Author: Surendra Rajput

  • UP Panchayat chunav 2021: पंचायत चुनाव में कितना कर सकेंगे खर्च? कितनी जमानत राशि, जानें हर डिटेल

    UP Panchayat chunav 2021: पंचायत चुनाव में कितना कर सकेंगे खर्च? कितनी जमानत राशि, जानें हर डिटेल

    उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (UP Panchayat Election 2021) की कवायद तेज हो गई है। प्रदेश में जिलेवार आरक्षण की लिस्ट ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर चस्पा की जा रही है। वहीं फाइनल लिस्ट 15 मार्च को जारी होगी। इसके बाद ही राज्य चुनाव आयोग त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।

    ऐसे में चुनाव की तैयारी में लगे भावी प्रधान समेत अन्य प्रत्याशी चुनाव खर्च का लेखा-जोखा जोड़ने में लगे हैं। चर्चा है कि ग्राम पंचायत सदस्य के चुनाव में 650 रुपये खर्च करने से लेकर 4500 रुपये प्रधान और दूसरे अन्य पदों के लिए खर्च करने पड़ सकते हैं। वहीं रिजर्व कटेगरी के प्रत्याशियों को इसमें भी फायदा मिलेगा।

    ग्राम पंचायत सदस्यके लिए इतना आएगा खर्च

    यूपी चुनाव आयोग के मुताबिक, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी को सबसे कम खर्च करना पड़ेगा। इस पद के लिए 150 रुपये नामांकन पत्र और 500 रुपये की जमानत राशि देनी होगी। ऐसे में ग्राम पंचायत सदस्य के भावी उम्मीदवार को कुल 650 रुपये जमा करना होगा। वहीं चुनाव जीतने के लिए प्रचार में अधिकतम 10,000 रुपये खर्च कर सकता है।

    प्रधान के लिए इतना आएगा खर्च

    प्रधान पद के प्रत्याशी को नामांकन पत्र के लिए 300 रुपये देना होगा। वहीं 2000 रुपये जमानत राशि अदा करनी होगी। चुनाव बाद जमानत जब्त न होने की स्थिति में वापस लिया जा सकता है। यानी प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले प्रत्याशी को 2300 रुपये का इंतजाम करना होगा। प्रधान को प्रचार अभियान में 75000 रुपये खर्च करना होगा।

    बीडीसी में लगेगी इतनी फीस

    क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी बीडीसी पद के लिए ग्राम प्रधान की तरह ही पैसे का इंतजाम करना होगा। बीडीसी के लिए 300 रुपये नामांकन और 2000 रुपये की जमानत राशि देनी होगी। यानी कुल 23 सौ रुपये बीडीसी लड़ने के लिए जमा करना होगा। वहीं बीडीसी प्रत्याशी को चुनाव जीतने और प्रचार के लिए 75000 रुपये खर्च करना होगा।

    जिला पंचायत के लिए इतनी फीस

    जिला पंचायत सदस्य को 500 रुपये का नामांकन पत्र खरीदना होगा। वहीं 4000 रुपये बतौर जमानत राशि देनी होगी। जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को कुल 4500 रुपये की व्यवस्था करनी होगी। हालांकि एसटी-एससी, पिछड़ा अथवा महिला वर्ग को फीस में राहत मिलेगी। चुनाव प्रचार के दौरान जिला पंचायत सदस्य अधिकतम डेढ़ लाख खर्च कर सकते हैं।

     

    ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनावी खर्च

    ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अधिकतम दो लाख रुपये खर्च कर सकते हैं वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पाने के लिए उम्मीदवार 4 लाख रुपये खर्च कर सकते हैं।

    आरक्षण लिस्ट जारी, ब्लॉक और जिला मुख्यालय पर चस्पा

    उत्तर प्रदेश शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की सूची मंगलवार को जारी कर दी। चुनाव को लेकर महिला, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित और अनारक्षित सीटों के आवंटन की सूची का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। मंगलवार को यह इंतजार खत्म हो गया। पंचायत चुनाव, जिला पंचायत सदस्यों, ब्लॉक प्रमुख और पंचायत सदस्यों के पद पर होने वाले चुनाव के लिए आरक्षण की लिस्ट जारी की गई है।

