Category: यात्रा

  • ये 10 स्थान अगर अभी नहीं देखे तो फिर कभी नहीं देख पाएंगे

    ये 10 स्थान अगर अभी नहीं देखे तो फिर कभी नहीं देख पाएंगे

    किसी ने ठीक ही कहा है:

    सैर कर दुनिया की गाफिल, जिंदगानी फिर कहाँ?

    जिंदगी गर कुछ रही तो नौजवानी फिर कहाँ?

     

    लेकिन यहां बात कुछ अलग है क्योंकि जिंदगानी और नौजवानी रही या न रही लेकिन घूम तो सकते ही हैं, लेकिन अगर घूमने वाली जगह ही न रहे तो??

     

    तो आइये हम आपको बताने जा रहे हैं 10 ऐसी जगहों के बारे में जो धीरे – धीरे ख़त्म हो रही हैं और कुछेक वर्षों में ये या तो पूरी तरह ख़त्म हो जाएंगी या फिर उनके अवशेष ही देखने को मिलेंगे.

     

    इसका मुख्य कारण है प्रदूषण. जिसकी वजह से दुनिया का स्वरुप ही बदलता जा रहा है. पहाड़ पिघल रहे हैं, जंगल समाप्त हो रहे हैं और कई जीव प्रजातियां या तो ख़त्म हो गयी हैं या फिर ख़त्म होने की कगार पर आ गयी है.

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    १. गालापागोस आइलैंड:

    12% की दर से टूरिज्म सेक्टर के बढ़ते प्रभाव, होटल, रेस्टॉरेंट और मोटर गाड़ियों की वजह से इन निर्जन वीरान दीपों की खूबसूरती ख़त्म हो रही है. स्मगलिंग द्वारा बाहर से आये हुए जानवर यहां के जीवों और जंगलों को प्रभावित कर रहे हैं. क्रूज शिप द्वारा आये हुए चूहे भी यहां की प्राकृतिक सम्पदा को नुकसान पहुंचा रहे हैं.

     

    लगभग 9000 तरह के जीव इस दीप और आसपास के समुद्री पानी में रहते हैं.

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    २. मालदीव:

    मालदीव दुनिया के सबसे निचला देश है, जो एशिया के सबसे कम आबादी और क्षेत्रफल वाला है. 1200 दीपों में से लगभग 80% दीप समुद्र तल से 1 मीटर से भी काम ऊँचाई पर हैं जो लगभग 100 साल में समुद्र में डूब सकते हैं. यह समस्या कितनी गंभीर है इसका अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं की 2008 में यहां के राष्ट्रपति ने भविष्य में यहां के लोगों को बसाने के लिए भारत समेत दूसरे देशों में जमीन खरीदनी शुरू कर दी है.

     

    ग्लोबल वार्मिंग की वजह से समुद्र तल में बढ़ोत्तरी और कोरल ब्लीचिंग की वजह से डूबने के खतरा.

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    ३. ग्रेट बैरियर रीफ:

    बढ़ते समुद्री तापमान, जल प्रदूषण और चक्रवातों की वजह से कोरल चट्टानें ख़त्म हो रही हैं और समुद्री पानी के तेजाबीकरण के कारण कोरल (मूंगा) के रंग ख़त्म हो रहा है. ऐसा संभावित है की 8000 साल पुराने ये 60% कोरल रीफ 2030 तक समाप्त हो सकते हैं.

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    ४. वेनिस:

    वेनिस पर भी डूबने के खतरा मंडरा रहा है. बढ़ते समुद्र तल की वजह से स्थिति और खतरनाक हो गयी है. हर साल बढ़ रही बाढ़ आने की संख्या भी इसके डूबने के पुख्ता सबूत दे रहे हैं. पिछले 100 सालों में वेनिस 9 इंच समुद्र में डूब चूका है.

