Category: अपराध

  • पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान की कैबिनेट ने शुक्रवार को बलात्कार विरोधी दो अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है जिसमें दोषी की सहमति से बलात्कारियों को रासायनिक रूप से बधिया करने और बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी गयी है। एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

    रासायनिक बधिया या केमिकल कास्ट्रेशन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है।

    डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, बृहस्पतिवार को संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी (जांच और सुनवाई) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई। मंगलवार को संघीय कैबिनेट ने अध्यादेशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी।

    पहली बार अपराध करने वाले या अपराध दोहराने वाले अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय के तरह माना जाएगा और इसके लिए दोषी की सहमति ली जाएगी।

    कानून मंत्री नसीम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है।

    उन्होंने कहा कि यदि सहमति लिए बिना रासायनिक बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को अदालत के समक्ष चुनौती दे सकता है।

    मंत्री ने कहा कि अगर कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं होगा तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत अदालत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा दे सकती है।

    उन्होंने कहा कि सजा का फैसला अदालत पर निर्भर करता है। न्यायाधीश रासायनिक बधियाकरण या पीपीसी के तहत सजा का आदेश दे सकते हैं।

    नसीम ने कहा कि अदालत सीमित अवधि या जीवनकाल के लिए बधिया का आदेश दे सकती है ।

    अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों में सुनवाई कराने के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है। विशेष अदालतों के लिए विशेष अभियोजकों की भी नियुक्ति की जाएगी।

    प्रस्तावित कानूनों के अनुसार, एक आयुक्त या उपायुक्त की अध्यक्षता में बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा ताकि प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

    इसमें आरोपी द्वारा बलात्कार पीड़ित से जिरह पर भी रोक लगा दी गई है। केवल जज और आरोपी के वकील ही पीड़ित से जिरह कर सकेंगे।

    डिसक्लेमर: टाइटल को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

    Image Credits: Live Law

  • हाथरस गैंगरेप मामला: वो छह बड़े सवाल जिनके जवाब मिलने पर ही सुलझ सकती है पहेली

    हाथरस गैंगरेप मामला: वो छह बड़े सवाल जिनके जवाब मिलने पर ही सुलझ सकती है पहेली

    उत्तर प्रदेश के हाथरस में 14 सितंबर को हुए अनुसूचित जाति की युवती के कथित गैंगरेप और हत्या की गुत्थी और उलझती जा रही है. एक ओर जहां अब पीड़ित परिवार पर ही सवाल खड़े किए जा रहे हैं, वहीं इस घटना पर राजनीति भी तेज़ हो गई है.

    घटना के समय मृत युवती का छोटा भाई कहां था?

    इस कहानी में पीड़िता के भाई का हमनाम एक दूसरा शख़्स है जिसे पुलिस पीड़ित परिवार की शिकायत पर गिरफ़्तार कर चुकी है.

    गांव के कई लोग मीडिया में बयान देते हुए ये बात कहते हैं कि पीड़िता वीडियो में जिसका नाम ले रही है वह छोटा भाई ही है. हालांकि कोई भी ये नहीं बता पाता कि उन्होंने उसे उस दिन गांव में देखा था या नहीं.

    सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में मृत युवती का एक वीडियो वायरल हो रहा है. ये तब रिकॉर्ड किया गया था जब पीड़िता के परिजन उसे घटना के बाद थाने लेकर पहुंचे थे.

    इस वीडियो में पीड़िता कह रही है कि उसने मेरा गला दबा दिया. हाथों से गला दबाया. गला छोड़ा ना बा ने.

    जब पीड़िता से पूछा जाता है कि गला क्यों दबाया तो वो जवाब देती है, ‘जबरदस्ती ना करने दी मैंने.’

    अब इस वीडियो के आधार पर सवाल उठाया जा रहा है कि जिस व्यक्ति का नाम पीड़िता ले रही है वो उसका छोटा भाई है. हालांकि भाई का बीबीसी से कहना था कि घटना के समय वह नोएडा में था और दो सप्ताह तक अस्पताल में बहन के साथ ही रहा. पीड़िता के शव के साथ ही वो गांव लौटा था.

    पहली एफ़आईआर में रेप की धारा क्यों नहीं है?

