Category: चुनाव

  • BSP सुप्रीमो के एक दांव से बढ़ी विपक्षी दलों की परेशानी, चलेगा ‘ब्राह्मण भाईचारा’ अभियान, दिलाएंगे 2007 की याद

    BSP सुप्रीमो के एक दांव से बढ़ी विपक्षी दलों की परेशानी, चलेगा ‘ब्राह्मण भाईचारा’ अभियान, दिलाएंगे 2007 की याद

    बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) बूथ स्तर पर ब्राह्मण वोटरों को साधने की तैयारी कर रही है। बीएसपी (BSP) बूथ स्तर पर ब्राह्मण भाईचारा अभियान की चलाने जा रही है। बीएसपी कार्यकर्ता ब्राह्मण परिवारों के घर-घर जाकर 2007 की याद दिलाएंगे। मायावती (Mayawati) के इस दांव ने विपक्षी पार्टियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

    सुमित शर्मा, कानपुर
    यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ब्राह्मण वोट कार्ड (Brahmin Vote Card) चल कर विपक्षी पार्टियों को चारो खाने चित्त करने का प्लान बनाया है। बीएसपी को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में सबसे से कमजोर पार्टी माना जा रहा था। बीएसपी ने अयोध्या में प्रबुद्ध वर्ग विचार गोष्ठ कर चुनावी शंखनाद करने के साथ ही विधानसभा चुनाव में जोरदार वापसी की है। वहीं बीएसपी कार्यकर्ताओं में भी नई ऊर्जा का संचार देखने को मिल रहा है। बीएसपी बूथ स्तर पर ब्राह्मण-भाईचारा अभियान की शुरूआत करने जा रही है।

    बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) को राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता है। बहुजन समाज पार्टी में मायावती के अलावा कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती के अड़ियल रवैए की वजह से सभी सहयोगी उनका साथ छोड़कर चले गए। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर और लालजी वर्मा सरीखे नेता बसपा को बोझ लगने लगे थे। विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के निष्कासन का असर प्रदेश के समस्त जिलों में देखने को मिलने लगा था। पार्टी को जमीनी स्तर पर गहरा धक्का लगा है। लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती के एक दांव ने विरोधियों को चारो खाने चित्त करते हुए, पार्टी में नया जोश भर दिया है।

    बहन जी का संदेश देंगे
    बीएसपी नेता ने नाम नहीं खोलने की शर्त पर बताया कि कानपुर मंडल में 27 विधानसभा सीटें हैं। बीएसपी कार्यकर्ता बूथों में जाकर ब्राह्मण-भाईचार अभियान की शुरूआत करेंगे। बूथ स्तर पर ब्राह्मण परिवारों को बहनजी का संदेश देंगे। ब्राह्मणों का मान सम्मान सिर्फ बहुजन समाज पार्टी में है। बीजेपी, कांग्रेस, सपा समेत अन्य दलों ने सिर्फ ब्राह्मण वर्ग का इस्तेमाल किया है। बहुजन समाज और ब्राह्मण भाईचारा ही प्रदेश को विकास के पथ पर ले जा सकता है।

    2007 की दिलाएंगे याद
    उन्होंने बताया कि बूथ स्तर पर ब्राह्मण वोटरों के घर-घर जाकर, बीएसपी में ब्राह्मणों की भागीदारी के संबंध में बताएं। उन्हे 2007 के विधानसभा चुनाव की याद दिलाएंगे। 2007 में ब्राह्मण वोटरों के सहयोग से बीएसपी की सरकार बनी थी, बहनजी के कार्यकाल में प्रदेश का विकास चारो तरफ विकास हुआ था। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बहन जी पांचवी का बार मुख्यमंत्री बनना तय है। यूपी में बीजेपी की सरकार है, इस कार्यकाल में ब्राह्मणों को नजरंदाज किया।

