Author: Surendra Rajput

  • किसान आंदोलन : कड़कड़ाती ठण्ड, दसवां दिन, चार वार्ता फेल, अन्नदाता दिल्ली की सीमा पर अब भी जमे

    किसान आंदोलन : कड़कड़ाती ठण्ड, दसवां दिन, चार वार्ता फेल, अन्नदाता दिल्ली की सीमा पर अब भी जमे

    नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) तेज ठंड के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान शनिवार को लगातार दसवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं। वहीं, इन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ किसानों के प्रतिनिधि पांचवे दौर की वार्ता के लिए सरकार से मिलने वाले हैं।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    उत्तर प्रदेश और हरियाणा से दिल्ली को जोड़ने वाले रास्तों को पहले ही बाधित कर चुके आंदोलनकारी किसानों ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि अगर सरकार उनकी मांगें स्वीकार नहीं करती है तो वे दूसरी सड़कों को भी बाधित करेंगे। उन्होंने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान भी किया है।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    सरकार के साथ शनिवार दोपहर होने वाली बातचीत से पहले 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि अपनी रणनीति पर चर्चा करेंगे।

    किसान संगठनों ने शनिवार को सरकार और कारपोरेट घरानों के खिलाफ प्रदर्शन करने और पुतला दहन का आह्वान किया है।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    नए कृषि कानूनों (Agriculture Ordinance Bill 2020) को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सरकार और आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच बृहस्पतिवार को चौथे दौर की वार्ता बेनतीजा रही।

    वहीं, किसानों ने दिल्ली में दाखिल होने के लिए अहम टिकरी (Tikri Border), सिंघु (Singhu Border), झरोड़ा (Jharoda Border), गाजीपुर (Ghazipur Boredr) और चिल्ला बॉर्डर (Chilla Border) को बाधित कर दिया है जिसकी वजह से यातायात प्रभावित हुआ है।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    पुलिस ने इन बॉर्डर (Delhi Borders)पर यातायात का मार्ग परिवर्तित (Route Diversion at Delhi Borders) किया है। इसकी वजह से वैकल्पिक मार्गों पर ट्रैफिक जाम लग गया है।

    पुलिस ने लगातर दसवें दिन चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली-हरियाणा सीमा (Delhi-Haryana Border) के सिंघु, टिकरी, झारोडा, झाटीकड़ा, औचंदी, लामपुर, पियाओ, मनियारी और मंगेश सीमा को बंद कर दिया है।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    यात्री दरौला, कापसहेड़ा, रजोकरी राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडाहेड़ा सीमा के रास्ते हरियाणा जा सकते हैं।

    पुलिस ने बताया कि केवल दुपहिया और हल्के वाहनों के लिए बड़ूसराय बॉर्डर खुला है।

    Farmers Protest - Kisan Andolan
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    Farmers Protest - Kisan Andolan

     

    Farmers Protest - Kisan Andolan

    डिसक्लेमर: टाइटल और फोटो को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में

    नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) दिल्ली में वायु गुणवत्ता मंगलवार को भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रही और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण इस हफ्ते वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है।

    मंगलवार सुबह नौ बजे तक शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 346 था। सोमवार को 24 घंटे का औसत सूचकांक 318 जबकि रविवार को यह 268 था।

    शून्य से 50 के बीच एक्यूआई ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच एक्यूआई ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच एक्यूआई ‘सामान्य’ 201 और 300 के बीच एक्यूआई ‘खराब’, 301 और 400 के बीच एक्यूआई ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ की श्रेणी में आता है।

    भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम आठ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

    Delhi Air Pollution

    मौसम विभाग ने बताया कि मंगलवार को न्यूनतम तापमान 8.1 डिग्री सेल्सियस रहा और अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना है।

    ठंडी हवाओं और कम तापमान के कारण प्रदूषक कण धरातल के निकट बने रहते हैं जबकि अनुकूल तेज हवाएं इन्हें छितरा कर अपने साथ उड़ा ले जाती हैं।

    केंद्र सरकार की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने बताया कि प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की श्रेणी में बने रहने की आशंका है और चार दिसंबर से सात दिसंबर के बीच इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने का अनुमान है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.
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  • पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान कैबिनेट ने बलात्कारियों को नपुंसक करने को मंजूरी दी