    मृत युवती के बड़े भाई की ओर से थाने में दी गई पहली तहरीर में रेप का ज़िक्र नहीं है. बल्कि मुख्य अभियुक्त संदीप के उसका गला दबाकर मारने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है और इसी आधार पर एफ़आईआर भी दर्ज की गई है.

    अब ये सवाल उठ रहा है कि परिवार ने पहली एफ़आईआर में रेप की बात क्यों नहीं कही थी.

    बीबीसी ने यही सवाल जब मृत युवती की मां से किया तो उनका कहना था कि ‘बेटी उस समय सुध में नहीं थी, पूरी बात नहीं बताई. जब बाद में उसे सुध आई तो पूरी बात बताई.’

    हालांकि जब हमने उनसे अनौपचारिक बात की तो उन्होंने कहा कि उन्हें लोक-लाज का डर था. मृत युवती की मां ने अपने बयान में कहा है कि जब वो बाजरे के खेत में उन्हें मिली तो अर्धनग्नन और बेहोश थी.

    पुलिस ने तुरंत रेप टेस्ट क्यों नहीं कराया?

    यौन हमले की जांच के लिए पीड़िता के नमूने पहली बार 22 सितंबर को तब लिए गए जब उसने पुलिस पूछताछ में अपने साथ हुई घटना को विस्तार से बताया और चार अभियुक्तों के इसमें शामिल होने के आरोप लगाए. आगरा की फोरेंसिक लैब को ये नमूने 25 सितंबर को प्राप्त हुए.

    जब पीड़िता पहली बार थाने पहुंची थी तब पुलिस ने यौन हमले की दृष्टि से जांच क्यों नहीं की? इस सवाल पर तत्कालीन एसपी और अब निलंबित विक्रांत वीर ने बीबीसी से कहा था, ‘पीड़िता के परिवार ने जो शिकायत दी थी उसी के आधार पर एफ़आईआर दर्ज की गई. बाद में जब उसे होश आया और उसने गैंगरेप की बात कही तो 22 सितंबर को गैंगरेप की धाराएं जोड़ दी गईं और अभियुक्तों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.’

    हालांकि जब बीबीसी ने उनसे पूछा कि पहली शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की तो उनका कहना था कि पुलिस ने सही काम किया है और सबूत जुटाने की हर संभव कोशिश की है.’

    पीड़िता जब थाने पहुंची थी तो उसकी हालत ख़राब थी, उसने अपने बयान में जबरदस्ती की कोशिश का ज़िक्र भी किया था लेकिन फिर भी पुलिस ने शुरुआत में यौन हमले की दृष्टि से मामले को क्यों नहीं देखा, इसका जवाब यूपी पुलिस को देना है.

    पुलिस ने परिवार को मेडिकल रिपोर्ट और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट क्यों नहीं दी?

    पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उन्हें नहीं सौंपी. बीबीसी ने जब इस बारे में तत्कालीन एसपी विक्रांत वीर से सवाल किया था तो उनका कहना था कि रिपोर्ट अभी गोपनीय है और इसे जांच में शामिल कर लिया गया है.

    पीड़ित परिवार का ये अधिकार है कि उसे सभी मेडिकल दस्तावेज़ और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिले. पुलिस ने परिवार को रिपोर्ट क्यों नहीं दी इसका जवाब पुलिस ने नहीं दिया है.

    इसी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि फोरेंसिक सबूतों के आधार पर रेप की पुष्टि नहीं हुई है. हालांकि रिपोर्ट में ज़बरदस्ती पेनिट्रेशन की कोशिश का ज़िक्र है. पुलिस ने रिपोर्ट के इस बिंदू को अपने बयान में शामिल नहीं किया था.

    जब बीबीसी ने एसपी से इस बारे में सवाल किया तो उनका कहना था, ‘जांच के इस स्तर पर ये नहीं कहा जा सकता कि पूरा घटनाक्रम क्या है, अभी जांच चल ही रही है.’

    पीड़िता के शव को रात में क्यों जलाया गया?

    पुलिस और प्रशासन का तर्क है कि शव खराब हो रहा था और मामला संवेदनशील होने की वजह से माहौल ख़राब होने का डर था.

    हालांकि परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले की लीपापोती करने की कोशिश कर रही थी और जल्दबाज़ी में ‘शव को नष्ट’ करना इसी कोशिश का हिस्सा हो सकता है.