    बेकसूर बेटी को बीएसपी दिलाएगी न्याय
    बिकरू कांड में बेकसूर खुशी दुबे (Khushi Dubey) को जेल में डाल दिया। खुशी पर गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज किए गए। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) अपराधी था, तो उसे पकड़कर अदालत के सामने पेश करते। विकास दुबे समेत उसके 6 साथियों को एनकांउटर में मार दिया गया। यह ब्राह्मणों के साथ अत्याचार है। खुशी दुबे का केस अभी तक ब्राह्मणसभा लड़ रही थी। लेकिन अब बीएसपी खुशी दुबे का केस लड़ेगी।

    ब्राह्मण वोटरों को साधने में जुटी पार्टियां
    उत्तर प्रदेश में 16 फीसदी ब्राह्मण हैं, जो किसी भी राजनीतिक पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने का दम रखते हैं। बीएसपी सुप्रीमो ने मायावती को 2007 में ब्राह्मण वोट बैंक ने सत्ता तक पहुंचाया था। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए बहुत ही कम समय बचा है। एसपी, बीएसपी और कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां इस बात को जानती हैं कि ब्राह्मण वोट बैंक एक बड़ा हिस्सा प्रदेश सरकार से नाराज है। इसका फायदा उठाते हुए सभी राजनीतिक दल ब्राह्मण वोटरों को साधने में जुटे हैं।

    Source: Navbharat Times

  • UP Panchayat chunav 2021: पंचायत चुनाव में कितना कर सकेंगे खर्च? कितनी जमानत राशि, जानें हर डिटेल

    UP Panchayat chunav 2021: पंचायत चुनाव में कितना कर सकेंगे खर्च? कितनी जमानत राशि, जानें हर डिटेल

    उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश में जिलेवार आरक्षण की लिस्ट ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर चस्पा की जा रही है। वहीं फाइनल लिस्ट 15 मार्च को जारी होगी। इसके बाद ही राज्य चुनाव आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।

    ऐसे में चुनाव की तैयारी में लगे भावी प्रधान समेत अन्य प्रत्याशी चुनाव खर्च का लेखा-जोखा जोड़ने में लगे हैं। चर्चा है कि ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव में 650 रुपये खर्च करने से लेकर 4500 रुपये प्रधान और दूसरे अन्य पदों के लिए खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं रिजर्व कटेगरी के प्रत्याशियों को इसमें भी फायदा मिलेगा।

    ग्राम पंचायत सदस्यके लिए इतना आएगा खर्च

    यूपी चुनाव आयोग के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को सबसे कम खर्च करना पड़ेगा। इस पद के लिए 150 रुपये नामांकन पत्र और 500 रुपये की जमानत राशि देनी होगी। ऐसे में ग्राम पंचायत सदस्य के भावी उम्मीदवार को कुल 650 रुपये जमा करना होगा। वहीं चुनाव जीतने के लिए प्रचार में अधिकतम 10,000 रुपये खर्च कर सकता है।

    प्रधान के लिए इतना आएगा खर्च

    प्रधान पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र के लिए 300 रुपये देना होगा। वहीं 2000 रुपये जमानत राशि अदा करनी होगी। चुनाव बाद जमानत जब्त न होने की स्थिति में वापस लिया जा सकता है। यानी प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले प्रत्याशी को 2300 रुपये का इंतजाम करना होगा। प्रधान को प्रचार अभियान में 75000 रुपये खर्च करना होगा।

    बीडीसी में लगेगी इतनी फीस

    क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी बीडीसी पद के लिए ग्राम प्रधान की तरह ही पैसे का इंतजाम करना होगा। बीडीसी के लिए 300 रुपये नामांकन और 2000 रुपये की जमानत राशि देनी होगी। यानी कुल 23 सौ रुपये बीडीसी लड़ने के लिए जमा करना होगा। वहीं बीडीसी प्रत्याशी को चुनाव जीतने और प्रचार के लिए 75000 रुपये खर्च करना होगा।

    जिला पंचायत के लिए इतनी फीस

    जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपये का नामांकन पत्र खरीदना होगा। वहीं 4000 रुपये बतौर जमानत राशि देनी होगी। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को कुल 4500 रुपये की व्यवस्था करनी होगी। हालांकि एसटी-एससी, पिछड़ा अथवा महिला वर्ग को फीस में राहत मिलेगी। चुनाव प्रचार के दौरान जिला पंचायत सदस्य अधिकतम डेढ़ लाख खर्च कर सकते हैं।