    पाकिस्तान की कैबिनेट ने शुक्रवार को बलात्कार विरोधी दो अध्यादेशों को मंजूरी दे दी है जिसमें दोषी की सहमति से बलात्कारियों को रासायनिक रूप से बधिया करने और बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन को मंजूरी दी गयी है। एक मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

    रासायनिक बधिया या केमिकल कास्ट्रेशन एक रासायनिक प्रक्रिया है जिससे व्यक्ति के शरीर में रसायनों की मदद से एक निश्चित अवधि या हमेशा के लिए यौन उत्तेजना कम या खत्म की जा सकती है।

    डॉन न्यूज की खबर के मुताबिक, बृहस्पतिवार को संघीय कानून मंत्री फारूक नसीम की अध्यक्षता में विधि मामलों पर कैबिनेट समिति की बैठक में बलात्कार विरोधी (जांच और सुनवाई) अध्यादेश 2020 और आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी गई। मंगलवार को संघीय कैबिनेट ने अध्यादेशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी थी।

    पहली बार अपराध करने वाले या अपराध दोहराने वाले अपराधियों के लिए रासायनिक बधियाकरण को पुनर्वास के उपाय के तरह माना जाएगा और इसके लिए दोषी की सहमति ली जाएगी।

    कानून मंत्री नसीम के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बधिया करने से पहले दोषी की सहमति लेना अनिवार्य है।

    उन्होंने कहा कि यदि सहमति लिए बिना रासायनिक बधियाकरण का आदेश दिया जाता है तो दोषी आदेश को अदालत के समक्ष चुनौती दे सकता है।

    मंत्री ने कहा कि अगर कोई दोषी बधिया करने के लिए सहमत नहीं होगा तो उस पर पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) के अनुसार कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत अदालत उसे मौत की सजा, आजीवन कारावास या 25 साल की जेल की सजा दे सकती है।

    उन्होंने कहा कि सजा का फैसला अदालत पर निर्भर करता है। न्यायाधीश रासायनिक बधियाकरण या पीपीसी के तहत सजा का आदेश दे सकते हैं।

    नसीम ने कहा कि अदालत सीमित अवधि या जीवनकाल के लिए बधिया का आदेश दे सकती है ।

    अध्यादेशों में बलात्कार के मामलों में सुनवाई कराने के लिए विशेष अदालतों के गठन का भी प्रावधान है। विशेष अदालतों के लिए विशेष अभियोजकों की भी नियुक्ति की जाएगी।

    प्रस्तावित कानूनों के अनुसार, एक आयुक्त या उपायुक्त की अध्यक्षता में बलात्कार विरोधी प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा ताकि प्राथमिकी, चिकित्सा जांच और फोरेंसिक जांच का शीघ्र पंजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।

    इसमें आरोपी द्वारा बलात्कार पीड़ित से जिरह पर भी रोक लगा दी गई है। केवल जज और आरोपी के वकील ही पीड़ित से जिरह कर सकेंगे।

    डिसक्लेमर: टाइटल को छोड़कर यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

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  • अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका के उटाह रेगिस्तान में मिला रहस्यमयी 13 फीट का खंभा, सोशल मीडिया पर वायरल

    अमेरिका में रहस्यमयी धातु का ओबिलिस्क यानि खंभा मिलने की खबर सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार यह पत्थर पश्चिमी अमेरिका के रेगिस्तान में दफनाया मिला है। रहस्यमयी खंभे के मिलने के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह पत्थर चमकीला और त्रिभुजाकार में है, जिसकी लंबाई तकरीबन 13 फीट है। पिछले बुधवार को ही यह पत्थर चर्चा का केंद्र बना है। लोगों क मानना है कि यह एलियंस या यूएफओ का हो सकता है। इस खंभे की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

    12 फीट दूर सूनसान जगह पर गड़ा खंभा
    यह खंभा दक्षिणी उटाह की लाल चट्टानों से तकरीबन 12 फीट की दूरी पर सूनसान जगह पर देखा गया है, जिसकी पुष्टि स्थानीय अधिकारियों ने की है। जांच के बाद सार्वजनिक सुरक्षा दल की टीम का कहना है कि उन्हें एक धातु का मोनोलिथ मिला है, लेकिन इस बात के स्पष्ट संदेश नहीं मिले हैं कि इसे यहां किसने रखा है। सोमवार को एजेंसी की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा गया है कि इस तरह से सार्वजनिक जगह पर इस तरह की संरचना को रखना या स्थापित करना अवैध है। इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता है कि यह किसने रखा फिर चाहे वह किसी भी ग्रह से हो।