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    ५. मृत सागर:

    यह दुनिया के सबसे निचला स्थान है जो समुद्र तल से 1388 फ़ीट नीचे है. इसके पानी में आप बिना तैरे भी नहीं डूबेंगे. इसका पानी समुद्र से 10 गुना ज्यादा खारा है. मृत सागर पिछले 40 साल में एक तिहाई रह गया है और 80 फ़ीट सूख गया है. पुराने होटल और रेस्टॉरेंट अब इसके किनारे से 1 किलोमीटर दूर हो गए हैं. इसके पानी के मुख्य श्रोत केवल जॉर्डन नदी है लेकिन आस पास के देशों द्वारा इस नदी के पानी के पानी के अत्यधिक उपयोग की वजह से यहां पर नाम मात्र के पानी आता है, इसलिए ये अगले 50 साल में पूरी तरह सूख जाएगा.

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    ६. ऐल्प्स पर्वत:

    यहां का तापमान 1880 से अब तक दो गुना बढ़ चूका है. ऐल्प्स के ग्लेसियर पिघल रहे हैं और इनके 2050 तक पूरी तरह गायब हो जाने की संभावना है. ग्लोबल वार्मिंग की वजह से यहां का तापमान 0.72 डिग्री F हर दस साल में बढ़ रहा है.

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    ७. मेडागास्कर:

    मेडागास्कर दुनिया का चौथा सबसे बड़ा आइलैंड है. जंगली वातावरण बुरी तरह से नष्ट हो रहा है जिसकी वजह से यहां के जंगल और जानवर ख़त्म हो रहे हैं. यहां के जंगलों को अगर अभी नहीं बचाया गया तो मेडागास्कर को ख़त्म होने में 35 साल से भी कम समय लगेगा.

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    ८. कांगो बेसिन:

    यह ऐमेज़ॉन के बाद दुनिया के दूसरा सबसे बड़ा बरसाती जंगल है जो 13 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां के जंगल दुनिया की 40% ऑक्सीजन के उत्पादन करते हैं. कांगो बेसिन की विशालता का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं की यह सात देशो की सीमा में फैला हुआ है.

     

    संयुक्त राष्ट्र के अनुसार अगर अभी इसके बचाव की कोशिश नहीं की गयी तो दो तिहाई जंगल और इसके अनोखे पौधे और जानवर 2040 तक ख़त्म हो सकते हैं. अवैध खनन, खेती और गुरिल्ला युद्ध की वजह से 10 मिलियन एकड़ जंगल हर साल ख़त्म हो रहा है.
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    ९. ग्लेशियर नेशनल पार्क:

    100 साल पहले तक यहां 150 ग्लेशियर थे लेकिन साल 2005 तक यहां पर केवल 27 ग्लेशियर बचे हैं. और अनुमान है की 2030 तक बचे हुए ग्लेशियर भी गायब हो जाएंगे. ग्लोबल वार्मिंग और पानी व बर्फ की कामी के चलते ये ग्लेशियर नष्ट होने की कगार पर हैं.

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    १०. ताज महल:

    ताज महल के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे. यह हमारे देश का प्रमुख पर्यटन स्थल है. ताज महल 1632 में बनना शुरू हुआ था और 21 साल में पूरा हुआ था. इसे बनाने में 20000 व्यक्ति और 1000 हाथियों की मदद ली गयी थी. इसका मुख्य गुम्बद 35 मीटर ऊंचा है. इसे देखने के लिए 30 से 40 लाख लोग हर साल आगरा आते हैं.

     

    भीड़ और वायु प्रदूषण की वजह से इसके संगमरमर की सफेदी पर पीलेपन की परत चढ़ती जा रही है. कई सौ साल पुरानी इस इमारत पर गिरने के ख़तरा भी मंडरा रहा है. कई जगह पुनर्निर्माण के काम होता रहता है. कई कमरे और मुख्य कब्रें जो मुख्य गुम्बद के नीचे जमीन के अंदर हैं वो पहले से ही बंद किये जा चुके हैं.

     

    हो सकता है इसे अगले 4-5 सालों में ही जनता के लिए बंद कर दिया जाए और सिर्फ दूर से ही देखने की अनुमति प्रदान की जाए.

