजे चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड-3 से प्रक्षेपित किया गया।

    सूत्र ने बताया कि परीक्षण के विस्तृत डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • पकड़ी गई इंसानी चेहरे वाली म्यूटेंट शार्क, दहशत में आए लोग

    पकड़ी गई इंसानी चेहरे वाली म्यूटेंट शार्क, दहशत में आए लोग

    जकार्ता
    इंडोनेशिया के एक मछुआरे ने इंसानी चेहरे वाले एक म्यूटेंट शार्क (Mutant Shark)को पकड़ा है। जिसे देखने के बाद लोग दहशत में आ गए। इंसानों जैसे चेहरे (Looks like Human Face) वाली इस शार्क को एक बड़ी शार्क के पेट से निकाला गया है। इस शार्क को मछुआरे ने बेचने से इनकार करते हुए घर में ही पालना शुरू किया है। जिसके बाद बड़ी संख्या में लोग इसे देखने आ रहे हैं।

    शार्क के पेट से मिला इंसानों जैसे दिखने वाला बच्चा

    इस म्यूटेंट बेबी शार्क को 48 साल के मछुआरे अब्दुल्ला नूरन ने ईस्ट नुसा तेंगारा प्रांत में रोटे नादो के पास से पकड़ा था। इस मछुआरे ने गलती से अपनी जाल में एक गर्भवती शार्क को पकड़ लिया था। जिसके बाद उसने जब शार्क को काटा तो उसके पेट से 3 छोटे-छोटे बच्चे निकले। इनमें से एक का चेहरा इंसानों की तरह मिलता था।

    मछुआरे ने शार्क को बेचने से किया इनकार

    अब्दुल्ला नूरन ने ने कहा कि मैंने शुरू में एक बड़ी शार्क को अपने ट्रालर के नीचे जाल में फंसा हुआ देखा। अगले दिन जब मैंने शार्क को काटा तो उसके अंदर तीन बच्चे निकले। उनमें से दो बच्चे तो अपनी मां की तरह दिखते थे, लेकिन एक का चेहरा एकदम इंसानों जैसा था। जिसके बाद मैं इस बेबी शार्क को घर ले आया और उसे पाल रहा हूं।

    Mutant Shark Looks Like Human Face

    शार्क के बच्चे को पाल रहा है मछुआरा

    उन्होंने बताया कि उनके पड़ोसी सहित बहुत से लोग ऐसे हैं जो जो इस शार्क के बच्चे को खरीदना चाहते हैं। लेकिन, मैंने सभी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। मेरे घर पर उन लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है जो इस शार्क को देखना चाहते हैं। बहुत से लोग इसे खरीदना चाहते हैं, लेकिन मैं इसके बजाय इसे संरक्षित करूंगा। मुझे लगता है कि इससे मेरी किस्मत बदल जाएगी।

    Source: Navbharat Times

  • Moon Village: कैसा होगा चांद पर बना इंसानी घरौंदा? तस्वीरों में दिखा आने वाला कल

    Moon Village: कैसा होगा चांद पर बना इंसानी घरौंदा? तस्वीरों में दिखा आने वाला कल

    Moon Village: चांद पर गांव बसाने के लिए यूरोपियन एजेंसी ने तैयारी शुरू कर दी है। ये घर कैसे होंगे, इसकी झलक ताजा तस्वीरों में दिखाई देती है।

    Moon Village

    किसी जमाने में चांद पर दुनिया बसाने के वादे किए जाते थे और आने वाले सालों में यह हकीकत हो सकती है। कम से कम यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक एक्सपर्ट का तो यही दावा है। हाल ही में Moon Village यानी चांद के गांव की तस्वीरें सामने आई हैं और माना जा रहा है कि आने वाले 10 साल में इसका काम शुरू हो सकता है। ESA अडवाइजर एडेन काउली का कहना है कि वहां बसे ढांचों के लिए चांद की मिट्टी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है जो उन्हें -190 डिग्री सेल्सियस के तापमान और रेडिएशन से बचाने के काम आ सकती है।

    कैसे दिखेंगे ये ‘घर’?