    सोशल मीडिया पर वायरल
    एक इंस्टाग्राम यूजर ने इस मोनोलिथ का मजाक उड़ाते हुए लिखा है कि यह वर्ष 2020 का रिसेट बटन है, जल्दी से कोई इसे दबा दे। जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह कोरोना की वैक्सीन है, जोकि इसके अंदर है। अधिकारियों ने उस जगह की जानकारी देने से इनकार कर दिया है कि यह पत्थर कहां से मिला है, दरअसल अधिकारियों को डर है कि अगर जगह की जानकारी दी जाती है तो लोगों की भीड़ इकट्ठा हो सकती है।

    कई तरह के कयास वहीं इस रहस्यमयी खंभे के बारे में कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि संभव है कि यह पत्थर जानेमाने कलाकार मैकक्रैकेन का हो। लेकिन मंगलवार को एक बयान जारी करके स्थानीय अधिकारियों की टीम ने इससे इनकार किया है। हालांकि उनका कहना है कि संभव है कि यह उनके किसी साथी कलाकार का हो जिसने उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बनाया हो।

    Source: hindi.oneindia.com

  • आँखों को स्वस्थ रखना है तो क्या खाएं

    आँखों को स्वस्थ रखना है तो क्या खाएं

    आज हमने श्रेया आई सेंटर (Shreya Eye Centre) के डायरेक्टर और सीनियर आई सर्जन (Eye Surgeon) डॉ. राकेश गुप्ता (Dr. Rakesh Gupta) से आखों को स्वस्थ रखने के सम्बन्ध में बात की. उनके बताये हुए टिप्स (Eye Care Tips) से आपकी आंखें स्वस्थ रहेंगी. बस आदतें और अपने खान-पान में थोड़ा सा बदलाव लाने की जरूरत है.

    Smoking

    अपनी आदतों में थोड़ा सुधार लाएं:

    • धूम्रपान बंद करें (Quit Smoking): धूम्रपान सिर्फ आपके आँखों के लिए ही नहीं बल्कि शरीर के लिए भी घातक है, इसलिए धूम्रपान को तुरंत ना कहें.
    • सनग्लासेस: सनग्लासेस आजकल फैशन ट्रेंड्स में शामिल हैं. अतः धूप में निकलते समय अच्छे UV – प्रोटेक्शन वाले चश्मे पहनकर निकलें जो अल्ट्रावॉयलेट किरणों से आपकी आँखों को सुरक्षा प्रदान करेंगे.
    • 20:20 नियम को नियमित करें (20:20 Rule): अगर आप अपना बहुत समय कम्प्यूटर या मोबाइल के सामने व्यतीत करते हैं तो आपको आँखों में दर्द और भारीपन की समस्या आ सकती है. इसलिए जब आप कम्प्यूटर पर काम कर रहे हों तो हर 20 मिनट के बाद 20 सेकेण्ड के लिए कम्प्यूटर स्क्रीन छोड़कर दूर किसी चीज पर अपनी आँखों को फोकस करें. इससे आपकी आँखों को थोड़ा आराम मिलेगा.
    • वजन कंट्रोल में रखें (Weight Control): आपके गलत लाइफस्टाइल की वजह से आपका वजन बढ़ सकता है जो आपको मधुमेह (डाइबिटीज) का रोगी बना सकता है. और मधुमेह की वजह से आपकी आँखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे आपकी आँखों की रौशनी कम हो सकती है.