    पीड़िता की भाभी ने बीबीसी से बात करते हुए पुलिस पर ‘लाश जलाकर सबूत मिटाने के आरोप लगाए थे.’

    पीड़िता के अंतिम संस्कार के बाद अब दोबारा किसी भी मेडिकल जांच की संभावना समाप्त हो गई है.

    रामू उस दिन कहां था?

    अभियुक्त रामू के परिजन और उनके समर्थन में पंचायत करने वाले ठाकुर और सवर्ण समाज के लोग ये तर्क देते हैं कि घटना के समय रामू डेयरी पर ड्यूटी कर रहा था. वो कहते हैं कि इसके सीसीटीवी सबूत उपलब्ध होंगे. लेकिन वो किसी तरह का सीसीटीवी फुटेज मुहैया नहीं करवा पाते.

    पुलिस से जब गिरफ़्तारी को लेकर सवाल किया गया तो एसपी का कहना था कि अभी पीड़िता के बयान के आधार पर गिरफ़्तारी की गई है. तकनीकी और फोरेंसिक सबूत जुटाए जा रहे हैं. किसी भी बेगुनाह को सज़ा नहीं मिलेगी.

    वहीं पीड़िता का परिवार ज़ोर देकर ये बात कहता है कि पीड़िता ने रामू का नाम लिया है, वो उसके लिए फांसी से कम कुछ भी नहीं चाहते हैं. जिस डेयरी पर रामू काम करता था उसके मालिक ने भी उसे निर्दोष बताया है लेकिन सीसीटीवी फुटेज अभी तक जारी नहीं की है.

    साभार: बीबीसी

  • हाथरस सामूहिक बलात्कार मामलाः प्रधानमंत्री मोदी ने की मुख्यमंत्री से बात, योगी ने एसआईटी गठित की

    हाथरस सामूहिक बलात्कार मामलाः प्रधानमंत्री मोदी ने की मुख्यमंत्री से बात, योगी ने एसआईटी गठित की

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की

    हाथरस में दलित लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और मौत के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह जानकारी दी

    एसआईटी का गठन और सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में

    उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी को सात दिन में रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में किए जाने के निर्देश दिए।

    होगी कठोरतम कार्रवाई

    मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी कि हाथरस मामले में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है। ट्वीट में कहा ‘ आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हाथरस की घटना पर वार्ता की है और कहा है कि दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाए ।’

    इससे पहले कथित सामूहिक बलात्कार और पीड़िता की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी ने उप्र शासन के गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन के आदेश दिए। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी ।

    मुख्यमंत्री ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने के निर्देश दिये हैं ।

    रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी एसआईटी

    मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच हेतु तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष सचिव गृह भगवान स्वरूप एवं चंद्रप्रकाश, पुलिस उप महानिरीक्षक व पूनम, सेनानायक पीएसी आगरा सदस्य होंगे । एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी ।’

    मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये दूसरे ट्वीट में कहा गया कि ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना के लिये दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिये है ।’

    पीड़िता का रात दो बजे पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

    हाथरस के पुलिस अधीक्षक विक्रांत सिह ने बताया कि लड़की का अंतिम संस्कार बीती रात दो बजे परिजनों की सहमति से पुलिस बल की मौजूदगी में किया गया ।

    सच है कि हम अपनी बेटी का शव नहीं देख सके, पर उम्मीद है कि न्याय मिलेगा: हाथरस पीड़िता के पिता

    हालांकि लड़की के परिजनों का आरोप है कि अंतिम संस्कार के लिये उनकी सहमति नही ली गयी । लड़की के भाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ‘पुलिस जबदरदस्ती शव को ले गयी’ इस बीच, रात में लड़की के अंतिम संस्कार किये जाने पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाया है । नेताओं का कहना है कि पुलिस का ऐसा करना संदेह के घेरे में है ।

    Hathras Gangrape Criminals

    मायावती ने क्या कहा

    बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘ यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है।’

    मायावती ने दूसरे ट्वीट में कहा ‘अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी।’

    अखिलेश यादव ने क्या कहा

    समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि ‘हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी ।’