    Moon Village

    चार तले की सिलिंडर के आकार की इमारतों की तस्वीरों में निचले क्षेत्र को स्टडी एरिया और मंगल पर मिशन भेजने के लिए लॉन्चपैड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। ESA के डायरेक्टर जनरल जैन वॉर्नर का कहना है कि उनका मकसद चांद पर स्थायी बेस बनाने का है जिसका इस्तेमाल दुनिया के दूसरे देश भी कर सकेंगे। काउली का कहना है कि अब सवाल यह नहीं है कि ‘क्या’ ऐसा हो पाएगा, बल्कि यह है कि ऐसा कब होगा।

    कैसे बनेंगे ये घर?

    Moon Village

    काउली ने कहा है, ‘ऐसा करना होगा क्योंकि अगर हम चांद, मंगल या उससे आगे किसी जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो हमें इस टेक्नॉलजी को मास्टर करना होगा।’ वह चांद की मिट्टी का इस्तेमाल एक मीटर चौड़ी दीवार बनाने के लिए करना चाहते हैं जिसके अंदर ऐस्ट्रोनॉट रहेंगे। चांद की यह मिट्टी रोबॉट इकट्ठा करेंगे और इसमें कांच जैसे पार्टिकल होते हैं। 3D प्रिंटर से इन्हें ईंटों में बदला जाएगा जिन्हें सूरज में सूखने के लिए रखा जाएगा।

    Moon Village

    NASA की टीम में शामिल राजाचारी

    वहीं, अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA साल 2024 तक एक महिला और एक पुरुष ऐस्ट्रोनॉट को चांद पर भेजने की तैयारी में है। इस Artemis मिशन के साथ चांद पर जाने वाले दूसरे मिशन्स के लिए एजेंसी ने 18 ऐस्ट्रोनॉट्स के नाम का ऐलान किया है। इनमें से एक भारतीय मूल के राजाचारी भी हैं जिनके पिता हैदराबाद से निकलकर अमेरिका में जाकर बस गए। इस टीम में दूसरे देशों के ऐस्ट्रोनॉट भी शामिल किए जाएंगे।

    Raja Chari

    साभार: नवभारत

  • चीन कर रहा है प्रकृति से छेड़खानी, बना रहा है अपना सूरज

    चीन कर रहा है प्रकृति से छेड़खानी, बना रहा है अपना सूरज

    चीन का न्यूक्लियर फ्यूज़न (Nuclear Fusion) उपकरण ‘HL-2M’ टोकामक, जिसे “कृत्रिम सूर्य” भी कहा जा रहा है, चीन के सिचुआन प्रांत के चेंगदू में 4 दिसंबर, 2020 को दक्षिणपश्चिमी भौतिकी संस्थान (Southwestern Institute of Physics – SWIP) में अपना पहला प्लाज्मा डिस्चार्ज (Plasma Discharge) प्राप्त कर लिया है।

    चीन ने एक परमाणु संलयन रिएक्टर(Nuclear Fusion Reactor) को सफलतापूर्वक सक्रिय कर दिया है जो आने वाले वर्षों के लिए अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कर सकता है। इसे चीन अपना “कृत्रिम सूरज” कह रहा है।

    राज्य नियंत्रित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के परमाणु ऊर्जा प्राधिकरण ने शुक्रवार को पहली बार अपने HL-2M टोकामक रिएक्टर (HL-2M Tokamak reactor) को चलाया है।

    चीन का यह छोटा सा प्रयोग परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित, स्वच्छ रूपों को विकसित करने के वैश्विक प्रयासों के बीच एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में तैयार किया जा रहा है।

    “पीपुल्स डेली ने कहा है कि परमाणु संलयन ऊर्जा का विकास न केवल चीन की सामरिक ऊर्जा जरूरतों को हल करने का एक तरीका है, बल्कि चीन की ऊर्जा और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के सतत विकास के लिए भी बहुत महत्व रखता है।”