    Fish for Healthy Eyes

    खान – पान में थोड़ा सुधार लाएं:

    आपका खान-पान सिर्फ आपके शरीर को ही नहीं बल्कि आँखों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालता है. इसलिए विटामिन A , C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना खाएं जो आपकी आँखों की रौशनी को सही रखता है. आइये देखते हैं की आपको किस तरह का और क्या क्या खाना चाहिए-

    • मछली (Fish): ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) का अच्छा सोर्स है जो आपकी आँखों की रौशनी बढ़ने के लिए बहुत ही जरूरी है. सालमोन, टूना, ट्राउट और सार्डिनेस मछलियों में ओमेगा-३ अच्छी मात्रा में पाया जाता है. वैज्ञानिकों ने साबित किया है की मछली का तेल मोतियाबिंद और मैकुलर डिजनरेशन को ठीक कर सकता है. लेकिन अगर आप शाकाहारी हैं तो आपको ओमेगा-3 के सप्लीमेंट्स लेना चाहिए.
    • हरी पत्तेदार सब्जियां (Green Vegetables): ये नुट्रिएंट्स का अच्छा सोर्स हैं जो आँखों के लिए काफी लाभप्रद है.पत्ता-गोभी, पालक के आलावा अवोकाडो, मटर, ब्रोकोली भी एंटी-ऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं.

    Food for Healthy Eyes

    • आंवला: इसमें मौजूद तत्व आंखों की रोशनी को बरकरार रखने में मददगार होते हैं. कच्चे आंवले को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है या फिर सुबह खाली पेट आंवले का रस पीना या फिर आंवले का मुरब्बा खाना भी फायदेमंद हो सकता है.
    • जामुन: जामुन भी विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.
    • इलायची: इसके नियमित सेवन से आंखों को ठंडक मिलती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है. इलायची और सौंफ का पाउडर ठंडे दूध में मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है.
    • डेयरी प्रोडक्ट्स: दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों में विटामिन ए और जिंक पाया जाता है, जो आपको कमजोर नजर और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों से बचाने में मदद करता है इसलिए इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।
    • बादाम: आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रात को पानी में बादाम भिगोकर सुबह खाएं। इससे आंखों की रोशनी अच्छी हो जाती है और याददाश्त भी बढ़ती है। बादाम में सौंफ और मिश्री को पीसकर भी खा सकते हैं।

    Nuts for Healthy Eyes

    • शकरकंद और खट्टे फल: विटामिन C और E आपकी आँखों के लिए बहुत ही जरूरी हैं.अतः अपने खाने में शकरकंद, संतरे, मौसमी इत्यादि को जरूर खाएं.
    • अंडा: अंडे ज़िंक, विटामिन C और E का अच्छा सोर्स हैं और आँखों के लिए बहुत ही हेल्दी होते हैं.
    • गाजर: गाजर में विटामिन A भरपूर मात्रा में पाया जाता है. गाजर को कच्चा या सलाद के साथ खा सकते हैं.
    • शिमला मिर्च: विटामिन C से भरपूर आपकी आँखों में रक्त संचार को सही रखता है.
    • बीज और ड्राई फ्रूट्स: विटामिन E से भरपूर बीज और सूखे मेवे मैकुलर-डिजनरेशन (Macular Degeneration) और कैटरैक्ट (Cataract) को रोकने में मदद करते हैं.
    • साबुत अनाज: ब्राउन राइस और साबुत गेंहूं ज़िंक और विटामिन E से भरपूर होते हैं जो आँखों के लिए बेहद लाभप्रद हैं.

    अपने खाने में थोड़ा सा सुधार करके आप अपनी आखों को अच्छी रोशनी प्रदान कर सकते हैं. साथ ही आपको समय-समय पर अपनी आँखों का चेक-अप (Eye Checkup) कराते रहना चाहिए ताकि उम्र बढ़ने पर आखों की रौशनी सही सलामत रहे.

    अगर आपको आँखों से सम्बंधित कोई समस्या (Eye Problems) है तो इस लिंक पर क्लिक करके आप अपने फ़ोन नंबर के साथ समस्या बताएं. श्रेया आई सेंटर के स्पेसलिस्ट (Eye Specialists) आपकी समस्यांओ का अवश्य निदान करेंगे.

  • किसानों को झटका – फसल, ट्रैक्टर ऋण पर अनुग्रह राहत भुगतान योजना का लाभ नहीं मिलेगा

    किसानों को झटका – फसल, ट्रैक्टर ऋण पर अनुग्रह राहत भुगतान योजना का लाभ नहीं मिलेगा

    नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित ऋण के लिए चक्रवृद्धि ब्याज यानी ब्याज-पर-ब्याज माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

    वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को ‘चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान से संबंधित ‘अनुग्रह राहत भुगतान योजना’ पर अतिरिक्त एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले सवाल) जारी किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि कर्जदारों को 29 फरवरी तक क्रेडिट कार्ड पर बकाये के लिए भी इस योजना का लाभ मिलेगा।