    देखें आरक्षण का ब्योरा

    ब्लॉक प्रमुख आरक्षण सूची 2021

    अनारक्षित: 314
    महिला: 113
    ओबीसी: 223
    एससी: 171
    एसटी: 05
    कुल: 826

    ग्राम प्रधान आरक्षण सूची 2021

    पद अनारक्षित: 20,368
    महिला: 9,739
    ओबीसी: 15,712
    एससी: 12,045
    एसटी: 330
    कुल: 58,194

    जिला पंचायत अध्यक्ष आरक्षण सूची 2021

    अनुसूचित जाति:

    कानपुर नगर , औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी , जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी , रायबरेली, मिर्जापुर जिला

    अनुसूचित जाति (स्त्री):

    शामली, बागपत , लखनऊ , कौशांबी , सीतापुर , हरदोई जिला

    अन्य पिछड़ा वर्ग (स्त्री):

    संभल, हापुड़, एटा , बरेली , कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं

    अन्य पिछड़ा वर्ग:

    आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत , बस्ती, संतकबीरनगर , चंदौली , सहारनपुर , मुजफ्फरनगर

    स्त्रियों के लिए आरक्षित:

    कासगंज , फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़ , कन्नौज, हमीरपुर , बहराइच, अमेठी , गाजीपुर , जौनपुर, सोनभद्र

    अनारक्षित:

    अलीगढ़ , हाथरस, आगरा , मथुरा , प्रयागराज , फतेहपुर, कानपुर देहात , गोरखपुर, देवरिया , महाराजगंज , गोंडा , बलरामपुर , श्रावस्ती , अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर , सिद्धार्थनगर , मुरादाबाद , बिजनौर , रामपुर, अमरोहा , मेरठ , बुलंदशहर , गाजियाबाद , गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही

    Source: Navbharat Times

  • दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई: दिल्ली पुलिस प्रमुख

    दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई: दिल्ली पुलिस प्रमुख

    पीटीआई-भाषा संवाददाता
    नयी दिल्ली, 16 फरवरी (भाषा) दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई है, जो ‘‘ 22 से 50 वर्ष की आयु के लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता।’’

    श्रीवास्तव ने पत्रकारों से कहा कि यह गलत है जब लोग कहते हैं कि 22 वर्षीय कार्यकर्ता की गिरफ्तारी में चूक हुई।

    दिशा रवि को तीन कृषि कानूनों से संबंधित, किसानों के विरोध प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था।

    पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने ‘टेलीग्राम ऐप’ के जरिए जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को यह ‘टूलकिट’ भेजी थी और इस पर कार्रवाई के लिए ‘‘उन्हे मनाया था।’’

    दिल्ली पुलिस के प्रमुख ने कहा, ‘‘ दिशा रवि की गिरफ्तारी कानून के अनुरूप की गई है, जो 22 से 50 वर्षीय की आयु के लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं करता।’’

    उन्होंने कहा कि दिशा रवि को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है और मामले की जांच जारी है।

    दिल्ली पुलिस ने सोमवार को आरोप लगाया था कि रवि और मुम्बई की वकील निकिता जैकब और पुणे के इंजीनियर शांतनु ने ‘टूलकिट’ तैयार की और दूसरों के साथ इसे साझा करके भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की।

    पुलिस ने दावा किया है कि रवि के ‘टेलीग्राम’ अकाउंट से डेटा भी हटाया गया है।

    जैकब और शांतनु के खिलाफ भी गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • प्रधानमंत्री ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दिया: राहुल

    प्रधानमंत्री ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दिया: राहुल

    नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath singh) की ओर से संसद के दोनों सदनों में दिए गए वक्तव्य की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत माता का एक टुकड़ा’ चीन को दे दिया।