     

    इस विडियो को देखें:

    https://www.youtube.com/watch?v=ylx_uW6ocTc

    Image Source: http://mentalfloss.com/

  • राधा कृष्ण की धरती के बारे में कुछ अनजानी बातें – गोवर्धन परिक्रमा

    राधा कृष्ण की धरती के बारे में कुछ अनजानी बातें – गोवर्धन परिक्रमा

    गोवर्धन पर्वत का हिन्दू धर्म में बहुत ही अधिक महत्त्व है. इसकी परिक्रमा करने से सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. 21 किलोमीटर की गोवर्धन परिक्रमा (Govardhan Parikrama) को लोग नंगे पाँव पूरा करते हैं तो कुछ लोग लोट – लोट कर इसकी परिक्रमा लगाते हैं. यहां परिक्रमा लगाने का कोई नियत समय नहीं है. लोग साल के 365 दिन यहां परिक्रमा लगाते हैं लेकिन हर महीने की पूर्णमासी को यहाँ बेशुमार भीड़ होती है.

    Govardhan Mathura Parikrama
    Govardhan Mathura Parikrama

    कहा जाता है की गोवर्धन पर्वत (Govardhan Parvat) तिल तिल करके घट रहा है. पांच हजार साल पहले यह पर्वत 30 हजार मीटर ऊंचा हुआ करता था लेकिन अब इसकी ऊँचाई केवल 30 मीटर ही रह गयी है.

    Govardhan Mathura Parikrama
    Govardhan Mathura Parikrama

    यहां आने वाले लोग गिरिराज जी (Giriraj Ji) के मंदिर में साक्षी गोपाल जी के दर्शन करके अपनी यात्रा शुरू करते हैं.

    Govardhan Mathura Parikrama
    Jai Gurudev Temple Mathura

    श्रीराधा-गोविंद मंदिर (Shri Radha Govind Mandir): इस मंदिर का निर्माण श्रीकृष्ण जी के पोते ने करवाया था. यहीं पर गोविन्द कुंड भी है.

    चूतड़ टेका (Chutar Teka):

    Govardhan Mathura Parikrama
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    परिक्रमा मार्ग पर अनेकों कुंड हैं जहां पर श्री कृष्ण (Shri Krishna) ने लीलाएं की थी. राधा कुंड (Radha Kund), श्याम कुंड (Shyam Kund), मानसी गंगा (Mansi Ganga) और कुसुम सरोवर (Kusum Sarovar) आदि मुख्य कुंड हैं.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    राधा कुंड: इस कुंड को राधारानी ने अपने कंगन से खोदकर बनाया था. इस कुंड में स्नान करने से गौहत्या का पाप धुल जाता है.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    श्याम कुंड: कहा जाता है श्रीकृष्ण ने गौहत्या का पाप दोने के लिए अपनी छड़ी से यह कुंड बनाया था.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    श्रीकृष्ण पर गौहत्या का पाप: श्रीकृष्ण को मारने के लिए कंस ने अरिष्ठासुर नाम के एक असुर को भेजा था. उस समय बाल कृष्ण गाय चराने गए हुए थे तो उस असुर ने बैल का रूप धरके गायों के झुण्ड में शामिल हो गया. लेकिन श्रीकृष्ण ने उसे पहचान लिया और उसका वध कर दिया. लेकिन वह असुर चूँकि बैल के रूप में था तो श्रीकृष्ण पर गौहत्या का पाप लगा. इसके बाद श्रीकृष्ण राधारानी से मिले और उनको छू लिया. तो राधारानी भी इस पाप की भागिदार हो गयीं.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    इस गौहत्या के पाप को दूर करने के लिए राधारानी ने अपने कड़े से राधा कुंड और श्रीकृष्ण ने अपनी छड़ी से श्याम कुंड का निर्माण किया. कहा जाता है इन दोनों कुंड में स्नान करने से सभी तीर्थों का पुण्य मिलता है, क्योंकि इन दोनों कुंड में सभी तीर्थ विराजमान हैं.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    मानसी गंगा: पहले इसका विस्तार 6 किलोमीटर में था पर अब यह सिमटकर थोड़ी सी रह गयी है. कहा जाता है गोवर्धन के अभिषेक के लिए इतने गंगाजल को लाने की समस्या के चलते श्रीकृष्ण ने गंगा को ही गोवर्धन पर्वत पर उतार लिया था. इसलिए इसका नाम मानसी गंगा पड़ा.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    गोवर्धन पर्वत का निर्माण: क्या आपको पता है की गोवर्धन पर्वत का निर्माण कैसे हुआ? अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    यह कहानी श्री राम (Shri Ram) के समय की है. जब श्री राम सीता माँ को खोजते हुए समुद्र के किनारे पहुंचे तो वहाँ पर पल बनाने के लिए पत्थरों की जरूरत पड़ी. अतः हनुमान जी द्रोणगिरि पर्वत के पास गए. लेकिन द्रोणगिरि ने अपने वृद्धावस्था के बारे में बताया और अपने पुत्र गिरिराजजी या गोवर्धन पर्वत और रत्नागिरी पर्वत को साथ ले जाने के लिए कहा. हनुमान जी गिरिराज पर्वत को समुद्र के किनारे ले जाने के लिए निकल पड़े लेकिन रास्ते में उन्हें सूचना मिली की निर्माण कार्य पूरा हो गया है और अब पत्थरों की आवश्यकता नहीं है तो श्री हनुमान जी ने गिरिराज जी को गोवर्धन में स्थापित कर दिया.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    लेकिन तब गिरिराजजी ने हनुमान से अपनी भगवान् श्रीराम से मिलने की इच्छा के बारे में बताया तो हनुमान जी ने कहा की द्वापर युग में भगवान् श्रीकृष्ण के रूप में आकर उनसे मिलेंगे.