    एफएक्यू में कहा गया है कि इस राहत के लिए बेंचमार्क दर अनुबंध की दर होगी, जिसका इस्तेमाल क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता द्वारा ईएमआई ऋणों कें लिए किया जाता है।

    वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि इस योजना के तहत कुल आठ क्षेत्र आते हैं। फसल और ट्रैक्टर ऋण कृषि और संबद्ध गतिविधियों के तहत आता है जो इस योजना में शामिल नहीं है।

    भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी कर्जदाता संस्थानों से मंगलवार को कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिये हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें।

    इस योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज के ऊपर लगने वाला ब्याज एक मार्च, 2020 से छह महीने के लिये माफ किया जायेगा।

    सरकार ने पिछले शुक्रवार को पात्र ऋण खातों के लिये चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के भुगतान को लेकर छह माह के लिए अनुग्रह या अनुदान की घोषणा की थी। सरकार ने सभी बैंकों को पांच नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने के लिये कहा था।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कर्जदारों को तोहफा: किस्त भुगतान से राहत नहीं चुनने वालों को भी दो करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज लाभ

    कर्जदारों को तोहफा: किस्त भुगतान से राहत नहीं चुनने वालों को भी दो करोड़ तक के कर्ज पर ब्याज लाभ

    नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) केंद्र सरकार ने कर्जदारों को बड़ी राहत दी है। उन्हें एक तरह से दिवाली का उपहार तोहफा देते हुए उनके दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज-राहत देने की शुक्रवार को देर रात घोषणा की। यह राहत इस सीमा के तहत आने वाले सभी कर्जदारों को मिलेगा, चाहे उन्होंने किस्त भुगतान से छह महीने की मोहलत (मोरेटोरियम) का विकल्प चुना हो या नहीं।

    उच्चतम न्यायालय द्वारा ब्याज राहत लागू करने का निर्देश दिये जाने के बाद वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने इस योजना को लागू करने संबंधी दिशानिर्देश जारी किए।

    इस निर्णय से सरकारी खजाने पर 6,500 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है।

    शीर्ष अदालत ने 14 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के मद्देनजर रिजर्व बैंक की किस्तों के भुगतान से छूट की योजना के तहत दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने के बारे में यथाशीघ्र निर्णय ले।

    न्यायालय ने कहा था कि आम लोगों की दिवाली अब सरकार के हाथों में है।

    मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार विनिर्दिष्ट ऋण खातों पर एक मार्च से 31 अगस्त 2020 की अवधि के लिये ब्याज राहत का लाभ दिया जाएगा। इसमें कहा गया, ‘‘जिन कर्जदारों के ऋण खाते की मंजूर सीमा या कुल बकाया राशि 29 फरवरी तक दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं थी, वे इस योजना के लाभ के पात्र होंगे।’’

    दिशानिर्देश की शर्तों के अनुसार, 29 फरवरी तक इन खातों का मानक होना अनिवार्य है। मानक खाता उन खाताओं को कहा जाता है, जिन्हें गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) नहीं घोषित किया गया हो।

    इस योजना के तहत आवास ऋण, शिक्षा ऋण, क्रेडिट कार्ड का बकाया, वाहन ऋण, एमएसएमई ऋण, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद ऋण और उपभोग ऋण लेने वाले कर्जदारों को लाभ मिलेगा।

    योजना के तहत, कर्ज देने वाले संस्थानों को योजना की अवधि के लिये पात्र कर्जदारों के संबंधित खातों में संचयी ब्याज व साधारण ब्याज के अंतर की राशि जमा करनी होगी। योजना में कहा गया है कि कर्जदार ने रिजर्व बैंक के द्वारा 27 मार्च 2020 को घोषित किस्त भुगतान से छूट योजना का पूर्णत: या अंशत: लाभ ल्रने का विकल्प चुना हो यह नहीं, उसे ब्याज राहत का पात्र माना जायेगा।

    कर्ज राहत योजना का लाभ उन कर्जधारकों को भी मिलेगा, जो नियमित किस्तों का भुगतान करते रहे।

    कर्ज देने वाले संस्थान इस योजना में दी गयी छूट के तहत संबंधित कर्जधारक के खाते में अपनी ओर से धन जमा करने के बाद केंद्र सरकार से उसके बराबर की राशि पाने के लिये दावा करेंगे।