    संजय सिंह ने क्या कहा

    हाथरस गैंगरेप पीड़िता की मौत पर भड़के संजय सिंह, कहा- दरिंदों की गाड़ी क्यों नहीं पलटी योगी जी

    14 सितम्बर को दलित लड़की का हुआ था सामूहिक बलात्कार

    हाथरस जिले में गत 14 सितम्बर को कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और गला दबाये जाने की घटना की शिकार हुई 19 वर्षीय दलित लड़की ने मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

    गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

    पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर के मुताबिक लड़की ने अपने साथ बलात्कार की वारदात के बारे में पुलिस को पहले कुछ नहीं बताया था मगर बाद में मजिस्ट्रेट को दिए गए बयान में उसने आरोप लगाया कि संदीप, रामू, लव कुश और रवि नामक युवकों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था। विरोध करने पर जान से मारने की कोशिश करते हुए उसका गला दबाया था। चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

    Source–  PTI न्यूज

  • ये हैं दुनिया की 8 आलीशान जेल, किसी होटल से कम नहीं

    ये हैं दुनिया की 8 आलीशान जेल, किसी होटल से कम नहीं

    Luxurious Jails or Hotels

    जेल का नाम लेते ही आपके सामने काली सलाखें, अंधेरा, खराब खाना जैसी चीजों का दृश्य आ जाता होगा. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कई ऐसी जेलें हैं जो किसी होटल से कम नहीं हैं. आइए जानते हैं दुनिया की सबसे आरामदायक और सुख-सुविधाओं से लैस जेलों के बारे में।

    Luxurious Jails or Hotels

    1-बैस्टोय जेल, नॉर्वे

    Luxurious Jails or Hotels

    -बोस्टोय द्वीप पर स्थित इस जेल में 100 से ज्यादा कैदी रहते हैं.

    इस जेल में कैदियों के लिए टेनिस, हॉर्सराइडिंग फिशिंग, सनबाथिंग, प्रिजन कॉम्प्लेक्स जैसी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं.

    Luxurious Jails or Hotels

    बैस्टोय जेल, नॉर्वे को पहली इको-ह्यूमन प्रिजन बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

    Luxurious Jails or Hotels

    खेती करने के लिए फॉर्म और रहने के लिए कॉटेज, कई बार कैदी भूल ही जाते हैं कि वे जेल में हैं.

     

    2-एचएमपी एटिवेल, स्कॉटलैंड

    Luxurious Jails or Hotels

    – यहां लगभग 700 कैदी रहते हैं. कैदियों को एक सामान्य जनजीवन जीने में सक्षम बनाने और एक अच्छा इंसान बनाने के लिए पूरी कोशिश की जाती है.

     

    3-ओटैगो करेक्शन्स फैसिलिटी, न्यूजीलैंड

    Luxurious Jails or Hotels

    – इस जेल में सुरक्षा मानक कड़े हैं लेकिन कैदियों को सुख-सुविधाओं से लैस कमरे मिले हुए हैं.

    Luxurious Jails or Hotels

    न्यूजीलैंड की इस जेल में फार्मिंग, कुकिंग, लाइट इंजीनियरिंग जैसे कामों में दक्ष होने के लिए क्लासेज चलाई जाती है.

     

    4- अरेंजुएज प्रिजन, स्पेन

    Luxurious Jails or Hotels

    – इस जेल में कैदियों को उनके बच्चों के साथ रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.

     

    5-जस्टिस सेंटर लेबेन, ऑस्ट्रिया

    Luxurious Jails or Hotels

    – यह नॉन-वायलेंट अपराधियों के लिए है. जस्टिस सेंटर में हर कैदी को सिंगल सेल में रखा जाता है जिसमें प्राइवेट बाथरूम, किचेन औऱ टीवी भी उपलब्ध कराया जाता है. कैदियों के लिए जिम, बास्केटबाल कोर्ट भी मौजूद है.

     

    6- चैंप-डॉलन प्रिजन, स्विटजरलैंड

    Luxurious Jails or Hotels

    – कैदियों की भारी संख्या के लिए बदनाम रही कभी ये जेल आज कैदियों के लिए किसी अच्छे हॉस्टेल के कमरे से कम नहीं है.