    उन्होंने यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) चीन के सामने झुक गए और उन्होंने सैनिकों की शहादत के साथ विश्वासघात किया है।

    कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कल रक्षा मंत्री ने दोनों सदनों में बयान दिया। कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें स्पष्ट करने की जरूरत है। पहली बात यह है कि इस गतिरोध के शुरुआत से ही भारत का यह रुख रहा है कि अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति बहाल होनी चाहिए, लेकिन रक्षा मंत्री के बयान से स्पष्ट है कि हम फिंगर 4 से फिंगर 3 तक आ गए।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने भारतीय सीमा चीन को क्यों दी? इसका जवाब प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को देना है। देपसांग इलाके में चीन हमारी सीमा के अंदर आया है। इस बारे में रक्षा मंत्री ने एक शब्द नहीं बोला।’’

    राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘ सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की पवित्र जमीन चीन को दे दी है….उन्होंने भारत माता एक टुकड़ा चीन को दे दिया है।’’

    गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों को बताया कि चीन के साथ पैंगोंग झील के उत्तर एवं दक्षिण किनारों पर सेनाओं के पीछे हटने का समझौता हो गया है और भारत ने इस बातचीत में कुछ भी खोया नहीं है।

    सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील क्षेत्र में चीन के साथ सेनाओं के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है, उसके अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम तैनाती चरणबद्ध, समन्वय और सत्यापन के तरीके से हटाएंगे।

    उन्होंने यह भी बताया कि अब भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनाती तथा गश्ती के बारे में ‘‘कुछ लंबित मुद्दे’’ बचे हुए हैं जिन्हें आगे की बातचीत में रखा जाएगा।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • म्यांमा में तख्तापलट करने वाले नेता ने लोगों से कहा : लोकतंत्र के लिए सेना से हाथ मिलाएं

    म्यांमा में तख्तापलट करने वाले नेता ने लोगों से कहा : लोकतंत्र के लिए सेना से हाथ मिलाएं

    यंगून, 12 फरवरी (एपी) म्यांमा (Myanmar) में तख्तापलट में शामिल एक नेता ने देश में ‘एकता दिवस’ के मौके पर शुक्रवार को लोगों से कहा कि अगर वे लोकतंत्र चाहते हैं तो उन्हें सेना के साथ मिलकर काम करना होगा। वहीं, देश के निर्वाचित नेताओं की रिहाई के लिए लोगों का प्रदर्शन भी जारी है।

    सीनियर जनरल मिन आंग लाइंग ने कहा, ‘‘मैं समूचे राष्ट्र से पूरी गंभीरता से अपील करता हूं कि लोकतंत्र को वास्तव में बहाल करने के लिए लोगों को सेना के साथ हाथ मिलाना चाहिए।’’

    उन्होंने कहा, ‘‘अतीत की घटनाओं ने हमें सिखाया है कि सिर्फ राष्ट्रीय एकता ही देश को विघटन से रोकने और अखंडता एवं संप्रभुता बनाए रखने में कारगर है।’’

    सेना के कमांडर का यह संदेश शुक्रवार को ‘ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमा’ अखबार में प्रकाशित हुआ है। नए सैन्य शासन ने यह भी घोषणा की कि वह ‘एकता दिवस’ के मौके पर हजारों कैदियों को रिहा करेगी और अन्य कैदियों की सजा कम करेगी।

    मिन आंग लाइंग म्यांमा में एक फरवरी को हुए तख्तापलट में शामिल थे। सेना ने कहा कि उसे यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि सू ची की सरकार नवंबर में हुए चुनाव में धोखाधड़ी के आरोपों की उचित तरीके से जांच करने में नाकाम रही। हालांकि चुनाव आयोग ने कहा कि इन दावों की पुष्टि के लिए कोई सबूत नहीं हैं।

    एपी सुरभि शाहिद शाहिद 1202 1312 यंगून

    Image Credits: News Nation

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए किसान संगठनों के साथ केंद्र की वार्ता

    कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए किसान संगठनों के साथ केंद्र की वार्ता

    कृषि कानूनों पर एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार दोपहर शुरू हुई।

    केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।

    कुछ दिनों के अंतराल के बाद दोनों पक्षों के बीच छठे दौर की वार्ता आरंभ हुई है। पिछली बैठक पांच दिसंबर को हुई थी।

    आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं कि केवल तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रक्रिया और एमएसपी पर कानूनी गारंटी प्रदान करने समेत अन्य मुद्दों पर ही चर्चा होगी।

    केंद्र ने सितंबर में लागू तीनों नए कृषि कानूनों पर गतिरोध दूर करने के लिए ‘‘खुले मन’’ से ‘‘तार्किक समाधान’’ तक पहुंचने के लिए यूनियनों को 30 दिसंबर को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।

    ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने मंगलवार को अपने पत्र में कहा था कि एजेंडा में तीनों विवादित कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने के विषय को शामिल करना चाहिए।

    छठे दौर की वार्ता नौ दिसंबर को ही होने वाली थी लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूनियन के कुछ नेताओं के बीच बातचीत में कोई नतीजा नहीं निकलने पर बैठक रद्द कर दी गयी थी।

    शाह से मुलाकात के बाद सरकार ने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें नए कानून में सात-आठ संशोधन करने और एमएसपी पर लिखित आश्वासन देने की बात कही थी। सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से इनकार कर दिया था।

    कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की अलग-अलग सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के किसान हैं।

    सरकार ने कहा है कि इन कानूनों से कृषि क्षेत्र में सुधार होगा और किसानों की आमदनी बढ़ेगी लेकिन प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को आशंका है कि नए कानूनों से एमएसपी और मंडी की व्यवस्था ‘कमजोर’ होगी और किसान बड़े कारोबारी घरानों पर आश्रित हो जाएंगे।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • दिल्ली सरकार मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal) के तहत अपने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी : केजरीवाल

    दिल्ली सरकार मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal) के तहत अपने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी : केजरीवाल

    दिल्ली के मुख्यमंत्री ( Delhi CM ) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली सरकार मध्याह्न भोजन योजना (Mid Day Meal) के तहत अपने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देगी।

    Covid-19 वैश्विक महामारी के कारण स्कूलों के मार्च से बंद होने के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

    मंडावली (Mandawali) इलाके के एक सरकारी स्कूल (Government School) में सूखा राशन बांटने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में केजरीवाल ने कहा, ‘‘ जब स्कूल बंद थे, तो हमने मध्याह्न भोजन योजना के लिए अभिभावकों को पैसे भेजने का फैसला किया था, लेकिन अब हमने छात्रों को छह महीने तक सूखा राशन देने का निर्णय किया है।’’

    देश में कोविड-19 के मद्देनजर मार्च से स्कूल बंद है। 15 अक्टूबर को कुछ राज्यों में आंशिक रूप से स्कूल खोले गए थे।

    दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने हालांकि कहा है कि कोरोना वायरस का टीका आने तक राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल नहीं खुलेंगे।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • संसद पर हुए कायराना हमले को हम कभी नहीं भूलेंगे : प्रधानमंत्री मोदी

    संसद पर हुए कायराना हमले को हम कभी नहीं भूलेंगे : प्रधानमंत्री मोदी

    नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर 2001 को संसद पर हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों को रविवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि भारत अपनी संसद पर हुए कायराना हमले को कभी नहीं भूलेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हम हमारी संसद पर आज ही की तारीख में 2001 में हुए कायराना हमले को कभी नहीं भुलाएंगे। हम हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वालों के बलिदान एवं बहादुरी को याद करते हैं। हम हमेशा उनके शुक्रगुजार रहेंगे।’’

    पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के आतंकियों के हमले में आठ सुरक्षाकर्मियों समेत नौ लोगों ने जान गंवाई थी। सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। इस घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

  • प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास

    प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन कर किया नये संसद भवन का शिलान्यास