    उच्चतम न्यायालय ने 14 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, वह इस बारे में चिंतित है कि कर्जदारों को ब्याज राहत का लाभ किस तरह से दिया जाये। उच्चतम न्यायालय ने तब कहा था कि केंद्र सरकार ने आम लोगों की बदहाल स्थिति का संज्ञान लेते हुए अच्छा निर्णय लिया है। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि अब तक इस संबंध में कोई आदेश नहीं जारी किया गया है।

    न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था, ‘‘कुछ ठोस किये जाने की जरूरत है। जितना जल्दी संभव हो सके, दो करोड़ रुपये तक के कर्जदारों को ब्याज से राहत देने की योजना का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये।’’

    उच्चतम न्यायालय ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख दो नवंबर तय करते हुए बैंकों तथा केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे वकीलों से कहा था, ‘लोगों की दिवाली अब आपके हाथों में है।’

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा – पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान का लोकार्पण: लखनऊ

    सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान का लोकार्पण: लखनऊ

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य की राजधानी लखनऊ में एक सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान और दो पुलों का लोकार्पण किया।

    राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि डिजिटल माध्यम से हुए इस लोकार्पण कार्यक्रम में लखनऊ से सांसद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली से और मुख्यमंत्री योगी लखनऊ से जुड़े।

    मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि कोविड—19 महामारी काल का सबसे बड़ा सबक यह है कि हमें अपने यहां स्वास्थ्य सुविधाओं में बहुत सुधार लाना होगा।

    उन्होंने कहा कि टाटा ट्रस्ट की मदद से लखनऊ में स्थापित इस कैंसर संस्थान से राज्य में कैंसर के मरीजों को सर्वश्रेष्ठ सुविधा मिलेगी। शुरुआत में इसमें 54 बिस्तर होंगे, जिन्हें बढ़ाकर पहले 750 और फिर 1,250 किया जाएगा।

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के सर्वांगीण विकास के लिये मुख्यमंत्री योगी द्वारा उठाये जा रहे कदमों की सराहना की।

    केन्द्र की तरफ से हर सम्भव मदद का आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि लखनऊ को एक महानगर बनाने के लिये मूलभूत ढांचा विकसित करने की सख्त जरूरत है।

    इस मौके पर हुसैनगंज—डीएवी कॉलेज—राजेन्द्र नगर मार्ग और हैदरगंज—मीना बेकरी राजाजीपुरम में दो पुलों का भी लोकार्पण किया गया।

    कैंसर संस्थान का निर्माण 77 एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 810 करोड़ रुपये है। इस संस्थान की नींव पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रखी थी।

    Source: PTI – Bhasha

  • देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    देश में साइकिलों की रिकार्ड बिक्री, पसंदीदा साइकिल के लिए करना पड़ रहा है इंतजार

    दुनिया में साइकिल के प्रमुख बाजार भारत में पिछले पांच महीने में साइकिलों की बिक्री लगभग दोगुना हो गयी है और कई शहरों में लोगों को अपनी पसंद की साइकिल खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

    जानकारों के अनुसार देश में पहली बार लोगों का साइकिल को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है और इसकी एक बड़ी वजह कोरोना महामारी के बाद लोगों का अपनी सेहत को लेकर सजग होना भी है।

    एक अनुमान के अनुसार भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा साइकिल विनिर्माता देश है।

    साइकिल विनिर्माताओं के राष्ट्रीय संगठन एआईसीएमए के अनुसार मई से सितंबर 2020 तक पांच महीनों में देश में कुल 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    आल इंडिया साइकिल मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन (एआईसीएमए) के महासचिव केबी ठाकुर कहते हैं कि साइकिलों की मांग में बढोतरी अभूतपूर्व है। शायद इतिहास में पहली बार साइकिलों को लेकर ऐसा रुझान देखने को मिला है। उन्होंने बताया, ‘‘इन पांच महीनों में साइकिलों की बिक्री 100 प्रतिशत तक बढ़ी है। कई जगह लोगों को अपनी पंसद की साइकिल के लिए इंतजार करना पड़ रहा हैं, बुकिंग करवानी पड़ रही है।’’