     

    7- जेवीए फुइसबटेल प्रिजन, जर्मनी

    Luxurious Jails or Hotels

    – हैम्बर्ग की इस जेल में भी कैदियों को बेड, काउच, प्राइवेट शावर और टायलेट जैसी सुविधाएं मिली हुई हैं. कैदियों के लिए लॉन्ड्री की मशीन और कॉन्फ्रेंस रूम भी है.

     

    1. हैल्देन प्रिजन, नॉर्वे

    Luxurious Jails or Hotels

    – हैल्देन प्रिजन को ‘दुनिया की सबसे मानवीय जेल’ यूं ही नहीं कहा जाता है. यहां हर कैदी को प्राइवेसी है. कैदी टीवी शो, मूवी और वीडियो गेम्स एंजॉय करते हैं. जिम, म्यूजिक रिकॉर्डिंग फैसिलिटी समेत कई ऐसी सुविधाएं हैं जो शायद कई लोगों के लिए सपने से कम नहीं है.

     

    Image and Content Source: https://aajtak.intoday.in/gallery/most-luxirious-prison-of-the-world-tpra-3-25313.html

  • दुनिया के 10 खतरनाक अपराधी, टॉप अमीरों से भी ज्‍यादा कमाई दौलत

    दुनिया के 10 खतरनाक अपराधी, टॉप अमीरों से भी ज्‍यादा कमाई दौलत

    आम तौर पर जब भी बेशुमार दौलत कमाने वालों की बात आती है, पहली तस्‍वीर करोबारियों की उभरती है। भारत समेत दुनिया के ज्‍यादातर हिस्‍सों में यही धारणा है कि बिजनेस के जरिए ही लोग अरबों रुपए कमाते हैं। हालांकि दुनिया में कुछ ऐसे भी अपराधी हुए हैं, जिन्‍होंने इस विचार को गलत साबित कर दिया है। उन्‍होंने हत्‍या, फिरौती और स्‍मगलिंग जैसे कई गैरकानूनी कामों से इतनी बेशुमार दौलत कमाई, उनके दौर के कई अरबपति कारोबारी भी उनके सामने फीके पड़ गए। दुनिया में कुछ अपराधी ऐसे भी हुए हैं, जिनकी दौलत भारत के टॉप अमीरों से भी ज्‍यादा रही है।

     

    बिजनेसमैन से भी ज्‍यादा कमाई दौलत

     

    – इसमें कोलंबिया के ड्रग तस्‍कर पैब्‍लो एस्‍कोबार का भी नाम शामिल है।

     

    – उसने 30 अरब डॉलर का एम्‍पायर खड़ा किया, जो भारत के मौजूदा दूसरे टॉप अमीर व्‍यक्ति अजीम प्रेमजी के 17.5 अरब डॉलर (फोर्ब्स के मुताबिक) से करीब 12.5 अरब डॉलर ज्‍यादा है।

     

    -एस्‍कोबार को फोर्ब्‍स ने अपनी पहली बिलेनियर लिस्‍ट में भी जगह दी थी।

     

    – खतरनाक अमीर अपराधियों की लिस्‍ट में मुंबई में 1993 के हमलों का आरोपी दाऊद इब्राहिम भी शामिल है।

     

    – रोचक बात यह है कि इन खतरनाक महिला अपराधियों की लिस्‍ट में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं, जो जितनी खतरनाक थीं, उतनी ही अमीर थीं।

     

    आइए जानते हैं दुनिया के कुछ ऐसे ही अपराधियों के बारे में, जिन्‍होंने क्राइम वर्ल्‍ड से बेशुमार पैसा बनाया।

     

    Pablo Escobar

    Criminals Who are Richer than Richest

    Emilio Carrillo Fence

    Criminals Who are Richer than Richest

    Carlos Lehder

    Criminals Who are Richer than Richest

    Dawood Ibrahim

    Criminals Who are Richer than Richest

    José Gonzalo Rodríguez Gacha

    Criminals Who are Richer than Richest

    Khun Sa

    Criminals Who are Richer than Richest

    Orejuela Brothers (Gilberto and Miguel Rodriguez Orejuela)

    Criminals Who are Richer than Richest

    Ochoa Brothers (Juan David Ochoa and Jorge Luis)

    Criminals Who are Richer than Richest

    Source: https://money.bhaskar.com/news/MON-ECN-INTE-ECNM-infog-10-billionaire-criminals-richer-than-top-indian-businessman-5933091-PHO.html