    Govardhan Mathura Parikrama
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    चूतड़ टेका (Chutad Teka): गिरिराजजी को गोवर्धन में स्थापित करने के बाद हनुमान जी ने यहीं पर आराम किया था तो इस स्थान का नाम चूतड़ टेका पड गया. लेकिन एक और कथा के अनुसार जब श्रीकृष्ण ने इंद्र के क्रोध को गोवर्धन पर्वत उठाकर शांत किया था तो इसके बाद वो चूतड़ टेका पर ही बैठे थे.

    Govardhan Mathura Parikrama
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  • दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत, इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा: नासिर अल मुल्क मस्जिद

    दुनिया की सबसे खूबसूरत इमारत, इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा: नासिर अल मुल्क मस्जिद

    आपने आज तक बहुत सारी खूबसूरत इमारतें देखी होंगी, शिल्पकला से परिपूर्ण मंदिर, गुप्त काल की गुफाओं में की गयी नक्काशी या फिर सुन्दर चित्रकारी, लेकिन आपने शायद ही ऐसी कारीगरी देखी होगी. यहां की कारीगरी देखकर आप भी इसके मुरीद हो जाएंगे.

    Beautiful buildings

    दुनिया की बहुत सारी इमारतें बेहतरीन कारीगरी, चित्रकारी और वास्तुशिल्प के लिए के लिए मशहूर हैं. इनमे से ऐसी ही एक इमारत ‘नासिर अल-मुल्क’ मस्जिद है जो बाहर से एक साधारण मस्जिद की तरह ही दिखाई देती है, लेकिन जब उगते सूरज की किरणें इस मस्जिद पर पड़ती हैं तो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लग जाते हैं . इसकी खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक खिंचे चले आते हैं.

    Beautiful buildings

    इसकी खूबसूरती के नज़ारे को शब्दों में बयां करना मुमकिन ही नहीं है, मस्जिद की भव्यता और खूबसूरती को केवल देख कर ही महसूस किया जा सकता है। यहां पर आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी और दुनिया (स्वर्ग) में  ही आ गए हों.

    Beautiful buildings

    इस मस्जिद के सामने वाले हिस्से में रंगीन काचों की जड़ाई का काम हुआ है, इसलिए जब उगते हुए सूर्य की किरणें इन काचो से छनकर अंदर मस्जिद के फर्श पर बिछे पर्शियन कालीन पर पड़ती है तो मस्जिद के अंदर रंगों का सागर उमड़ आता है. लेकिन यह नजारा केवल सुबह के समय ही रहता है जब रौशनी मस्जिद के सामने से आती है.