    संगठन ने बताया कि आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद लॉकडाउन के कारण अप्रैल महीने में देश में एक भी साइकिल नहीं बिकी। मई महीने में यह आंकड़ा 4,56,818 रहा। जून में यह संख्या लगभग दोगुनी 8,51,060 हो गयी जबकि सितंबर में देश में एक महीने में 11,21,544 साइकिल बिकीं। बीते पांच महीने में कुल मिलाकर 41,80,945 साइकिल बिक चुकी हैं।

    ठाकुर कहते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण महामारी ने लोगों को अपनी सेहत व इम्युनिटी को लेकर तो सजग बनाया ही वह सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सचेत हुए हैं। ऐसे में साइकिल उनके लिए ‘एक पंथ कई काज’ साधने वाले विकल्प के रूप में सामने आई है।

    उन्होंने बताया कि अनलॉक के दौरान सड़कों पर वाहनों की संख्या व प्रदूषण में कमी के कारण भी लोग साइक्लिंग को लेकर प्रोत्साहित हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादा लोग पहली बार साइकिल खरीद रहे हैं।

    जयपुर में आनंद साइकिल स्टोर के गोकुल खत्री कहते हैं कि लॉकडाउन के बाद साइकिलों की बिक्री 15 से लेकर 50 प्रतिशत बढ़ी है। वे कहते हैं कि लोग जरूरी काम निपटाने के साथ साथ वर्जिश के लिहाज से भी साइकिल खरीद रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि यह सेहत ठीक रखने का यह सबसे सस्ता, सुंदर व टिकाउ जरिया है।

    मानसरोवर के एक अन्य दुकानदार के अनुसार इस समय सबसे अधिक बिक्री 10,000 रुपये या इससे आपपास मूल्य की ऐसी साइकिलों की है जिन्हें ‘रफ टफ’ इस्तेमाल किया जा सके।

    कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के चलते विनिर्माण को लेकर चुनौतियां भी आईं।

    एक प्रमुख साइकिल कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अनलॉक शुरू होते ही जहां साइकिलों की मांग में उछाल आया, वहीं मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन करना मुश्किल हो रहा था। हालांकि बीते पांच महीने में हमने हालात काबू में कर लिए हैं और अब उत्पादन सामान्य स्तर की ओर जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि कई जगह पर कुछ विशेष मॉडल की साइकिल अभी भी स्टॉक में नहीं हैं, खासतौर से गियर वाली साइकिलें। उन्होंने कहा कि यह कमी जल्द दूर हो जाएगी।

    डिस्क्लेमर– यह आर्टिकल PTI न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    कोरोना वायरस से उपचार के बाद ‘सुपरमैन’ की तरह महसूस कर रहा हूं: ट्रम्प

    अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह कोविड-19 से संक्रमित होने के उपरांत प्रयोगात्मक उपचार के बाद ‘‘सुपरमैन’’ (बहुत ताकतवर) की तरह महसूस कर रहे हैं और इस उपचार ने बीमारी के खिलाफ उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर दी है।

    अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 2,16,000 अमेरिकियों की मौत हो चुकी है।

    सुपरमैन एक काल्पनिक महानायक है।

    ट्रम्प एक अक्टूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और उन्हें तीन रात एवं चार दिन के लिए एक सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया था। ट्रम्प ने एक प्रयोगात्मक एंटीबॉडी दवा के मिश्रण से उपचार के बाद स्वयं को स्वस्थ घोषित किया था।

    व्हाइट हाउस के चिकित्सकों ने उन्हें चुनावी रैली में भाग लेने की अनुमति दे दी है।

    ट्रम्प ने पेन्सिलवेनिया में चुनावी रैली में मंगलवार को कहा, ‘‘मुझे यह पता है कि मैंने कुछ (दवा) ली, जिसके बाद मैं बहुत जल्द ठीक हो गया। मुझे नहीं पता कि यह क्या था। यह एंटीबॉडी दवा थी। मुझे नहीं पता। मैंने इन्हें लिया और मुझे सुपरमैन की तरह महसूस हो रहा है।’’

    राष्ट्रपति ने उनका उपचार करने वाले चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।

    ट्रम्प ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में कहा, ‘‘अब मुझमें रोग प्रतिरोधक क्षमता है। मैं नीचे आकर किसी को भी चूम सकता हूं।’’

    साभार: भाषा