     

    ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनावी खर्च

    ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम दो लाख रुपये खर्च कर सकते हैं वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए उम्मीदवार 4 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं।

    आरक्षण लिस्ट जारी, ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर चस्पा

    उत्तर प्रदेश शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की सूची मंगलवार को जारी कर दी। चुनाव को लेकर महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित और अनारक्षित सीटों के आवंटन की सूची का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। मंगलवार को यह इंतजार खत्म हो गया। पंचायत चुनाव, जिला पंचायत सदस्यों, ब्लॉक प्रमुख और पंचायत सदस्यों के पद पर होने वाले चुनाव के लिए आरक्षण की लिस्ट जारी की गई है।

    देखें आरक्षण का ब्योरा

    ब्लॉक प्रमुख आरक्षण सूची 2021

    अनारक्षित: 314
    महिला: 113
    ओबीसी: 223
    एससी: 171
    एसटी: 05
    कुल: 826

    ग्राम प्रधान आरक्षण सूची 2021

    पद अनारक्षित: 20,368
    महिला: 9,739
    ओबीसी: 15,712
    एससी: 12,045
    एसटी: 330
    कुल: 58,194

    जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची 2021

    अनुसूचित जाति:

    कानपुर नगर , औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी , जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी , रायबरेली, मिर्जापुर जिला

    अनुसूचित जाति (स्त्री):

    शामली, बागपत , लखनऊ , कौशांबी , सीतापुर , हरदोई जिला

    अन्य पिछड़ा वर्ग (स्त्री):

    संभल, हापुड़, एटा , बरेली , कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं

    अन्य पिछड़ा वर्ग:

    आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत , बस्ती, संतकबीरनगर , चंदौली , सहारनपुर , मुजफ्फरनगर

    स्त्रियों के लिए आरक्षित:

    कासगंज , फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़ , कन्नौज, हमीरपुर , बहराइच, अमेठी , गाजीपुर , जौनपुर, सोनभद्र

    अनारक्षित:

    अलीगढ़ , हाथरस, आगरा , मथुरा , प्रयागराज , फतेहपुर, कानपुर देहात , गोरखपुर, देवरिया , महाराजगंज , गोंडा , बलरामपुर , श्रावस्ती , अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर , सिद्धार्थनगर , मुरादाबाद , बिजनौर , रामपुर, अमरोहा , मेरठ , बुलंदशहर , गाजियाबाद , गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही

    Source: Navbharat Times

  • कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    कमला हैरिस में शीर्ष पद में आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’: ट्रंप

    वाशिंगटन,29अगस्त (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उप राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा कि हैरिस में शीर्ष पद पर आसीन होने की ‘‘काबिलियत नहीं’’है।

    ट्रंप ने शुक्रवार को न्यूहैम्पशायर में रिपब्लिकन पार्टी की प्रचार रैली को संबोधित किया।

    ट्रंप ने कहा कि वह अमेरिका में शीर्ष पद पर किसी महिला को देखने का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी एवं व्हाइट हाउस सलाहकार इवांका ट्रंप ऐसे पद के लिए उचित उम्मीदवार हो सकती हैं।

    हैरिस पिछले साल तक राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहीं थी।

    डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने हैरिस को उप राष्ट्रपति पद के लिए चुना है। हैरिस के पिता जमैका से और उनकी मां भारत से थीं।

    ट्रंप ने कहा ,‘‘आप जानते हैं कि मैं भी शीर्ष पद पर एक महिला को देखना चाहता हूं, लेकिन मैं नहीं चाहता कोई महिला इस पद पर इस तरीके से आए और वह काबिल भी नहीं हैं।’’

    ट्रंप के इतना कहते ही लोग तालियां बजाने लगे और कुछ इवांका ट्रंप का नाम चिल्लाने लगे।

    इस पर राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘वे सब भी कह रहे हैं ‘हम इवांका को चाहते हैं। मैं आप पर तोहमत नहीं लगा रहा।’’

    गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को औपचारिक रूप से रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन को स्वीकार करने के बाद ट्रंप की यह पहली चुनावी रैली थी।

    ट्रंप ने अपने भाषण में बाइडेन की भी आलोचना की।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 – मोदी लहर में भाजपा मस्त विपक्ष हुआ पस्त

    लोकसभा चुनाव परिणाम 2019 – मोदी लहर में भाजपा मस्त विपक्ष हुआ पस्त

    भाजपा+: 350

     

    कांग्रेस+: 83

     

    महागठबंधन: 15

     

    अन्य: 94




    लोकसभा चुनाव के नतीजे Lok Sabha Election 2019 Results:

    Status For 542 out of 542 Constituencies
    Party Won Leading Total
    Aam Aadmi Party 1 0 1
    AJSU Party 1 0 1
    All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam 1 0 1
    All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen 2 0 2
    All India Trinamool Congress 20 2 22
    All India United Democratic Front 1 0 1
    Bahujan Samaj Party 9 1 10
    Bharatiya Janata Party 294 9 303
    Biju Janata Dal 4 8 12
    Communist Party of India 2 0 2
    Communist Party of India (Marxist) 3 0 3
    Dravida Munnetra Kazhagam 23 0 23
    Indian National Congress 52 0 52
    Indian Union Muslim League 3 0 3
    Jammu & Kashmir National Conference 2 1 3
    Janata Dal (Secular) 1 0 1
    Janata Dal (United) 16 0 16
    Jharkhand Mukti Morcha 1 0 1
    Kerala Congress (M) 1 0 1
    Lok Jan Shakti Party 6 0 6
    Mizo National Front 1 0 1
    Naga Peoples Front 1 0 1
    National People’s Party 1 0 1
    Nationalist Congress Party 5 0 5
    Nationalist Democratic Progressive Party 1 0 1
    Revolutionary Socialist Party 1 0 1
    Samajwadi Party 5 0 5
    Shiromani Akali Dal 2 0 2
    Shivsena 18 0 18
    Sikkim Krantikari Morcha 1 0 1
    Telangana Rashtra Samithi 9 0 9
    Telugu Desam 3 0 3
    Yuvajana Sramika Rythu Congress Party 21 1 22
    Other 8 0 8

    रामपुर से सपा के उम्मीदवार आजम खान आगे

    मैनपुरी से मुलायम सिंह आगे
    आजमगढ़ से अखिलेश यादव आगे
    कन्नौज से डिंपल यादव आगे
    गोरखपुर से रविकिशन आगे
    लखनऊ से राजनाथ सिंह आगे
    मथुरा से हेमा मालिनी आगे
    उन्नाव से साक्षी महाराज आगे
    बरेली से संतोष गंगवार आगे
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी आगे
    कैसरगंज से बीजेपी के बृजभूषण शरण सिंह आगे
    सुल्तानपुर से बीजेपी की मेनका गांधी आगे
    बाराबंकी से बीजेपी के उपेंद्र रावत आगे
    मिर्जापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल आगे
    बुलंदशहर में बीजेपी के भोला सिंह आगे
    फतेहपुर सीकरी से बीजेपी के राजकुमार चाहर आगे
    मछलीशहर से बीजेपी के वीपी सरोज आगे
    फतेहपुर से बीजेपी की निरंजन ज्योति आगे
    जौनपुर सीट से गठबंधन के श्याम सिंह यादव आगे
    आंवला से बीएसपी की रुचि वीरा आगे
    रायबरेली से सोनिया गांधी आगे
    लालगंज से बीएसपी की संगीता आजाद आगे
    मुरादाबाद से सपा के एसटी हसन आगेएटा सीट पर बीजेपी के राजवीर सिंह आगे
    कन्नौज से डिंपल यादव आगे
    फिरोजाबाद से शिवपाल सिंह यादव आगे
    गौतमबुद्ध नगर से भाजपा के महेश शर्मा आगे
    मथुरा से हेमा मालिनी आगे
    गाजियाबाद से भाजपा के वीके सिंह आगे
    बदायूं से सपा के धर्मेंद्र यादव आगे
    पीलीभत से वरुण गांधी आगे
    कैराना से भाजपा उम्मीदवार प्रदीप कुमार आगे
    फर्रुखाबाद से बसपा के मनोज अग्रवाल आगे हैं
    अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी फिर आगे
    बांदा से भाजपा के आरके सिंह पटेल आगे
    कौशाम्बी से सपा उम्मीदवार इंद्रजीत सरोज आगे
    वाराणसी से पीएम मोदी 11 हजार वोटों से आगे
    आजमगढ़ से अखिलेश यादव आगे
    पीलीभीत से बीजेपी के वरुण गांधी आगे
    चंदौली से बीजेपी के महेंद्रनाथ पांडेय आगे
    सहारनपुर से इमरान मसूद आगे
    रायबरेली से सोनिया गांधी आगे
    मैनपुरी से मुलायम सिंह आगे
    राहुल गाँधी अमेठी से पीछे.
    भोपाल से साध्वी प्रज्ञा आगे.
    गोरखपुर से रवि किशन आगे




  • लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल 2019 – दिख रहा है मोदी का दम

    लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल 2019 – दिख रहा है मोदी का दम

    लोकसभा (Parliament) का मतदान ख़त्म हो चुका है. अब 23 मई तक एग्जिट पोल (Exit Polls) की धूम रहेगी. असल रिजल्ट आएंगे 23 मई तक, हो सकता है एग्जिट पोल के अनुसार या कुछ चौकाने वाले. अभी तक के सर्वे के अनुसार भाजपा (BJP) पूर्ण बहुमत में दिखाई दे रही है.

     

    एग्जिट पोल के नतीजे सिर्फ कयास भर हैं क्यूंकि कई बार एग्जिट पोल के आंकड़े मैच किये हैं तो कई बार ये आंकड़े असल रिजल्ट के आस पास भी नहीं फटक पाए हैं.

     

    लेकिन ये सिर्फ एग्जिट पोल के सर्वे हैं और सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहीं है. प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत प्रत्याशी जहां नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हैं वहीँ राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के साथ – साथ मायावती (Mayawati) और ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) भी अपने दावे कर रहीं हैं. अब किसको कितनी सीटें मिलेगी वो तो 23 मई को ही पता चलेगा.

     

    तब तक एक नजर डालते हैं एग्जिट पोल के आंकड़ों पर.

     

    कुल सीटें: 543

    चुनाव हुए: 542

     

     

    लोकसभा चुनाव एग्जिट पोल 2019
    BJP+ Cong+ Mahagathbandhan Others
    Poll of Polls 304 118 0 120
    Times Now VMR 306 132 20 84
    C-Voter 287 128 40 87
    ABP-Nielsen 277 130 0 135
    Axis My India – India Today 353 94 13 82
    India TV – CNX 300 120 28 94
    Jan Ki Baat 305 124 0 113
    SMS Exit Poll 250 120 60 112
    NEWS-X Neta 242 165 0 136
  • लोक सभा चुनाव 2019: सोशल मीडिया पर ये 8 चीजें नहीं कर पाएंगे कैंडिडेट, होगी कार्रवाई

    लोक सभा चुनाव 2019: सोशल मीडिया पर ये 8 चीजें नहीं कर पाएंगे कैंडिडेट, होगी कार्रवाई

    नई दिल्ली (जेएनएन)। चुनाव आयोग ने रविवार को 2019 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया। 17वां लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होकर 19 मई तक 7 चरणों पूरा किया जाएगा। 23 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की सोशल मीडिया गतिविधियों को लेकर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हम इस खबर में ऐसी 9 बातें बता रहे हैं जिसे उम्मीदवार अपने सोशल मीडिया अकाउंट फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर नहीं कर पाएंगे।

    1- सभी उम्मीदवारों को नॉमिनेशन फाइलिंग के वक्त अपने फेसबुक, ट्विटर के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी।

    2- फेसबुक या ट्विटर पर पोस्ट किए जाने वाले किसी भी राजनीतिक विज्ञापन को पहले प्रमाणित कराना होगा।