    गर्म प्लाज्मा के एक लूप पर शक्तिशाली चुंबकीय बल (Magnetic Force) का प्रयोग करने पर इसका तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है जिससे यह रिएक्टर बिजली उत्पन्न करता है। .यह सूर्य के तापमान की तुलना में 10 गुना अधिक गर्म है, लेकिन चुम्बकीय क्षेत्र और सुपरकूलिंग तकनीक(Supercooling Technique) इसे कंट्रोल में रखती है।

    सुनने में यह कृत्रिम सूरज (Artificial Sun) एक विलेन जैसा लगता है जो पृथ्वी को ख़त्म कर सकता है लेकिन चीन इस अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (International Thermonuclear Experimental Reactor – ITER) पर अलग से काम करके दूसरे रमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से अलग परमाणु संलयन की ऊर्जा से विकास की एक नयी कहानी लिखना चाहता है।

    न्यूक्लियर फ्यूज़न पर वैज्ञानिक दशकों से काम कर रहे हैं। फ्यूजन की क्रिया में परमाणुओं के नाभिक को एक साथ जोड़कर शक्ति उत्पन्न की जाती है, जो बहुत काम मात्रा में परमाणु अपशिष्ट उत्पन्न करता है।
    वर्तमान में परमाणु हथियारों और बिजली संयंत्रों में परमाणु-विखंडन (Nuclear Fission) की प्रक्रिया अपनायी जाती है। विखंडन आसान है लेकिन यह ज्यादा परमाणु कचरा उत्पन्न करता है, जबकि संलयन की प्रक्रिया से बिजली प्राप्त करना कठिन है लेकिन यह एक तरह से साफ सुथरी ऊर्जा प्रदान करता है।

    फ़्यूज़न प्रक्रिया को अभी तक महंगा माना जाता है, लेकिन चीन अपने परीक्षण से लागतों को कम करने की कोशिश कर रहा है जिससे शोधकर्ताओं को मदद मिलेगी।

    ITER फ्रांस में अपने स्वयं के रिएक्टर पर काम कर रहा है, जो 2025 में पूरा होने की उम्मीद है।

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।

    मंगलवार सुबह नौ बजे तक शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 था। सोमवार को 24 घंटे का औसत सूचकांक 318 जबकि रविवार को यह 268 था।

    शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई ‘सामान्य’ 201 और 300 के बीच एक्यूआई ‘खराब’, 301 और 400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है।

    भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

    Delhi Air Pollution

    मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस रहा और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना है।

    ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण धरातल के निकट बने रहते हैं जबकि अनुकूल तेज हवाएं इन्हें छितरा कर अपने साथ उड़ा ले जाती हैं।

    केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है और चार दिसंबर से सात दिसंबर के बीच इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.
    Image Credits: Surendra Rajput

  • अमेरिकी अंतरिक्षयान का नाम दिवंगत भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया

    अमेरिकी अंतरिक्षयान का नाम दिवंगत भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया

    अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के लिए उड़ान भरने वाले एक अमेरिकी व्यावसायिक मालवाहक अंतरिक्षयान का नाम नासा की दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है। मानव अंतरिक्षयान में उनके प्रमुख योगदानों के लिए उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।

    कल्पना चावला (Kalpana Chawla)

    अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।

    अमेरिकी वैश्विक एरोस्पेस एवं रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, नॉर्थग्रुप ग्रमैन ने घोषणा की कि इसके अगले अंतरिक्षयान सिग्नेस का नाम मिशन विशेषज्ञ की याद में “एस.एस कल्पना चावला” रखा जाएगा जिनकी 2003 में कोलंबिया में अंतरिक्षयान में सवार रहने के दौरान चालक दल के छह सदस्यों के साथ मौत हो गई थी।

    कंपनी ने बुधवार को ट्वीट किया, “आज हम कल्पना चावला का सम्मान कर रहे हैं जिन्होंने भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्षयात्री के तौर पर नासा में इतिहास बनाया था। मानव अंतरिक्षयान में उनके योगदान का दीर्घकालिक प्रभाव रहेगा।”

    कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “नॉर्थरोप ग्रमैन एनजी-14 सिग्नस अंतरिक्षयान का नाम पूर्व अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला के नाम पर रख गर्व महसूस कर रहा है। यह कंपनी की परंपरा है कि वह प्रत्येक सिग्नस का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखता है जिसने मानवयुक्त अंतरिक्षयान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”

    इसने कहा, “चावला का चयन इतिहास में उनके प्रमुख स्थान को सम्मानित देने के लिए किया गया है जो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।”

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • सैमसंग ला रहा है दुनिया का पहला ‘पारदर्शी’ डिस्प्ले वाला फोन

    सैमसंग ला रहा है दुनिया का पहला ‘पारदर्शी’ डिस्प्ले वाला फोन

    Transparent Display Mobile

    स्मार्टफोन कंपनियां लगातार नए डिजाइन, लुक और फीचर्स के साथ फोन लॉन्च कर रही हैं। फोन के कैमरा से लेकर डिस्प्ले, डिजाइन और फीचर्स में बीते कुछ समय में काफी कुछ बदल गया है। अब सैमसंग भी इस रेस में शामिल होता नजर आ रहा है। कंपनी ने हाल ही में एक नया स्मार्टफोन पेटेंट कराया है जो फ्यूचरिस्टिक ट्रांसपेरेंट डिस्प्ले के साथ आता है। कंपनी ने यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट ऐंड ट्रेडमार्क ऑफिस (USPTO) में पेटेंट फाइल किया है।

    LetsGoDigital की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने यह पेटेंट सिर्फ तकनीकी आधार पर लिया है। फोन के बारे में अन्य डीटेल अभी सामने नहीं आई हैं। अगर सैमसंग यह फोन लाने में कामयाब रहता है तो यह अपनी तरह का पहला फोन होगा।

    Transparent Mobile Phone

    कंपनी ने हाल ही में अपना सबसे लंबी बैटरी वाला फोन गैलेक्सी M51 लॉन्च किया था। सैमसंग गैलेक्सी एम51 में उम्मीद के मुताबिक 7000mAh की बड़ी बैटरी दी गई है। बैटरी 25 वाट फास्ट चार्जिंग स्पीड सपॉर्ट करती है। फोन में पंच-होल डिजाइन डिस्प्ले है। इस स्मार्टफोन में 6.7 इंच इनफिनिटी-ओ कटआउट के साथ फुल एचडी+ सुपर एमोलेड+ डिस्प्ले है। हैंडसेट में ऑक्टा-कोर प्रोसेसर है। हैंडसेट में 6 जीबी रैम व 128 जीबी इनबिल्ट स्टोरेज दी गई है। बता दें कि गैलेक्सी एम51 को सिर्फ एक वेरियंट में लॉन्च किया गया है। फोन की स्टोरेज को 512 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है।

    सैमसंग गैलेक्सी एम51 को भारत में सितंबर के दूसरे सप्ताह में लॉन्च किया जा सकता है। फोन की कीमत देश में 25 हजार रुपये से 30 हजार रुपये के बीच होने का पता चला है। सैमसंग इंडिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर सैमसंग गैलेक्सी एम51 के टीजर जारी करना शुरू कर दिए हैं।

    Source: Navbharat Times

  • अजब कपड़ों की गजब कहानी, देखे हैं क्या ऐसे कपडे? 30+फोटोज

    अजब कपड़ों की गजब कहानी, देखे हैं क्या ऐसे कपडे? 30+फोटोज

    लोगों के शौक भी अजीब होते हैं. फिर उसमे फैशन डिजाइनिंग का तड़का लग जाए तो फिर कहने ही क्या. तो फिर हमने भी इंटरनेट खंगाला और ऐसी फोटोज ढूंढ कर लाये हैं जो पत्तियों और फूलों की बनी हैं.