    Beautiful buildings

    इस मस्जिद को ‘गुलाबी मस्जिद’ भी कहा जाता है क्योंकि इस मस्जिद की दीवारों, गुम्बदों, और छतों पर रंगीन चित्रकारी में गुलाबी रंग का कुछ ज्यादा ही उपयोग किया गया है, और यही गुलाबी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है.

    Beautiful buildings

    नासिर अल मुल्क मस्जिद ईरान के शिराज प्रांत में है। इस मस्जिद का निर्माण ईरान के शासक ‘मिर्जा हसन अली नासिर अल मुल्क’ ने किया था। मिर्जा यहां के कजर वंश के राजा थे। यह मस्जिद सन् 1876 से 1888 के बीच में बनी थी। मस्जिद का डिज़ाइन मोहम्मद हसन-ए-मिमार और मोहम्मद रज़ा काशी ने बनाया था।

    Beautiful buildings

    गूगल मैप में देखें:

    फोटो साभार: http://www.amazingplaces.com/news/when-sunlight-hits-this-mosque-it-is-just-breathtaking.html, www.thegoldenscope.com

  • दुनिया के रहस्यमय स्थान जहां जाना खतरे से खाली नहीं

    दुनिया के रहस्यमय स्थान जहां जाना खतरे से खाली नहीं

    यह दुनिया अजीबोगरीब और रहस्यमय चीजों से भरी पड़ी है. इन रहस्यमयी चीजों की उत्सुकता हम सभी को होती है लेकिन इस दुनिया में बहुत से जगहें ऐसी हैं जो पढ़ने में रहस्य और रोमांच पैदा करती हैं लेकिन वहाँ जाने की हिम्मत किसी भी साधारण व्यक्ति की नहीं पड़ेगी. 

    इनमे से कुछ जगह तो प्राकृतिक रूप से रहस्य्मयी हैं जहां जाना खतरे से खाली नहीं है, और कुछ जगहें सरकार या प्रोटोकॉल ने प्रतिबंधित कर रखी हैं और वहाँ जाना अपनी मौत को दावत देने का बराबर है. इनमे से कई के बारे में हम हॉलीवुड फिल्मों में देख भी चुके होंगे. आइये देखते है दुनिया के 10 रहस्यमयी स्थान जहां जाने के बारे में सोचना भी मना है.

     

    1. फोर्ट नॉक्स (Fort Knox Bullion Depository):


    केंटकी स्थित फोर्ट नॉक्स अमेरिका की एक सैनिक पोस्ट है. यहीं पर स्थित है बुलियन डिपॉजिटरी, जहां पर अमेरिका का सारा सरकारी खजाना सोने के रूप में रखा हुआ है. इतने बड़े सोने के समुद्र को देखने की हम सभी की इच्छा होती है लेकिन यहां तक जाना नामुमकिन ही नहीं बल्कि असम्भव भी है.

    इतना सोना एक जगह हो और लुटेरों की नजर न पड़े, ये हो ही नहीं सकता है. लेकिन यहां की सुरक्षा भी अद्भुत है. मुख्य इमारत की  4 फुट मोटी ग्रेनाइट से बनी दीवारें, परमाणु बम का हमला भी झेल सकती हैं. 22 टन के दरवाजे से अगर अंदर भी घुस गए तो वॉल्ट तक पहुंचना असम्भव है क्यूंकि यहां पर एक इंच भी जगह ऐसी नहीं है कैमरे में कैद न होती हो.

     

    जमीन के अंदर से भी आप इसमें नहीं घुस सकते हैं क्यूंकि जमीन के अंदर भी यह उतनी ही मजबूत है जितनी की बाहर.

     

    बाहरी बाउंड्री जो सड़क के किनारे है वहाँ पर मोशन सेंसर लगे हैं जबकि दूसरी बाउंड्री जो अंदर है उसमे बिजली का करंट दौड़ता है.