    मुख्य बिंदु

    • 971 करोड रुपए लागत
    • 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल
    • स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा
    • 4 मंजिला होगा नया संसद भवन
    • 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था
    • 5 अगस्त 2019 को भवन के निर्माण का प्रस्ताव हुआ
    • डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा
    • निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा
    • नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस
    • लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी
    • भारत की गौरवशाली विरासत और सांस्कृतिक विविधता का समावेश
    Central Vista Project
    Central Vista Project

    नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को भूमि पूजन करने के साथ ही नये संसद भवन की आधारशिला रखी। चार मंजिला नये संसद भवन का निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है।

    वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कार्यक्रम आरंभ हुआ और इसके संपन्न होने के बाद शुभ मुहुर्त में प्रधानमंत्री ने परम्परागत विधि विधान के साथ आधारशिला रखी।

    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्री, बड़ी संख्या में सांसद और कई देशों के राजदूत इस ऐतिहासिक अवसर के गवाह बने।

    नये संसद भवन का निर्माण 971 करोड रुपए की अनुमानित लागत से 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है।

    New Parliament Inside
    New Parliament Inside

    ज्ञात हो कि नये संसद भवन के निर्माण का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू एवं लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने क्रमशः राज्यसभा और लोक सभा में 5 अगस्त 2019 को किया था।

    नये संसद भवन का डिजाइन अहमदाबाद के मैसर्स एचसीपी डिजाइन और मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है और इसका निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

    Triangular Shaped New Parliament
    Triangular Shaped New Parliament

    नये भवन को सभी आधुनिक दृश्य – श्रव्य संचार सुविधाओं और डाटा नेटवर्क प्रणालियों से सुसज्जित किया जाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान संसद के सत्रों के आयोजन में कम से कम व्यवधान हो और पर्यावरण संबंधी सभी सुरक्षा उपायों का पालन किया जाये।

    लोकसभा सचिवालय के मुताबिक नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में 888 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी, जिसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी होगी। इसी प्रकार, राज्य सभा कक्ष में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था होगी।

    Parliament of India
    Parliament of India

    नए संसद भवन में भारत की गौरवशाली विरासत को भी दर्शाया जाएगा। देश के कोने-कोने से आए दस्तकार और शिल्पकार अपनी कला और योगदान के माध्यम से इस भवन में सांस्कृतिक विविधता का समावेश करेंगे।

    संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी। नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्‍यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है।

    Parliament from Above
    Parliament from Above

    नया संसद भवन भारत के लोकतंत्र और भारतवासियों के गौरव का प्रतीक होगा जो न केवल देश के गौरवशाली इतिहास अपितु इसकी एकता और विविधता का भी परिचय देगा।

    डिसक्लेमर: यह आर्टिकल भाषा पीटीआई न्यूज फीड से सीधे प्रकाशित किया गया है.

    Parliament Similar to 64 Yogini Temple
    Parliament Similar to 64 Yogini Temple
  • चीन कर रहा है प्रकृति से छेड़खानी, बना रहा है अपना सूरज

    चीन कर रहा है प्रकृति से छेड़खानी, बना रहा है अपना सूरज

    चीन का न्यूक्लियर फ्यूज़न (Nuclear Fusion) उपकरण ‘HL-2M’ टोकामक, जिसे “कृत्रिम सूर्य” भी कहा जा रहा है, चीन के सिचुआन प्रांत के चेंगदू में 4 दिसंबर, 2020 को दक्षिणपश्चिमी भौतिकी संस्थान (Southwestern Institute of Physics – SWIP) में अपना पहला प्लाज्मा डिस्चार्ज (Plasma Discharge) प्राप्त कर लिया है।

    चीन ने एक परमाणु संलयन रिएक्टर(Nuclear Fusion Reactor) को सफलतापूर्वक सक्रिय कर दिया है जो आने वाले वर्षों के लिए अपनी ऊर्जा की जरूरतों को पूरा कर सकता है। इसे चीन अपना “कृत्रिम सूरज” कह रहा है।