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    तरबूज के छिलकों को भी नहीं छोड़ा

    Amazing Fancy Dresses Made from Plants and Leaves

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    नोटों की कमी नहीं है इनके पास

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    पत्ता गोभी की बनी ड्रेस तो अच्छी भी लग रही है

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    4

    लहसुन प्याज को तो छोड़ दो खाने के लिए

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    5

    ऐसी ड्रेस देखकर कहीं बकरी पीछे पड़ गयी तो?

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    6

    केले के पत्ते पर तो दक्षिण भारत में खाना खाया जाता है

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    7

    झालर से घर सजाने के बजाये इन्होने खुद को ही सजा लिया

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    आम के पत्तो की झालर तो हमारे देश में दरवाजे पर टांगते हैं

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    ऐसे भरवां पत्ते देखे हैं कभी?

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    इनका फैशन डिजाइनर कौन है भाई?

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    बगल के खेत से ही पत्तियां तोड़कर लगा ली हैं ड्रेस पर

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    12

    सूरजमुखी का फूल भी शर्मा जाए ऐसी अदा पर (Sunflower Dress)

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    पत्तों से लदा हैंगिंग गार्डेन (Hanging Garden) Funny Dresses

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    14

    OMG!! छाते को भी नहीं छोड़ा

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    सर से लेकर पाँव तक तुम पत्तों का ढेर लगती हो

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    16

    अब ये हैं सूखे पत्तों का ढेर

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    पतझड़ के पत्तों का सदुपयोग

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    18

    कुछ लोग तो गाय और बकरी का इन्तजार कर रहे हैं (Waiting for Animals)

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    पतझड़ सावन बसंत बहार, एक बरस में मौसम चार..

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    फूलों का तारों का सबका कहना है..

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    सुपरमैन, स्पाइडरमैन.. के बाद अब हाजिर हैं पत्तामैन

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    आधी फोटो देखने पर तो घास का टीला लगता है

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    अच्छे से देखभाल करना, नाजुक फूल हैं कहीं सूख न जाएँ

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    हरी-भरी पत्तागोभी की खेती

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    पत्तियों के ढेर में यह लड़की क्या कर रही है?

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    छोटी सी, प्यारी सी…

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    एक थी कैट वुमन, अब आयी हैं ट्री वुमन

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    बेचारी बीछ वाली.. सड़ी पत्तियां मिली लेकिन वो भी कम पड़ गयीं

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    फिर दुबारा!! चलो कोई नहीं

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    बढ़िया है

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    पता लगाओ ये ड्रेस कौन सा शोरूम बेच रहा है?

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    नर्सरी तो अच्छी लागे है

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    अंत में एक सन्देश:

    हरा खाइये, हरा पहनिए लेकिन साथ ही धरती को हरा-भरा रखिये!

    अब भी वक्त है, सुधर जाओ. प्रकृति के साथ ज्यादा छेड़छाड़ अच्छी नहीं, कहीं प्रकृति ने आप के साथ छेड़छाड़ कर दी तो लेने के देने पड़ जायेंगें. वैसे भी यह साल 2020 चल रहा है.

    सूखा और बाढ़ के बाद उत्तर भारत में लगातार भूकंप के झटके, और कोरोना को तो भूल ही नहीं पाओगे. प्रकृति का सन्देश समझो…

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    गैलरी को देखने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.
    अपने विचार कमेंट में जरूर व्यक्त करें.

  • PUBG Mobile Game के शौक़ीन बच्चे ने माँ – बाप को कर दिया कंगाल, उड़ाए 16 लाख रुपये

    PUBG Mobile Game के शौक़ीन बच्चे ने माँ – बाप को कर दिया कंगाल, उड़ाए 16 लाख रुपये

    PUBG Mobile Game

    PUBG Mobile के आदी बनने के चक्कर में बच्चे क्या-क्या कर डालते हैं, इसका एक उदाहरण पंजाब में सामने आया है। पब्जी खेलने के आदी एक बच्चे ने अपने मां-बाप के अकाउंट से 16 लाख रुपये उड़ा डाले।