     

    इसके अलावा और भी कई सुरक्षा व्यवस्थाएं हों यहां पर जिन्हे तोडना असम्भव है. अगर आप मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की फिल्में देख कर ये सोचते हो की ये असम्भव भी नहीं है तो आपको बता दे अगर मानवीय सुरक्षा के अलावा ऑटोमेटिक सुरक्षा प्रणाली भी है यहां पर जो किसी भी परिस्थित से निपटने में सक्षम है.

    फोटो साभार: https://en.wikipedia.org/wiki/United_States_Bullion_Depository

     

    1. एरिया  51(Area 51):

    एरिया 51 पर बहुत साड़ी हॉलीवुड फिल्में बन चुकी हैं, जिन्हें देखने के बाद हर किसी के मन में एक बार तो एरिया 51 देखने का मन होता है. जैसा की सरकार कहती है की दक्षिणी नवादा स्थित एरिया 51 में एयरक्राफ्ट और हथियारों का परीक्षण होता है, जबकि लोगों को लगता है की वहाँ अंतरिक्षयात्री और उड़नतश्तरियां पर भी परीक्षण होते हैं. अब जो भी हो वहाँ जाने की अनुमति किसी को भी नहीं है. इसीलिए एरिया 51 आज भी एक बहुत बड़ा रहस्य है.

    फोटो साभार: http://www.techtimes.com/articles/19013/20141030/former-area-51-scientist-claims-aliens-ufos-exist-shows-pictures-as-proof-video.htm

     

    1. नाग द्वीप(Snake Island):

    पृथ्वी पर सबसे खतरनाक द्वीप के रूप में नाग द्वीप प्रसिध्द है. यह जगह इतनी विषैली है कि आप यहां भूल कर भी जाना पसंद नहीं करेंगे. यह नाग द्वीप ब्राजील में साओ पाओलो के तट से लगभग 20 मील कि दूरी पर है. इस दववेप पर दुनिया के सबसे विषैले सांप पाये जाते हैं. इस द्वीप को जनता के लिए बंद कर दिया गया है क्यूंकि यहां पर संरक्षित साँपों की कई जातियां बचा कर रखी गयी हैं.

    फोटो साभार: http://cobras.org/snake-island/

     

    1. वेटिकन गुप्त अभिलेखागार(Vatican Secret Archives):

    वेटिकन के ऊपर हम सभी ने कई फिल्में देखी होंगी. वहाँ कि इमारत और पुस्तकालय में काफी रहस्य छुपे हैं. वेटिकन सिटी का अभिलेखागार बहुत ही गुप्त है, आठवीं सदी के बहुत से दस्तावेज यहां पर जमा हैं, इनमे मैकलांगलो और मैरी क्वीन के पत्र तथा राजा हेनरी अष्टम के पत्र शामिल हैं.

    यह अभिलेखागार सन 1881 तक बाहरी व्यक्तियों के लिए पूरी तरह बंद रहा जोकि बाद में रिसर्च और छात्रों के खोल दिया गया.

    फोटो साभार: http://www.thehistoryblog.com/archives/11895

     

    1. मजहगोरए (Mezhgorye):

    यह पूरा का पूरा क़स्बा ही अजीब रहस्यमयी है. यह बश्कोर्तोस्तान गणराज्य, रूस में स्थित है. गुप्त सूत्रों के अनुसार यहां पर रूस या तो कोई न्यूक्लियर योजना चला रहा है या फिर कोई युद्ध बनकर बनाया है, या फिर हो सकता है की यहां पर रूस का खजाना हो.

    फोटो साभार: https://en.wikipedia.org/wiki/Mezhgorye,_Republic_of_Bashkortostan

     

    1. वूमेरा (Woomera):

    वूमेरा क्षेत्र एक ऑस्ट्रेलियाई सैन्य परीक्षण रेंज है जो 122,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां की मिटटी में भारी मात्र में सोना, लौह अयस्क और ओपल का भण्डार है. इसके अलावा यह युद्ध सामग्री का एक बड़ा भण्डार है. यह जगह लगभग इंग्लैण्ड के बराबर है.