    3- कोई भी असत्यापित राजनीतिक विज्ञापन गूगल, फेसबुक, ट्विटर या यूट्यूब पर पोस्ट नहीं किया जा सकता है।

    4- उम्मीदवारों को अपने चुनावी खर्चे में सोशल मीडिया विज्ञापन पर भी खर्च किए गए सभी खर्चों को शामिल कर दिखाना होगा।

    5- कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार अपने प्रचार अभियान के लिए सोशल मीडिया पर किसी भी रक्षाकर्मी की तस्वीरें साझा नहीं कर सकता है।

    6- चुनाव आयोग के मुताबिक अगर कोई भी उम्मीदवार सोशल मीडिया के नियमों का उल्लंघन करता है तो ऐसी शिकायतों का संज्ञान लेने के लिए एक शिकायत अधिकारी नियुक्त किया गया है।

    7- अभद्र भाषा, फर्जी खबरें सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं की जा सकती हैं, अगर कोई उम्मीदवार ऐसा करता है तो फेसबुक, गूगल, ट्विटर उसपर कार्रवाई कर सकते हैं।

    8- फेसबुक, ट्विटर या गूगल पर पोस्ट किए जाने वाले सभी राजनीतिक विज्ञापनों को विशेष रूप से आईटी के द्वारा हाइलाइट किया जाएगा।

    हालांकि, व्हाट्सएप से संबंधित कोई विशेष दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

    साभार: https://www.msn.com/

  • मेरी नौकरी मेरा काम, छूट गया मेरा वोट, मेरी पहचान – पेटिशन साइन करें

    मेरी नौकरी मेरा काम, छूट गया मेरा वोट, मेरी पहचान – पेटिशन साइन करें

    बहुत साल हो गए, मैं कालेज करने दूसरे शहर गया. फिर प्राइवेट नौकरी करने कभी दिल्ली तो कभी गुरुग्राम, कभी सूरत तो कभी मुंबई या फिर नॉएडा या बंगलोर. समय बदला काफी कुछ डिजिटल हो गया.

    एक देश एक पहचान हो गयी. आधार कार्ड बना जो मोबाइल से लेकर पैन कार्ड और बैंक अकाउंट से जुड़ गया. देश में रोमिंग ख़त्म हो गयी और मेरा एक मोबाइल अब पुरे देश में मेरे साथ सफर करने लगा. बैंक अकाउंट ऑनलाइन हुए तो मैं कहीं से भी पैसा ट्रांसफर करने लगा भले ही मेरा खाता मेरे गाँव का ही क्यों न हो. मैं उसी पुराने पैन कार्ड से इनकम टैक्स भरने लगा जो मेरे गाँव से बना था. अब तो पासपोर्ट का वेरिफिकेशन भी उसी शहर में होने लगा जहां मैं नौकरी कर रहा हूँ.

    सब कुछ मोबाइल हो गया लेकिन एक चीज मोबाइल नहीं हुई वो है हमारा और आपका वोट. इस एक वोट को मोबाइल न करने की वजह से करोडो लोग भारतीय संविधान के मतदान के अधिकार से वंचित रह जाते हैं.


    पोस्टल बैलट है पर केवल सरकारी नौकरी वालों के लिए. NRI जो विदेशों में रह रहे हैं वो भी प्रॉक्सी वोटिंग से वोट कर सकते हैं, जबकि इनकी संख्या गिनी चुनी है.


    Mobile Votes Petition - Lost My Vote Due to My Job

    करोडो लोग पढाई लिखाई और नौकरी के चक्कर में अपना घर छोड़ देते है जो छुट्टी न मिलने या महगे किराए के चलते अपना वोट डालने नहीं आ पाते हैं. क्या उनके लिए “मेरा वोट मेरा अधिकार” नहीं है. इन जैसे लोगो के वोट न देने की वजह से मतदान प्रतिशत 50 – 60 प्रतिशत रहता है और कुल वोट का 20 से 25 प्रतिशत वोट पाकर लोग माननीय बन जाते हैं.