    उड़ाए 16 लाख

    PUBG Mobile गेम का क्रेज अभी भी बरकरार है। PUBG गेम को लेकर ऐसी ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पंजाब में एक टीनएजर ने इस पॉप्युलर गेम को खेलने के दौरान इन-ऐप पर्चेजेस और अपग्रेडिंग के लिए 16 लाख रुपये खर्च कर डाले। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 साल के एक टीनएजर के पास तीन बैंक अकाउंट का ऐक्सिस था।

    PUBG Mobile गेम के आदी बन चुके इस लड़के ने ऐप में पैसे खर्च करने के लिए इन अकाउंट्स का इस्तेमाल किया।

    टीनएजर ने अपने माता-पिता को बताया था कि वह अपनी पढ़ाई के लिए मोबाइल को देर तक इस्तेमाल कर रहा है जबकि इसकी जगह वह घंटो तक PUBG Mobile खेलने में समय बिताता था। इन-ऐप पर्चेजेस के अलावा गेम खेलने के दौरान वह अपने टीममेट्स के लिए भी अपग्रेड खरीद रहा था। द ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।

    PUBG Mobile Game

    सारे मेसेज कर देता था डिलीट

    पैसों के खर्च होने की जानकारी तब मिली जब लड़के के मां-बाप ने बैंक अकाउंट देखा और पाया कि करीब 16 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीनएजर अपनी मां के फोन को PUBG Mobile खेलने के लिए इस्तेमाल करता था। बैंक ट्रांजैक्शन के पूरे होने के बाद अपनी मां के डिवाइस से सारे मेसेज डिलीट कर देता था। लड़के के पिता के मुताबिक, उन्होंने अपने बेटे के भविष्य और मेडिकल जरूरतों के लिए यह पैसा बचाया था।

    PUBG Mobile Game

    पुलिस ने किया मदद करने से मना

    टीनएजर के पिता एक सरकारी कर्मचारी हैं और जिस समय उनके बेटे ने PUBG Mobile गेम में पैसे उड़ाए, उनकी पोस्टिंग कहीं और थी। खबरों के मुताबिक, लड़के ने एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने भी किए ताकि उसे कोई पकड़ ना सके। पुलिस ने लड़के के माता-पिता को किसी तरह की मदद देने से इनकार कर दिया क्योंकि उनके बेटे ने गेम पर जानबूझकर पैसे खर्च किए थे।

    Source: Navbharat Times

  • व्हाट्सएप पर ज्यादा शेयर होने वाले संदेश अब एक ही बार हो सकेंगे फॉरवर्ड

    व्हाट्सएप पर ज्यादा शेयर होने वाले संदेश अब एक ही बार हो सकेंगे फॉरवर्ड

    नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) व्हाट्सएप ने कोरोना वायरस संकट के बीच गलत खबरें और जानकारियां फैलने से रोकने के लिए संदेश फॉरवर्ड (साझा करने) के नियमों में बदलाव किया है। अब व्हाट्सएप पर ज्यादा फॉरवर्ड होने वाले संदेशों को एक बार में एक ही व्यक्ति या समूह को भेजा जा सकेगा।

    इससे पहले व्हाट्सएप में एक बार में संदेश भेजने की सीमा पांच लोगों या समूहों तक सीमित थी।

    इससे पहले फर्जी खबरों को फैलने से रोकने के लिए व्हाट्सएप ने संदेश के साथ यह जानकारी देने की शुरुआत भी की थी कि इसे फॉरवर्ड किया गया है या नहीं।

    फेसबुक के स्वामित्व वाली मेसेंजिंग एप ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के बीच आपस में जुड़े रहने के लिए लोग व्हाट्सएप का सक्रियता से उपयोग कर रहे हैं। ऐसे समय में गलत जानकारियों को फैलने से रोकने के लिए उसने यह नया फीचर पेश किया है।

    व्हाट्सएप की ओर से यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब दुनियाभर के सरकारें फर्जी खबरों से निपटने की चुनौती का सामना कर रही हैं।

    डिस्क्लेमर-यह आर्टिकल न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.