    फोटो साभार: http://www.davidreneke.com/australias-first-national-space-security-policy/

     

    1. जिआंग्सू राष्ट्रीय सुरक्षा शिक्षा संग्रहालय (Jiangsu National Security Education Museum):

    यह संग्रहालय देखकर आपको जेम्स बांड की जासूसी फिल्में याद आ जाएँगी. अगर आप कभी इस संग्रहालय में जा सके तो आप बहुत सारे जासूसी गैजेट्स जैसे लिपस्टिक गन, नक़्शे, आदि देख पाएंगे जो युद्धों में काम आते हैं. लेकिन यहां जाने के लिए सिर्फ चीनी व्यक्तियों को अनुमति है और किसी भी विदेशी के लिए यह संग्रहालय बंद है.

    Dangerous Places to Go

    फोटो साभार: http://www.scoopwhoop.com/inothernews/places-you-cannot-go-to/

     

    1. उत्तर प्रहरी द्वीप (North Sentinel Island):

    यह हरा भरा द्वीप भारत में अंडमान द्वीप के पास स्थित है. अब आप सोच रहे होगे कि इस द्वीप में जाने में खतरनाक क्या है. वो है यहां रहने वाली जनजाति जिसमे अब सिर्फ कुछ गिने चुने (लगभग 50 से 400) लोग ही बचे हैं. ये लोग अपने द्वीप पर किसी और को देखना पसंद नहीं करते हैं और अपनी व अपनी संस्कृति को बचाने के लिए किसी कि भी जान ले लेते हैं. ये बाकी दीं दुनिया से अभी तक अंजान हैं और तकनीक से ये कोसों दूर है. यही कारण है कि यहां की जनजाति को दुनिया कि सबसे खतरनाक जनजाति माना गया है. अभी तक हम सब समझते थे कि अफ्रीका के जंगलों में रहने वाली जनजातियां ही खतरनाक होती हैं लेकिन ये तो उनसे भी ज्यादा खतरनाक हैं.

    फोटो साभार: http://www.nicenfunny.com/2010/12/most-backward-tribes-in-todays-world.html
    साभार: http://www.triphobo.com/blog/places-that-you-cannot-visit-in-the-world

  • क्या आपने भारत की आखिरी चाय की दूकान देखी है?

    क्या आपने भारत की आखिरी चाय की दूकान देखी है?

    उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत की सीमा से लगभग 24 किलोमीटर दूर एक गांव में भारत की अंतिम चाय की दूकान है. दरअसल यह गाँव ही भारत का अंतिम गाँव है. या यूँ कहें उधर से आने वालों के लिए यह भारत का पहला गाँव है और चाय की यह पहली दूकान है.

    Last Tea Shop of India

    देश के अंतिम गांव का असली नाम ‘माणा’ है जो बद्रीनाथ धाम से 3 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है.

    Last Tea Shop of India

    इस अंतिम चाय की दुकान के पास ही वेदव्यास की गुफाएं है। कहते हैं कि इन्हीं गुफाओं में वेदव्यास ने महाकाव्य ‘महाभारत’ रचा था।

    Last Tea Shop of India

    इस दुकान का नाम यहां भारत की 10 भाषाओं में लिखा है ताकि यहां से गुजरने वाले ज्यादातर लोग इस दुकान को पहचान सकें.

    Last Tea Shop of India

    लो जी , भारत की सबसे बड़ी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भी इस दुकान को देश की अंतिम चाय की दुकान होने का सर्टिफिकेट दे दिया है.

    Last Tea Shop of India

    तो एक फोटो तो जरूर बनता  है।

    Last Tea Shop of India
    Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/weird-world/at-tibet-border-you-will-find-indias-last-tea-shop/Indias-last-tea-shop/photomazaashow/51672636.cms

  • लाल किला – दिल्ली का मुख्य पर्यटन स्थल

    लाल किला – दिल्ली का मुख्य पर्यटन स्थल

    लाल किले का बारे में हम सबने सुना होगा, ये लाल रंग की विशाल ईमारत पुरानी दिल्ली में स्थित है जो युनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल है.

     

    लाल किला दिल्ली का मुख्य पर्यटन स्थल है, और देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को यहीं से देश को सम्बोधित करते हैं.