    राज्य नियंत्रित मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के परमाणु ऊर्जा प्राधिकरण ने शुक्रवार को पहली बार अपने HL-2M टोकामक रिएक्टर (HL-2M Tokamak reactor) को चलाया है।

    चीन का यह छोटा सा प्रयोग परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित, स्वच्छ रूपों को विकसित करने के वैश्विक प्रयासों के बीच एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि के रूप में तैयार किया जा रहा है।

    “पीपुल्स डेली ने कहा है कि परमाणु संलयन ऊर्जा का विकास न केवल चीन की सामरिक ऊर्जा जरूरतों को हल करने का एक तरीका है, बल्कि चीन की ऊर्जा और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के सतत विकास के लिए भी बहुत महत्व रखता है।”

    गर्म प्लाज्मा के एक लूप पर शक्तिशाली चुंबकीय बल (Magnetic Force) का प्रयोग करने पर इसका तापमान 150 मिलियन डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है जिससे यह रिएक्टर बिजली उत्पन्न करता है। .यह सूर्य के तापमान की तुलना में 10 गुना अधिक गर्म है, लेकिन चुम्बकीय क्षेत्र और सुपरकूलिंग तकनीक(Supercooling Technique) इसे कंट्रोल में रखती है।

    सुनने में यह कृत्रिम सूरज (Artificial Sun) एक विलेन जैसा लगता है जो पृथ्वी को ख़त्म कर सकता है लेकिन चीन इस अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (International Thermonuclear Experimental Reactor – ITER) पर अलग से काम करके दूसरे रमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से अलग परमाणु संलयन की ऊर्जा से विकास की एक नयी कहानी लिखना चाहता है।

    न्यूक्लियर फ्यूज़न पर वैज्ञानिक दशकों से काम कर रहे हैं। फ्यूजन की क्रिया में परमाणुओं के नाभिक को एक साथ जोड़कर शक्ति उत्पन्न की जाती है, जो बहुत काम मात्रा में परमाणु अपशिष्ट उत्पन्न करता है।
    वर्तमान में परमाणु हथियारों और बिजली संयंत्रों में परमाणु-विखंडन (Nuclear Fission) की प्रक्रिया अपनायी जाती है। विखंडन आसान है लेकिन यह ज्यादा परमाणु कचरा उत्पन्न करता है, जबकि संलयन की प्रक्रिया से बिजली प्राप्त करना कठिन है लेकिन यह एक तरह से साफ सुथरी ऊर्जा प्रदान करता है।

    फ़्यूज़न प्रक्रिया को अभी तक महंगा माना जाता है, लेकिन चीन अपने परीक्षण से लागतों को कम करने की कोशिश कर रहा है जिससे शोधकर्ताओं को मदद मिलेगी।

    ITER फ्रांस में अपने स्वयं के रिएक्टर पर काम कर रहा है, जो 2025 में पूरा होने की उम्मीद है।

  • जनरल नॉलेज अपडेट: माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर, नेपाल, चीन ने किया ऐलान

    जनरल नॉलेज अपडेट: माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर, नेपाल, चीन ने किया ऐलान

    काठमांडू, आठ दिसंबर (भाषा) नेपाल और चीन ने विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई मंगलवार को संयुक्त रूप से जारी की जो 8848.86 मीटर बताई गई है।

    नेपाल सरकार ने एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई मापने का निर्णय किया था । एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर पिछले कुछ सालों से बहस हो रही थी और ऐसा माना जा रहा था कि वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के साथ ही कई अन्य कारणों से संभवत: चोटी की ऊंचाई में बदलाव आया है।

    विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली ने कहा कि नेपाल ने एवरेस्ट की ऊंचाई 8848. 86 मीटर मापी है।

    नई ऊंचाई, पिछली बार मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर अधिक है।

    भारत सर्वेक्षण द्वारा 1954 में किए गए मापन के अनुसार माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर है।

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