    2014 के आम चुनाव में 81.45 करोड़ मतदाता लिस्ट में थे जिसमे 2.31 करोड़ matdaata 18 -19 साल के थे. इस चुनाव में वोट प्रतिशत था 66.38% जो अब तक का सर्वाधिक मतदान है जिसमे NDA (भाजपा गठबंधन जिसमे भाजपा ने 31.3% वोट पाकर 282 सीट जीती) ने 38.5% वोट पाकर 336 सीटें जीतीं. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है की जितने वोट भाजपा गठबंधन को मिले थे लगभग उतने ही 28.1 करोड़ लोगों ने वोट नहीं किया था.


    Mobile Votes Petition - Lost My Vote Due to My Job

    क्यों? इतने लोगों ने वोट क्यों नहीं किया?

    कहा जाता है की इतने लोग वोट करने घरों से नहीं निकले जबकि इनमे से ज्यादातर लोग तो घरों पर थे ही नहीं. वो अपनी रोजी-रोटी के चक्कर में किसी और राज्य या किसी और शहर में थे. सिर्फ एक नियम की वजह से की आपको वोट डालने के लिए आपको खुद वोट डालने उस बूथ पर जाना पड़ेगा जहां पर आपका वोट है.

    इतनी बड़ी  गिनती को आप नजरअंदाज नहीं कर सकते.

    इसलिए हम सबको अपने वोटिंग के अधिकार को मोबाइल करने के लिए इस टाइम्स ऑफ़ इंडिया की इस पेटिशन पर साइन करें ताकि चुनाव आयोग हमारे वोट को वहाँ भी डालने की अनुमति प्रदान करे जहां हम प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं.

    Click here to register your vote: https://timesofindia.indiatimes.com/Lost-Votes/lost-votes/campaignlanding/67346592.cms

  • MP चुनाव: देर रात बदला ये नियम, देरी से आ सकते हैं नतीजे

    MP चुनाव: देर रात बदला ये नियम, देरी से आ सकते हैं नतीजे

    मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है. 11 दिसम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना होगी जिसमें कई नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है. कहा जा रहा है कि चुनाव की मतगणना में इस बार पहले की तुलना में ज्यादा वक्त लग सकता है.

    इसकी वजह है चुनाव आयोग का वह आदेश जिसमें साफ कहा गया है कि हर राउंड के बाद रिटर्निंग ऑफिसर जब तक उस राउंड का सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे तब तक अगला राउंड शुरू नहीं हो सकेगा. वहीं, इस बार मतगणना के समय न वेबकास्टिंग होगी और न ही मतगणना हॉल में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग होगा. सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति के बाद रविवार देर रात यह निर्णय लिया है.

    दरअसल, कांग्रेस ने वेबकास्टिंग में जियो की जगह बीएसएनएल नेटवर्क का इस्तेमाल करने की मांग की थी. साथ ही इस बात पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी कि वेबकास्टिंग के काम का ठेका गुजरात की कंपनी संघवी इन्फोटेक को क्यों दिया गया. कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल निर्वाचन सदन पहुंचा और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) मध्यप्रदेश को आपत्ति दर्ज कराई. फिर देर रात वेबकास्टिंग न कराने का निर्णय लिया.

    मालूम हो कि मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी. एल. कांताराव के मुताबिक, पूरे मध्यप्रदेश में मतगणना के लिए लगभग 15 हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस बार एमपी का परिणाम देरी से आने की संभावना जताई जा रही है. कांताराव के मुताबिक, मध्यप्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों में 11 दिसम्बर को सुबह 8 बजे एक साथ मतों की गिनती शुरू हो जाएगी. सबसे पहले पोस्टल बैलेट यानी डाक मतपत्रों और सर्विस वोटों को गिना जाएगा. माना जा रहा है कि इसमें 30 मिनट का वक्त लगेगा.
    इसके बाद यानी की सुबह 8.30 से 9 बजे के बीच EVM खोली जाएंगी. इसके बाद ईवीएम के वोटों की मतगणना शुरू होगी. सीईओ वी. एल.कांताराव के मुताबिक मतगणना वाले दिन हर विधानसभा के लिए कुल 14 टेबल लगाई जाएंगी. माना जा रहा है कि औसत 19 राउंड तक मतों की गिनती जाएगी

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