    Red Fort Delhi - Travel Destination India

    लाल किला लाल पत्थरों द्वारा निर्मित है, जो 2.42 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है.

     

    लाल किला मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा सन 1639 में बनवाया गया था. लाल किला दिल्ली में यमुना नदी के किनारे पर स्थित है, इसके चारो ओर गहरी खाई है जिसे यमुना के पानी से भरा जाता था.

    Red Fort Delhi - Travel Destination India

    कुछ इतिहासकार इसे लाल कोट कहते है और बताते हैं की इसे अंतिम क्षत्रिय राजा पृथ्वी राज चौहान ने बनवाया था.

     

    1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों ने लाल किले को सैनिक छावनी में तब्दील कर दिया था, और स्वतंत्रता के बाद भी 2003 तक लाल किले के कई भाग सेना के कब्जे में रहे थे.

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    लाल किले की वास्तुकला अपने आप में अनोखी है जो फ़ारसी, यूरोपीय एवं भारतीय वास्तुकला का सम्मिश्रण है.

     

    लाल किले में दो विशालकाय द्वार हैं जिन्हे दिल्ली गेट और लाहोर गेट के नाम से जाना जाता है.

    Red Fort Delhi - Travel Destination India

    संगीतकारों के लिए इसमें एक नक्कारखाना भी बना हुआ है.

     

    दीवान-ए-आम, जो आम लोगों से मुलाकात के लिए बनवाया गया था, इसमें एक सिंहासन का छज्जा है जो खुले मैदान की तरफ है.

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    मुमताज महल, जो की महिलाओं का कक्ष था, में अब संग्रहालय बना दिया गया है, रंग महल की नक्काशी देखने लायक है.

     

    खास महल खास लोगों के लिए बनाए गए थे जिसमे राजा का शयन कक्ष है.

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    दीवान-ए-खास, राजा के मंत्रिमंडल एवं निजी सभाओं के लिए है. इसकी वास्तुकला देखने लायक है, इसमें खम्भों पर पेट्रा ड्यूरा का बहुत सुन्दर काम किया गया है. यहीं पर विख्यात मयूर सिंहासन स्थित था जिसे लुटेरा नादिरशाह लूट कर ईरान ले गया था.

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    रंगीन पत्थरों से जड़ित, संगमरमर का बना हुआ राजसी स्नानागार जिसे हमाम कहा जाता था, देख सकते हैं.

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    मोती मस्जिद को औरंगजेब ने 1659 में अपनी निजी मस्जिद के रूप में बनवाया था.

     

    हयात बख्श बाग, बहुत ही सुन्दर उद्यान, जिसे हिंदी में जीवनदायी बगीचा भी कह सकते हैं.

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    लाल किले के अंदर ही स्वतंत्रता संग्राम और वॉर मेमोरियल म्यूजियम हैं जिनमे आप भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जुडी वस्तुएं देख सकते हैं.

     

    लाल किला में सोमवार को छोड़कर किसी भी दिन सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक जा सकते हैं. सोमवार को दिल्ली के अनेक पर्यटन स्थलों की तरह लाल किला भी बंद रहता है.

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    लाल किला नेताजी सुभाष मार्ग पर स्थित है, यहां आप बस, या रेल द्वारा पुरानी दिल्ली स्टेशन या फिर मेट्रो द्वारा चांदनी चौक स्टेशन से भी पहुँच सकते हैं.

     

    भारतियों के टिकट केवल 35 रुपये की है जबकि विदेशियों के लिए 500 रुपये की. फोटो खींचने की कोई पाबंदी नहीं है जबकि वीडियो बनाने के लिए 25 रुपये शुल्क है.

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    शाम को 6 बजे के बाद “संगीत एवं लाइट शो” होता है जिसका शुल्क अलग से वयस्कों के लिए 80 रुपये और बच्चों के लिए 30 रुपये है.
    दिल्ली के बारे में और जानकारी यहां से प्राप्त करे: http://www.delhitourism.gov.in/delhitourism/tourist_place/red_fort.jsp